Arun Prasad Language: Hindi 498 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read ईश्वर गणित है ----------------------------------- ईश्वर गणित है गणित, प्रारंभ और अंत से पूर्व का. होना प्रारंभ नहीं है. नहीं होना अंत नहीं है. होना और नहीं होना गणित है. अत: होना और नहीं... Hindi · कविता 469 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read उसके घर में -------------------------------------------------- अब तो नहीं किन्तु,तब तो हिसाब होगा. उसके जहाँ में होंगे जब,तब जबाब होगा. पढ़ो मर्शिया या गीता हर गुनाह शक्ल लेगा. मेरी जिन्दगी का लोगो यही एक सबाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 159 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read मिलते हैं शब्द मुहब्बत को क्यों मिलते हैं शब्द मुहब्बत को ही? क्रोध की कविताएँ क्यों नहीं छलकती? घृणा से ओत-प्रोत जनसंख्या में मनुष्य. क्यों घृणा की हसरत कलम को नहीं चढ़ती? उसी दिल की... Hindi · कविता 201 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read गजल ------ साँझ का धुंधलका सब कुछ, साँझ का धुंधलका रे. ------ साँझ का धुंधलका सब कुछ, साँझ का धुंधलका रे. आज धुँध में लिपटा-लिपटा किसे पता है कल का रे. ना यह अपना,ना वह अपना;फागुन,वर्षा,जाड़ा,गर्मी. जो आया तन जला गया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 181 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read गजल----------- इश्क को चाहिए क्यों कुछ वक्त बयाँ होने तक. इश्क को चाहिए क्यों कुछ वक्त बयाँ होने तक. आह को जलना,जलाना है क्यों जुबाँ होने तक. तम का हर सैलाब है तेरा सूर्य हो जाने तक. रात ठहरी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 155 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 2 min read गाँव आज भी ---------------- सभ्यताओं का,अच्छी संस्कृति का प्रतीक है शहर. किन्तु रह गया है बनकर बाजार. दुकानदार पूछता है क्या खरीदोगे सर. गाँव में लोग पूछते थे कैसे हो भाई जी. गाँव... Hindi · कविता 161 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read गाँव सहमा हुआ आया है जीता ----------------------------------- गाँव सहमा हुआ आया है जीता। सारे घुटन और त्रास एकाकी पीता। गाँव शतरंज की बिसात सा बिछा है। कौन किसको खेलेगा बात-बात में छिपा है। शहरों में आकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 159 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 6 min read घोषणा, युद्ध की (महाभारत) ------------------------------------------------ रास रचानेवाला कान्हा क्यों हो गया कठोर | चुरा सका ना कौरव का चित्त कान्हा सा चितचोर| मुरली से कर देनेवाला विश्व को पूर्ण विभोर| पंचजन्य क्यों फूँक- फूँक... Hindi · कविता 1 510 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 3 min read चौराहा सा मन -------------------------------------------- चतुर्दिक चौराहा सा पसर गया है मन. कहीं क्षोभ,क्लेश,क्रोध कहीं तिक्त उत्पीडन. टूटे प्लास्टिक और चीगदी कागज,धातु के टुकड़े बीनती औरतें,बच्चे और विक्षिप्त? बुजुर्ग पुरुष पड़ोली के हाट से... Hindi · कविता 1 243 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read जग का पागलपन ----------------------------------------------------------- लोगो देखो जग का कोना पागल जैसा हँसना-रोना। विज्ञानों को चीर-फाड़ कर हथियारों का जंगल बोना। मानव लड़ते मानव ही से गिद्धों सा नोचे वे तन,मन। दौड़े आते रण... Hindi · कविता 1 1 494 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read तुम्हें देखकर ---------------------------------------------- रात पूरी ही गुजर गयी। बातें जो कहनी थी कहानी बन गयी। पुनर्जन्म होगा तो सुनाऊँगा। तुम्हारे गौरव का अहंकार कितना! क्रूर था बताऊंगा। मेरा गर्व जो खण्डित हुआ... Hindi · कविता 273 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read तुलसी चौरा_ ------------------------------ हुई सुबह तुलसी चौरे पर. तुलसी के कोमल फुनगी को रवि ने हल्के छुआ , हुआ मन चंचल, हुआ विहान. अनुभूति ईश्वर का उपजा अंतर्मन में, संस्कार पूजा का... Hindi · कविता 191 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read पिता के लिए ------------------------------------- पिता की छाया होती है। पिता का कंधा होता है। पिता का हौसला होता है। पिता की डांट होती है। पिता का क्रोध होता है। पिता की शिक्षा होती... Hindi · कविता 158 Share Arun Prasad 17 Oct 2021 · 1 min read पेंसिल --------------- कागज़ कोरा था,कुंआरा। श्वेत धवल। पेंसिल काला था,नुकीला और काला। उकेर गया कविता उसके अंग में। भर गया भाव,भंगिमा और जीवन उसके अंक में। व्यथाओं को जीवंत किया इतना... Hindi · कविता 162 Share Arun Prasad 16 Oct 2021 · 1 min read मेरे पास कविताएं हैं तुम्हारे लिए। ------------------------------------ मेरे पास कविताएं हैं तुम्हारे लिए। तुम्हारे पास क्या है मेरे लिए? तुम्हारी भूख ने मुझे बदल दिया है। मैं लड़ाका से योद्धा बन गया साम्राज्य के लिए। उन... Hindi · कविता 198 Share Arun Prasad 16 Oct 2021 · 1 min read मैं रूठी हूँ --------------------- मैं रूठी हूँ। मुझे मनाओ,प्रिय। मेरे ओठों को छूकर अपने अधरों से। स्पर्श के मिठास में ढूँढूंगी मैं अपना हास। मेरे आँखों में देखो प्रिय। उन परावर्तित रश्मियों में... Hindi · कविता 179 Share Arun Prasad 16 Oct 2021 · 2 min read मैं वक्त हूँ [(अरुणकुमार)] ------------------------ नहीं,मैं लौटता नहीं हूँ। मैं आता हूँ। मैं वक्त हूँ। अवसर हूँ मैं। अक्सर नहीं, आता ही हूँ मैं। किन्तु,चले जाने के लिए मैं अभिशप्त हूँ। मैं तुम्हारे... Hindi · कविता 1 241 Share Arun Prasad 16 Oct 2021 · 1 min read युद्ध का फलसफा ---------------------- रौशनी थी चमकती हुई। वह चाहता था और ज्यादा रौशनी। अंधेरा था डरा हुआ। वह चाहता था उसे और डराना। तृष्णा थी उसके पास। वह तृष्णा पैदा करना चाहता... Hindi · कविता 228 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read रातें दिन के दुश्मन नहीं xxxx ----------------------------------------- रातें दिन के दुश्मन नहीं। महत्ता बढ़ा देता है। उसके उजलेपन को पहचान देता है। आदमी संध्या तक शव हो जाता है। अपने अमृत शव पर, छुपकर रोने के... Hindi · कविता 511 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read रास्ते और मैं ---------------------- रास्ते उज्जवल थे। मैं भयभीत हो गया। गरीबी के कीचड़ पैरों में लिपटे थे। रास्ते कुचले हुए थे। दुष्कर्मों से। मैं चाहता था बनना मनुष्य। दुत्कार दिया इसलिए। रास्ते... Hindi · कविता 200 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read रुदन,जाते वर्ष का --------------------------------------------------------------------- आदमी कोसता रहा सारा वर्ष। वर्ष ने आदमी को कोसा है। प्रयोगों को थोप दिया हम पर आदमी ने मनहूस दिन थे सारे इस वर्ष के । इस वर्ष... Hindi · कविता 219 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read यूं ही नहीं ----------------------- दर्प कीड़ा था। कुतर गया। पत्तों से कोमल विचारों को। पशु नंगा था। दिखा गया ठेंगा। बरसती रातों को। आदमी अच्छा था। मर गया भूख से। तीर,तलवार फेंक कर।... Hindi · कविता 229 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read वही मिला है तुम्हें ---------------------------------------------------- जैसा काबिल बने तेरे हिस्से में वो मिला है तुम्हें। जो भय था तुम्हारे किस्से में वो मिला है तुम्हें। खुशियों के कुछ पल गये खिलखिला है तुम्हें। दु:खों... Hindi · कविता 226 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read ईश्वर रुको -------------------- ईश्वर रुको। अभी सम्पन्न नहीं हुई है उसकी पूजा। छोड़ गये तो डर है कोई आ जायगा शैतान दूजा। तुमने अभी वरदान नहीं दिये हैं। उसे राक्षस बनने दो।... Hindi · कविता 222 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 1 min read वे पति-पत्नी हैं ----------------------- वे पति-पत्नी हैं, वे फर्ज हैं। एक दूसरे का कभी न लिया हुआ सर्वोत्त्म कर्ज हैं। अभिलाषाओं,इच्छाओं के वरदान से होता है शुरू। खंडित होने के शाप से पराजित... Hindi · कविता 861 Share Arun Prasad 14 Oct 2021 · 2 min read शब्द ------------------------------------- चराचर जगत को पहचान व नाम देने के लिए तुम्हें है मेरा नमस्कार. शिव ने जब डमरू बजाया शास्त्र कहते हैं हमारे कि तब स्वर की हुई सृष्टि. शिव... Hindi · कविता 465 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read सुरा का सुर ---------------------------- पान करता सुर,सुरा था गान करता।( सुर=गायन के स्वर) इन्द्र के दरबार में सुर और सुरा । अप्सराएँ नृत्य करती देवता रसपान करते सोमरस जो देवता का,वह हमारा है... Hindi · कविता 422 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read सोचा न था ऐसे जुदा हो जायेंगे ----------------------------------------- हम जब मिले,सोचा न था ऐसे जुदा हो जायेंगे। प्रेम कायम ही रहेगा बस हम जुदा हो जायेंगे। तुम मुझे देखा करोगी जीवित लाश की मानिंद। व सुनोगी मेरे... Hindi · कविता 407 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read हँसो ---------------------------- हँसो। हँसोगी नारायणी? हँस सकोगी प्रियदर्शिनी? हँसती थी तुम बहुत। गलियों में भागती-दौड़ती। गुड्डों की माँ बनकर ब्याह के रस्म निभाती। तुम्हारी हँसी से उछलती थी गाछ-वृछों की टहनियाँ।... Hindi · कविता 477 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read रोटी के नाम पर -------------------------- हर शहर बदहवास है रोटी के नाम पर. हर गाँव भी हताश है रोटी के नाम पर. तदबीर ने न पूछो कितना बहाया पसीना. तकदीर पर उदास है रोटी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 5 min read क्रोध से भरा है हवा का जिस्म (१) --------------------------------------------------- उर्ध्व उठकर भी हीनता के बोध से दब गयी हवा अट्टालिकाओं के शीर्ष पर नृत्य करती हुई, करती हुई प्रहार चुड़ैल के क्रोध से भरी है. नीचे अट्टालिकाओं के... Hindi · कविता 274 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read छंद -देह ------------------ कविता की दो पांत अधर ये, दंत-पंक्ति ज्यों शब्द-सुधा से. आँखों की उठ,गिर रही बरौनियाँ अर्थ खोलती,अर्थ बताती. स्निग्ध कपोल ज्यों भोजपत्र है छूती सहम-सहम जब उनको अंगुली लिखती... Hindi · कविता 246 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read उसका गरूर ---------------------------------------- सफलताओं ने भरा आत्म-अहंकार जय-विजय ने छीनी विनम्रता हुआ आत्म-तोष का क्षरण क्षुधा-निवृत मन हो गया क्षुधातुर नसीब को उसके सब नत काल-खंड ने जैसे किया उसका वरण उसके... Hindi · कविता 126 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 2 min read “नारी तुम केवल श्रद्धा हो” ***************************** खोजा, तुम्हारे देह में सौन्दर्य ही जाता रहा है. नासिका में नाद ओठों पर मधुर मुस्कान कोमल. ग्रीवा में सुराहीदार गर्दन. कंठ में सातों सुरों की वेधशाला. कपोलों पर... Hindi · कविता 1 666 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 2 min read अतीत ************************* बीता हुआ कल जंग खाए पुराने बक्से से निकल खड़ा हो गया मेरे समक्ष. क्या करूं? किंकर्तव्यमूढ़ होता इसके पूर्व मैंने कर लिया तय. बक्से को रगड़ा,धोया और चढ़ा दिया... Hindi · कविता 612 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read सरवाईवल आँफ द फिटेस्ट ---------------------------------- बेवकूफ मत बनाओ मूर्खतापूर्ण विवेक है यह. तर्क से बांध लेना अतार्किक तन्त्र है यह. सत्य, असत्य का दूसरा पहलू नहीं ही है कदाचित्. चलकर कहाँ चला आया है... Hindi · कविता 127 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read नारायणी से पूर्व नारी ---------------------------------- चेहरे का नूर है स्वर्ण से साधित। चक्षु की चंचलता,विह्वल आह्लादित। नासिका नकबेसर से पूर्ण सुशोभित। तेरे मुखमंडल पर तुम ही हो मोहित। उभरे हुए गालों पर चुमबन हैं... Hindi · गीत 330 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 4 min read अनित्य का विश्व --------------------1----------------------------- अनित्य का विश्व, आत्मा से आच्छादित? चेतना शुन्य देह से चैतन्य देह आभासित? उस चेतना की आकांक्षाएं,और अदम्य इच्छाएँ? कृष्ण का अर्जुन से छल करती हुई भावनाएँ- "सब मृत... Hindi · कविता 133 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read हाइकू *********** स्वतंत्र राष्ट्र. *********** स्वतंत्र राष्ट्र. स्वाभिमान से सजा. हम भारत. उर्ध्व अम्बर त्रियामी तिरंगे में. अद्भुद,आर्य! सुराज-मुख. सौष्ठव, दीप्त देह. दृढ़ संकल्प. आतुर मन. पूर्ण व्यग्र नेतृत्व. विकास लक्ष्य. महान स्तोता. महान... Hindi · हाइकु 323 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read अब निर्माण करने दे ---------------------------------- मुहब्बते दौर मे ज़्ज़बाते दिल फितरत बनी मेरी। तुम्हारे नाम को रोया, भुलाया फ़र्ज भी मैने। सितम के और ज़फा का सिलसिला मैने बढ़ाया ख़ुद। रहा मसरूफ़ कत्लेआम में... Hindi · कविता 305 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read ज्योतिपात __________________________________ जले ज्योति,बढ़े ज्योति.अँधेरा बड़ा घना है. चोटियाँ उठें.उर्ध्वाकार बढ़ें.---विवेक में है गह्वर वृहत.. उज्ज्वल हो आत्मा.फैले ज्ञान.---गर्व हो गया है गौरव. ध्वनि हो भाषा.शब्द मधुर.---कोलाहल है प्रचंड. शान्ति हो... Hindi · कविता 237 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read गजल ---- हमारे हाथ में बस जिन्दगी का एक दिन है. ------------------ हमारे हाथ में बस जिन्दगी का एक दिन है. कहते लोग कैसे जिन्दगी यह चार दिन है. वो दिन जब कयामत हमसे होगा रूबरू जी. वही तो मौत का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read लेखनी का धर्म ------------------------------------------------- लेखनी हालात पर ही व्यंग्य करने को उठे. शख्सियत से लेखनी को वैर ना बांटें मनुज. तेरी कुत्सितता उझल आती है तेरे बोल में. स्वच्छ कर मन बोलने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share Arun Prasad 13 Oct 2021 · 1 min read जोश और जज़्बात जोश और जज़्बात नारों में बहुत तेरे है दोस्त। कुछ न बदले,नारों से ज्वाला निकलना चाहिए। राष्ट्रभक्ति की हमें भाषण सुनाये तुमने बहुत। अब तो तेरे कर्म से ऐसा ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 1 min read जय हो ---------------------------------- महमानव,तुम्हारी जय हो। तुम्हारी दैनंदिन दानवता ‘सुरसा’ के मुख की तरह कितना बढ़ेगा! महादानव तुम्हारा क्षय हो। महासागर,तुम्हारी जय हो। तुम्हारी प्रलयंकारी राष्ट्रीयता बाढ़ की भांति कितना बढ़ेगा! ‘धृतराष्ट्र’... Hindi · कविता 213 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 2 min read राजनीति: अनेक संदर्भ ---------------------------------------------------------- धार्मिक। हिम के शिखर से उतार कर। चट्टानों से चोट खिलाकर। औषधयुक्त पवित्र जल गंगा का सुदूर हरिद्वार से और काशी से स्वर्ण-कलश में,चढ़ाकर कंधे पर। मँगवा लिया देवघर,... Hindi · कविता 1 372 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 1 min read सृष्टि का सौंदर्य ----------------------------------------------- डरना कैसा प्रेम प्रणय से! झुठालन क्यों अन्तर की एक पूत भावना? मुंदना कैसा आँख विनय से! उलझना क्यों? जो प्रत्युत्तर,वही चाहना। चाह नहीं यह सुंदरता का,रूप-देह का, पूजा... Hindi · गीत 249 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 1 min read हमें प्रफुल्लित होने दो --------------------------------- इतिहास से बादल छंटने दो. पूर्वजों को पुनर्जीवित होने दो. संस्कृतियों से हर भ्रम सभ्य त्रुटियों को बेनकाब होने दो. पूर्वजों के होने से हमारा खंडहर ढहेगा. खंडहर यूँ... Hindi · कविता 144 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 1 min read बड़प्पन बड़प्पन (1) आओ देखें आज बड़प्पन। निर्णय करते? सौतेलापन। बेटे हो!कह-कह के उसपर। बोझ डालता रहा मान्यवर। मालिक,से बन पिता न पाया। बेटे का मन अति झल्लाया। मालिक और मजदूर... Hindi · कविता 215 Share Arun Prasad 9 Oct 2021 · 1 min read हाईकू =पिता === रक्त को श्वेद अर्थोपार्जन हेतु बनाये पिता। मन मृदुल । वचन से कठोर। शासक पिता। संस्कार देने बक –झक करेते। अच्छे हैं पिता। चाहे दरिद्र। वट वृक्ष बनने को... Hindi · हाइकु 329 Share Previous Page 6 Next