Mugdha shiddharth Tag: कविता 458 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Mugdha shiddharth 25 Oct 2019 · 1 min read जाने क्या खो गया है मेरा जाने क्या खो गया है मेरा ढूंढता हूँ मैं उसको तुमको दिखे तो... बताना जरा मुझ को अभी तो कहा था किसी ने भूख लगी है... रोटी दे दो मुझ... Hindi · कविता 2 174 Share Mugdha shiddharth 23 Oct 2019 · 1 min read क्यूँ उदास बैठी हो ? क्यूँ उदास बैठी हो ? हंसी ढूंढ लो तुम बेचैनी के दामन में ख़ुशी ढूंढ लो तुम जो हो न सका उसका मलाल क्या ? जो बचा है उस में... Hindi · कविता 3 300 Share Mugdha shiddharth 22 Oct 2019 · 1 min read तुम ही बस हो मेरे अपने कुछ तो रोज ही भूल जाती हूँ मैं कुछ याद भी 'जरा सा' रहता है तुम रह जाते हो उस 'जरा सा' में दिल फिर और कहीं नही लगता है... Hindi · कविता 2 227 Share Mugdha shiddharth 21 Oct 2019 · 1 min read है मुझ संग मेरी माँ सखी जब दर्द बढ़ा दिल रोया था आंखों ने नमक को खोया था अधरों पे बस मुस्कान तनी रही दर्द से रार मेरी भी खूब ठनी रही वो कहती रही हंस... Hindi · कविता 2 1 416 Share Mugdha shiddharth 20 Oct 2019 · 1 min read माँ... 'मुन्ने' तुमको चोट लगी है बोलो तुम थे कहां गिरे राह में कहीं गढ्ढे थे या थे तुम गढ्ढे में खेल रहे...? / माँ... मैं तो जा रहा था अपने... Hindi · कविता 1 212 Share Mugdha shiddharth 12 Oct 2019 · 1 min read सड़क से संसद सड़क से संसद तक मौन डोल रहा है क्या बात है जो... सिर्फ डेढ़ आदमी ही बोल अब रहा है सब के गहरे राज वो अपने होठों से खोल रहा... Hindi · कविता 1 1 471 Share Mugdha shiddharth 11 Oct 2019 · 1 min read खुश रहा करो तुम ... सिद खुश रहा करो... पत्थरों पे फूल उगाया करो तलाश सेहरा में दरिया करो अमरबेल हो तुम, हर बार किसी भीत से लिपटी हुई जंजीरों में सिमटी हुई जंजीरे मत खनकाया... Hindi · कविता 1 217 Share Mugdha shiddharth 10 Oct 2019 · 1 min read छोटी कविता १. प्रेम सावन का पहला मेघ है , जो बिना गरजे भी बरस जाता है ... सिद्धार्थ २. मैं सारी रात बैठ के कगज से नाव बनाती रही दर्द के... Hindi · कविता 4 688 Share Mugdha shiddharth 9 Oct 2019 · 1 min read क्या हम दोनों वही तो नही... कहीं हम दोनों वही तो नही… जो प्रेम के छनिक उफान में बहने को हो आतुर ... एक दूसरे के बांहों में सूखे झरने की शीतल छाँव की तलाश में... Hindi · कविता 2 176 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read ऊर्जा का अभिनव रूप... न तो तुम्हें परेशान न ही तंग देख सकती हूं तुम परेशान हुए तो इस चरा चर में सब बेरंग सा हो जाएगा, शब्दों का सारा का सारा माधुर्य खो... Hindi · कविता 2 1 203 Share Mugdha shiddharth 7 Oct 2019 · 1 min read कुछ पूछूं तुमसे... कुछ पूछूं तुमसे... क्या तुमको हंसना अच्छा नही लगता ? ...ऐसा तो नही तो हंसों न...दांत से नही, दिल से चीज कहने पर नही मेरी जां कहने पे खुल के... Hindi · कविता 1 218 Share Mugdha shiddharth 6 Oct 2019 · 2 min read हम मर चुके हैं हम मर चुके हैं हम उतने ही मरे हैं जितना पांडव स्वर्ग जाते समय मरे थे जब उनका मानव देह गल- गल कर गिर रहा था हमारा भी अंग प्रत्यंग... Hindi · कविता 2 153 Share Mugdha shiddharth 4 Oct 2019 · 1 min read कभी इश्क तो कभी इंकलाब गाना है दिल अपना अजब सा कारखाना है, इसे कभी इश्क तो कभी इंकलाब गाना है छोटी सी बात है मुझे हर शय से प्यार है पलकों पे ख़्वाबों का उम्दा सा... Hindi · कविता 2 222 Share Mugdha shiddharth 4 Oct 2019 · 1 min read 'मेरी नन्ही सी गुड़िया' जमीं पे चलते चलते किसी दिन आसमां के सीने पे तू पांव रख देना मेरे ख़्वाबीदा आँखों के पानी से अपने कहकशां के दिलक़श रवानी से ये रौशनी का है... Hindi · कविता 1 635 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read औरत के अंदर एक औरत थी औरत के अंदर एक औरत थी डरी हुई सहमी सी वो लिखती आग थी बोलने से डरती थी इस लिए वो चुप ही रहती थी उसे और डराया गया उसे... Hindi · कविता 1 447 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read कदमों के निचे से तेरे कदमों के निचे से तेरे धर्म के ख़ार हटाने थे मुझे इस लिए कागज़ कलम की अहमियत बताने थे तुझे फूलों भरा होता नही जीवन का डगर मेरे बच्चे इसे... Hindi · कविता 1 1 344 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read किस का जूता, किस का सर किस का जूता, किस का सर कौन है किस के कदमों पर जातिवाद गर खत्म हुआ तो ये कौन भंगी है जो, झुका है गुठनों पर... ? थूक चाटता है... Hindi · कविता 1 395 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read अनुत्तरित प्रश्न और मैं कई अनुत्तरित प्रश्न और मैं एक युद्ध जो मुझ में ही विराजमान है जाने कब से, युद्धविराम की तलाश में भटक रही हूँ, मन के गलियारे में और, तुम जाने... Hindi · कविता 1 210 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का विपक्ष में बैठे थे तो, थे बेटियों के पहरेदार। तब बढ़-बढ़ कर बताते कभी थकते नही थे बेटियों के इज्जत का खुद... Hindi · कविता 1 1 179 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read जब तक हम भीड़ से,समूह में नही बदलेंगे जब तक हम भीड़ से समूह में नहीं बदलेंगे जब तक अपनी बिखरी हुई एकता को नहीं समेटेंगे जब तक अपनी छोटी-छोटी शक्तियों को एकत्रित कर एक हो,भेड़ियों के मुँह... Hindi · कविता 2 1 201 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read मैं सदैव तुम्हारे मौन का साथ दूंगी मैं सदैव तुम्हारे मौन का साथ दूंगी तुम्हारे मौन को सुनुंगी उसे पूरी सिद्दत से गुनुंगी क्यूं कि तुम ने सुना था मेरे अंतहपुर के मौन को तुमने एक भीत... Hindi · कविता 1 211 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 2 min read तुम सदैव रहोगे केंद्र बिंदु... तुम रूह में बसे हो निकालूं कैसे अपने बेपरवाह ज्जबतों को संभालूं कैसे...? ... सिद्धार्थ २. वो देखो, नदी का दूसरा किनारा अनंत तक दोनों किनारे साथ चलेंगे सागर की... Hindi · कविता 2 1 206 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read ३.भगत कितने वादे किये थे तुम सब ने, बलिदान हमारा व्यर्थ न जायेगा स्वतंत्र भारत के आंगन में सब को एक समान ही हक मिल जायेगा सारे के सारे वादे झूठे... Hindi · कविता 1 1 172 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read 2 . भगत चलो आज फिर से एक बार 'भगत' को पुकार जाय इंक़लाब की नोक पे भूरे अंग्रेजों को ललकारा जाय। कुंडली मार के जो हैं बैठे हुए, भूखे बच्चों के पेट... Hindi · कविता 2 1 176 Share Mugdha shiddharth 3 Oct 2019 · 1 min read 1 .भगत १. आज हमारे नायक का दिन है आज भारत के पहले अर्बन नक्सल का जन्म दिन है एक दिन उनकी यादों के नाम एक दिन क्रांति के जियाले के नाम... Hindi · कविता 1 3 541 Share Mugdha shiddharth 2 Oct 2019 · 1 min read बापू तुम्हें आना ही होगा बापू तुम्हें आना ही होगा सत्य अहिंसा वाली दांडी एक बार फिर घूमना ही होगा हिंसा पर लगाम नहीं अबके सचाई-अच्छाई बंदनी बनी बैठी है शांति और सौहाद्र की बातें... Hindi · कविता 1 1 260 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read बस अविराम मैं और तुम... कई अनुत्तरित प्रश्न और मैं एक युद्ध जो मुझ में ही विराजमान है जाने कब से, युद्धविराम की तलाश में भटक रही हूँ, मन के गलियारे में और, तुम जाने... Hindi · कविता 6 2 221 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read दो कौर के घटिया निवाले पे... कई प्रश्न है, जो टांक रखे हैं मन के अजीब से आले पे क्या,तुम भी गिरे हो चोट खाके दिल के दोहरे से दीवालों पे अहसास शायद तुम में भी... Hindi · कविता 4 1 209 Share Mugdha shiddharth 22 Sep 2019 · 1 min read और यही हमारा रामराज्य वाला देखो सरकार है ! अजीब सा मसला है पुर्दिल इस दौर का विपक्ष में बैठे थे तो, थे बेटियों के पहरेदार। तब बढ़-बढ़ कर बताते कभी थकते नही थे बेटियों के इज्जत का खुद... Hindi · कविता 3 1 207 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read मैं सोचती हूँ मैं सोचती हूँ 'मैं' हंसी हो जाऊं सब में फुलझरी की तरह फुटु सब चहक उठे,सब महक उठे जैसे चिरइया चहकती है सबके होठों पे ठहरुं और खुद को भूल... Hindi · कविता 2 1 229 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read हम नाभि के दम पे दाँत निपोरते हैं तुम न जाने कितने जतन करते हो अपनी चमड़ी को दमड़ी खरच के सुंदर करते हो हम माटी, कीचड़ में लोटते हैं फिर भी खरा हैं हम तुम्हरे तरह नही... Hindi · कविता 2 1 378 Share Mugdha shiddharth 11 Sep 2019 · 1 min read तुम सब कुछ याद रखना मैं भूल जाऊं तो चलेगा तुम मत भूलना मेरे दोस्त हमें कितने सितारे तोड़ने थे हमें साथ में रोशनी के बुर्ज तक जाना था एक दूसरे के साथ ताकि कहीं... Hindi · कविता 2 190 Share Mugdha shiddharth 8 Sep 2019 · 2 min read मैं भूखा हूँ... मैं भूखा हूँ... अंदर बाहर सभी जगहों से भूखा हुं मैं अपने ही दाँत से अपने ही आंत को चबाता हुआ वो इंसानी बच्चा हूँ ... जो भूखा हूँ मैं... Hindi · कविता 3 3 502 Share Mugdha shiddharth 8 Sep 2019 · 1 min read और माँ सब कुछ-सब कुछ है नफ़रत, प्रेम और पौधे वहीं फिर अस्तित्व पाते हैं जहां वो अपना अस्तित्व खोते हैं नफ़रत और प्रेम मन की मिट्टी में जड़ अपना जमाये रखता हैं, तब तक, जब... Hindi · कविता 3 1 285 Share Mugdha shiddharth 6 Sep 2019 · 1 min read चाय चाय और चाय के उबाल पे बहुत चर्चा हो चूकि ... अब इश्क़ के बवाल पे चर्चा बांकी है उसके इंकार मेरे इकरार पे चर्चा बांकी है दहकते ईंटों से... Hindi · कविता 1 1 519 Share Mugdha shiddharth 5 Sep 2019 · 1 min read मैं किस को देखूं ...? १. मैं किस को देखूं पाथर के मूक पीर को देखूँ या तेरे चलते हांथों को देखूँ या फिर तेरी आँखों के नीर को देखूं ...? बता न, मैं किस... Hindi · कविता 2 218 Share Mugdha shiddharth 3 Sep 2019 · 1 min read देखना किसी दिन खरच दूंगी तुम्हें ! बड़ी मंदी का दौर है देखना किसी दिन छुट्टा समझ के खरच दूंगी तुम्हें फिर हाय-हाय करते बैठना रोना या छाती पीटना कृष्ण तुम्हें खुद को सत्यभामा कर दूंगी किसी... Hindi · कविता 1 1 437 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read मैं कुछ-कुछ तेरे जैसा हूँ तू मेरे जैसा नही पर, मैं कुछ-कुछ तेरे जैसा हूँ मैं तुझ में नही पर तू मुझ में फैले आसमां जैसा है मैं दर्द पे भी हंसता हूँ तू दर्द... Hindi · कविता 1 1 220 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read मैं तो कलम था कहीं बिक गया, कहीं डर गया, कहीं डराया गया कहीं घसीटा गया, मैं तो कलम था अजी हांथो को, तो कटा गया... मेरे हौसले में दम था मैं कुछ निर्भीक... Hindi · कविता 1 246 Share Mugdha shiddharth 2 Sep 2019 · 1 min read मैं शब्द हूँ ! मैं शब्द हूँ मुझे हर बार दफ़नाने की साज़िश होती है जब मैं चुभ जाता हूँ, भीतर तक फिर मैं बीज बन दबाया जाता हूँ समय के मिट्टी में, अंदर... Hindi · कविता 1 1 339 Share Mugdha shiddharth 1 Sep 2019 · 1 min read शब्द शब्द को पढ़ो शब्द को पढ़ते-पढ़ते शब्द को सुनो शब्द में शब्द मत ढूंढो शब्द में खो जाओ तब तुम समझ पाओगे शब्द वो भी बोलना जानतें हैं जिसे तुम... Hindi · कविता 1 1 326 Share Mugdha shiddharth 30 Aug 2019 · 1 min read मैं आग बो रही हूँ कितनी पुरानी दविश कितना पुराना है घाव उनका मैंने तो वो जिया ही नही जिसे भोगा है उन्होंने कभी किसी ने मुझे टूटे हुए बर्तन में जूठा खाना फेंक के... Hindi · कविता 1 1 181 Share Mugdha shiddharth 30 Aug 2019 · 1 min read खुद को कई टुकड़ों में बिखेर दूँ क्या ? खुद को कई टुकड़ों में बिखेर दूँ क्या ? तभी खुश होओगे, हमारे दुख को ढोओगे ? अभी जो जान बांकी है, उसे भी तुम्हें दे दूँ क्या ? साल... Hindi · कविता 2 2 197 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read चुप रहूंगा, माटी में गुरुर है तुम्हे, तुम इस दहर में आलिमों के हाथों से बचायेजाओगे। वो तो वक्त बताएगा, खुदगर्जी के हांथो माटी में कब दफ़नायेजाओगे! ************************************** सड़ी हुई, मवाद निकलती खोपड़ियों ने... Hindi · कविता 2 263 Share Mugdha shiddharth 29 Aug 2019 · 1 min read मैं नही जो दिल में रहता है मेरा उसके दिल में मैं नही। मैं तो फकीरी में ही थी बस मेरी झोली में वो नही। उसके हरअसरार में मैं हूँ बस उसके... Hindi · कविता 3 188 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read बदलते हैं रिश्ते बदलते समय में, बदलते हैं रिश्ते किससे कहोगे दिल के किस्से कल मन में सूखा पड़ा था, आज भावनाओं का बारिस गिरा है किससे कहोगे दिल के किस्से कल जिस... Hindi · कविता 4 1 264 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read ये लो कलम, पकड़ो किताब ये लो कलम पकड़ो किताब छोड़ो ये काम करने के औजार छोड़ो-छोड़ो नन्हें हांथों से लेना श्रम का कारोबार किताबों के पन्ने पलटो उसमे मिलेंगे जीवन के सार राशन और... Hindi · कविता 3 1 552 Share Mugdha shiddharth 28 Aug 2019 · 1 min read तुम ने पढ़ा ही नही तुम ने पढ़ा ही नही आँखों को मेरी कितनी ख्वाहिशें, करवट बदल रही थी कुछ ख़ुश्क सी कुछ शुष्क सी मुश्क सी, इश्क की हजार आयतें लिख डाली थी दिल... Hindi · कविता 3 327 Share Mugdha shiddharth 27 Aug 2019 · 1 min read जब भी बात मेरे अपनों पे आएगी जब भी बात मेरे अपनों पे आएगी भूल के अपनी औकात खाल उनकी भी उतारी जाएगी जो कहते हैं खुद को हम बुलंद है आसमां की तरह घसीट कर उनको... Hindi · कविता 2 564 Share Mugdha shiddharth 25 Aug 2019 · 1 min read मैं बादल का पांव धरूंगी उसने बादल को भेजा था आंगन मेरा तर कर जाने को मैं सूरज का पांव धरूंगी बादल की छाया हटाने को। मन तो यूँ ही भींगा है आंखों का पानी... Hindi · कविता 4 193 Share Previous Page 7 Next