Tag: V9द चौहान
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घूँघट की आड़
VINOD CHAUHAN
इन जुल्फों के साये में रहने दो
VINOD CHAUHAN
हे मंगलमूर्ति गणेश पधारो
VINOD CHAUHAN
वो नयनों के दीपक
VINOD CHAUHAN
हाथों में उसके कंगन
VINOD CHAUHAN
अंदाज मस्ताना
VINOD CHAUHAN
बेताब दिल की तमन्ना
VINOD CHAUHAN
महकती फिज़ाएँ लौट आई
VINOD CHAUHAN
दो किनारे हैं दरिया के
VINOD CHAUHAN
तूँ मुझमें समाया है
VINOD CHAUHAN
तक़दीर की उड़ान
VINOD CHAUHAN
मुकद्दर तेरा मेरा
VINOD CHAUHAN
मुरली मनेहर कान्हा प्यारे
VINOD CHAUHAN
यशोदा का नंदलाल बांसूरी वाला
VINOD CHAUHAN
मेरे देश का तिरंगा
VINOD CHAUHAN
मैं आजाद भारत बोल रहा हूँ
VINOD CHAUHAN
काँटों का दामन हँस के पकड़ लो
VINOD CHAUHAN
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
तोड़ डालो ये परम्परा
VINOD CHAUHAN
मेरे करीब़ हो तुम
VINOD CHAUHAN
गुजरे लम्हे सुनो बहुत सुहाने थे
VINOD CHAUHAN
तन्हाँ महफिल को सजाऊँ कैसे
VINOD CHAUHAN
भीगे अरमाँ भीगी पलकें
VINOD CHAUHAN
ख़्वाहिश है तेरी
VINOD CHAUHAN
गजल क्या लिखूँ कोई तराना नहीं है
VINOD CHAUHAN
डूबता सूरज हूंँ या टूटा हुआ ख्वाब हूंँ मैं
VINOD CHAUHAN
मत पूछो कोई वो क्या थे
VINOD CHAUHAN
हर घड़ी यूँ सांस कम हो रही हैं
VINOD CHAUHAN
कन्यादान लिखना भी कहानी हो गई
VINOD CHAUHAN
ये कैसा धर्मयुद्ध है केशव (युधिष्ठर संताप )
VINOD CHAUHAN
मैं आखिरी सफर पे हूँ
VINOD CHAUHAN
दीवार में दरार
VINOD CHAUHAN
रामलीला
VINOD CHAUHAN
गुुल हो गुलशन हो
VINOD CHAUHAN
जाने वाले बस कदमों के निशाँ छोड़ जाते हैं
VINOD CHAUHAN
हमने किस्मत से आँखें लड़ाई मगर
VINOD CHAUHAN
क्या करें हम भुला नहीं पाते तुम्हे
VINOD CHAUHAN
हवा के झोंको में जुल्फें बिखर जाती हैं
VINOD CHAUHAN
पाकीज़ा इश्क़
VINOD CHAUHAN
दिल पूछता है हर तरफ ये खामोशी क्यों है
VINOD CHAUHAN
तूँ ही गजल तूँ ही नज़्म तूँ ही तराना है मेरा
VINOD CHAUHAN
बख्स मुझको रहमत वो अंदाज़ मिल जाए
VINOD CHAUHAN
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
चलो जहाँ की रूसवाईयों से दूर चलें
VINOD CHAUHAN
मेरी खुशी तुमसे है
VINOD CHAUHAN
रूसवा है मुझसे जिंदगी
VINOD CHAUHAN
बे-इंतिहा मोहब्बत करते हैं तुमसे
VINOD CHAUHAN
आईना झूठ लगे
VINOD CHAUHAN