ओनिका सेतिया 'अनु ' 2004 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next ओनिका सेतिया 'अनु ' 8 Jul 2022 · 1 min read उमस बरसात की एक बूंद को पहले तरसाती। फिर बरसात खत्म होने पर भी हावी हो जाती । बिजली के नखरों से सांठगांठ कर गर्मी में तड़पाती। क्या एसी,क्या कूलर क्या... Hindi · मुक्तक 2 2 101 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Jul 2022 · 1 min read यह तो नसीब की बात है .. पति तो हर महिला को मिलते हैं, मगर जीवनसाथी किसी किसी को मिलते है । हुक्मरान तो मिलते है सभी को , मगर मन के मीत नसीब से ही मिलते... Hindi · कोटेशन 1 2 269 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Jul 2022 · 1 min read अक्षम्य अपराध ... ईश निंदा चाहे किसी भी धर्म के अराध्य की हो , यह एक अक्षम्य अपराध है । परंतु जो धर्म के नाम पर किसी का कत्ल करे , वोह धार्मिक... Hindi · कविता 1 172 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 7 Jul 2022 · 1 min read संस्कार बिना सब सूना ऐसी शिक्षा और ऊंची पदवी,दौलत कैसी , जो अपनी संतान को काबू कर सकें । दिलवाए उसे तकनीकी सुविधाएं , मगर संस्कार न सीखा सकें । Hindi · कोटेशन 102 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Jul 2022 · 1 min read दुर्भाग्य क्रोध और कपट , है अहंकारी का विशेष गुण । इनका साथ किसी सज्जन हेतु , होता है सदा दुर्भाग पूर्ण । Hindi · कोटेशन 2 3 234 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 6 Jul 2022 · 1 min read पीढ़ी दर पीढ़ी आजकल के बच्चे करे नाक में दम , कुसंस्कारिता का पीढ़ी दर पीढ़ी असर देख रहे है हम । Hindi · कोटेशन 205 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 5 Jul 2022 · 1 min read धर्म की रक्षा निज धर्म और भाषा का सम्मान , जब तक तुम स्वयं न करोगे । उसके प्रति अपमान और अवहेलना , के विरुद्ध स्वर मुखर न करोगे । तो क्यों कोई... Hindi · कविता 1 231 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jul 2022 · 1 min read जीने का सलीका गम ए दर्द इस हद तक बढ़ा, की गम ए दर्द में ही मजा आने लगा । कभी रहते थे घुट घुट के , अब जीने का सलीका आने लगा... Hindi · शेर 1 2 127 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jul 2022 · 1 min read गम में डूबी बरसात ऐसी भी आई थी एक बरसात , जिसने हमसे एक फरिश्ते को जुदा कर दिया । तबसे यह आलम है , दोस्तों! हर बरसात उसके गम में डूबी लगती हैं। Hindi · शेर 1 2 109 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 4 Jul 2022 · 1 min read बेमिसाल रफी मोहम्मद रफी साहब का नहीं कोई जवाब , संगीत की दुनिया के है वोह आफताब, भारत की कौमी एकता की वोह मिसाल , प्यार करे और अदब करे उनको, हर... Hindi · मुक्तक 217 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Jul 2022 · 1 min read शोले क्यों तू जलते अंगारों पर हाथ धर बैठी , शोले तो तू बुझा नहीं सकी , बल्कि अपना दामन भी जला बैठी । Hindi · शेर 96 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 3 Jul 2022 · 1 min read पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती... हमारे बड़े बुजुर्ग कह गए हैं , पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती । जन्म देता है विधाता सभी को , मगर सबकी तबियत एक सी नहीं होती । सभी धर्मों... Hindi · कविता 3 3 231 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Jul 2022 · 2 min read टिप्पणियों ( कमेंट्स) का फैशन या शोर आज कल टिप्पणियों का बड़ा , फैशन चल पड़ा है । पूरा सियासी बाजार तरह तरह की , टिप्पणियों से लदा पड़ा है । राजनेताओं की टिप्पणी , सरकार की... Hindi · कविता 3 452 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Jul 2022 · 1 min read तुमसे यह उम्मीद न थी ... वाह रे! कानून और न्याय के ठेकेदारों , तुमसे और उम्मीद भी क्या की जा सकती थी । फोड़ दिया सारा ठीकरा एक मासूम के ऊपर , जबकि वो अकेली... Hindi · कविता 1 2 113 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Jul 2022 · 1 min read फुटपाथ की कहानी ''फुटपाथ की परेशानी '' यह मात्र फरीदाबाद ही नहीं सभी घनी आबादी वाले शहरों की समस्या है दुकानों के मालिकों , फेरीवालों ,और भिखारिओं के नाजायज़ कब्ज़े की वजहों ने... Hindi · लेख 4 131 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Jul 2022 · 1 min read सजा यूँ ही तन्हाई में हम दिल को सज़ा देते हैं , नाम लिखते है तेरा ,लिख कर मिटा देते हैं. Hindi · शेर 2 2 127 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 2 Jul 2022 · 1 min read सुनो ससुराल वालो ! बहू /पत्नी से अपेक्षाएं रखते हो अनगिनित , ज़रा खुद भी उसकी उम्मीदों पर खरा उतरो . पहले बनो तो उसके शुभ -चिन्तक ,हमराज़ ,हम नवा , फिर उससे कोई... Hindi · कविता 2 2 88 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 1 Jul 2022 · 1 min read अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश अभिव्यक्ति की आजादी पर , यह कैसी पाबंदी । किया किसी का समर्थन तो , एक गरीब के गले पर छुरी चला दी । यह कैसी कानून व्यवस्था , हत्यारों... Hindi · कविता 1 2 387 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read एक ही भूल भूल हुई हमसे जो , अब तक तुम्हारी खताओं को माफ करते रहे । वरना जिस तरह से की तुमने , हमारे धर्म , आस्था और आराध्यों की , अवहेलना,... Hindi · मुक्तक 2 4 141 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read काफिर काफिर वोह नहीं जो , किसी धर्म को न माने। काफिर वोह है जो इंसानियत , को न माने । Hindi · कोटेशन 2 4 147 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read जहरीला इंसान तुम हो तो भीतर से जहरीले , मगर खुद को मीठा दर्शाते हो । तुम्हारी मानसिकता पिछड़ी हुए, मगर खुद को आधुनिक जताते हो । तुम हो नीरे पाखंडी और... Hindi · कविता 1 2 375 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 2 min read ग्रहण यह कैसा ग्रहण लगा है , मेरे जीवन को भगवान ! ना ही मुक्ति मिले दुख से , ना ही तन से छूटे प्राण । ग्रहण ऐसा जो हमारे सम्पूर्ण... Hindi · कविता 5 8 287 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read अभिमानियों का अभिमान तोड़ो भगवान सुना है भगवान ! तुमने रावण का अहंकार तोड़ा , हर युग में दुष्ट अभिमानियों का अभिमान , तुमने तोड़ा । तो अब क्यों नहीं ? अब क्यों कर खामोश... Hindi · कविता 3 6 118 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read मनाने का जमाना गुजर गया क्यों रूठोगे और किस्से रुठोगे तुम , आजकल जमाना किसी को मनाने का । फुर्सत किस के पास है इतनी हुजूर ! यही सलीका है कतरा के गुजर जाने का। Hindi · शेर 1 2 102 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read निवेदन मेरे देश के अभिवाको ! अपनी लाडली बेटीओं के साथ सिर्फ selfie ही मत खिंचवाओ ,उनके ऊपर से पाबंदियां भी हटाओ. अपने मन-चाहे ड्रेस पहनने दो , अपनी मनचाही जगहों... Hindi · लेख 1 2 188 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read हाय मेरी डिग्रियां! मुझसे रो रो कर कहती हैं डिग्रियां मेरी , क्यों तुमने हमें इस तरह भुला दिया । जिसे कमाया था दिन रात जाग जाग , के उन्हें यूं अलमारी में... Hindi · कविता 1 2 174 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 30 Jun 2022 · 1 min read हे भगवान!! पड़े जब अत्यधिक शीत लहर , तो हे भगवान् ! तेज़ गर्मी पड़े , तो भी हे भगवान् ! जम के मुसलधार वर्षा हो जाये तो भी हे भगवान् !... Hindi · कविता 1 2 137 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2022 · 1 min read कभी सोचा न था ( एक फौजी के पिता का दर्द ,) कंधे पर तुझे रोज बैठाता था, कभी कंधे पर उठाना पड़ेगा , यह कभी सोचा न था । मेरे लाडले वीर बेटे ! मैने तो अरमान पाला था , तेरे... Hindi · कविता 1 2 294 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2022 · 1 min read खुदा का नाम बदनाम कर दिया ... मेरी औलाद निकली ऐसी न मुराद , जिसने मेरा नाम बदनाम कर दिया । मैने कब की मजहब की दीवारें खड़ी , तुमने खुद ही यह फासला बना दिया ।... Hindi · कुछ दिल ने कहा ... · ग़ज़ल/गीतिका 187 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2022 · 1 min read कुछ तो शर्म करो !! तुम्हें तो बस दूसरों की राह में , कांटे बिछाना आता है । कभी खुद तो कोई अच्छा काम , किया नहीं तुमने जीवन में। अपने कार्यकाल में देश हित... Hindi · कविता 2 5 201 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 29 Jun 2022 · 1 min read रेलगाड़ी रेलगाड़ी के सफ़र जैसा ही होता है जिंदगी का सफ़र , सब कुछ ठीक हो तो लगता है बड़ा सुहाना . उसी तरह हमारे शरीर रूपी रेलगाड़ी सही हो ,... Hindi · मुक्तक 1 2 129 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Jun 2022 · 1 min read बहुत अच्छा लगता है .. बहुत अच्छा लगता है हमें, जब किसी शख्स को मजहब से ऊपर , उठकर इंसानियत निभाते हुए देखते है । बहुत अच्छा लगता है हमें , जब सब आपसी भेदभाव... Hindi · कविता 5 6 631 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read एक शहीद की महबूबा क्या कहूं मैं तुमसे ,यह क्या हो गया , मैं अब दिल को क्या समझा पायूंगी। तुमसे जोड़ा था कई जन्मों का रिश्ता , खबर न थी यूं मैं तन्हा... Hindi · कविता 1 4 416 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read राजनेताओं की हद इन राजनेताओं की इतनी सी है इंतेहा, पहले करते है बयानबाजी फिर हिंसा पर उतर आएंगे । सत्ता के खातिर यह सत्ता के लालची , इस हद तक गिर जायेंगे... Hindi · मुक्तक 1 2 135 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read एक वीर सैनिक का ताबूत लो एक और ताबूत आया जंग ए मैदान से , जैसे एक डोली आई सज के कई फूलों से । बज उठी सैन्य धुन उसके स्वागत के साथ , गुणगान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 8 252 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read एक फौजी का सपना धरती पर भेजा ईश्वर ने , और माता पिता ने जन्म दिया । और मिट्टी ने मुझे ग्रहण किया । अब इस वतन की मिट्टी के लिए , मेरे ईमान... Hindi · कविता 2 4 230 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read उफ़! राजनीतिक दलों की भीड़ एक देश में असंख्य राजनीतिक दल , तो विरोध के स्वर अधिक गूंजेंगे ही । किसी भी मुनासिब कदम पर सरकार के , राह तो यह खुरापाती रोकेंगे ही ।... Hindi · कविता 1 4 150 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read गौरवपूर्ण अवसर की उपेक्षा भारत माता से जिसको होगा प्यार , वही अग्नि वीर योजना से करेगा इकरार। और जो बेगैरत हैं, मतलबी और हिंसक , वही करेगा इस गौरवपूर्ण अवसर को इनकार ।... Hindi · कविता 145 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read राह ए मुहोबत इस राह-ऐ-मुहोबत में चले तो सोच-समझकर चले, ज़रा सी निगाह मिलती नहीं के ज़माने को खबर हो जाती है. Hindi · शेर 1 2 111 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read इंतजार कब तलक और इंतज़ार करें हम तेरा , अब तो एक पल भी भारी लगे मुझे . Hindi · शेर 1 2 256 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read दिल और पत्थर दिल गर पत्थर होता तो कितना अच्छा होता , लाख कोशिश करने पर कोई इसे तोड़ ना पाता . Hindi · शेर 3 4 194 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read मिसाल ऐसा प्यार कहाँ दुनिया में ,जो एक मिसाल हो , चोट किसी को लगे , और दर्द किसी को हो . Hindi · शेर 113 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read बहारों की तमन्ना मेरे हालातों से मुतासिर नहीं हो ऐ खुदा ! तुम , वरना भेज ना देते मेरे लिए बहारों को तुम . Hindi · शेर 121 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read जिंदगी की शाम बहुत देर लगादी तुमने ऐ दोस्त ,! मेरे जज़्बात समझने में, अब तो हो रही है जिंदगी की शाम , और मुहोबत है नाकामी- की राह में. Hindi · शेर 1 2 123 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read उम्मीदें सत्ता का स्वाद क्या चखा ,आपकी नज़रें बदल गयी आप तो ऐसे ना थे , लगायी थी जो उम्मीदें किसी यकीं पर , क्या यूँ ही , उनका क्या ,... Hindi · शेर 137 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read प्यासा मन प्यासा है मनुष्य मौर प्यासा है प्रत्येक जड़-चेतन , बारिश की दो बूंदों को तरसे हर प्राणी का मन। अब तो बरस भी जा ,कुछ तो रहम कर ,ऐ बरखा... Hindi · मुक्तक 1 2 155 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read संगदिल बरखा रानी तू तो न बरसी ,ऐ बरखा रानी , मगर बरस गये हमारे नैन । उफ़ ! कितनी कठोर है तू ,ऐ संगदिल ! तेरा दिल नहीं पिघलता ,सुन कर हमारे... Hindi · मुक्तक 1 2 142 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read बारिश के बूंदों की लालसा तेरी बूंदों की टप-टप को सुनने को तरस गए हम प्राणियों के कान, गर तो आज,अभी और इसी समय ना बरसी ,तो निकल जायेंगे हमारे तन से प्राण . Hindi · मुक्तक 120 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 27 Jun 2022 · 1 min read तरस खाओ हम पर नहीं तो भोले ,बेजुबान पशु-पक्षिओं पर तो तरस खाओ, प्यासी है गर्मी से त्रस्त है यह प्यारी धरती ,इस पर रहम खाओ, हम तो हैं इस सृष्टि और... Hindi · मुक्तक 1 2 136 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Jun 2022 · 1 min read यह कैसी होड़? साहित्य रचना कर रहे , या लगा रहे हो चूहा दौड़। एक दूजे को पछाड़ने में, लगा रहे हो बड़ी होड़। कागज़ पर कागज़ भरते रहना, मात्र रचना शीलता नही... Hindi · कविता 2 2 286 Share Previous Page 7 Next