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- अंत ही जीवन की शुरुआत है -
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- खुली किताब -
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-अपनो के घाव -
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- दीवारों के कान -
- दीवारों के कान -
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- घर -घर की बाते -
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- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
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- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
- जन्म लिया इस धरती पर तो कुछ नेक काम कर जाओ -
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-मेरा प्यार तुम्ही हो -
-मेरा प्यार तुम्ही हो -
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- हौसलों की उड़ान -
- हौसलों की उड़ान -
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- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
- मेरी मोहब्बत तुम्हारा इंतिहान हो गई -
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- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
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- रिश्तों को में तोड़ चला -
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- मोहब्बत जिंदाबाद -
- मोहब्बत जिंदाबाद -
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- दिल की बाते शायद में मेरे दिल में रख पाऊ -
- दिल की बाते शायद में मेरे दिल में रख पाऊ -
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- दिल का दर्द मेरे में किसको सुनाऊ -
- दिल का दर्द मेरे में किसको सुनाऊ -
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- जीवन की यह रेलगाड़ी -
- जीवन की यह रेलगाड़ी -
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- में अब अकेला जीना चाहता हु -
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
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- अपनो के लिए जीना जीवन दुश्वार कर गया -
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- खुद को करना बुलंद -
- खुद को करना बुलंद -
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- जिंदगी में राहगीर तुझको जिए जाना है -
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-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
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-भ्रम में जीता है आदमी -
-भ्रम में जीता है आदमी -
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- धन घटने पर तन (रिश्ता) घटाया मत करो -
- धन घटने पर तन (रिश्ता) घटाया मत करो -
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- अपने पराए हो जाते -
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- आजकल के रिश्ते व रिश्तेदार -
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- महाराणा अमर सिंह जी -
- महाराणा अमर सिंह जी -
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- महाराणा उदयसिंहजी -
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- बदलते रिश्ते -
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- मतलबी दोस्त आज के -
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- कलयुगी जन्मदाता (माता पिता) -
- कलयुगी जन्मदाता (माता पिता) -
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-अपने व उनका अपनापन -
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- रिश्ते व उनकी रिश्तेदारिया -
- रिश्ते व उनकी रिश्तेदारिया -
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- मंडोर प्रधान वीर शिरोमणी राव हेमा जी गहलोत -
- मंडोर प्रधान वीर शिरोमणी राव हेमा जी गहलोत -
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- महारावल श्री बप्पा रावल -
- महारावल श्री बप्पा रावल -
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-वीरवर कल्ला जी राठौड़ -
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- महाराणा कुंभा -
- महाराणा कुंभा -
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- महाराणा हम्मीरसिंहजी -
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- महाराणा सांगा ( संग्रामसिंहजी )
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- शक्तिसिंहजी -
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- मेवाड़ के भीष्म पितामह रावत चुंडा जी -
- मेवाड़ के भीष्म पितामह रावत चुंडा जी -
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- मां अन्नपूर्णा माताजी -
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- मां तुलजा भवानी -
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- प्रभु श्री एकलिंगनाथ -
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- मां बायन -
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- सोशल मीडिया के गलत उपयोग का दंश झेलता एक निर्दोष इंसान -
- सोशल मीडिया के गलत उपयोग का दंश झेलता एक निर्दोष इंसान -
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- गुरु का महत्व -
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- बावरी सी लड़की -
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- तेरी मांग में कलम से में सिंदूर भरू -
- तेरी मांग में कलम से में सिंदूर भरू -
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- प्रभु श्री एकलिंगनाथजी -
- प्रभु श्री एकलिंगनाथजी -
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- पहले सोशल का मीडिया का हम उपयोग करते थे आजकल सोशल मीडिया हमारा उपयोग कर रहा -
- पहले सोशल का मीडिया का हम उपयोग करते थे आजकल सोशल मीडिया हमारा उपयोग कर रहा -
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