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हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
हुनर में आ जाए तो जिंदगी बदल सकता है वो,
कवि दीपक बवेजा
जो भी कहा है उसने.......
जो भी कहा है उसने.......
कवि दीपक बवेजा
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
अजीब होता है बुलंदियों का सबब
कवि दीपक बवेजा
"Teri kaamyaabi par tareef, tere koshish par taana hoga,
कवि दीपक बवेजा
बेरोजगारों का वैलेंटाइन
बेरोजगारों का वैलेंटाइन
कवि दीपक बवेजा
ऐसे ही कोई चलते फिरते राहों में मिल जाता है
ऐसे ही कोई चलते फिरते राहों में मिल जाता है
कवि दीपक बवेजा
अब कुछ उम्मीदों का टूट जाना जरूरी है
अब कुछ उम्मीदों का टूट जाना जरूरी है
कवि दीपक बवेजा
ऐसी चकाचौंध में मेरा यह नसीब हुआ .....!
ऐसी चकाचौंध में मेरा यह नसीब हुआ .....!
कवि दीपक बवेजा
अजीब लोगों ने सब अजीब बना रखा है
अजीब लोगों ने सब अजीब बना रखा है
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी है कि उधेड़बुन में गुजर जाएगी
जिंदगी है कि उधेड़बुन में गुजर जाएगी
कवि दीपक बवेजा
यह कौन सा शौक
यह कौन सा शौक
कवि दीपक बवेजा
रोक दो साजिशे तुम्हारी
रोक दो साजिशे तुम्हारी
कवि दीपक बवेजा
मेरा मोन अच्छा है
मेरा मोन अच्छा है
कवि दीपक बवेजा
हमारे खिलाफ साजिश हो कई
हमारे खिलाफ साजिश हो कई
कवि दीपक बवेजा
कुछ कसक दिल में
कुछ कसक दिल में
कवि दीपक बवेजा
उम्मीदों का उगता सूरज
उम्मीदों का उगता सूरज
कवि दीपक बवेजा
प्यार व्यार सब धोखा
प्यार व्यार सब धोखा
कवि दीपक बवेजा
मैंने जब मैंने मां लिखा
मैंने जब मैंने मां लिखा
कवि दीपक बवेजा
माँ
माँ
कवि दीपक बवेजा
अगर कोई पापा की परी 👼स्थिर है ( scientific poetry)
अगर कोई पापा की परी 👼स्थिर है ( scientific poetry)
कवि दीपक बवेजा
सुराख पर इल्जाम गलत लगाते हैं
सुराख पर इल्जाम गलत लगाते हैं
कवि दीपक बवेजा
रुमाल को तिजोरी में रखा हुआ है
रुमाल को तिजोरी में रखा हुआ है
कवि दीपक बवेजा
अपनी खुशी को कुरबा किया जाता है
अपनी खुशी को कुरबा किया जाता है
कवि दीपक बवेजा
फूलों ने मिलने की इच्छा जारी की,
फूलों ने मिलने की इच्छा जारी की,
कवि दीपक बवेजा
जब से गया है वह कोहिनूर सा
जब से गया है वह कोहिनूर सा
कवि दीपक बवेजा
जमाना हस रहा है मेरी हार पर
जमाना हस रहा है मेरी हार पर
कवि दीपक बवेजा
मैंने उस पर ताजी गजलें लिखी है
मैंने उस पर ताजी गजलें लिखी है
कवि दीपक बवेजा
कई मौसमों के बाद मैं ,
कई मौसमों के बाद मैं ,
कवि दीपक बवेजा
बड़ा पछताओगे बड़ा पछताओगे
बड़ा पछताओगे बड़ा पछताओगे
कवि दीपक बवेजा
मेरी कलम क्यों उदास है
मेरी कलम क्यों उदास है
कवि दीपक बवेजा
सपनों को हकीकत में बदलने वाले
सपनों को हकीकत में बदलने वाले
कवि दीपक बवेजा
किस कलम की पुकार से पुकार लिखूंगा
किस कलम की पुकार से पुकार लिखूंगा
कवि दीपक बवेजा
नहीं आया था वो रास उसको ,
नहीं आया था वो रास उसको ,
कवि दीपक बवेजा
दर्दे दिल में कई रिश्ते पाल रखे हैं
दर्दे दिल में कई रिश्ते पाल रखे हैं
कवि दीपक बवेजा
यह शर्म ए हया, इश्क ,मोहब्बत कुछ तो है
यह शर्म ए हया, इश्क ,मोहब्बत कुछ तो है
कवि दीपक बवेजा
कौन है जिसको बिछड़ जाने पर गिला नहीं है
कौन है जिसको बिछड़ जाने पर गिला नहीं है
कवि दीपक बवेजा
दिल मेरा किसी और से मोहब्बत करेगा नहीं
दिल मेरा किसी और से मोहब्बत करेगा नहीं
कवि दीपक बवेजा
तब जाकर के ये आजादी आई है
तब जाकर के ये आजादी आई है
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
जिंदगी आईने से खुल जाती है सामने से
कवि दीपक बवेजा
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
आंधियों से हम बुझे तो क्या दिए रोशन करेंगे
कवि दीपक बवेजा
वह कहां शिखर पाएगा
वह कहां शिखर पाएगा
कवि दीपक बवेजा
उड़ने दो परिंदों को पर खोल लिया है
उड़ने दो परिंदों को पर खोल लिया है
कवि दीपक बवेजा
हर परिंदे की उड़ान का मोल देता है
हर परिंदे की उड़ान का मोल देता है
कवि दीपक बवेजा
सहजता से नहीं चढ़ती बुलंदी की सीडी
सहजता से नहीं चढ़ती बुलंदी की सीडी
कवि दीपक बवेजा
जिसको छूटे हुए अब जमाना हुआ
जिसको छूटे हुए अब जमाना हुआ
कवि दीपक बवेजा
कभी खुद के दरमियान मे उतरे
कभी खुद के दरमियान मे उतरे
कवि दीपक बवेजा
कई चेहरे पड़े गुनाहगार हमने
कई चेहरे पड़े गुनाहगार हमने
कवि दीपक बवेजा
ऐसी किसी को बदनसीबी ना मिले
ऐसी किसी को बदनसीबी ना मिले
कवि दीपक बवेजा
बड़ी खुशनुमा जिंदगी लिखा के लाया
बड़ी खुशनुमा जिंदगी लिखा के लाया
कवि दीपक बवेजा
इतनी खुशकिस्मती ...
इतनी खुशकिस्मती ...
कवि दीपक बवेजा
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