Sanjay ' शून्य' 283 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Sanjay ' शून्य' 5 Jun 2023 · 1 min read कृतघ्न सब कुछ लेना उसका हक है, कुछ देना उसकी जिम्मेदारी नहीं है। परिवार, समाज, देश न बताओ उसको, वह किसी की जागीरदारी नहीं है।। देन है वो ऊपरवाले की, वह... Hindi 2 233 Share Sanjay ' शून्य' 3 Jun 2023 · 1 min read सतत कर्म ( स्वभाव) बादल को समझा दे कोई, सागर में बरस के करेगा क्या। पैदाइश हो अग्निकुंड की, सूरज की तपिश से मरेगा क्या।। चंदा को समझा दे कोई, चंदन को शीतल करेगा... Hindi 427 Share Sanjay ' शून्य' 25 May 2023 · 1 min read संसद उद्घाटन बचाने को पारिवारिक तन । विपक्ष चाहता है परिवर्तन।। संपूर्ण विपक्ष हुए एक ओर। बोल रहे मिलकर सब चोर।। मोदी करें नव संसद उद्घाटन। नहीं चाहता चोरों का तनमन।। नेहरू... Hindi 1 275 Share Sanjay ' शून्य' 24 May 2023 · 1 min read आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े आप आजाद हैं? कहीं आप जानवर तो नहीं हो गए, थोड़े पालतू थोड़े जंगली। अंदर का भय आपको शिकारी तो नहीं बना दिया ? आपको बायोडायवर्सिटी पार्क की जरूरत है,... Quote Writer 1 328 Share Sanjay ' शून्य' 23 May 2023 · 1 min read हौसला हौसला ही तय करेगा, फासला प्रारंभ से। निष्ठ होना नित्य चलना, शून्य से आरंभ से।। कौन कहता है कि, छू नहीं सकते गगन। हो समर्पण लक्ष्य में, बाज जैसी हो... Hindi 1 226 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मां लहू उसका पी रहा था भ्रूण वो। उदर रुपी व्योम में, हो रहा था पूर्ण वो।। नौ महीने तक चला, त्याग का ये सिलसिला। रखके जीवन दांव पर, प्रेम रूपी... Poetry Writing Challenge 2 83 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भारतीयों का दर्द नहीं भीख ना दान चाहिए, कृपा नहीं सम्मान चाहिए। टुकड़ों में मत बांटो हमको, पूरा हिंदुस्तान चाहिए।। याद करो, जब आजादी कि कसमें हमने खाई थीं। दो - चार की... Poetry Writing Challenge 3 2 278 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बातें रोज ही होती थी बातें। गम- खुशी, बचपन की बातें।। दिन की बातें, दिल की बातें। गुजरे दिन, महफिल की बातें।। इनकी बातें, उनकी बातें। जाने किन किन की ये... Poetry Writing Challenge 1 186 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read समर्पण ईश्वर में हरि का होकर हार गए, तो हरि का कैसे? मांझी होकर नाव डुबाई, हो मांझी कैसे? सेवक हो सेवाकर लेते, तो सेवक कैसे? दाता बनकर भीख मांगते, तो दानी कैसे?... Poetry Writing Challenge 1 186 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भाव तिरंगा तन मन धन अर्पण की इच्छा, प्राण त्याग का भाव हो। केसरिया तब होगा मुखरित, जब बलिदानी भाव हो।। हो कृतज्ञता नैतिक बल हो, सत्य प्रेम का भाव हो। रंग... Poetry Writing Challenge 132 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read योगी नाथ है सनातन सत्य सत्ता के, प्रबलतम भाव है योगी। आस्था, प्रेम, करुणा के, सतत सद्भाव है योगी।। शिक्षित है वो दीक्षित है, महा रणवीर है योगी। महाराणा, शिवाजी के , सबल... Poetry Writing Challenge 1 108 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मित्रता दिव्य अलौकिक दृश्य भाव दे, वही चित्र है। प्रेम, प्रतिष्ठा, सरल भाव दे, वही मित्र है। संबंधों के बंधन के बिन बंधा रहे। बिना शर्त जो जीवन पथ पर सदा... Poetry Writing Challenge 1 176 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read नेता पढ़ाई पसंद न थी, लफंगई पसंद थी। वह घूमता फिरता था, नंगई पसंद थी।। यूं उम्र बढ़ते बढ़ते, आवारा हो गया। जब लोकतंत्र आया, सबका प्यारा हो गया।। अब भाई... Poetry Writing Challenge 1 63 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read दौड़ "पैर" मेरा कह रहा मैं थक गया हूं। नहीं चलता लो, अब रुक गया हूं।। मस्त मन फिर फेंकता है स्वप्न डोरे। तन बदन में मारने लगती हिलोरे।। दौड़ पड़ता... Poetry Writing Challenge 1 113 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read ये कहां डरते हैं हम तो घबराते नहीं, तुम डर दिखाते क्यूं भला। तुम जलाओगे उसे, जो अग्नि पथ पर हो चला।। क्यों दिखाते स्वप्न उसको, रंजनों के व्यंजनों की। भूख पर हो विजय... Poetry Writing Challenge 1 88 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read आइना रोज़ बनाओ पोज़ बनाओ, आईने से कन्फर्म करो। हद झूठे मक्कार हो गए, थोड़ा ही पर शर्म करो।। दारू पीओ धुवां उड़ाओ, पार्टियों में इंटर्न करो। मौत एक दिन आयेगी... Poetry Writing Challenge 83 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बैठक बैठक तो वो जो घर की बैठक में होती है। पारिवारिक परिचर्चा को सरल सजोती है।। मीटिंग में तो घोड़ों की बस रेस कराई जाती है। टारगेट के बहाने मानव... Poetry Writing Challenge 164 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read कायम है बाजार में जरूर रहते हैं साहब, मगर बाजारू नहीं है। बीमारियों का निदान ढूंढ रहे हैं, मगर बीमारू नहीं है।। है कायरों के बीच में अपना भी आशियां, मुझपर अभितक... Poetry Writing Challenge 1 198 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बांटो मत रोटी की चिंता नहीं, मिली भूख पर जीत। हुआ लक्ष्य आसान अब, हर पग पर है मीत।। सत्य सनातन की व्यथा, किससे पूछो जाय। पंच तत्व खुद में लड़े, शंभू... Poetry Writing Challenge 174 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read कठिन है कितना नादान हूं मैं, उनको जगाने चला हूं। जो धरती में समा बैठे, उन्हे उठाने चला हूं।। जम गया लहू जिनका, रुधिर नलिका में। बड़ा बेशर्म हूं मैं उनको, जोश... Poetry Writing Challenge 199 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read बहंको मत सम्हालों बहकते कदम को, न दम तोड़ दें वो। पहुंचने के मंजिल से पहले, न कसम तोड़ दें वो। गर कदम हैं तुम्हारे, तो रखिए रफ्तार खुद की । कहीं... Poetry Writing Challenge 83 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मोदी और भारत मोदी जी अगुआ बने, हुआ सनातन धन्य। हिंदूजन गदगद हुए, देख देश लावण्य।। धर्मस्थल जगमग हुए, बढ़े वहां संसाधन। नर नारी पुलकित हुए, तगड़ा बना प्रसाधन।। काशी में शिव खुश... Poetry Writing Challenge 75 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read अश्लील साहित्य हां मैं इक तरफ खड़ा हूं, दिल में कोई कश्मकश नहीं है। फैसला ये होशोहवास से है, ये बेगैरत या बेबस नही है।। कला के नामपर पैसों के खातिर, अश्लीलता... Poetry Writing Challenge · शेर 1 1 358 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भाव एकाकी यदि भाव तुम्हारा, जीवन में राम नाम की नाव हो। होगा पार जीवन समुद्र भी, चाहे अशांति हो या अभाव हो।। करते रहो तय दूरी प्रतिदिन, यदि तुमको वनवास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 192 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read स्वभाव अश्व न खाए मांस को, शेर न खाए घास। सबकी अपनी प्रकृति है, इसमें क्या उपहास।। कुछ ताड़ना से सुधरते, कुछ को चाहीए त्रास। कुछ लाठी के भूत है, कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 160 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read सावधानी हटी दुर्घटना घटी कहीं रावण, कहीं मारीच,सुपनखा न मिल जाए। कहीं बहरूपिया कोई, न तुमको ठग के ले जाए।। रखो तुम प्रश्न रूपी वाण, स्वयं चैतन्य तरकश में। लगे जब घाव तो मारीच,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 174 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम के आदी है हमसब, मां प्रेम से ही पहचानी गई। प्रेम के कारण ही सुदामा और मीरा जगजानी भई।। प्रेम के कारण ही खाए थे, राम ने शबरी के... Poetry Writing Challenge · कविता 169 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मतदान लो चल रहा है देश में नगर निकाय के चुनाव है। न पार्टियों की कमी यहां न नेता का अभाव है।। धरती है राम कृष्ण की शिव बुद्ध का प्रभाव... Poetry Writing Challenge · कविता 1 171 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read धोखा वीर कहां कब रोता है, सर्वदा मृत्यु संग सोता है। खुद खातिर नहीं चाहिए कुछ, वह राष्ट्र समर्पित होता है।। वह कठिन रास्ते चुनता है, तुम चुन लेते हो गद्दारों... Poetry Writing Challenge · कविता 136 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read धनमद अक्सर ऐसा हो जाता है, सहसा जब धन मिल जाता है। खुद को भगवान बताने को, वह सारे जुगत लगाता है।। फिर सत्य कहां करूणा कैसी, मानव गुण सब खा... Hindi · कविता 1 171 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read सहजता जीवन सहज सरल है, तुम बोझ न बढ़ाओ। बस राम नाम जपकर, आगे कदम बढ़ाओ।। बस राम नाम लेकर, हनुमत समुद्र लांघे। बिन राम नाम के तो, तुलसी थे बस... Hindi · कविता 1 209 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read सारा रा रा सात रंग हमने दिए विश्व हुआ सतरंगा। हरा रंग लेके भैया मुस्लिम हुआ पतिंगा....बोलो सारा रा रा सबके एक एक रूप है हमरा रूप अनूप। सफेद रंग को लेकर ईसाई... Hindi 1 400 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा कहीं रावण, कहीं मारीच,सुपनखा न मिल जाए। कहीं बहरूपिया कोई, न तुमको ठग के ले जाए।। रखो तुम प्रश्न रूपी वाण, स्वयं चैतन्य तरकश में। लगे जब घाव तो मारीच,... Poetry Writing Challenge 1 413 Share Previous Page 6