डी. के. निवातिया Language: Hindi 384 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read सच का प्याला……….( निवातिया डी के ) सच का प्याला निरा कडवा लगे, सरलता से उतरे ना कंठ के पार ! झूठ की गगरी अथाह मिष्टी भरी स्वाद स्वाद में करे विषैला प्रहार !! ! ! !... Hindi · शेर 556 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read ईश्वर की संतान—वर्ण पिरामिड—(डी. के. निवातियाँ) हे गुणी मानव बस तुम ऐसा करना दुखे न हृदय तेरे कारण कभी किसी अभागे जन का रहे न द्वेष अंतर्मन में सत्य कर्म से हो पहचान !! के एक... Hindi · कविता 339 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read हौड़ में – मुक्तक – डी के. निवातिया क्या मिलेगा दौड़कर तुमको घुड़सवारो सी दौड़ में भुला दोगे खुद ही को दुनिया की इस अंधी होड़ में आना जाना कुछ कर जाना यही जीवन नियति है बेहतर होगा... Hindi · मुक्तक 204 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read दुश्मन की करतूत —डी. के. निवातियाँ देख ली आज फिर से दुश्मन की करतूत वार किया है पीठ पे धोखे से बन यमदूत गीदड़ बन हर्षाये है बहा निर्दोषो का खून हिम्मत हो तो सामने आ... Hindi · मुक्तक 260 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-2—मुक्तक —डी के निवातियाँ अब किस किस को बतलाऊँ अपना ठिकाना सीमा पर रहता हूँ, हर दिशा है आना जाना प्रेम से पुकारते है लोग मुझे कहकर जवान कर्म – धर्म है मेरा इस... Hindi · मुक्तक 1 2 241 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read मेरा ठिकाना-1—मुक्तक —(डी के निवातियाँ) अक्सर लोग पूछते है मुझसे मेरा ठिकाना मै ठहरा बेघर परिंदा नही कोई आशियाना ठोकरे खाता फिरता हूँ सफर ऐ जिन्दगी में पा जाऊं मंजिल जिस रोज़, वही चले आना... Hindi · मुक्तक 240 Share डी. के. निवातिया 23 Sep 2016 · 1 min read तर्पण —( डी. के. निवातिया ) करने आया था तर्पण अपने मात-पिता का अनायास ही मुझसे टकरा गया मैंने भी पूछ लिया, कैसे हो मित्र ! रुआंसा होकर बोला, अच्छा हूँ मैंने फिर पूछ लिया, ह्रदय... Hindi · कविता 261 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 2 min read पिता पिता पिता नहीं परमेश्वर कहो जीवन का आधार है जो शाखा फूल पत्तिया हम, जीवन का करतार है वो दुःख में सुख की छाया बन कष्टो का करे निवारण जो... Hindi · कविता 1 10 703 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 1 min read ईमान कही मिले तो थोड़ा सा ईमान खरीद लाना ! सुना है दिल के कारोबार में बेईमान बहुत है !! ! ! ! डी. के. निवातियाँ ________@ Hindi · शेर 405 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 1 min read सजदे में……………( समस्त कविजनों को समर्पित रचना ) किस-किस का नाम लूँ मै सभी इस दिल को प्यारे है । हीरा, पन्ना, कमल, गुलाब एक से बढ़कर एक सितारे है ।। कलम के जादूगर है सब, जलवा रचनाओं... Hindi · कविता 540 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 1 min read कीट-पतंगे बात इंसानो की क्या पूछो विस्फोटक बम बनाते है । अपने ही हाथो ख़ुशी से मौत का सामान बनाते है । इनसे तो अच्छा जीवन कीट – पतंगों का होता... Hindi · मुक्तक 300 Share डी. के. निवातिया 9 Sep 2016 · 1 min read रूहानी लगे तेरे गाँव की गलियां बड़ी रूहानी लगे मिटटी से निकली सुगंध सुहानी लगे चुरा लूँ कुछ लम्हे अगर बुरा न मानो मुझे इनमे कृष्ण राधा की कहानी लगे !! !... Hindi · मुक्तक 439 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2016 · 1 min read गुरु को प्रणाम करे जीवन को साकार रूप प्रदत्त का काम पत्थर से मानव को तराशे दे नगीना नाम कभी मृदुल, कभी कठोर स्वरुप अपनाकर इंसानियत पाठ पढ़ा दे ऐसे गुरु को प्रणाम... Hindi · मुक्तक 2 686 Share डी. के. निवातिया 5 Sep 2016 · 1 min read गुरु वंदन ….. प्रथम चरण वंदन गुरु देव को, राह अस्तित्व की दियो बताये। मुझे निर्जन शिला से, घिस घिस कर नगीना दियो बनाये ।। कितने शुभ दिवस पर बना आज पावन संजोग... Hindi · कविता 2 375 Share डी. के. निवातिया 2 Sep 2016 · 1 min read प्रेम प्रेम आओे करे प्रेम इस जग में चाँद और सूरज जैसा तू ढूंढे बन चाँद पूनम तो कभी अमावस्या जैसा मैं बन सूरज तड्पु याद में, दहकता अंगारे जैसा तरसे... Hindi · शेर 2 299 Share डी. के. निवातिया 2 Sep 2016 · 1 min read मुखड़ा या चाँद का टुकड़ा............. मुखड़ा या चाँद का टुकड़ा मुखड़ा कहु या चाँद का टुकड़ा चेहरा तेरा ताज भी शर्माता है देख हुस्न नायब तेरा चाँद भी छुपजाता बादलो में देख हुस्न तेरा कही... Hindi · कविता 897 Share डी. के. निवातिया 2 Sep 2016 · 1 min read मेला मेला जीवन एक मेला है दौड़ते सब सरपट यंहा न जाने किस खोज मैं देते सब एक दूजे को ठेला है !! ढूढ़ते है दर बदर किसी अपने को बीत... Hindi · कविता 309 Share डी. के. निवातिया 2 Sep 2016 · 1 min read काहे को सताये मोहे …… काहे को सताये मोहे …… कौन गाँव से आयो रे तू कौन तेरा देश रे । काहे को सताये मोहे तू बदल बदल भेष रे !! जब जब जाऊं मै... Hindi · गीत 4 295 Share डी. के. निवातिया 1 Sep 2016 · 2 min read बचपन............... बचपन वो बचपन याद आता है तितलियो के पीछे भागना पकड़कर डब्बे में बंद करना और उन संग खेलना फिर खुले आसमा में छोड़ देना वो बचपन याद आता है... Hindi · कविता 332 Share डी. के. निवातिया 1 Sep 2016 · 1 min read काश काश काश तेरे दिल की बात इन हसीन लबों तक आ जाए l जो छुपा है राज़-ऐ- दिल में तेरे हमारी भी नजर आये ll कब से तलाश है नजरो... Hindi · शेर 367 Share डी. के. निवातिया 1 Sep 2016 · 2 min read कोई मुझको भी कविता सिखा दे ……. कोई मुझको भी कविता सिखा दे ……. मै भी बन जाऊं एक कवी अगर कोई मुझको भी कविता सिखा दे । साहित्य विधा से हूँ अनजान,कोई साहित्य का मुझे ज्ञान... Hindi · कविता 409 Share डी. के. निवातिया 1 Sep 2016 · 1 min read पैगाम हवाओं से मिला पैगाम मै घबरा गया । मुझे तुमने दी आवाज लो मै आ गया ।। कब से लगाये था आस तेरे मिलन की जब आई वो घडी देख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 546 Share डी. के. निवातिया 30 Aug 2016 · 1 min read “भारत की नारी” “भारत की नारी” हे भारत की नारी क्या दशा हुई तुम्हारी II तेरे आने की आहट से सहमी है जग जननी नारी II जब भी हुआ तेरे आने का आगाज... Hindi · कविता 2 585 Share डी. के. निवातिया 30 Aug 2016 · 2 min read कलम का कमाल कलम का कमाल क्या कहु इस कलम को जाने ये क्या कर जाए, हाथ लगी जैसी संगत वैसा कमाल कर दिखाए II जब आई हाथ में नन्हे मुन्ने के खूब... Hindi · कविता 2 358 Share डी. के. निवातिया 30 Aug 2016 · 1 min read नसीब................. छोडो ये रूठने मनाने की गुस्ताखियां नफरत की आग में कही खुशियो के पल जाया न हो ! जी भर के कर लो आज दिल की बाते क्या पता आने... Hindi · शेर 2 306 Share डी. के. निवातिया 30 Aug 2016 · 1 min read कुछ तो कमी सी है …. कुछ तो कमी सी है …. क्यू लगे रुखा सा कुछ तो कमी सी है ! जिंदगी में तेरे बिन, कोई कमी सी है !! नीरस मन शुष्क तन, सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 366 Share डी. के. निवातिया 30 Aug 2016 · 1 min read मै सिस्टम लाचार मुझे लाचार रहने दो................. मै सिस्टम लाचार मुझे लाचार रहने दो दुनिया कहे बीमार मुझे बीमार रहने दो !! कठपुतली बनके रहा गया हूँ चन्द हाथो की हावी शाशन के चाबुक का शिकार रहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 351 Share डी. के. निवातिया 29 Aug 2016 · 2 min read लाज बचा ले मेरे वीर लाज बचा ले मेरे वीर क्यों वेदना शुन्य हुई क्यों जड़ चेतन हुआ शरीर अस्तित्व से वंचित हुआ कँहा खो गया शूरवीर नही सुनी क्या चीत्कार क्यों सोया है तेरा... Hindi · कविता 579 Share डी. के. निवातिया 29 Aug 2016 · 1 min read कैसे कह दू कैसे कह दू कैसे कह दू उसको मै बेवफा, नब्ज चलती है हर पल मेरी उसका नाम पर कभी मुलाकात नही हुई तो क्या, मेरे दिल में महफिले सजती है... Hindi · शेर 571 Share डी. के. निवातिया 29 Aug 2016 · 1 min read तुम्हारी तुम जानो तुम्हारी तुम जानो तुम में हम और हम में तुम हो पल भर तो दिल में जरा ये ठानो करीब कितने हो तुम मेरे दिल के, हमारी तो हम जाने,... Hindi · कविता 321 Share डी. के. निवातिया 29 Aug 2016 · 1 min read सोच-सोच घबराता हूँ ये सोच-सोच घबराता हूँ…….. पिता नही मेरी ताकत है वो,छाया में उनकी रहता हु महफूज हु उनके संरक्षण में निडर होकर के जीता हूँ छोड़ जायेंगे एक दिन अकेला,ख्याल से... Hindi · कविता 297 Share डी. के. निवातिया 29 Aug 2016 · 2 min read बचपन बचपन वो बचपन याद आता है तितलियो के पीछे भागना पकड़कर डब्बे में बंद करना और उन संग खेलना फिर खुले आसमा में छोड़ देना वो बचपन याद आता है... Hindi · कविता 2 520 Share डी. के. निवातिया 29 Aug 2016 · 1 min read तुमने दी आवाज.......... हवाओं से मिला पैगाम मै घबरा गया । तुमने दी आवाज ये लो मै आ गया ।। कब से लगाये था आस तेरे मिलन की जब आई वो घडी देख... Hindi · गीत 540 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read झरोखा झरोखा जब कभी देखता हूँ यादो के झरोखो से बहुत कुछ बिखरा हुआ नजर आता है पीछे पड़ा हुआ है एक ढेर, टूटे हुए सपनो का बीच में कुछ हसीं... Hindi · कविता 583 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read रावण रावण हर वर्ष जलाते है हम सैकड़ो रावण के पुतले क्या जाने कब असली रावण सच में जल पायेगा !! इंसान ही इंसान में खोज रहा है इंसान को क्या... Hindi · कविता 2 615 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read आओ ऐसे मनाये दिवाली आओ ऐसे मनाये दिवाली आओ सब मिलकर हम ऐसे मनाएंगे अब दिवाली भूखे को अन्न देंगे और प्यासे को पिलायंगे पानी सैकड़ो के जलाये पटाखे,फिर भी हाथ रहे अपने खाली... Hindi · कविता 680 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read मनोविनोद मनोविनोद क्या कहे जमाने के हाल यंहा पर खुदा की खुदाई हमने अजीब देखी रहता है जो हाल ऐ सूरत से नबाबी दिल-आदत से हालत फटीचर देखी कड़ा है जो... Hindi · कविता 485 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read निरर्थक हूँ अपनों का चहेता मै निरर्थक सामान की तरह फिर भी आ जाता हु सामने मजबूरियों की तरह जब जरुरत समझी सजा लिया गुलदान की तरह वरना पड़ा रहा किसी... Hindi · मुक्तक 499 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया जब जब भी हमे तेरा ख्याल आया रह रह के दिल में ये सवाल आया क्या सचमुच में तू अमानत है मेरी या... Hindi · गीत 1 593 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read “संविधान” ही भारत का महाग्रंथ बन जाएगा… !! “संविधान” ही भारत का महाग्रंथ बन जाएगा… !! सारे देश में होगी खुशहाली, जब दिलो में ये बस जाएगा गुरु ग्रन्थ साहिब, गीता, कुरान, रामयण हो या बाइबिल सबसे पहले... Hindi · कविता 489 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read दिखावे का दौर दिखावे का दौर दिखावे का दौर प्रदर्शन अभिनय दिखावे का आया कैसा दौर जिसपे बसी सारी दुनिया बोलबाला चहुँ और भक्ति हो या शक्ति हो सब पर इसका राज सब... Hindi · कविता 2 667 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read !!!—क्यों छोड़ा था तूने अपना ये गाँव जरा लिखना–!!! !!!—क्यों छोड़ा था तूने अपना ये गाँव जरा लिखना–!!! शहर जाकर ऐ मेरे दोस्त अपना पता लिखना ! क्यों छोड़ा था तूने अपना ये गाँव जरा लिखना !! क्या अब... Hindi · कविता 509 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read मिटटी......... जीवन का सार है, उत्पत्ति का आधार है जल हो या वायु संपूर्ण जगत की प्राण है मिटटी !! अम्बर को शीश धारे, प्रकृति को सीने पे वारे रवि की... Hindi · कविता 337 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read आनदं की खोज मैं क्यों जूझ रहा इंसान आनदं की खोज मैं, गवाँ बैठा है होश दुनिया की चकाचौंध मैं, भटका है जो डगर विकत लहरो की मौज मैं, जैसे उठती हो मृगतृष्णा कस्तूरी... Hindi · कविता 397 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read याद याद मिटाओगे कहाँ तक मेरी यादें, हम हर मोड़ पर लफ्जों की वीरानी छोड़ जायेगें l कैसे बीतेगी तुम्हारी सुबह-शाम,हम चाँद की नमी और सूरज की तपन छोड़ जायेंगे ll... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 553 Share डी. के. निवातिया 27 Aug 2016 · 1 min read मुझे लाचार रहने दो मै सिस्टम लाचार मुझे लाचार रहने दो दुनिया कहे बीमार मुझे बीमार रहने दो !! मै सिस्टम लाचार मुझे लाचार रहने दो दुनिया कहे बीमार मुझे बीमार रहने दो !!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share डी. के. निवातिया 12 Aug 2016 · 2 min read माँ मेरा भी रंग दो बसंती चोला.................... देश प्रेम की धुन बजाता आज फिर निकला वीरो का डोला ! संग में उनके मैं भी जाऊं, माँ मेरा भी रंग दो बसंती चोला राजगुरु, सुखदेव, भगत सिंह दहाड़े... Hindi · गीत 1 1 694 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा………१ नशा………१ नशा दौलत का जब सर चढकर बोलता है हर एक शै: को कागजी टुकडो से तोलता है कर देता है कत्ल जहन से सब जज्बातो का इंसानियत को भी... Hindi · मुक्तक 2 513 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………२ नशा……………२ नशा शराब का हो तो दिमाग के पट खोलता है दिल मे दबे राजो को बडी आसानी से खोलता है जुटा नही सकता जो हिमम्त दो लफ़्ज कहने की... Hindi · मुक्तक 4 548 Share डी. के. निवातिया 6 Aug 2016 · 1 min read नशा……………३ नशा……………३ नशा इश्क का हो तो मुहबब्त से दामन जोडता है, जुबान बंद होती है मगर नजरो से बहुत कुछ बोलता है आबाद हुआ तो ठीक है, वरना इस बेरहम... Hindi · मुक्तक 492 Share Previous Page 7 Next