भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read आदमी जब अपने ही घर.. आदमी जब अपने ही घर में हार जाता है तब उसे हराना बाकी कब रह जाता है तब वह पार पाता है गैरों से किस क़दर वह अपने आप ही... Hindi · मुक्तक 1 414 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read *** नाम में रखा क्या *** आँख नम है तेरे नाम से ये क्या कम है मुहब्बत तुमसे तेरे नाम से ये क्या ग़म है मत रूठ वेवजह मुझसे मैं तेरा सदा से नाम में रखा... Hindi · मुक्तक 1 367 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read *** घुंध *** फैली है धुंध जीवन में साफ दिखलायी नहीं देता जिंदगी की हरियाली तक हमें जाने नहीं देता कहता है सेतु जीवन का धुंध के पार खुशहाली बन्धन मोहमाया का मगर... Hindi · मुक्तक 1 416 Share भूरचन्द जयपाल 2 Oct 2017 · 1 min read ** सच्चा प्यार नहीं ** घरबार बहुत द्वार बहुत है लेकिन सच्चा प्यार नहीं दौलत की भरमार बहुत है लेकिन कारोबार नहीं देखो सच्चा यार नहीं क्या दुनियां का व्यवहार यही भूख है जीवन जीने... Hindi · मुक्तक 1 443 Share भूरचन्द जयपाल 1 Oct 2017 · 1 min read ** मुझे शिद्दत से याद किसने किया ** आज फिर मुझे सिद्दत से याद किसने किया आज ग़म-ए-दरिया को प्यासा किसने किया हलक से निकली जुबां इस क़दर बाहर फिर आज दिल-ए-नाशाद को याद किसने किया।। ?,मधुप बैरागी... Hindi · मुक्तक 1 248 Share भूरचन्द जयपाल 1 Oct 2017 · 1 min read * सकल जगत में रमते दोनों * श्याम श्याम रटते रहो दिन हो चाहे रात श्याम श्याम ही को हरते जीवन में करते प्रकाश राम नाम जपते रहो रमता सकल जहान राम बिना सब सूना जग है... Hindi · कविता 1 279 Share भूरचन्द जयपाल 30 Sep 2017 · 1 min read *** आज भी अट्हास करता है रावण *** 30.9.17 **प्रातः** 9.15 आज भी अट्हास करता है रावण आज भी अट्हास करता है रावण दसमुख है उसके दसों दिशाओं में खुले हैं करते ग्रास सब मनभावन मानव-मन पाता है... Hindi · गीत 1 550 Share भूरचन्द जयपाल 29 Sep 2017 · 1 min read *** छलछला गयी है आँखे *** छलछला गयी है आँखे क्यूं ना अब तूं दिल में झांके प्यार प्यात प्यार क्या है ये यार यार छलछला गयी है आँखे क्यूं ना अब तूं दिल में झांके... Hindi · गीत 1 295 Share भूरचन्द जयपाल 25 Sep 2017 · 1 min read ख़ुदा भी आसमां से ........... किस्मत भी कितनी अजीब है कोई घरवाली पाकर रो रहा है तो कोई घरवाली खोकर रो रहा है कोई घर लाकर रो रहा है तो कोई घर लाने के लिए... Hindi · कविता 1 470 Share भूरचन्द जयपाल 16 Sep 2017 · 1 min read *** हुकूमत करना चाहते हो *** हुकूमत करना चाहते हो मेरे दिल पर और मज़ार पे आकर रोते हो क्यूं बेइंतहा मुहब्बत करने का रोना रो रोकर पानी से मुंह धोते हो। ?मधुप बैरागी दिल तो... Hindi · शेर 1 498 Share भूरचन्द जयपाल 16 Sep 2017 · 1 min read *** मेरा *** ख़्वाहिश थी तेरी या फिर सिर फिरा था मेरा बज़्म में आकर अक्सर नाम लेते थे जो मेरा मैं अक्सर तुम्हें समझ बैठा था जो अपना तो लोग कहने लगे... Hindi · मुक्तक 1 287 Share भूरचन्द जयपाल 15 Sep 2017 · 1 min read *** मत, भेद रखिए *** मतभेद रखिए मन भेद ना रखिए ज़िगर में जुदा हर शख्स है फिर भी रखिए ज़िगर में नज़र प्यार की रखिए जाइये ना फ़िगर पे मत,भेद रखिए इंसां के नाजुक... Hindi · मुक्तक 1 264 Share भूरचन्द जयपाल 14 Sep 2017 · 1 min read *** निजभाषा सम्मान *** एक उम्मीद है जगाई निजभाषा सम्मान हिंदी हिन्द की पहचान है मान- सम्मान आज बने एक से अनेक मंच निजभाषा कहो अहो एक सब हिंदी - हिन्द समान ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 2 1 431 Share भूरचन्द जयपाल 12 Sep 2017 · 1 min read *** बयां करना मुश्किल है *** ये अल्फाज़ो से बयां करना मुश्किल है ये रिश्ता दोस्ती का निभाना मुश्किल है दिल का दिल ही जाने अब हाल क्या है ये जुबां से बताना भी अब मुश्किल... Hindi · मुक्तक 2 223 Share भूरचन्द जयपाल 8 Sep 2017 · 1 min read *** मत सोच *** मत सोच अपनों के बारे में इतना पोच चलते चलते जब पांव में आ जाये मोच तब बहके कदमो को सम्भालता कौन अपने स्वार्थ से भरे होते है ना ऐसा... Hindi · मुक्तक 1 287 Share भूरचन्द जयपाल 6 Sep 2017 · 1 min read *** यू एण्ड मी *** यू एण्ड मी सम डिस्टेंस यू एण्ड मी फिजिकली नॉट स्पिरिचुअली आई नीड यू आई लाईक यू आई फील यू आई डील यू व्हाई यू एंड मी बोथ आर फ्रेंड... Hindi · कविता 1 291 Share भूरचन्द जयपाल 6 Sep 2017 · 1 min read *होश खोकर जिंदगी कभी अपनी नहीं होती* मत कर खत्म जिंदगी की महक महखाने में जाकर लौट कर जब तलक आयेगा चूमेंगे तुम्हारा वदन गली के सब श्वान मिलकर महक का आभास लेंगे गिरकर गली के उस... Hindi · कविता 1 359 Share भूरचन्द जयपाल 5 Sep 2017 · 1 min read *** मुझे आना पड़ा *** भीड़ से हम दूर थे बहुत पर भीड़ में आना पड़ा होकर मज़बूर जो तेरे दर पर मुझे आना पड़ा रखना चाहा अपने ग़म को छुपाकर जमाने से मगर दस्तूर... Hindi · मुक्तक 1 327 Share भूरचन्द जयपाल 1 Sep 2017 · 1 min read *** इतनी फुर्सत कहां *** इतनी फुर्सत कहां मिलती है हमको जो तेरा सूरत-ए-हाल लिखें हम माल हमारा है बिके चाहे ना बिके जमाने का हाल क्या लिखें जमाने ने छीना है सुखचैन हमारा अब... Hindi · कविता 1 444 Share भूरचन्द जयपाल 31 Aug 2017 · 1 min read ** नहीं कम किसी से हम ** ऐ चाँद तुझको फलक से ज़मी पर उतार लाएंगे हम मत दिखा तूं अपनी जादूगरी नहीं कम किसी से हम तुझको बना के छोड़ेंगे दिल से अपना हम हमसफ़र ये... Hindi · मुक्तक 1 344 Share भूरचन्द जयपाल 25 Aug 2017 · 1 min read ** भ्रमित कर रहा कान्हा ** 25.8. 16 दोपहर13.25 कैसे भ्रमित कर रहा कान्हा देखो जन्मदाता के हाथों-कान्हा देखो देखो कैसे मुदित हो रहा जगदाता त्राता भाग्यविधाता कान्हा देखो ।। ?,मधुप बैरागी ग़मज़दा हम हैं जिनके... Hindi · मुक्तक 1 389 Share भूरचन्द जयपाल 24 Aug 2017 · 1 min read ** उस वेवफा से क्या कहें ** उस वेवफा से क्या कहें हाल -ए -दिल अपना जिसे हाल-ए-दिल खुद अपना पता नहीं मिलती थी खुद जिद से अपनी मुझसे आज क्या हुआ उसको पता नहीं रोती थी... Hindi · कविता 1 309 Share भूरचन्द जयपाल 21 Aug 2017 · 1 min read ** बादळी सुहावणी ** दिवाळी ने दीप जलास्यां बाती करसी रात्यां राती । इब आवण वाळी काती ने रात्यां करस्यां आपां राती ।। ?मधुप बैरागी *बादळी सुहावणी* ****************************** बादळी सुहावणी तूं विचरे चारों ओर... Hindi · कविता 1 369 Share भूरचन्द जयपाल 21 Aug 2017 · 1 min read *** दास्तां-ए-मुहब्बत *** दास्तां-ए-मुहब्बत सुनाना चाहता हूं गा गीत तुझको रिझाना चाहता हूं ।। सफ़र जिंदगी का भुलाना चाहता हूं आज तुझसे रिश्ता निभाना चाहता हूं।। लगी दिल को ठोकर दिखाना चाहता हूं... Hindi · गीत 2 492 Share भूरचन्द जयपाल 20 Aug 2017 · 1 min read *** जान-अनजान ,खमोश दर्द *** 18.8.17 **** दोपहर **** 3.51 तुम्हें क्या पता जान ये मुहब्बत अनजान रूह भी उलझ चुकी है मुहब्बत-अनजान इसे इश्क की मेहरबानी कहूं या उल्फ़त तेरा इश्क-इबादत हो गया है... Hindi · मुक्तक 1 268 Share भूरचन्द जयपाल 19 Aug 2017 · 1 min read *हम संसार चाहते हैं वो संसार से पार लगाना* कब बिगड़ी है दुनियां उसकी जिसने इंसान से बना के रखी लोग केवल ढोंग करते है उस ईश्वर से दोस्ती निभाने का वह तो हमेशा से तत्पर है हमें गले... Hindi · कविता 1 340 Share भूरचन्द जयपाल 18 Aug 2017 · 1 min read *ये आँखें तेरी कत्लखाने से कम नहीं* 18.8.17 **** प्रातः **** 7.58 ये आँखे तेरी किसी कत्लखाने से कम नहीं है अगर मर जायें तुझपे तो अब हमें ग़म नहीं है ।। ?मधुप बैरागी अब मयखाने जाकर... Hindi · शेर 1 293 Share भूरचन्द जयपाल 18 Aug 2017 · 1 min read *** मत पूछ *** मत पूछ मुझे महोबत ने क्या क्या दिया बहुत से जख्म दिए कुछ और बाकी है ।। . ?मधुप बैरागी मत डूबो इतना कल्पनाओं में कवियों कि रवि बन जाओ... Hindi · शेर 1 268 Share भूरचन्द जयपाल 17 Aug 2017 · 1 min read ** फिर लौटकर मैं इस जहां ना आऊंगा ** मेरी यह रचना मेरी स्वैच्छिक सेवानिवृति 13.7.17 तक मेरे साथ रही उस दिवंगत आत्मा श्रीमती मनीषा कुमारी अध्यापिका को समर्पित है जिनका असामयिक निधन सड़क दुघटना में चोटग्रस्त होने के... Hindi · गीत 1 227 Share भूरचन्द जयपाल 14 Aug 2017 · 1 min read **** आपका अंदाज **** खूबसूरत-ए-शोभा नहीं शरीर की आभा जनाब । शोभा-ए-खूबसूरत आपका अंदाज है ।। ?मधुप बैरागी रंजोग़म भुलाने के वास्ते दुनियां को भूलाना होगा अगर दुनियां को हंसाना हो तो ख़ुद को... Hindi · शेर 1 593 Share भूरचन्द जयपाल 11 Aug 2017 · 1 min read ** प्यार निभानेवाला नहीं मिला ** सुख के साथी मिले हजारों दुःख में साथी नहीं मिला नींद चुरानेवाले मिले बहुत कोई गोद सुलानेवाला नहीं मिला प्यार जताने वाले मिले बहुत पर प्यार निभानेवाला नहीं मिला ।।... Hindi · कविता 1 428 Share भूरचन्द जयपाल 10 Aug 2017 · 1 min read *** अंधेरे बहुत है *** अंधेरे बहुत है तन्हाइयों के कह दो तो हम शमां लेके आये कहकर तो देखो शमां दिल की जलाये जगा देंगे हम तो अरमां दिल में सोये जली जो ये... Hindi · गीत 1 268 Share भूरचन्द जयपाल 10 Aug 2017 · 1 min read ** मुहब्बत यूं बदनाम नहीं होती ** चाहत कभी गुमनाम नहीं होती राहे कभी सुनसान नहीं होती होती चाहत तेरे दिल में मेरी तो मुहब्बत यूं बदनाम नहीं होती ।। ?मधुप बैरागी ऐ सूरज ज़रा कैफियत बरत... Hindi · मुक्तक 1 224 Share भूरचन्द जयपाल 9 Aug 2017 · 1 min read *** आफ़ताब कहूं या चाँद तुम्हें *** 9.8.17 **दोपहर** 1.16 आफ़ताब कहूं या चाँद तुम्हें नजरे करम करना मुझपे नूरानी चेहरा तेरा ना जाने उसपे किसका पहरा गहरा आफ़ताब कहूं या चाँद तुम्हें नजरें इनायत करना मुझपे... Hindi · गीत 1 278 Share भूरचन्द जयपाल 9 Aug 2017 · 1 min read *** मेरे पसंदीदा शेर *** मैं मशगूल था अपने ही ख्यालों में कब मशहूर हो गया क्या पता ।। ?मधुप बैरागी जख़्म भरे जाते नहीं ज़ाम-ए-शराब से नासूर बन जाते हैं ये तल्ख़-ए-जिंदगी ।। ?मधुप... Hindi · शेर 1 355 Share भूरचन्द जयपाल 9 Aug 2017 · 1 min read **** आघात **** पहुंचा हो आघात अकारण किसी को मेरे कारण आज मैं करता हूं परिताप हो गई हो अगर भूल मुझसे आज लगा हो अकारण ही आघात फिर भी मानता हूं अपराध... Hindi · कविता 1 344 Share भूरचन्द जयपाल 9 Aug 2017 · 1 min read **** ये काल महा बन जायेगी **** जीवन में चलना है साथी कुछ फूलों कुछ काँटों पे नादानी अब छोड़ दे प्यारे परमेश्वरी शक्ति है न्यारी करबद्ध करले प्रार्थना तूं फिर है हितकारिणी तूं अविश्वास को छोड़... Hindi · गीत 1 277 Share भूरचन्द जयपाल 8 Aug 2017 · 1 min read *** धीमा जहर *** ना जाने कौन सा धीमा जहर मेरे सीने में उतर आया है ना चैन से जीने मुझे देता है ना चैन से मरने मुझे देता है ।। ?मधुप बैरागी समझ... Hindi · शेर 1 402 Share भूरचन्द जयपाल 6 Aug 2017 · 2 min read *** फेसबुक अब हमें तेरा एतबार ना रहा *** आज मित्रता दिवस पर सभी जाने अनजाने फेसबुक मित्रों को शुभकामनाओं के साथ ये गीत भेंट ******** दोस्त दोस्त ना रहा यार यार ना रहा फेस बुक अब हमें तेरा... Hindi · गीत 1 370 Share भूरचन्द जयपाल 5 Aug 2017 · 1 min read *** सवेरा *** कल जब मै नींद से जागा तो सूरज निकल चुका था सौचा सवेरा हो गया परन्तु आँखों के आगे अब भी अंधेरा कायम था लोगों से सुन रहा था कि... Hindi · कविता 1 279 Share भूरचन्द जयपाल 5 Aug 2017 · 1 min read **** तबस्सुम *** तबस्सुम कब तलक नजरों से मेरी दूर रह पाओगी कब तलक निगाहों से आँखें चुराओगी कब तलक ओंठो से मेरे दूर रह पाओगी तबस्सुम कब तलक मुझसे दूर रह पाओगी... Hindi · कविता 1 361 Share भूरचन्द जयपाल 5 Aug 2017 · 1 min read *** प्लीज हमें ब्लॉक कर दें *** 5.7.17 ** प्रातः ** 8.55 हसीनाओं से गुजारिश है प्लीज़ हमें ब्लॉक कर दें कल देख हुस्न उनका यदि हृदय में इश्क पैदा हो जाये और हम तारीफ़ कर बैठे... Hindi · कविता 1 556 Share भूरचन्द जयपाल 5 Aug 2017 · 5 min read *** हमारे कर्मों का साक्षी : शरीर *** 5.8.17 *** प्रातः *** 5.5 हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का साक्षी शरीर ही है । हम जो भी कार्य करते हैं उस कार्य को सर्वप्रथम देखनेवाला हमारा शरीर ही... Hindi · लेख 1 653 Share भूरचन्द जयपाल 4 Aug 2017 · 1 min read ***** अब तो **** दिल टूट चुका है अब तो सब लुट चुका है अब तो कौन बचाये इस मंजर से बस दम टूट जाये अब तो ।। ?मधुप बैरागी है अख़्तियार-ए-मुहब्बत मुझको है... Hindi · मुक्तक 1 521 Share भूरचन्द जयपाल 2 Aug 2017 · 1 min read **** हूं रूख मरुधरा रो **** हूं रूख मरुधरा रो केर नाम है म्हारो विषम सूं विषम टेम में भी मैं ऊभो रहूं ***** अकास म्हारी ओर देखे है टुकुर-टुकुर अर सोचे मन में ओ बिरखा... Hindi · कविता 1 265 Share भूरचन्द जयपाल 1 Aug 2017 · 1 min read *** चंद शेर *** कशमकश दिल में जुबां पे तुम्हारा नाम आया भरी महफ़िल में फिर से गुमनाम पैगाम आया ।। मेरी धड़कने क्यूं पूछती है तेरे दिल से तेरे दिल से मेरे दिल... Hindi · शेर 1 337 Share भूरचन्द जयपाल 1 Aug 2017 · 1 min read *** कुछ तो हक़ीक़त है *** मेरी हर बात हकीकत नही होती पर हकीकत से कुछ कम भी नहीं है हाँ ये बात और है कि मैं हर बात को यूं ही मज़ाक के तौर पर... Hindi · कविता 1 263 Share भूरचन्द जयपाल 31 Jul 2017 · 1 min read *** तौबा इन इश्कवालों से *** कब तलक बरसने का इंतजार करते रहे तुम आज तुम ही कहते हो बस करो अब और नही क्या बादल भी कभी माना है मनाने से नहीं बरसा तो नहीं... Hindi · कविता 1 236 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jul 2017 · 1 min read **** आज भी मेरे अक्स को संभाले है ये तेरी आँखें **** 28.7.17 **दोपहर** 3.31 आज भी मेरे अक्स को संभाले है ये तेरी आँखें देख शीशे में अपनी आँखों में आंखे डालकर नज़र आयेगी तुम्हारी आँखों में हमारी आँखें जिस्म की... Hindi · कविता 1 400 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jul 2017 · 1 min read *** भावनाओं पर किसका पहरा *** दिल आखिर दिल जो ठहरा भावनाओ पर किसका पहरा उम्र हसीनाओं की पूछना मत घाव करता हृदय पर गहरा।। ?मधुप बैरागी सावन सूखा जाये पिया अब सावन गीत सुनाने आजा... Hindi · मुक्तक 2 521 Share Previous Page 5 Next