‘ विरोधरस ‘---16 || विरोध-रस की निष्पत्ति और पहचान || +रमेशराज
तिरस्कार-अपमान-शोषण-यातना-उत्कोचन आदि से उत्पन्न असंतोष, संताप, बेचैनी, तनाव, क्षोभ, विषाद, द्वंद्व आदि के वे क्षण जिनमें अत्याचार और अनीति का शिकार मानव मानसिक रूप से व्यग्र और आक्रामक होता है,...
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