Seema gupta,Alwar 318 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Seema gupta,Alwar 11 Dec 2020 · 1 min read -अजनबी कौन हो तुम अजनबी? अपलक देखती कल्पित सपन मूर्ति तुम प्राणों को झंकृत कर भावों में रहे भेंट हुई जबसे अपना- सा लगता भूलने से ना भुलाया संवेदना के तार... Hindi · कविता 2 2 271 Share Seema gupta,Alwar 8 Dec 2020 · 1 min read ---प्यार की परिभाषा सुन सखी,एक बात बताऊं प्यार की परिभाषा में समझाऊं मैंने घर संसार बसाया एक घरौंदा प्यारा पाया मैंने प्यार का गीत सुनाया पति ने प्रीत धन मुझ पर लुटाया सच... Hindi · कविता 4 2 448 Share Seema gupta,Alwar 6 Dec 2020 · 1 min read -माता-पिता मां तो मां होती है, कड़कती धूप में छांव है मां, उदास चेहरे की मुस्कान है मां जान से भी ज्यादा स्नेह लुटाती है मां, बिना स्वार्थ के बच्चों के... Hindi · कविता 3 2 550 Share Seema gupta,Alwar 4 Dec 2020 · 1 min read औरत का किरदार सरल नहीं होता संसार में आकर औरत का किरदार निभाना, इतनी हिम्मत, सहनशक्ति कहां से लाती? पराएं घर से आती,पराएं घर में जाती, हर हाल में सभी कर्त्तव्यों को हंसकर... Hindi · कविता 3 2 663 Share Seema gupta,Alwar 1 Dec 2020 · 1 min read -- बिल्ली रिश्ता मानव का मानव से होता है, एक दोस्त का दूसरे दोस्त से होता है, रिश्ता खून से खून का होता है। रिश्ता दिल से नहीं,दिमाग से नहीं ये रिश्ता... Hindi · कविता 2 2 299 Share Seema gupta,Alwar 29 Nov 2020 · 1 min read -आत्मनिर्भर भारत सब अपने पथ को उदभासित कर लो, चमकीली किरणों से जीवन को भर लो, निर्भर भारत में अपना हिस्सा कर लो, नहीं रहे किसी पर आश्रित, गांठ बांध लो, तू... Hindi · कविता 2 476 Share Seema gupta,Alwar 28 Nov 2020 · 1 min read -अनोखा वार्तालाप फ़ुरसत के समय.......... मेरे मन ने मेरे दिल से मुस्कराकर पूछा, दिल तू क्यो इतना उदास है? सब कुछ तो तेरे पास है, दिल ने मन को मुस्कराकर देख.... अपनी... Hindi · कविता 3 2 421 Share Seema gupta,Alwar 26 Nov 2020 · 1 min read -कोरोना काल में शादी कोरोना का हावा, शादियों का सावा, ना बैंड,ना बाजा, ना रिश्तेदारों का साजा.... सूना-सा ये कैसा नज़ारा? सब महफूज है मास्क में, दूरियां अपनाकर... कुछ जोड़े पास आ रहे हैं,... Hindi · कविता 1 1 347 Share Seema gupta,Alwar 26 Nov 2020 · 1 min read - ससुराल चली मां की लाड़ो पापा की गुड़िया मायका का आंगन छोड़कर....आज ससुराल चली आंखों में आसूं दिल उदासी लिए रीति-रिवाज से अपने पिया संग अपना घर छोड़ ससुराल चली बचपन की... Hindi · कविता 1 2 610 Share Seema gupta,Alwar 24 Nov 2020 · 1 min read - नारी का सम्मान नारी हर रूप में जीवन को आलोकित करती है, बुराई बुहार कर अपनेआंगन को सजाती हैं, अन्नपूर्णा बन प्यार की खुशबू से रसोई महकाती है, लक्ष्मी बन कर स्नेहरूपी धन... Hindi · कविता 2 546 Share Seema gupta,Alwar 23 Nov 2020 · 1 min read -पापा माता -पिता होते हैं बच्चों का संसार, मां का दुलार और पिता का स्नेह प्यार, होता सबसे ज्यादा अनमोल उपहार, पापा के बिन आज सूना उनका कमरा, उनकी मधुर यादों... Hindi · कविता 2 2 369 Share Seema gupta,Alwar 23 Nov 2020 · 1 min read -मेरा आक्रोश - मेरा आक्रोश कहने को तो आजादीआ गई, पर बेटियां की आजादी कहां गई??? क्यूं नहीं है आज भी बेटियां आजाद??? अकेली नहीं जाएंगी घर से बाहर हर मां के... Hindi · कविता 1 392 Share Seema gupta,Alwar 22 Nov 2020 · 1 min read -----बिटिया कविता ✍️?? ❤️ बिटिया ❤️ बचपन में मां ने मेरे लिए नई- नई पोशाक बनाती थी, पहनकर मैं इतराती थी,मुस्कुराती थी, सब चाची ताई को दिखाती थी छज्जै पर खड़ी... Hindi · कविता 1 1 212 Share Seema gupta,Alwar 22 Nov 2020 · 1 min read - ऐ जिन्दगी !! ऐ जिन्दगी !! ढलती उम्र के इस पड़ाव में ऐ जिन्दगी! थोड़ा धीरे चल नहीं मिला था वक्त पहले उन ख्वाहिशों को मैं अब पूरा कर लूं। मौका मिला अब... Hindi · कविता 1 481 Share Seema gupta,Alwar 21 Nov 2020 · 1 min read -बेटी क्या अपराध तेरा? पता लगा कि कोख में बेटी हैं, ,उगने से पहले कुचल दिया जाता है, कारणवश ये अपराध होने से बच जाता है.... तो बेटी के पैदाइश पर ये बुरा समाचार... Hindi · कविता 2 3 308 Share Seema gupta,Alwar 21 Nov 2020 · 1 min read -खुशी कभी चंद पलो का मिलन भी दे जाता खुशी का एहसास, खुशी होती हमारे आस-पास हम उसे ढूंढते रहते दूरदराज, खुशी एक अहसास है बसउसको पकड़ने की ही हमारी बात... Hindi · कविता 1 2 437 Share Seema gupta,Alwar 19 Nov 2020 · 1 min read -सच्चाई पृथ्वी सहती सब का भार, गगन ढक लेता सारा संसार, पर्वत उठाता शीश बढ़ाकर, सागर लहराता कल-कल कर, प्रकृति के यह सुंदर उपहार, देते हैं हमको सीख अपार, मत ठग... Hindi · कविता 4 2 478 Share Seema gupta,Alwar 19 Nov 2020 · 1 min read -मां की इच्छा मैंने तो जीवन बिता दिया, घर का काम करते-करते, सबके लिए मरते,सबसे डरते, अब, नहीं चाहती मैं....... बिटिया भी इसी परम्परा को जिए, सिमटी रहे घर परिवार तक, चाहती है... Hindi · कविता 5 5 433 Share Previous Page 7