Sanjay ' शून्य' 351 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Sanjay ' शून्य' 18 Dec 2023 · 1 min read सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश् सब कुछ पा लेने की इच्छा ही तृष्णा है और कृपापात्र प्राणी ईश्वर के अस्तित्व को बल देते है। नर से नारायण की यात्रा केवल कर्मयोद्धा करते हैं और वही... Quote Writer 2 238 Share Sanjay ' शून्य' 18 Dec 2023 · 1 min read Ram Mandir 22/01/2024 तारीख राम भक्त सब जायेंगे, जगमग दीप जलाएंगे, रामभजन सब गायेंगे, पूरा देश राममय होगा, दीप प्रज्वलित घर घर होगा, राम विरोधी तिथि जान लें, पर उनको नहीं बुलाएंगे।... Hindi 1 189 Share Sanjay ' शून्य' 17 Dec 2023 · 1 min read धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर धन की खाई कमाई से भर जाएगी। वैचारिक कमी तो शिक्षा भी नहीं भर सकती, इसके लिए दीक्षा ही एक मात्र रामबाण उपाय है। ठहरे सोचें और पुनः कदम बढ़ाये... Quote Writer 2 169 Share Sanjay ' शून्य' 16 Dec 2023 · 1 min read आज का रावण गलतियों को गलतियों से जो सदा ढकते रहे। झूठ पर बस झूठ ही जो सदा बकते रहे।। पाप को निष्पाप साबित जो सदा करता रहे। होके मानव जो सदा दानव... Hindi 1 150 Share Sanjay ' शून्य' 14 Dec 2023 · 1 min read क्यों हिंदू राष्ट्र हमने मानव धर्म ही सीखा, तो उसने बोला पैंट निकालो। बोला कुरान हदीस सीख लो, जाकर के खतना करवा लो।। आगंतुक भगवान सा होता, परिजनों ने हमें सिखाया था। फ्रांसीसी... Hindi 1 289 Share Sanjay ' शून्य' 9 Dec 2023 · 1 min read पिता पौध को है सींचना, बस पेड़ बनने तक महज़ वो बने औरों की छाया, फल की इच्छा क्यूं करूं। वो भी तो है मेरे जैसा उसके होंगे अपने सपने, मैं... Hindi 1 212 Share Sanjay ' शून्य' 7 Dec 2023 · 1 min read भक्तिकाल भाषा की सेवा किए, तुलसी सूर कबीर। तीनों ने ही बदल दी, हिंदी की तस्वीर।। राम कृष्ण पर काव्य लिख खोली दूजी राह। मंदिर तोड़े न मरे, प्रभु राम बसे... Hindi 1 230 Share Sanjay ' शून्य' 6 Dec 2023 · 1 min read संस्कार जिसने खुद ढोया चिता तक लाश अपने बाप की। आप बतलाइए, उसको क्या है जरूरत आप की।। आप आगे हो खड़े तो, हो बड़े ये मानते हो। हो सृजन कैसे... Hindi 1 215 Share Sanjay ' शून्य' 5 Dec 2023 · 1 min read कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि। कदम रोक लो, लड़खड़ाने लगे यदि। जुबां रोक लो, बड़बड़ाने लगे यदि।। हैं आएंगी कमियां बहुत इस सफर में। जलन रोक लो, घर जलाने लगे यदि।। जय हिंद Quote Writer 1 266 Share Sanjay ' शून्य' 4 Dec 2023 · 1 min read सच क्या गलत है क्या सही, सब आप जानते हो। लालच के खातिर क्यूं , गधे को बाप मानते हो।। जिस सुख के लिए यारों तुम सच से भागते हो। बस... Hindi 2 1 216 Share Sanjay ' शून्य' 2 Dec 2023 · 1 min read बड़े दिलवाले महफिल नई नई सही, पर किरदार पुराना। दिल जीतना है सबका, और दर्द छिपाना।। है आसान बहुत जुड़ना, लोगों को तोड़ना। मुश्किल यहां पर यारों, है संबंध जोड़ना।। सोचो नही... Hindi 1 1 218 Share Sanjay ' शून्य' 26 Nov 2023 · 1 min read जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प् जिस भी समाज में भीष्म को निशस्त्र करने के लिए शकुनियों का प्रयोग होता हो, वह समाज कायर है। वहां अर्जुन बचाना था जो धर्म योद्धा था, तुम बेशर्म को... Quote Writer 1 1 166 Share Sanjay ' शून्य' 26 Nov 2023 · 1 min read जिस्मानी इश्क इश्क मुहब्बत प्यार करो, हसी ठिठोली यार करो। रखिए अंकुश स्पंदन पर, यूं जीवन न बेकार करो।। नदियां समुद्र जीवन सब, सीमाओं में अच्छे लगते है। नाले तालाब है उफान... Hindi 1 1 151 Share Sanjay ' शून्य' 24 Nov 2023 · 1 min read जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और जीवनकर्म निश्चित हो जाता है। फिर आप अथक पथिक तक चलते रहे मृत्युतक। सोचिए दधीच,... Quote Writer 2 1 281 Share Sanjay ' शून्य' 22 Nov 2023 · 1 min read नेता पक रहा है सोनिया के लिए है लाल बराबर कांग्रेस के लिए सुरताल बराबर ममता लिए है मुड़ी झाल बराबर अखिलेश के लिए जैकाल बराबर लालू के लिए घोड़ा नाल बराबर कजरी के... Hindi 2 201 Share Sanjay ' शून्य' 22 Nov 2023 · 1 min read चौथापन एक हुआ और दौर खत्म, चलो हिसाब करें। ये था तीसरा तो क्या, चौथे का आगाज करें।। एक दौर सहारे का था, एक में सहारा हम थे। एक दौर प्यार... Hindi 1 266 Share Sanjay ' शून्य' 20 Nov 2023 · 1 min read क्रिकेटी हार मैं कैसे कह दूं दोस्त की मैं हार में खुश हूं। पर वो खेल का मैदान था, चौसर तो नही था।। दो वीर यदि लड़ेंगे तो हारेगा एक कोई। शकुनी... Hindi 1 1 254 Share Sanjay ' शून्य' 19 Nov 2023 · 1 min read नेतृत्व भूख अगर परमार्थ की है, तो अर्थ समझ में आता है। यहां तो कुछ पद तृष्णा में, कुछ को पैसों से नाता है।। चाटुकार क्या कर पाएंगे, राष्ट्र समर्पित यज्ञ... Hindi 2 170 Share Sanjay ' शून्य' 17 Nov 2023 · 1 min read नारी सम्मान मां सबको हनुमत कहे, देवी कहते राम। संबंधों से इतर था, नारी का एक मुकाम।। कलयुग युग है अर्थ का, जन जन बसता काम। मोक्ष की है चिंता किसे, अब... Hindi 2 1 319 Share Sanjay ' शून्य' 14 Nov 2023 · 1 min read राम राम विमुख जीवन यदि है, तो जीवन कैसा। इसमें कहां प्रश्न है ? वो होगा रावण जैसा।। जीवन प्रवाह है राम, है सबको आशा देते। सबरी सुग्रीव विभीषण के जो... Hindi 2 156 Share Sanjay ' शून्य' 10 Nov 2023 · 1 min read समर्पण है समर्पित भाव तो क्या, कर दूं समर्पण पाप को। सर झुकाकर ग्रहण कर लूं, दुष्ट के हर संताप को।। मर भी जाऊं गर अकेला, इन पापियों के झुंड में।... Hindi 2 247 Share Sanjay ' शून्य' 9 Nov 2023 · 1 min read मायापति की माया! चोरों ने रखा हुआ, चोर को चौकीदार। पाखंडी धनपशु हुए, धर्म के पहरेदार।। शेर हुए नेता सभी, बन गया सब जंगल राज। खुद में खुद को ढूंढता, ये मानव राज... Hindi 2 1 244 Share Sanjay ' शून्य' 5 Nov 2023 · 1 min read अनुभव कैसे कैसे लोग जहां में यहां वहां मिलते हैं। जैसे जैसे जीवन यात्रा हमसब तय करते हैं।। कुछ हंसकर के, तो कुछ रो रोकर मिलते है। मिलकर कुछ से हम... Hindi 2 265 Share Sanjay ' शून्य' 3 Nov 2023 · 1 min read आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी बेल बृक्ष पर लिपटता है, तो देखने में तो हराभरा लगता है पर बेल फलना, फूलना भूल जाता... Quote Writer 2 216 Share Sanjay ' शून्य' 3 Nov 2023 · 1 min read स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं तो समझें आप केवल पात्र है असली नाटककार जिन्दगी हैं। भ्रमित होने से अच्छा श्रमिक होना है।... Quote Writer 1 248 Share Sanjay ' शून्य' 26 Oct 2023 · 1 min read मासूमियत की हत्या से आहत हम हमास से आहत है, पर इजराइल से राहत है। केवल मुस्लिम है खतरा,आपका इसपर क्या मत है।। मूल्ला मौलवी जहर परोसे, मस्जिद और मदर्शो से। घर घर में हथियार... Hindi 1 243 Share Sanjay ' शून्य' 22 Oct 2023 · 1 min read विजेता कोई यदि चाल चलता है, तो चलने दो। जीत पर हाथ मलता है, तो मलने दो।। तुम अपनी चाल की रफ्तार, न धीमी करना। किसी की जान निकलती है, तो... Hindi 2 1 143 Share Sanjay ' शून्य' 20 Oct 2023 · 1 min read गिरता है धीरे धीरे इंसान मूल्य अच्छा मिल गया तो मूल्य बेच दी। लाज न आ जाए कहीं तो लाज बेच दी।। कुछ हो गई थी आदत यूं बेचने का दोस्त। अम्मा का आंचल बेचा... Hindi 1 2 164 Share Sanjay ' शून्य' 18 Oct 2023 · 1 min read ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां और चुनौतियां भिन्न हैं। विकट और चुनौतीपूर्ण जीवन ही अलभ्य को लभ्य बनाती हैं। नर से नारायण की... Quote Writer 1 1 211 Share Sanjay ' शून्य' 17 Oct 2023 · 1 min read आतंक और भारत पहाड़ सा संकल्प है, क्या कोई विकल्प है। जागकर जगाना भी, अपना यही प्रकल्प है।। है घूम रहे आसपास, हिजबुल्ला और हमास। यदि नहीं जगे अभी, तो कौन रोकेगा विनाश।।... Hindi 1 1 158 Share Sanjay ' शून्य' 15 Oct 2023 · 1 min read अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज (विभीषण) भी राम (मर्यादा) के मित्र हो सकते हैं। अतः व्यभिचारी और स्वार्थी की मध्यस्थता से भी बचें। जय मां... Quote Writer 1 402 Share Sanjay ' शून्य' 12 Oct 2023 · 1 min read टूटते रिश्ते, बनता हुआ लोकतंत्र वाह री लोकतंत्र तेरा सर्व समाज का बाजारीकरण असरदार रहा। जातियों के ठेकेदारों को नेता और उनके भवन को दरबार कहा।। नेता जी भगवान बनते गए, सब समाजिक रिश्ता तार... Hindi 2 70 Share Sanjay ' शून्य' 10 Oct 2023 · 1 min read संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृजन नहीं किया तो कोई भी विकास अर्जन हो सकता है और जल्द ही उसका विसर्जन हो जायेगा। सांस्कृतिक... Quote Writer 1 353 Share Sanjay ' शून्य' 7 Oct 2023 · 1 min read संतोष धन बहुत लूटा लुटेरों ने, ये दौलत कम नहीं होती। हजारों ज़ख्म खाकर भी, ये आंखे नम नहीं होती।। है ये संतोष की दौलत, जो कि प्रभु प्रेम से पाया। हूं... Hindi · Narendra 1 334 Share Sanjay ' शून्य' 6 Oct 2023 · 1 min read प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्कर्म से जन्मता है। फिर कहीं रहे प्रेम कम नहीं होगा, और वियोग में तो और बढ़ेगा। जै... Quote Writer 1 275 Share Sanjay ' शून्य' 5 Oct 2023 · 1 min read दृढ़ छला जाना तो प्रारब्ध में था, मेरे कर्मों ने कभी मुझको हारने न दिया। व्याध बैठे है यहां घर घर में, एक निरीह को भी मैंने मारने न दिया।। जय... Hindi 1 161 Share Sanjay ' शून्य' 4 Oct 2023 · 1 min read जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भी हैं दुर्भाग्य ही है और आपने पतन का सामान इकट्ठा कर लिया है। Quote Writer 1 1 220 Share Sanjay ' शून्य' 4 Oct 2023 · 1 min read सिद्दत्त मेरी ख्वाइशों में शामिल थी तेरी खुशियां, तुम्हें छुपाने या चुराने की जरूरत ही नहीं। मुझे बदनाम करने से अगर खुश रहते हो, तुमसे नाउम्मीद होने की मेरी फितरत ही... Hindi 1 92 Share Sanjay ' शून्य' 1 Oct 2023 · 1 min read हो नजरों में हया नहीं, हो नजरों में हया नहीं, जिसकी आंखों का पानी सूखा हो। मृग तृष्णा जिसके कंठ बसा, झूठे सम्मान का भूखा हो।। हर पल झूठ परोसे जो, झूठे आश्वासन देता हो।... Quote Writer 1 477 Share Sanjay ' शून्य' 29 Sep 2023 · 1 min read बांटो, बने रहो BPL से APL तो हो रहे है लोग। जातियों में मगर सो रहे है लोग।। क्या भारत में वो दिन भी आएगा। SC ST OBC खुद को सवर्ण बताएगा।। जिस... Hindi 1 74 Share Sanjay ' शून्य' 28 Sep 2023 · 1 min read स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए। स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए। बीपी शुगर जैसी बीमारियां कम कीजिए।। Quote Writer 2 1 260 Share Sanjay ' शून्य' 28 Sep 2023 · 1 min read खाने पुराने कभी रामरस कभी पसावन भात हुआ करता था। लिट्टी चोखा दाल तो यारों भोज हुआ करता था। औरा इमली आम की चटनी सतुआ के संग भाता था। चना चबैना, भूजा... Hindi 2 1 181 Share Sanjay ' शून्य' 27 Sep 2023 · 1 min read प्रबुद्ध कौन? सोचो जी! लिखना, पढ़ना, ज्ञान की बातें, करने से क्या होता है। दर्द बूट का फौजी जानें, पहन सहन जो सोता है।। पढ लिखकर दे कठिन परीक्षा, जो युवा राष्ट्र... Hindi 2 1 221 Share Sanjay ' शून्य' 26 Sep 2023 · 1 min read चाहत/ प्रेम चाहत नहीं है, तो है राहत बहुत । यहां प्रेम कम, है अदावत बहुत ।। लुटाते रहो प्रेम, सब पर हमेशा। घृणा घोलने की, है आदत बहुत।। रहे घूम घर... Hindi 3 1 127 Share Sanjay ' शून्य' 24 Sep 2023 · 1 min read गलतफहमी हैं खड़े जो रेत की बुनियाद पर, भार अपना खुद बढ़ाए जारहे हैं। दे न पाए रोटी मां को दो वक्त की, खामखां कुनबा बढ़ाए जारहे हैं।। खुद डूबने से... Hindi 2 1 131 Share Sanjay ' शून्य' 22 Sep 2023 · 1 min read प्रारब्ध भोगना है, प्रारब्ध भोगना है, भविष्य बनाना है। सोने की तरह खुद का, वर्तमान तपाना है।। Quote Writer 2 282 Share Sanjay ' शून्य' 21 Sep 2023 · 1 min read बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित होता देख, एक कर्मयोद्धा एक नए समुदाय को सहर्ष स्वीकार करे। अतः मां बाप की खुश और जीवंतता को... Quote Writer 1 1 282 Share Sanjay ' शून्य' 19 Sep 2023 · 1 min read हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित करता है, यदि आप मन के संचालक हैं तो आप अंदर देख रहे हैं और यदि मन... Quote Writer 2 409 Share Sanjay ' शून्य' 18 Sep 2023 · 1 min read सृजन स्वयं हो विशेष की तलाश में, क्यों शेष हो रहे हो। तुम सृजन के अधिनायक, अवशेष हो रहे हो।। हर व्यक्ति है भटकता, यदि रास्ते कई हों। छोड़ो बढ़ो तुम आगे, तुम... Hindi 4 3 225 Share Sanjay ' शून्य' 18 Sep 2023 · 1 min read मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा है। अतः बिरह में प्रेम का रंग और गाढ़ा होता है, तभी तो गोपियों से निराश हुए उद्धव जी।... Quote Writer 1 434 Share Previous Page 4 Next