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जब दादा जी घर आते थे
VINOD CHAUHAN
दादी माॅ॑ बहुत याद आई
VINOD CHAUHAN
बचपन में थे सवा शेर
VINOD CHAUHAN
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
हर तरफ खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
कोई मंझधार में पड़ा है
VINOD CHAUHAN
वक्त तुम्हारा साथ न दे तो पीछे कदम हटाना ना
VINOD CHAUHAN
कहाॅ॑ है नूर
VINOD CHAUHAN
अमीर-गरीब के दरमियाॅ॑ ये खाई क्यों है
VINOD CHAUHAN
यह नफरत बुरी है ना पालो इसे
VINOD CHAUHAN
कोई भोली समझता है
VINOD CHAUHAN
वक्त नहीं है
VINOD CHAUHAN
मैं पीपल का पेड़
VINOD CHAUHAN
परिंदा
VINOD CHAUHAN
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
VINOD CHAUHAN
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
फूल कभी भी बेजुबाॅ॑ नहीं होते
VINOD CHAUHAN
है नसीब अपना अपना-अपना
VINOD CHAUHAN
जज्बात लिख रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
सुनो सुनाऊॅ॑ अनसुनी कहानी
VINOD CHAUHAN
संस्कारों को भूल रहे हैं
VINOD CHAUHAN
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
अफसोस है मैं आजाद भारत बोल रहा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
आ गए आसमाॅ॑ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
जलाना आग में ना ही मुझे मिट्टी में दफनाना
VINOD CHAUHAN
भीगे अरमाॅ॑ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
जमाने के रंगों में मैं अब यूॅ॑ ढ़लने लगा हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
यह कौन सी तहजीब है, है कौन सी अदा
VINOD CHAUHAN
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
VINOD CHAUHAN
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
पड़ोसन के वास्ते
VINOD CHAUHAN
तुम्हारा दिल ही तुम्हे आईना दिखा देगा
VINOD CHAUHAN
ढूॅ॑ढा बहुत हमने तो पर भगवान खो गए
VINOD CHAUHAN
मैं सुर हूॅ॑ किसी गीत का पर साज तुम्ही हो
VINOD CHAUHAN
मेरे अल्फाज याद रखना
VINOD CHAUHAN
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
असली अभागा कौन ???
VINOD CHAUHAN
पढ़ो और पढ़ाओ
VINOD CHAUHAN
कैसी हसरतें हैं तुम्हारी जरा देखो तो सही
VINOD CHAUHAN
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
VINOD CHAUHAN
जिंदगी की राहों पे अकेले भी चलना होगा
VINOD CHAUHAN
खाक मुझको भी होना है
VINOD CHAUHAN
बड़े ही फक्र से बनाया है
VINOD CHAUHAN
मौत के डर से सहमी-सहमी
VINOD CHAUHAN
हमें भी जिंदगी में रंग भरने का जुनून था
VINOD CHAUHAN