Ajit Kumar "Karn" Language: Hindi 334 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Ajit Kumar "Karn" 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक"- आज का ये मौसम ! "मुक्तक"- आज का ये मौसम ! """"""""""""""""""""""""""""""""" आज का ये मौसम बहुत खुशगवार है, हल्की सी धूप में बारिश की फुहार है । सब मिलकर ये सुंदर सा नज़ारा देखें... Hindi · मुक्तक 8 672 Share Ajit Kumar "Karn" 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" """"""""" गरीबों की यह दुर्दशा, देखी नहीं जाती , दिल में छुपी जो बातें हैं, कही नहीं जाती ! गर ऐसा ही हाल रहा कुछ दिन इस देश का,... Hindi · मुक्तक 7 2 626 Share Ajit Kumar "Karn" 12 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" : पहली मुलाकात ! "मुक्तक" : पहली मुलाकात ! """""""""""""""""""""""""""""""" पहली मुलाक़ात में जो हम जान गये होते , अच्छी तरह एक-दूसरे को पहचान गये होते ! कितनी मशक्कत से यह प्यार पाया था... Hindi · मुक्तक 8 2 433 Share Ajit Kumar "Karn" 12 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल : ( किसने सोचा था.... ) ग़ज़ल : ( किसने सोचा था.... ) """""""""""""""""""""""""""""""""""" किसने सोचा था कि देश का ऐसा बुरा हाल होगा। कोरोना से हर ज़िंदगी यहाॅं इतना बदहाल होगा ।। यहाॅं से वापस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 1k Share Ajit Kumar "Karn" 11 Jun 2021 · 1 min read जगी आशा की किरण.... जगी आशा की किरण.... """"""""""""""""""""""""""""" जगी आशा की किरण , आगे बरक़रार रहेंगी ! निराशा जो छाई थी , अब दरकिनार रहेंगी !! सपने जो अधूरे हैं... अवश्य पूरे होंगे... Hindi · कविता 9 2 794 Share Ajit Kumar "Karn" 11 Jun 2021 · 1 min read आईना झूठा है ! आईना झूठा है ! """""""""""""""""" जो सच-सच ना तस्वीर दिखलाता , गोरे चेहरे को भी मलीन कर जाता , पर्दें के पीछे की भी तस्वीर है लाता , "वो आईना... Hindi · कविता 8 2 1k Share Ajit Kumar "Karn" 11 Jun 2021 · 2 min read रस "काव्य की आत्मा" है ! रस "काव्य की आत्मा" है ! """"""""""""""""""""""""""""" काव्यात्मक रचना या कवि की कृति जो छन्दों की श्रृंखलाओं में.... विधिवत बाॅंधी जाती ! पर यह काव्य रचना किसी रस के बिना... Hindi · कविता 7 5 2k Share Ajit Kumar "Karn" 10 Jun 2021 · 1 min read मैं तो पराया हूॅं ! मैं तो पराया हूॅं ! """"""""""""""""" मैं तो पराया हूॅं ! इक मुलाकात, कर नहीं सकता ! लाख चाहकर भी आपसे , दिल की बातें, कह नहीं सकता !! आप... Hindi · कविता 6 504 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Jun 2021 · 1 min read नया ज़माना आ गया ! नया ज़माना आ गया ! """"""""""""""'"""""""""" नया ज़माना आ गया ! मौसम सुहाना आ गया ! बाहर निकलके देखा तो.... होश ही ठिकाना आ गया !! आपस की ही लड़ाई... Hindi · कविता 11 4 772 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" ( बारिश ) "मुक्तक" ( बारिश ) """"""""""""""""""""" *बारिश* इस कदर बरसी मानो आसमाॅं ही फट गया। बिजलियाॅं इतनी ज़ोर कड़की कि डर से ही मर गया। कितना मनोरम दृश्य है, इन्द्रधनुष निकले... Hindi · मुक्तक 7 531 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" ( जो तुम ज़ुदा न होते ) "मुक्तक" ( जो तुम ज़ुदा न होते ) """""""""""""""""""""""""""""""""" जो तुम ज़ुदा न होते तो हम फिदा न होते, वैसे सच तो यह है कि हम बेवफा होते । बड़ी... Hindi · मुक्तक 9 303 Share Ajit Kumar "Karn" 10 Jun 2021 · 1 min read "मुक्तक" ( नेता के बोल ) "मुक्तक" ( नेता के बोल ) """'"""""""""""""""""""""""" नेता के बोल की उतनी कीमत न होती , देश की जनता की शोषण ना हुई होती। गली - मोहल्ले में सब नेता... Hindi · मुक्तक 7 2 382 Share Ajit Kumar "Karn" 8 Jun 2021 · 1 min read वो कौन थी...? वो कौन थी...? """""""""""""""" वो कौन थी...? आई और चली गई ! दिल को मेरे... ठेस पहुॅंचा गई ! अचानक ही जज़्बातों से मेरे टकड़ा गई ! वो कौन थी...?... Hindi · कविता 9 2 623 Share Ajit Kumar "Karn" 8 Jun 2021 · 1 min read ग़ज़ल : ( बारिश का मौसम ) ग़ज़ल : ( बारिश का मौसम ) """"""""""""""""""""""""""""""" असर ये बारिश का मेरा दिल ही मचल जाए । धरती की हरियाली देख मन ही बहल जाए ।। घनघोर सी काली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 10 4 900 Share Ajit Kumar "Karn" 8 Jun 2021 · 2 min read अपने ख़्वाबों को सजा लें ! अपने ख़्वाबों को सजा लें ! उड़ चलें.... आसमाॅं में उड़ चलें ! सजा लें.... अपने ख़्वाबों को सजा लें ! क्या पता.... वक्त कहीं ना निकल जाए ! हम... Hindi · कविता 8 6 727 Share Ajit Kumar "Karn" 7 Jun 2021 · 1 min read कहाॅं चली गई छोड़ कर तू ! कहाॅं चली गई छोड़ कर तू ! कहाॅं चली गई छोड़ कर तू , क्यों गई मुझ पर बिफर तू , कुछ तो होती लगाई अकल तू, ना करती मुझे... Hindi · कविता 8 1k Share Ajit Kumar "Karn" 7 Jun 2021 · 1 min read क्या मुझे भूल जाएगी वो? क्या मुझे भूल जाएगी वो? बिछुड़ गये दोस्त बदल गई दुनियाॅं ना चाहकर भी... सिमट गई दुनियाॅं ! बिछुड़ गये दोस्त !! थी बड़ी भोली-भाली अंदाज़ की मतवाली ना मैं... Hindi · कविता 9 2 834 Share Ajit Kumar "Karn" 5 Jun 2021 · 1 min read मैं टूट चुका हूॅं ! मैं टूट चुका हूॅं ! हर तरफ हो रहे अत्याचार देखकर अभद्र से व्यवहार चारों दिशाओं के बॅंटाधार मैं टूट चुका हूॅं, मैं टूट चुका हूॅं ! देख - देखकर... Hindi · कविता 8 2 638 Share Ajit Kumar "Karn" 5 Jun 2021 · 2 min read क्या हम ख़ुश हैं ?? क्या हम ख़ुश हैं ?? दिन-रात हम मेहनत करते ज़िंदगी में कशमकश करते आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु चारों तरफ़ दौड़-भाग करते जब खुशनुमा माहौल देखते हम भी ख़ुशी से झूम... Hindi · कविता 7 2 838 Share Ajit Kumar "Karn" 4 Jun 2021 · 1 min read जान साॅंसत में है ! जान साॅंसत में है ! जान साॅंसत में है ! पाॅंव दलदल में है ! दुर्दिन का कोलाहल है ! मचा हलचल भी है !! पिछले कुछ महीनों से ,... Hindi · कविता 9 712 Share Ajit Kumar "Karn" 2 Jun 2021 · 2 min read अनुशासन अनुशासन बहुत ही महत्व है कहीं पर अनुशासन का ! बिन इसके कोई मोल नहीं इस जीवन का ! बचपन से ही सदा सीख यही लेता आया हूॅं ! बड़ो... Hindi · कविता 8 2 837 Share Ajit Kumar "Karn" 1 Jun 2021 · 1 min read शब्द कम नहीं पड़ेंगे ! शब्द कम नहीं पड़ेंगे ! ________________ शब्द कम नहीं पड़ेंगे ! हम यूॅं ही लिखते रहेंगे !! पुस्तकों से लगाव है मुझे इतना ! कि शब्दों में दिखता मुझे सपना... Hindi · कविता 7 817 Share Ajit Kumar "Karn" 31 May 2021 · 1 min read काश, मैं इक छोटी सी.... काश, मैं इक छोटी सी.... ___________________ काश,मैं इक छोटी सी कविता लिख पाता ! पढ़कर पाठक गण जिससे प्रसन्न हो जाते ! दु:ख , क्लेश सभी का कुछ तो बाॅंट... Hindi · कविता 7 743 Share Ajit Kumar "Karn" 30 May 2021 · 2 min read " विवाह " " विवाह " _______ विवाह है सामाजिक प्रक्रिया व धार्मिक संस्कार ! जहाॅं सुयोग्य वर थामते एक कन्या का हाथ ! स्थापित करता अधिकारों और दायित्वों को यह ! होता... Hindi · कविता 9 2 681 Share Ajit Kumar "Karn" 30 May 2021 · 2 min read " धैर्य " " धैर्य " ______ जो कोई इंसान कहीं करते हों जैसा भी काम ! पूर्ण त्याग और समर्पण से ही करें वो काम ! कर्त्तव्य-पथ पर ना रहे कहीं और... Hindi · कविता 8 2 997 Share Ajit Kumar "Karn" 30 May 2021 · 1 min read कवि की कविता ! कवि की कविता ! _____________ शब्द - शब्द , रच - रच , कविता बनाता , कवि ! पंखुड़ियों से , सज - सज , कलियाॅं खिलाता , कवि !... Hindi · कविता 7 2 1k Share Ajit Kumar "Karn" 30 May 2021 · 1 min read वो अपनापन ही तो है ! वो अपनापन ही तो है ! ---------------------------- वो अपनापन ही तो है------- जो प्यार से, किसी ने मुझे पुकारा ! कितना प्यारा था वो पल------ जो दोस्त समझ, किसी ने... Hindi · कविता 7 647 Share Ajit Kumar "Karn" 30 May 2021 · 1 min read उतना प्यार ना दें ! उतना प्यार ना दें ! _____________ किसी को उतना प्यार ना दें.... कि वो सर पे ही चढ़ जाए ! फिर जब कोई बात कहें उसे.... तो सुन के भी... Hindi · कविता 6 938 Share Ajit Kumar "Karn" 30 May 2021 · 2 min read रिश्ते का मोह ! रिश्ते का मोह ! ___________ कितना बड़ा अवरोध है ये ! अपनों से रिश्ते का मोह.... जो एक सीमा से आगे बढ़ने ही नहीं देता ! मार्ग ही आगे का... Hindi · कविता 7 4 976 Share Ajit Kumar "Karn" 29 May 2021 · 1 min read बाॅंट लेंगे ख़ुशियाॅं ! बाॅंट लेंगे ख़ुशियाॅं ! ______________ कोई मेरी राह रोके है खड़ा ! मुझे है जाना पर्वत के उस पार !! पर्वत के पार मंज़िल है दिख रही ! जिसका मुझे... Hindi · कविता 8 685 Share Ajit Kumar "Karn" 29 May 2021 · 1 min read जायेगा ये पर..... जायेगा ये पर.... =========== जायेगा ये पर.... थोड़ा तांडव मचाके ! मानेगा ये पर.... सबको वैक्सीन लगवाके !! प्रभावित कर रहा ये , जगत की दिशा को ! बेहाल कर... Hindi · कविता 7 621 Share Ajit Kumar "Karn" 29 May 2021 · 1 min read माॅं तू जो होती ! माॅं तू जो होती ! =========== माॅं तू जो होती ! तो बात ही कुछ और होती ! तुझसे बातें भी होती ! ऑंसू भी मेरे तू पोंछ लेती !!... Hindi · कविता 11 4 1k Share Ajit Kumar "Karn" 29 May 2021 · 2 min read "बड़ाई" "बड़ाई" _______ कुछ लोग खुद की बड़ाई करते नहीं थकते ! पर वे महानुभाव कभी ये नहीं समझ सकते ! कि इससे उनका छिछोरापन ही झलकता है ! उनके अंदर... Hindi · कविता 8 4 932 Share Ajit Kumar "Karn" 29 May 2021 · 1 min read ख़्वाबों को सच करके है दिखलाना ! ख़्वाबों को सच करके है दिखलाना ! ___________________________ आपकी नेक सलाह सर ऑंखों पर ! गौर कर लिया है मैंने उन हर बातों पर ! बस ध्यान दूंगा मैं अब... Hindi · कविता 9 2 590 Share Previous Page 7