Mamta Singh Devaa Tag: कविता 276 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read हिंदी दिवस … अपनी राष्ट्र भाषा का सम्मान किजिए .... अस्सी प्रतिशत भारतीय अपनी गरदन शर्म से झुका कर रहे है मरदन , "हिंदी दिवस" वो भी भारत में जीना पड़ रहा है... Hindi · कविता 1 4 319 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " लद्दाख (गलवान )शहादत " नमन है वीर जवान शहीदों को ??? पत्थर - लाठी -डंडों से रक्षा करेगें हम ऐसे ? हम गोली खाते सीने पर तो अफ़सोस ना होगा मरने पर , आदेश... Hindi · कविता 1 2 360 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " माखन - हांडी " गोपाला.... माखन - हांडी तुम्हारा पर्याय तुम्हारा योग , पर इस कलियुग में कोई भी इस हांडी को फोड़ नही लगाता तुम्हारा भोग , अब तो हांडी को फोड़ने पर... Hindi · कविता 1 2 262 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " अंडरस्टैंडिंग " जब बातें थी अनगिनत सुनाने को उस वक्त एकांत की कमी खली अब एकांत ही एकांत है तो बातें ढूंढ़े नही मिली , मिलती भी हैं तो वो बाते जो... Hindi · कविता 1 2 194 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read शिकवे गिले आओ.......... चाय की चुस्कियों के साथ ग़म ग़लत करते हैं जो गलत था उसे सही करते हैं , सुनो.......... वो विचार तब अलग थे सोच तब जुदा थी उम्र के... Hindi · कविता 2 366 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " पिता " पिता ...... जिसके दम पर हमने जी भर के मनमानी की बेहिसाब शैतानी की जिसने हमें सर पर चढ़ाया और हमने सर पर चढ़ कर ये दिखाया कि देखो हम... Hindi · कविता 2 393 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 2 min read इच्छा मैं फिर आना चाहूँगीं अम्माँ की डांट खाने बाबू का प्यार पाने , मैं फिर ………………… रसोई में अम्माँ का आँचल थामने उनके स्वाद को अपने हांथों में उतारने ,... Hindi · कविता 2 514 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read गोविंद क्या करूँ गोविंद.... तुम्हारे बाल रूप का आलिंगन या तुम्हारे माखन सने मुख का चुम्बन ? क्या करूँ गोविंद.... तुम्हारे संहार रूप का नमन या रास रूप का वरण ?... Hindi · कविता 2 410 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read अगर कृष्ण ना होते तो क्या होता ? अगर कृष्ण ना होते तो क्या होता ? अधर्म यूँ ही रहता पलता षड़यंत्रों का भेद ना खुलता सच लाक्षा गृह में जलता झूठ राजमहल में पलता अगर कृष्ण ना... Hindi · कविता 1 4 218 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read नमामी गंगे भागीरथी का अथक प्रयास पृथ्वी पर हो गंगा निवास , मोक्ष - दायिनी गंगा स्वच्छ - दायिनी गंगा , गौ मुख से निकलती ये उन्मुक्त भाव से बहती ये ,... Hindi · कविता 2 290 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 2 min read कौन कहता है अम्माँ बूढ़ी हो गई हैं ? कौन कहता है अम्माँ बूढ़ी हो गई हैं क्या अम्माँ कभी बूढ़ी हो सकती है ? आज अम्माँ कैसी हैं जैसी मेरे बचपन में थीं वैसी हैं , तन मन... Hindi · कविता 2 422 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read नटनागर हे नटनागर ! तूने फोड़ी सबकी गागर हमको थल में रख कर खुद रहते क्षीर सागर , इस थल में बड़ा कोप है चारो ओर अधर्म का प्रकोप है ,... Hindi · कविता 2 280 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read # लॉकडाउन 4.0 " दूरियाँ " इस ज़िंदगी की आदत सी पड़ती जा रही है ज़िंदगी तो अपनी रफ़्तार से चली जा रही है ! अपनों से दूरी का कोई एहसास नही है अपने पास हैं... Hindi · कविता 1 2 177 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read अपना बचपन मैं झुठलाना चाहती हूँ अपना बड़ा होना , फिर से पाना चाहती हूँ अपना बचपना , छोटी मैं गिनतियों में रही बड़ी मैं उम्मीदों मेंं रही , अल्हड़पन से अनजान... Hindi · कविता 2 468 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read कन्हैया कन्हैया .... क्या तुम फिर आना चाहोगे इन धुर्त , मक्कार और चालबाज़ों के बीच जो तुम्हारे नाम का धंधा करते हैं खुद ब्रांडेड कपड़े पहन धर्म को नंगा करते... Hindi · कविता 3 2 270 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 2 min read नोटबंदी अचानक से एक दिन शाम को पति का फ़ोन आता है न्यूज़ देखो .... मैंने पुछा .... कुछ ख़ास ? बोले .... मोदी जी न्यूज़ पर सनसनी फैला रहे हैं... Hindi · कविता 2 2 248 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read मर्यादा.... एक चिंतन मर्यादा वो लिबास है जो आचरण पर पहने तो खास है, मर्यादा वो पगड़ी हैं जो आपकी तनी गर्दन पर जकड़ी है, मर्यादा वो आन है जो आपके व्यक्तित्व की... Hindi · कविता 2 2 395 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 2 min read "मेरी अम्माँ दुनिया कि सबसे खुबसूरत नायिका" बहुत सयंमित दिनचर्या जीने वाली कुछ ज्यादा ही संयम से चलने वाली कभी खाली नहीं बैठे नहीं देखा निरंतर कर्म को मान्यता देते देखा मै कहती............... अम्माँ तुम रोज पूजा... Hindi · कविता 1 4 374 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read हर बार मैं ही क्यों ? क्यों बार - बार हर बार मैं ही दूँ अग्नि परीक्षा ? इसलिए की मैं प्रेम में पिघल जाती हूँ ? अपना सर्वस्व समर्पित कर तुमको रिश्तों की धारा में... Hindi · कविता 2 326 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read मर्यादापुरूषोत्तम अजब अवतार थे आप गजब अवतार थे आप सारे अवतारों में सर्वश्रेष्ठ अवतार थे आप , आपने खुद को मनुष्य जाना मर्यादा में रहने का प्रण ठाना , बड़ा अनोखा... Hindi · कविता 4 258 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " आई - अम्माँ , मॉम - मम्मा " दुनियाँ की सभी माओं को समर्पित ??? अम्माँ अम्माँ करते आधा युग बीत गया मम्मा मम्मा सुनते एक चौथाई बच्चों की हर आवाज़ पर माँ बोली मैं आई मैं आई...मैं... Hindi · कविता 2 407 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read सब बेमानी है तुम ऐसा करते तो क्या था तुम वैसा करते तो वाह था सब कह कर ही कराना था फिर तो विश्वास बहाना था , बिना कहे जो तुम समझते जब... Hindi · कविता 2 404 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 2 min read प्रकृति स्त्रीलिंग शब्द जहाँ जहाँ भी आया उसको नष्ट करने में ही सबने चैन पाया , प्रकृति - धरा तक को नही छोड़ा उसकी हर एक संपदा को तोड़ा , पता... Hindi · कविता 4 471 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " संतुलन " बड़ी मुश्किलें हैं जीवन में... ज़बान से शहद हटा के सच की मिर्ची में शब्द घोल कर बोलती हूँ फिर भी डाईबिटिज ले डोलती हूँ , तीखा - कड़वा सच... Hindi · कविता 4 483 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read खनन प्रभु..... आपने राम के रुप में नर का अवतार लिया ये अवतार था.... दशरथ की सोच का रघुवंश के मोक्ष का , मनुष्यों के तारण का रावण के संहारण का... Hindi · कविता 1 4 525 Share Mamta Singh Devaa 26 Jun 2020 · 1 min read " हिमालय से मेरे बाबू " हम बचपन में सब बाते अम्माँ से मनवाते अपनी दिल की सारी बातें उन्हीं से कह आते अम्माँ हमेशा हमें मजबूत खंबे सी लगतीं लेकिन अम्माँ के पीछे हम बाबू... Hindi · कविता 1 2 242 Share Previous Page 6