Saraswati Bajpai Language: Hindi 209 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Saraswati Bajpai 4 Apr 2022 · 1 min read ईश प्रार्थना जीवन की इस यात्रा में प्रभु प्रीत भरा मधुमास साथ हो । पूरित आशाओं के संग प्रभु जीवन का अब हर प्रभात हो । जीवन की यात्रा में प्रभुवर कितनी... Hindi · कविता 1 1k Share Saraswati Bajpai 2 Apr 2022 · 1 min read कल जब हम तुमसे मिलेंगे कल जब हम तुमसे मिलेंगे, रिक्तता जो है घिरी सब साथ लेकर आयेंगे । प्रीत भरकर रिक्तता में साथ लेकर जायेंगे । कल जब ...... ऐसा लगता दूर तुमसे होके... Hindi · कविता 1 461 Share Saraswati Bajpai 1 Apr 2022 · 1 min read यदि मेरी पीड़ा पढ़ पाती यदि मेरी पीड़ा पढ़ पाती तो निश्चय ये हाल न होता । मन जितना बेहाल अभी है उतना तो बेहाल न होता । तुमने अब तक मौन पढ़े सब झ्न... Hindi · कविता 283 Share Saraswati Bajpai 31 Mar 2022 · 1 min read तुम धूप छांव मेरे हिस्से की मेरे हिस्से की धूप तुम्हीं मेरे हिस्से की छांव भी । किन्तु मेरे इस हिस्से पर क्यों जग खेले दांव ही ? कब से तेरी राह तकी है तब जा... Hindi · गीत 396 Share Saraswati Bajpai 30 Mar 2022 · 1 min read जाने कैसी कैद जाने कैसी कैद में हूं ? कुसमय की पैठ में हूं । ज़द में मेरी अब नहीं कुछ फासलों की बैठ में हूं । जो वायु प्राणदायिनी मुझको छू न... Hindi · कविता 1 271 Share Saraswati Bajpai 29 Mar 2022 · 1 min read आज कुछ ऐसा लिखो आज कुछ ऐसा लिखो कल्पना को धार दे लेखनी को भी लगे सार्थक हो पाई मैं । गीत में जो विषय हो हर हृदय की पीर हो । शब्द सब... Hindi · कविता 1 2 324 Share Saraswati Bajpai 28 Mar 2022 · 1 min read खोलो मन की सारी गांठे खोलो मन की सारी गांठे सब मिथ्या अभिमान तजो । जब अपने ही न समझे औरों पर क्या ध्यान धरो । नहीं बदल सकते तुम सबको इसीलिए खुद को बदलो... Hindi · कविता 2 715 Share Saraswati Bajpai 27 Mar 2022 · 1 min read आज तिलिस्म टूट गया.... मानो एक समय से थी मैं एक तिलिस्म के घेरे में । जहां सारी दुनिया मेरी थी आंखों में स्वप्न घनेरे थे । पूरा सा था मेरा जीवन रिश्तों में... Hindi · कविता 416 Share Saraswati Bajpai 26 Mar 2022 · 1 min read क्या अटल था? ये अटल या वो अटल था जिसका टलना मेरा कल था । यदि अटल था वो मिलन पुण्यों का संचित जो फल था, तपती मरू की रेत पर गिरता झरने... Hindi · कविता 1 2 452 Share Saraswati Bajpai 25 Mar 2022 · 1 min read हे विधाता शरण तेरी लो विधाता खोल दी मुट्ठी अब तेरे सामने । आ गए हैं पांव थककर शरण तेरी थामने । हाथ में अब कुछ न मेरे और शायद भाग्य में भी ।... Hindi · कविता 1 390 Share Saraswati Bajpai 24 Mar 2022 · 1 min read मुस्कुराहटों के मूल्य मुस्कुराए तो मूल्य चुकाने पड़ेंगे । जिए तो फिर दर्द संभालने पड़ेंगे । बाते सभी ये हमने सुनी थी । पर मन ने इतने न गहरे गहीं थी । जो... Hindi · कविता 2 2 390 Share Saraswati Bajpai 23 Mar 2022 · 1 min read मनस धरातल सरक गया है। अतल वितल को सुतल बनाते मनस धरातल सरक गया है । झूल रहा मन दसों दिशायें बिना सतह के भटक गया है। इस विचलन व स्पन्दन से मन में कितना... Hindi · कविता 279 Share Saraswati Bajpai 21 Mar 2022 · 1 min read कविता मेरा संसार है कविता मेरे हृदय की आवाज है अप्रकट भावों का प्रकट संसार है। मां की सी ममता व दुलार है पिता की सीख का आधार है। इसके साथ मैं रोती भी... Hindi · कविता 2 4 196 Share Saraswati Bajpai 20 Mar 2022 · 1 min read जीने की वजह तो दे ज़िन्दगी कुछ तो वजह छोड़ मेरे जीने की ये डोर मेरी चारों ओर से क्यों काट रही ? बड़ी जुगत से सजाया जो बाग खुशियों का क्यों इसके तरु पल्लव... Hindi · कविता 1 2 345 Share Saraswati Bajpai 19 Mar 2022 · 1 min read मैं मैं नहीं बेहतरीन बात ये मुझको पता है किन्तु मैं जैसी भी हूं सामने हूं मैं सदा । एक ही व्यक्तित्व मेरा बहुमुखी मैं हूं नहीं । मन, वचन, कर्म... Hindi · कविता 426 Share Saraswati Bajpai 19 Mar 2022 · 1 min read कन्दर्प की भेंट आज फिर कन्दर्प ने अपने अनङ्ग रूप का धरा पर विस्तार किया। सन्धि कर ऋतुराज से स्वर्ग का सौन्दर्य सब भूमि पर उतार दिया । आज सब वातावरण सोम रस... Hindi · कविता 200 Share Saraswati Bajpai 17 Mar 2022 · 1 min read होलिका की अग्नि में रोग, शोक, तमस वृत्ति सबका कर आह्वाहन मिलकर सब दह डालो होलिका की अग्नि में। कुवृत्तियों की होलिका के गोद जो प्रहलाद मन आनन्द से सराबोर हो सुवृत्तियों की सृष्टि... Hindi · कविता 1 245 Share Saraswati Bajpai 15 Mar 2022 · 1 min read निज कर्मों से सौभाग्य गढें खुद के भीतर मत सिमटो तुम मन को दो विस्तृत सीमाएँ । चिन्तन को आकाश दो ऊँचा जहां क्षुद्रता न टकराए । भावों का जो उदधि मचलता उस पर बांधो... Hindi · कविता 1 216 Share Saraswati Bajpai 14 Mar 2022 · 1 min read क्या ये एक प्रवास था ? आज फिर से लौट आये हम जहां से थे चले । क्या ये एक प्रवास था भाग्य से था जो मिला ? लग रहा मुझको कुछ ऐसा स्वप्न सा टूटा... Hindi · कविता 416 Share Saraswati Bajpai 14 Mar 2022 · 1 min read हूक निरंतर दुष्चिंताओं मे घिरे हुए मस्तिष्क में, दुष्चक्र तुम्हें छीन न ले, ये बात कौंध जाती है। जड़वत हो जाता सब सिहरन सी छा जाती है। इक हूक सी उठती... Hindi · कविता 456 Share Saraswati Bajpai 12 Mar 2022 · 1 min read कुछ नया इतिहास लिख दो मनाओ जश्न जीत का किन्तु याद रखना । शीर्ष पर ठहरने का संयम जरूरी गहना । उत्कर्ष है उत्सव भी है कर जाने का कुछ जोश है । पर संतुलन... Hindi · कविता 2 245 Share Saraswati Bajpai 11 Mar 2022 · 1 min read आलम्ब सबको चाहिए बात बस कुछ ही दिनों की निष्प्राण से एक शुष्क तरु पर कोई कोयल कूजी थी । सुनकर उसकी कूज कोमल शेष था कुछ तरू में जो जल फिर पुनः... Hindi · कविता 330 Share Saraswati Bajpai 10 Mar 2022 · 1 min read मन मुझको अवमुक्त करो अब मन मुझको अवमुक्त करो अब जाना है पीड़ा के पार । कुछ तो ऐसी जुगत लगाओ खोल सकें खुशियां फिर द्वार । मेरे भीतर पलती पीड़ा स्वजनों के सुख सोख... Hindi · कविता 325 Share Saraswati Bajpai 9 Mar 2022 · 1 min read घट जाने पर क्यों भारी है ? पता नहीं क्या घट गया भीतर कुछ खाली खालीपन सा है । सिमट गई शब्दों की दुनियां मन में कुछ भारीपन सा है। समझ न आता मन का कौतुक घट... Hindi · कविता 240 Share Saraswati Bajpai 8 Mar 2022 · 1 min read मैं नारी सृष्टि का श्रृंगार हूं तन सुकोमल पुष्ट भाव सृष्टि का श्रृंगार हूं । छाया आदिशक्ति की विश्व का विस्तार हूं । जन्मती हूं जब धरा पर मृदुल सी मुस्कान से सब कुटुम्बी जन उरों... Hindi · कविता 1 4 604 Share Saraswati Bajpai 7 Mar 2022 · 1 min read एक नया प्रस्थान होगा इस तिमिर के पार फिर एक नया प्रस्थान होगा। कूच होगी निशा गहरी फिर नया विहान होगा। वितान में मन के पुनः दीप्त रवि प्रकाश होगा। संयमन निश्वास का कर... Hindi · कविता 1 238 Share Saraswati Bajpai 6 Mar 2022 · 1 min read विधना की तुम पर दृष्टि है कितनी ही चाल चले ये वक्त , आज भले ही मात दे । किन्तु सभी चालों पर उसकी, निश्चित अपनी है शै होगी। कभी अधूरे न रह जाओ इसीलिए ये... Hindi · कविता 3 437 Share Saraswati Bajpai 5 Mar 2022 · 1 min read सामञ्जस्य दायित्वों की जमीन पर जाने कितनी चाहतें, अनसुलझे स्वप्न और अहसास दफन करने पड़ते हैं । इन्हीं की नींव पर हमारा व्यक्तित्व स्थिर होता है। हमारी आत्मा को ओढ़ना पड़ता... Hindi · कविता 2 1 228 Share Saraswati Bajpai 5 Mar 2022 · 1 min read बिखरते अहसास जाने कितनी तारीखों से गुजरे तब अहसास बने । तिनके तिनके हुए जमा तब छत के आसार बने । मद्धिम सी वर्षों की लौ पर सारे अहसास पकाये थे ।... Hindi · कविता 3 2 355 Share Saraswati Bajpai 4 Mar 2022 · 1 min read मां की पाती काश तुम्हें मैं समझा पाती मां तो बस मां ही होती है । तेरे संग ही वो हंसती है तेरे संग ही वो रोती है । कभी सखी बन, बन... Hindi · कविता 2 2 266 Share Saraswati Bajpai 3 Mar 2022 · 1 min read रिश्तों के ताने बाने न जाने इस मन में कितने अनसुलझे ताने बाने है। गांठ लगी जो रिश्तों में वो सभी सिरे सुलझाने है। स्नेह तन्तु जो फिर जोड़े वो युक्ति अभी न पायी... Hindi · कविता 1 204 Share Saraswati Bajpai 3 Mar 2022 · 2 min read क्या युद्ध इस सदी में विकास साक्ष्य है? इक्कीसवीं सदी में हम सब जी रहे साक्ष्य हम वैश्विक प्रगति के बन रहे । किन्तु ये क्या प्रगति जो ? बस संसाधनों तक व्याप्त है । मानसिक प्रगति के... Hindi · कविता 1 520 Share Saraswati Bajpai 2 Mar 2022 · 1 min read कुछ स्मृति विस्मृति के पार कुछ स्मृति विस्मृति के पार मन जोहे है उनकी बाट कुछ मीठी सी कुछ तीखी सी कुछ संग अपने है अविराम । समय नहीं रुकता पल भर भी उसके पथ... Hindi · कविता 1 225 Share Saraswati Bajpai 1 Mar 2022 · 1 min read हे चन्द्रशेखर गंगमौलि हे चन्द्रशेखर गंगमौलि जगत के अभयंकर । सृष्टि के संचालक जगकर्त्ता जगहर्त्ता । शरण में अपनी गहो संयमन की सीख दो। हे नीलकण्ठ महादेव भूत पति उमापते । किया पावन... Hindi · कविता 1 428 Share Saraswati Bajpai 28 Feb 2022 · 1 min read विष का प्याला हे शिव विष का सघन ज्वार है मन में भी अति द्वन्द्ध अपार है। विष का प्याला मेरे कर में निश्चय ही ये पीना होगा । किन्तु साथ ये शर्त... Hindi · कविता 1 379 Share Saraswati Bajpai 27 Feb 2022 · 1 min read ये वक्त है ये वक्त है, ये वक्त है । कहीं छांव है दरख्त सी कहीं धूप की शिकस्त है ये वक्त है, ये वक्त है। लगता कभी अपना सा है पल में... Hindi · कविता 1 243 Share Saraswati Bajpai 25 Feb 2022 · 1 min read पापा मैं तेरी बिटिया हूं पापा मैं तेरी बिटिया हूं तुमसे ही पहचान मिली । आंख खुली मां की गोदी में पढ़ी बढ़ी मैं यहीं खिली । सब कर्तव्य निभाये तुमने सघन प्रेम की छाया... Hindi · कविता 1 252 Share Saraswati Bajpai 20 Feb 2022 · 1 min read प्रकृति का मिलन आज आंख खुलते ही मेरी कुछ अद्भुत अहसास हुआ। प्रात आज आनन्दमयी है देखा बाहर उल्लास हुआ। धरती की वो सघन प्रतीक्षा वारिद से मिल पूर्ण हुई । महक उठी... Hindi · कविता 1 262 Share Saraswati Bajpai 20 Feb 2022 · 1 min read बदरी चली है पिय मिलन को देखो वो बदरी चली है पिय मिलन को । तन में सिहरन मन मिलन की धुन में गुम छोड़कर पीहर चली है पिय वरण को। देखो वो बदरी चली है... Hindi · गीत 1 580 Share Saraswati Bajpai 19 Feb 2022 · 1 min read कुछ पाना आसान नहीं यूं ही नहीं आंखें अब भींगती हर बात पर सब अहसास समेटे है तब ज़िन्दगी सजाई है । संभले हाथों का सफर है पाषाण से प्रतिमा होना मौन घुटे जब... Hindi · कविता 1 421 Share Saraswati Bajpai 19 Feb 2022 · 1 min read हृदय का स्पन्दन संगीत हो मन ये गाये जिसे तुम वही गीत हो इस हृदय में स्पन्दन का संगीत हो मन की उद्भावना वत्स मानस मेरे मेरी पूजा का फल प्रीत की रीत हो ।... Hindi · कविता 1 262 Share Saraswati Bajpai 18 Feb 2022 · 1 min read तुम शब्द मैं अर्थ बनूं तुम बनो शब्द सा यदि प्रवाह, मैं अर्थ की धारा बनूं । तू एक पग आ तो सही मैं चार पग आगे बढूं । तुम साथ दो मेरा अगर न... Hindi · कविता 1 368 Share Saraswati Bajpai 18 Feb 2022 · 1 min read कैसे मैं खुशियां पिरोऊं ? बरस सोलह जिन्दगी के संग तेरे है रचे। जाने कितने शीत ताप संग में हमने सहे। हम कभी विचलित हुए और कभी तुम भी थके। किन्तु सब नैराश्य तज फिर... Hindi · कविता 1 349 Share Saraswati Bajpai 16 Feb 2022 · 1 min read लॉक डाउन पर मरीचिका के पीछे बहुत भागे अब थोड़ा आराम करते हैं । वक्त की भी नज़ाकत यही वक्त के संग संग चलते हैं । चलो अब बस कुछ दिन घर पर... Hindi · कविता 1 233 Share Saraswati Bajpai 16 Feb 2022 · 1 min read कोरोना वैश्विक आपदा पर यह विश्व विजन सब स्थिर सा वैश्विक व्याधि जब है समक्ष । सामर्थ्य, शक्ति, चहुं और प्रगति है सब निस्सार निष्फल प्रयत्न। है भान सभी को व्याधि बड़ी अन्तर के... Hindi · कविता 1 296 Share Saraswati Bajpai 16 Feb 2022 · 1 min read एक राष्ट्र है एक ताल है। प्रस्तुत कविता वैश्विक आपदा कोरोना काल की प्रथम लहर के समय लॉकडाउन की स्थिति में जब हम सब डरे सहमे से असमंजस की स्थिति में थे, तब हमारे माननीय प्रधानमंत्री... Hindi · कविता 2 316 Share Saraswati Bajpai 15 Feb 2022 · 2 min read कर्ण -एक अप्रतिम योद्धा कर्ण एक अप्रतिम योद्धा अति दानवीर व शीलवान जिसे नियति ने सदा छला स्वर्णिम इतिहास वो युग प्रधान। सूर्य पुत्र कौन्तेय था वह सूत पुत्र बन गया । देयता ही... Hindi · कविता 1 505 Share Saraswati Bajpai 14 Feb 2022 · 1 min read मेरे सहचर मेरे प्रियवर जीवन डगर के ओ सहचर, पहचान मेरी तुमसे प्रियवर। मेरे सिर की छत तुमसे है, मैं तेरी ही छाया सहचर। प्रीति से अपनी बना ये घर, मेरे सहचर मेरे प्रियवर... Hindi · गीत 1 309 Share Saraswati Bajpai 13 Feb 2022 · 1 min read प्रेम यहां कण - कण में है राधा कृष्णा की भूमि है ये, प्रेम यहां कण-कण में है। प्रेम यहां की मिट्टी में तरुवर में और जल में है। है कृष्ण यशोदा प्रेम यहां जो अमर सूर... Hindi · कविता 1 366 Share Saraswati Bajpai 13 Feb 2022 · 1 min read बसंत मेरे हिस्से का बसंत बस अब अंत कर दो। झर रहे सब पात का, हो रहे उत्पात का, मन के हर आघात का। है सुना सबसे ही मैंने और खुद जाना भी है... Hindi · कविता 1 383 Share Previous Page 4 Next