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*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्त्री एक रूप अनेक हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**जिंदगी की टूटी लड़ी है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*छाया कैसा नशा है कैसा ये जादू*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हथेली पर बन जान ना आए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हथेली पर बन जान ना आए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*** मुंह लटकाए क्यों खड़ा है ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*माखन चोर बड़ा श्यामा साँवरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मौत आग का दरिया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
************ कृष्ण -लीला ***********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देकर ज्ञान गुरुजी हमको जीवन में तुम तार दो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*डूबतों को मिलता किनारा नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुरमाई अंखियाँ नशा बढ़ाए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तू ही पूजा तू ही खुदा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भावों मे गहरी उलझन है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राखी लेकर बहना है भाई के घर आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राखी आई खुशियाँ आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*पहले वाले मन में हैँ ख़्यालात नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल का भी क्या कसूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत