Santosh Shrivastava Language: Hindi 724 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Santosh Shrivastava 7 Dec 2019 · 1 min read बनो सहारा जीवन सुगम बन गया जब मिला आसरा ईश का बनो सहारा जरूरमंदों के साथ उन्हें पाओगे मिलेंगी दुआएं हर कदम जीवन सफल पाओगे देते हैं माता-पिता बच्चों को खुशी खुशी... Hindi · कविता 493 Share Santosh Shrivastava 6 Dec 2019 · 1 min read जिये जिन्दगी नेक ईमान से छूए जो फूल बगीया में हाथों को सुखद एहसास हो गया छुए जो चरण बुजुर्गों के जीवन सफल हो गया की प्रार्थना देव से कामना पूरी हो गयी तपती रेत... Hindi · कविता 185 Share Santosh Shrivastava 5 Dec 2019 · 1 min read विवाह एक उत्सव आती जब परिणय की घड़ी झूम उठता मन मयूर गूंज उठती ढोल शहनाई सज जाता घर तोरण कलश विवाह है पवित्र बंधन करें सम्मान बेटी का रखे मान आये जब... Hindi · कविता 1 293 Share Santosh Shrivastava 5 Dec 2019 · 1 min read पूजा (हाइकु विधा) 1 खुश बुजुर्ग मिलता आशीर्वाद सच्ची है पूजा 2 दादी की पूजा घंटी टीका प्रसाद हैं खुश देव 3 लगाओ पेड़ फैली है हरियाली पूजा धरा की स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · हाइकु 334 Share Santosh Shrivastava 4 Dec 2019 · 1 min read दर्द अपनों का मत करो झूठे वादे अपनों से बड़ा दर्द होता है जब वो पूरे होते नहीँ करते हैं वादा बच्चे माता पिता से खूब पैसा कमा कर आऊंगा लौट कर विदेश... Hindi · कविता 357 Share Santosh Shrivastava 3 Dec 2019 · 1 min read व्यस्त जिन्दगी जाल है जिन्दगी का फैली है भीड़ भाड़ डर है दुर्घटनाओं का है कैसी विकटता व्यस्त है हर कोई भागती दौड़ती जिन्दगी कमाने की जद्दो-जहद भाग दौड़ मची है हर... Hindi · कविता 338 Share Santosh Shrivastava 3 Dec 2019 · 1 min read नयी उर्जा नयी उम्मीदें नयी ऊर्जा ले कर आई नव प्रभात किरण सूर्य देव का है उपहार किरणें फैला चहुंओर उजियारा हैं विटामिन डी से भरपूर किरणें उठाये लाभ हर इन्सान करो... Hindi · कविता 264 Share Santosh Shrivastava 2 Dec 2019 · 1 min read जिन्दगी का मकसद रखो जिन्दगी का मकसद देश भक्ति समाज के प्रति समर्पण और परिवार में सद्भाव सब की भलाई गरीबों की मदद अच्छी सोच बच्चों को ईमान लगन मेहनत की सीख मकसद... Hindi · कविता 409 Share Santosh Shrivastava 30 Nov 2019 · 1 min read न्याय मासूम को (समसामयिक ) न्याय मासूम को (समसामयिक ) मुझे आक्रोश है दरिन्दों पर कहाँ जाती है उनकी इन्सानियत नेक ईमान जब एक मासूम को अस्मिता को छलनी छलनी करते है वो तारीख पर... Hindi · कविता 1 187 Share Santosh Shrivastava 30 Nov 2019 · 1 min read न्याय मासूम को (समसामयिक ) न्याय मासूम को (समसामयिक ) मुझे आक्रोश है दरिन्दों पर कहाँ जाती है उनकी इन्सानियत नेक ईमान जब एक मासूम को अस्मिता को छलनी छलनी करते है वो तारीख पर... Hindi · कविता 1 181 Share Santosh Shrivastava 29 Nov 2019 · 1 min read उम्मीदें उम्मीदें भी आज बेगैरत हो गयी है दिखाती है बस सपने हो जाती है गुम जरुरत हो जब अपने भूखे को है रोटी की आस झूठन में करता तलाश आस... Hindi · कविता 349 Share Santosh Shrivastava 28 Nov 2019 · 1 min read मार मंहगाई की (हास्य व्यंग्य) आया इतवार ठंड थी सिरहन सी जरूरत थी चाय की सोचा बीवी लाती होगी चाय " लो थैला , जाओ सब्जी मंडी लाओ प्याज टमाटर भिड़ी सेव अनार चिकू संतरे... Hindi · कविता 1 411 Share Santosh Shrivastava 28 Nov 2019 · 1 min read सड़के अंतहीन अंतहीन सड़कें कहाँ आरंभ कहाँ अंत पता नहीँ आड़ी तिरछी ऊँची नीची मुकाम तलक पहुँचाती सड़कें चौराहे गुमनाम पगडंडी और गलियाँ बदनाम मिले थे किसी सड़क किनारे हम किसी दौराहे... Hindi · कविता 401 Share Santosh Shrivastava 28 Nov 2019 · 1 min read नारी जग का आधार नारी तू ही है जग का आधार कभी बेटी कभी बहन कभी माँ तो कभी पत्नी है शक्ति है तू काली है दुष्टों की संहारक लक्ष्मी है सरस्वती है जगत... Hindi · कविता 1 455 Share Santosh Shrivastava 27 Nov 2019 · 1 min read पड़ाव जिन्दगी के गुजर रही है जिन्दगी होले होले कभी रफ़्तार तो कभी धीमे धीमे कभी अपने तो कभी हुए पराये उम्र की दहलीज जिन्दगी की खत्म होती लीज है ये एक पड़ाव... Hindi · कविता 213 Share Santosh Shrivastava 26 Nov 2019 · 1 min read नादान बचपन कोमल तन निश्चल मन ऊँची उड़ान लम्बे मैदान कन्चे और गिल्ली डंडे माँ की डांट मास्साब की डंडी दोस्तों से मस्ती हर चीज सस्ती बाल दिवस की पीटी गुछिया की... Hindi · कविता 308 Share Santosh Shrivastava 26 Nov 2019 · 1 min read किस्सा कुरसी का व्यंग्य हाँ भाईसाब मैं कुरसी बेचता हूँ ये चार ही बची हैं एक , एक पैर की ये दो , तीन और ये चार पैर की भाईसाब एक पैर वाली मंहगी... Hindi · कविता 436 Share Santosh Shrivastava 25 Nov 2019 · 1 min read सीख जिन्दगी में देती है सीख हर ठोकर जिन्दगी में बच कर चलना है सड़क के पत्थरों से जिन्दगी में लो सबक हर संकट से जिन्दगी में संभल कर उठो, चलो जिन्दगी में... Hindi · कविता 1 137 Share Santosh Shrivastava 23 Nov 2019 · 1 min read प्रेम बिन जीवन अधूरा होता बड़ा मासूम प्यार जिससे हुई आंखे चार प्रेम पंख उड़ने लगते तोड़ो मत दिल किसी का बड़ा नाजुक यह होता है टूटता है दिल जिसका जानता वही कीमत प्यार... Hindi · कविता 1 342 Share Santosh Shrivastava 22 Nov 2019 · 1 min read उड़ा तिरंगा (सेदोका) विधा - वर्ण क्रम 5 /7/7/5/7/7 उड़ा तिरंगा बर्फीली पहाड़ियाँ बढते है कदम विजयी राह शत्रु हुआ तबाह ऐ माँ तुझे सलाम स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 417 Share Santosh Shrivastava 22 Nov 2019 · 1 min read सफर जिन्दगी का करते अपना पराया जिन्दगी यूँ ही गुजर जाती है आया खाली हाथ है खाली ही चला जाता है ऐ जिन्दगी तू इतनी भी हंसीं नहीँ है कि अपना पराया करते... Hindi · कविता 511 Share Santosh Shrivastava 21 Nov 2019 · 1 min read अरमान अरमान भरे इन्तजार भरे खुशियों भरे होते है वह दिन शादी के बाद जब सुनती बहुरिया गोद भरी है उसकी सहती नौ महिने कष्ट अनेक पल रही संतान गर्भ में... Hindi · कविता 214 Share Santosh Shrivastava 20 Nov 2019 · 1 min read रस्मों का महत्व ईश्वरीय विधान है न्यायपूर्ण "जैसे कर्म करेगा इन्सान वैसा फल वो पायेगा" रखे इसे ध्यान में इन्सान सुखमय जीवन कट जायेगा काम हो जो विधि विधान से सफल होता वह... Hindi · कविता 336 Share Santosh Shrivastava 20 Nov 2019 · 2 min read जीवन दान "रात के दो बज रहे है , आईसीयू में लाईफ स्पोर्ट्स मशीनों की आवाजें वातावरण को भयावह बना रही थी । संगीता चार दिन से यहाँ एडमिट है एक सडक... Hindi · लघु कथा 1 652 Share Santosh Shrivastava 19 Nov 2019 · 1 min read लाचारी लाचार हो गयी है बेबस हो गयी है आज अन्तरात्मा और उसकी आवाज कितना हल्का बना दिया है आज इसे कितना झूठा बना दिया है इसे अन्तरात्मा के नाम पर... Hindi · कविता 1 193 Share Santosh Shrivastava 18 Nov 2019 · 1 min read बुढापा - मजबूरी नहीं मन के हारे हार है मन के जीते जीत कम मत होने दो उत्साह मन में खुश रहो संतुलित खाओ घुमो फिरो व्यायाम करो नाती पोतों के साथ मस्त रहो... Hindi · कविता 1 210 Share Santosh Shrivastava 18 Nov 2019 · 1 min read एक विडम्बना परेशान इन्सान रसातल में जाती इन्सानियत दुषित पर्यावरण फैलता प्रदूषण हर जगह भीड़ बढती मंहगाई विदेशों का चस्का उपेक्षित माता पिता भरते वॄध्दाश्रम खाली होते गाँव पलायन शहर कम होते... Hindi · कविता 1 404 Share Santosh Shrivastava 16 Nov 2019 · 1 min read खंडित संस्कार इतने आधुनिक होते जा रहे है हम भूल रहे अपने संस्कार संस्कृति न कोई तमीज न ढंग की कमीज होते जा रहे बच्चे मनमौजी न माँ बाप की चिंता बस... Hindi · कविता 1 250 Share Santosh Shrivastava 15 Nov 2019 · 1 min read लौटे पंछी बने घरोंदा आये साँझ पंछी अपने उड़ी धूल गोधुली बेला लौटें बछड़े गायों पास नौकरपेशा पति पत्नी बच्चे अकेले उम्मीद यहीं आये साँझ मिलन हो सुखद परदेस बसे बच्चे माता... Hindi · कविता 1 1 254 Share Santosh Shrivastava 14 Nov 2019 · 2 min read अपनों का धोखा आज वॄध्दाश्रम में दो वरिष्ठ नागरिक आयी है । वह सबसे मिल रही है और अपना परिचय दे रही है, उनमें एक कमला देवी और दूसरी रमा देवी है ।... Hindi · लघु कथा 1 321 Share Santosh Shrivastava 14 Nov 2019 · 1 min read मेरा बचपन बचपन ही ऐसा है जो भूले नहीं भूलता है अम्मा की चूल्हे पर बनी सौंधी रोटी याद आती है गल्ली डंडे की चोट पुराने साईकिल के पहिये को दौडना याद... Hindi · कविता 1 234 Share Santosh Shrivastava 13 Nov 2019 · 1 min read मेरा भारत महान 1 मेरा भारत अमन भाईचारा देखे दूनियां 2 बसे भारत रामलला अयोध्या पावन भूमि 3 कश्मीर स्वर्ग बना ताज भारत जय हिन्दोस्तां स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · हाइकु 392 Share Santosh Shrivastava 13 Nov 2019 · 1 min read जिंदगी गुमनाम गुमनाम जिन्दगी जीने का भी अलग ही मजा है दोस्तों न दरवाजे पर कुंडी न खट खट न खट पट है बहुत बडी दुनियां वो कहीं गुमनाम हो गये उम्मीद... Hindi · कविता 214 Share Santosh Shrivastava 12 Nov 2019 · 1 min read चोट (पिरामिड विधा) 1 दी चोट उसने तन जख्मी बोल कड़वे टूटा दिल मेरा खंजर सा आघात 2 है चोट बेवफा तड़पाती तन मन को मरहम प्यार का दे जीने की ललक स्वलिखित... Hindi · कविता 361 Share Santosh Shrivastava 11 Nov 2019 · 1 min read जीवन है धूंआ धुआं काहे का अभिमान करे तू इन्सान एक दिन भस्म हो जाएगा तू इन्सान रह जाएगा तेरी नेक- नियती यहाँ लेते है नाम इज्जत से हे राम जला देते है रावण... Hindi · कविता 189 Share Santosh Shrivastava 10 Nov 2019 · 3 min read दामाद " माँ सौरभ कल सुबह आफिस के काम से एक हफ्ते के लिए कानपुर आ रहे है । मै पेन्टु के स्कूल की वजह से नहीं आ पा रही हूँ,... Hindi · कहानी 1 1 413 Share Santosh Shrivastava 8 Nov 2019 · 1 min read हर घर बिराजी तुलसी जी हर घर बिराजी तुलसी जी पूज्यते घर घर तुलसी जी संस्कृति संरक्षित तुलसी जी परम पूजनीय तुलसी जी हैं घर की मुख्यिया तुलसी जी नारायण प्रिय तुलसी जी घर की... Hindi · कविता 258 Share Santosh Shrivastava 7 Nov 2019 · 1 min read संघर्ष जिन्दगी इतनी मुश्किल भी नहीं जीने की कोशिश तो करें अटक जाये कभी मंजिल संघर्ष तो करें जो आ के यादों में गुम हो जाये अपने हो कर भी बेबफा... Hindi · कविता 232 Share Santosh Shrivastava 6 Nov 2019 · 1 min read माँ की ममता छंदमुक्त कहा माँ ने आ जाओ बेटा इस बीमार असहाय की कभी सुध लेने नहीं है फुरसत अभी माँ आऊंगा फिर कभी माँ पत्नी थी मायके में कहा उसने तय... Hindi · कविता 371 Share Santosh Shrivastava 6 Nov 2019 · 1 min read माँ की ममता छंदमुक्त कहा माँ ने आ जाओ बेटा इस बीमार असहाय की कभी सुध लेने नहीं है फुरसत अभी माँ आऊंगा फिर कभी माँ पत्नी थी मायके में कहा उसने तय... Hindi · कविता 295 Share Santosh Shrivastava 5 Nov 2019 · 1 min read बेटी समझती है दर्द बेटी डांटती है अच्छा लगता है वह कहती है : " पापा आप दवाई समय से क्यो नहीं खाते ? खाना समय से खाया करो प्लीज सुबह शाम घुमने जाया... Hindi · कविता 1 498 Share Santosh Shrivastava 5 Nov 2019 · 1 min read गीत रो रहा है कोई बच्चा बहलाने के लिए एक लौरी गीत लिखते हैं हारे थके आये मानसिक तनाव में हैं वो उन्हें बहलाने के लिए एक गीत लिखते हैं चल... Hindi · कविता 419 Share Santosh Shrivastava 4 Nov 2019 · 1 min read जिन्दगी और दौड़ चल न सका जो तेज जिन्दगी की दौड़ में पिछड़ गया वो मंजिल की राह में मिलती है सफलता जब जीवन में चेहरे की चमक बयां करती है मंजिल पाने... Hindi · कविता 350 Share Santosh Shrivastava 4 Nov 2019 · 1 min read जलता रहा वो दीपक जलता रहा रोशनी बिखेरता रहा लोग अनदेखा करते रहे न दे सका अहसास होना का बुझ गया दीपक फैल गया अंधेरा राहगीर भटकने लगे राह ढूँढने लगे रखो साथ... Hindi · कविता 194 Share Santosh Shrivastava 3 Nov 2019 · 1 min read सीनियर सिटीजनस के साथ नाइंसाफ़ी (एक अपील) सीनियर सिटीजनस को रेल से यात्रा में चालिस /:पचास प्रतिशत छूट रेल्वे ने दी जाती है परन्तु यह छूट "हमसफर" और "विशेष गाड़ियों" में नहीं है । यह सीनियर सिटीजन... Hindi · लेख 244 Share Santosh Shrivastava 31 Oct 2019 · 1 min read मस्ती मौत की मौत भी बहुत मस्त होती है दोस्त न मनाने की चिंता न उसके रूठने की चिंता बस सोते रहो यार की गोद में Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 417 Share Santosh Shrivastava 30 Oct 2019 · 1 min read न हो अनर्थ जीवन में शब्द एक है अर्थ लिये अपने में अर्थ अनेक जो समझे बात का अर्थ अगर तो है वो सार्थक नहीं तो होता अनर्थ , अर्थ का अर्थ पर टिकी है... Hindi · कविता 406 Share Santosh Shrivastava 30 Oct 2019 · 1 min read तू ही शक्ति है तू स्त्री है तू नारी तू है एक बहन बेटी और माँ कर नहीं सकता जमाना भेदभाव तूझमें बस हर कदम पे है तू सब शक्ति स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · मुक्तक 432 Share Santosh Shrivastava 28 Oct 2019 · 1 min read गोवर्धन गोवर्धन है स्थान निराला होने नहीं दी गोपाला ने निराशा उठाया एक ऊँगली से गिरिराज भंग किया इन्द्र का अभिमान पल में दी है सीख किशन ने सदैव करो रक्षा... Hindi · कविता 385 Share Santosh Shrivastava 26 Oct 2019 · 1 min read मन का सौन्दर्य (रूप चौदस पर विशेष) मन की पवित्रता मन की खुशहाली में है चेहरे से ज्यादा सौन्दर्य रूप का रहता सौन्दर्य चंद दिन व्यवहार कुशलता मधुर भाषा सत्य वचन देते जीवन भर का सौन्दर्य अपने... Hindi · कविता 629 Share Previous Page 5 Next