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बहुत ही उम्दा रचना एक सवाल पूछती हुई हर इंसान से कब वो अपने अंदर की बुराइयो को मारेगा……बहुत बढ़िया निवातिया जी……………….
Thank you very Much MANI Ji
बहुत ही उम्दा रचना एक सवाल पूछती हुई हर इंसान से कब वो अपने अंदर की बुराइयो को मारेगा……बहुत बढ़िया निवातिया जी……………….
Thank you very Much MANI Ji