Vindhya Prakash Mishra Language: Hindi 371 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Vindhya Prakash Mishra 26 Dec 2018 · 1 min read अपने -अपने सपने @मैंने भी सपने देखें हैं ।@ मैंने भी सपने देखें हैं । सोकर नहीं जाग जागकर मैंने भी सपने देखें हैं । सुख की नींद त्याग त्यागकर रोज समझते अब... Hindi · कविता 1 323 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Dec 2018 · 1 min read क्रोधाग्नि है जिसका भूषण, उसको क्यों शीत लगेगी। क्रोधाग्नि है जिसका भूषण शीत उसे क्यों लगती होगी । आग उगलते जो जिह्वा से शीत उसे क्यों लगती होगी । सुखी देख कर अपने लोगों को जो जलते क्या... Hindi · कविता 2 291 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Dec 2018 · 1 min read क्यों उडना भूल गया । पंक्षी तेरे सबल पंख क्यों उडना भूल गया। लक्ष्य नहीं पर राह बहुत है । सीधा चलता बिना बात के मुडना भूल गया । क्यों उडना भूल गया । सब... Hindi · कविता 2 536 Share Vindhya Prakash Mishra 8 Dec 2018 · 1 min read भारी बस्ता कापी बीस। हम पढने जब जाते हैं । कमजोर है हाथ हमारे कोई नहीं है साथ हमारे बस्ता वजन उठाते हैं हम पढ़ने जब जाते हैं । भरी कापियां बीस प्रकार ऊपर... Hindi · कविता 2 2 246 Share Vindhya Prakash Mishra 4 Dec 2018 · 1 min read ईश्वर दे दो यह वरदान । ईश्वर दे दो यह वरदान । कम मे संतोष सदा ही असहायो को दे सकूँ योगदान ईश्वर दे दो यह वरदान । कुछ बनना मैं बाद में सोचू बन जाऊँ... Hindi · कविता 1 552 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Nov 2018 · 1 min read दीपावली के घरौदे। बचपन के घरौदे ही अच्छे । बटवारे का नही बिवाद एक साथ सब मिलकर रहते विभाजन की नही दिवार। खुशिया है हर एक भाग मे नही उठा है कोई बवाल।... Hindi · कविता 2 549 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ माता – मां मां माता। माता जीवन दाता है। माता भाग्य विधाता है। माता से मिलती है सीख माता मे दिखता है ईश। माता से मिलती ममता है। माता से न... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 22 603 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Oct 2018 · 1 min read दीपावली मनाना है । घने अंधेरा को काटेगे अमा निशा मे प्रकाश बांटेगे दीपो ने यह ठाना है दीपावली मनाना है नही अंधेरा राज चलेगा तम का जोर अब नही चलेगा दीप पंक्ति जलाना... Hindi · कविता 1 433 Share Vindhya Prakash Mishra 29 Oct 2018 · 1 min read दीपक दिल की कालिमा मिटा दो। खुशी से जगमग हो जीवन दीप पंक्तियां दमके चमके स्निग्ध तेल हो मन मे सबके दयाभाव हो हममे सब मे जगमग करदे नगर डगर मे दिल तक कालिमा मिटा दे... Hindi · कविता 1 272 Share Vindhya Prakash Mishra 28 Oct 2018 · 1 min read असर दुआवो का वजन हवाओं में भी होता है । काम राख का भी पड़ता है । समझो अपनी कीमत तो सही । केवल सोने हीरे ही महँगे नहीं है । जहाँ दवा... Hindi · कविता 2 253 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Oct 2018 · 1 min read चांद का दीदार चांद के साथ एक चांद के साथ चांद का होता है दीदार दाम्पत्य प्रेम प्राकट्य का यह पावन त्योहार। पति के दीर्घजीवी की रहती सबकी आस इसी हेतु मे व्रत करे मिटती भूख... Hindi · कविता 2 494 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Oct 2018 · 1 min read आंसू से गीला तन है । फिर कुछ कहने का मन है । कलम उठी लिखने को बात नहीं मिला मुझको कोई साथ । संवादो में बहे बेदना। आंसू से गीला तन है । फिर कुछ... Hindi · कविता 3 499 Share Vindhya Prakash Mishra 19 Oct 2018 · 1 min read दश हारा असत्य पर सत्य की विजय होगी। लंकाधिपति पर पुरुषोत्तम की जय होगी । ईश्वर का आशीर्वाद होगा जीवन में । सफलता जीवन में निश्चय होगी।। Hindi · कविता 2 369 Share Vindhya Prakash Mishra 10 Oct 2018 · 1 min read मन कहता नेता बन जाऊँ- मन कहता नेता बन जाऊ। पहनू लम्बा कुर्ता टोपी जोर जोर से मैं चिल्लाऊ। मन कहता नेता बन जाऊँ कोई नहीं पूछेगा पढाई टैक्स नहीं जो होगी कमाई बी आई... Hindi · कविता 4 1 507 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Oct 2018 · 1 min read चलने का संकल्प मन में है ठाना चलने का संकल्प मन में है ठाना नही फर्क पड़ता किधर है जमाना । झोली मे कुछ तो लेकर के आना कई व्यंग्य शर है चले आ रहे पर उनसे... Hindi · कविता 2 242 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Sep 2018 · 1 min read इक सेल्फी की खातिर । कितनी मैंने कोशिश की है इक सेल्फी की खातिर । बार बार मुख को मटकाया इक सेल्फी की खातिर । अपनी जान खतरे में डाली इक सेल्फी की खातिर लाइक... Hindi · कविता 2 493 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Sep 2018 · 1 min read बस्ता वजन उठाते हैं हम पढ़ने जब जाते हैं । हम पढने जब जाते हैं । कमजोर है हाथ हमारे कोई नहीं है साथ हमारे बस्ता वजन उठाते हैं हम पढ़ने जब जाते हैं । भरी कापियां बीस प्रकार ऊपर... Hindi · कविता 2 246 Share Vindhya Prakash Mishra 12 Sep 2018 · 1 min read तीज त्योहार पति हो दीर्घजीवी अमर रहे जो सदा सुहाग शिव का आशीर्वाद मिले और सुख से भरा रहे घर द्वार । कठिन तपस्या करती नारी। रहती निर्जल दिन और रात ।... Hindi · कविता 2 345 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read पत्थर तब बनता भगवान देखो हिम्मत चट्टानो की तेज वेग है तूफानो की लडता है सीना को तान पत्थर तब बनता भगवान छेनी की तेज धार को एक नही हजार वार को सहती है... Hindi · कविता 2 420 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read आवाज ही व्यक्तित्व की पहचान बनती है । ज्यादा बोलने से बकवास बनती है । दिलासा दे शब्द नयी आस बनती है । बडी ताकत है शब्द में जाना मैंने।। सत्यता की कसौटी से सुभाष बनती है ।।... Hindi · कविता 2 479 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Sep 2018 · 1 min read भगवान भी इंसान से परेशान हैं । जिंदगी की जंग में जो पहलवान है । जीने की जुगत में कितने परेशान हैं । धन ही नहीं सब कुछ जीवन समझ लो इंसानियत रहे जिंदा वही इंसान है... Hindi · कविता 4 411 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2018 · 1 min read मरकर भी सह रही गरीबी बीमारी से बेबस लाचार दुख के बादल घिर आया था छोड दिया जब साथ संगिनी एंबुलेंस भी न पाया था। दवा मिली न साधन सुविधा तीन दिनों से न खाया... Hindi · कविता 2 241 Share Vindhya Prakash Mishra 2 Sep 2018 · 1 min read माखन सा कष्ट चुरा लो मोहन -श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ - ____________________________________ मुरलीधर कुंजबिहारी तेरी है महिमा न्यारी मटकी फोड़े माखन ले कई नाम तेरे बनवारी। मुरलीधुन सुनकर मोहित गाय गोप नर नारी ।। मोहनि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 492 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Sep 2018 · 1 min read शिक्षक दिवस पर कविता #शिक्षक पर कविता -------------------------------- शिक्षक का सम्मान हो, जो है ईश समान। सही राह दिखलाए देते हैं सद्ज्ञान। परिश्रमी नवोन्मेषी जो समाज की शान भावी के निर्माण में इनका योगदान... Hindi · कविता 1 666 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Aug 2018 · 1 min read पंक्षी तेरे सबल पंख पंक्षी तेरे सबल पंख क्यों उडना भूल गया। लक्ष्य नहीं पर राह बहुत है । सीधा चलता बिना बात के मुडना भूल गया । क्यों उडना भूल गया । सब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2018 · 1 min read प्यारी बहना तुम खुश रहना। सबसे प्यारी मेरी बहना , तुम हरदम यूँ ही खुश रहना, मिले सदा ही प्यार रक्षाबंधन का त्योहार । पावन रिश्ता भाई बहन का, बढ़े प्रेम अपार रक्षाबंधन का त्योहार... Hindi · कविता 1 502 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Aug 2018 · 1 min read हर भाई की इक बहना हो। हर बहना का इक भाई हो, सुंदर सजी कलाई हो। हर भाई को बहना मिले परिवार सानंद सुखदाई हो। आंगन बहनों से गुलजार रहे, रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई हो ।।... Hindi · कविता 1 378 Share Vindhya Prakash Mishra 24 Aug 2018 · 1 min read रोजगार की तलाश में रोज खोजता रहा, रोजगार खोजता रहा । बच्चों को पालने का , व्यवसाय खोजता रहा । कही दंगा कही अफवाह का, बाजार मिला। कही नफरत कही करने को बेगार मिला।... Hindi · कविता 1 291 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2018 · 1 min read नमन नमन आज उस स्वर्ग धरा की सोना जिसकी माटी है। झुकना नहीं जानते हम सब, बलिदान मेरी परिपाटी है । ललकारे जो हमें शत्रु उसकी गर्दन काटी है । नमन... Hindi · कविता 1 463 Share Vindhya Prakash Mishra 16 Aug 2018 · 1 min read तिरंगा भारत की है शान । तिरंगा भारत की है शान लहर रहा उत्तुंग शिखर तक विजय रही पहचान तिरंगा भारत की है शान। हानि नजर जब शत्रु उठाता पल भर जीवित न रह पाता। वीर... Hindi · कविता 1 493 Share Vindhya Prakash Mishra 1 Aug 2018 · 1 min read सावन भावन सुंदर पावस के दिन आये उमड़ घुमड कर पर्वत जैसे नभ में बादल छाए, सुंदर पावस के दिन आये। रिम झिम बूँदे छनती पत्तों से पक्षी पंख रहे फरकाए मुदित... Hindi · कविता 2 428 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Jun 2018 · 1 min read विज्ञान की हार जब तक है दूषित पानी हवाओं में प्रदूषण की भरमार विज्ञान की हार है । बढता है तापमान हाफता संसार है विज्ञान की हार है । सत्यता का पता नही... Hindi · कविता 1 213 Share Vindhya Prakash Mishra 20 Jun 2018 · 1 min read सूरज क्यों गुस्से से लाल सूरज क्यों गुस्से से लाल गर्मी ने पसीने निकाले लाल सूर्य की रश्मिवलियां, कुद्ध दिख रहा क्यों आज दिवाकर , काट दिये जो तरू धरा के, समतल कर दिये जन... Hindi · कविता 1 344 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Jun 2018 · 1 min read पिता कैसे जीता है । पितृ दिवस पर- -----------------------------------------' पिता है, उंगलि पकड चलना सिखलाया, सही गलत में भेद सिखाया । बच्चे की खातिर सब कष्ट सह लेता है । वह पिता है । कंधे... Hindi · कविता 1 347 Share Vindhya Prakash Mishra 17 Jun 2018 · 1 min read बादल घुमड घुमड कर बरसो बादल बादल घुमड़ घुमड़ कर बरसो , जन जन में खुशहाली लाओ आवाहन करते हैं पपीहा, वर्षों की तुम प्यास बुझाओ सूखी धरती सूखी नदियां सूख पड़े हैं वृक्ष धरा... Hindi · कविता 1 414 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Jun 2018 · 1 min read सूरज क्यों गुस्से से लाल गर्मी ने पसीने निकाले लाल सूर्य की रश्मिवलियां, कुद्ध दिख रहा क्यों आज दिवाकर , काट दिये जो तरू धरा के, समतल कर दिये जन ने भूधर। पानी दूषित वायु... Hindi · कविता 1 203 Share Vindhya Prakash Mishra 7 Jun 2018 · 1 min read डायरी से मुलाकात एक दिन मेरी मुलाकात डायरी से हो गई । मेरी मुलाकात शायरी से हो गई । लब्ज शलीका नहीं है शायर सी फिर भी बात कहने की रीति हो गई... Hindi · मुक्तक 1 471 Share Vindhya Prakash Mishra 6 Jun 2018 · 1 min read गुब्बारे मुझे प्यारे हैं । (आज की प्रस्तुति) बाल कविता गुब्बारा --------------------------------- गुब्बारे मुझे प्यारे हैं, रंग बिरंगे छोटे मोटे, कुछ लम्बे कुछ पंक्षी जैसे आसमान में तारे हैं । गुब्बारे मुझे प्यारे हैं ।... Hindi · कविता · बाल कविता 3 1 503 Share Vindhya Prakash Mishra 5 Jun 2018 · 1 min read वर्ण विचार हिंदी का है व्याकरण, भाषा के आचार तीन अंग है इसमें वर्ण शब्द वाक्य विचार, वर्ण ध्वनि का रूप है, लिपि इसका आकार। वर्ण अक्षर अविनाशी कहते इसके तीन प्रकार,... Hindi · कविता 2 550 Share Vindhya Prakash Mishra 3 Jun 2018 · 1 min read इक चांद अकेला । एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है... Hindi · कविता 2 292 Share Vindhya Prakash Mishra 30 May 2018 · 1 min read संघर्ष ऐसा जीवन भी क्या जीवन जिसमें कोई आदर्श ना हो। मिले सफलता भले ही पग पग किंतु नया संघर्ष ना हो। वह जीवन बेकार जिसमें वत्सलता का स्पर्श ना हो... Hindi · कविता 2 401 Share Vindhya Prakash Mishra 29 May 2018 · 1 min read बडा कारसाज होता है भगवान कृति सुंदर है ईश्वर की मानव भी उसकी संतान । जबतक आस्था रहे धर्म पर, नहीं निराश होता इंसान ।। सब अच्छा करता है ईश्वर, यही शब्द आस्था महान ।।... Hindi · कविता 2 830 Share Vindhya Prakash Mishra 26 May 2018 · 1 min read प्यारे घन धरती पर आओ प्यारे घन धरती पर आओ, छन छन बूँद पड़े पृथ्वी पर जन जन में खुशहाली लाओ। मुदित विहंगा चञ्चु फाडकर। गिरती बूँदो से प्यास बुझाओ। मोती सदृश पत्तो से छनकर... Hindi · कविता 2 351 Share Vindhya Prakash Mishra 4 May 2018 · 1 min read व्यंजन गीत क ख ग घ ड़ गाओ। च छ ज झ ञ सुनाओ।। ट ठ ड ढ ण सरल है । त थ द ध न से नल है ।। प... Hindi · कविता 2 369 Share Vindhya Prakash Mishra 3 May 2018 · 1 min read आओ न पास बैठो दिल के तार छेड़ो आओ न पास बैठो, दिल के तार छू लो। कुछ बात हो दिल से दिल की सुंदर विचार ले लो।। कुछ प्रीत झलक जाए कही बात याद आये। मन भर... Hindi · गीत 2 344 Share Vindhya Prakash Mishra 30 Apr 2018 · 1 min read कर्तव्य कर्तव्य कर रहा हूं करतब नही दिखाना कौशल की कामना है प्रतिभा नही दिखाना कम ही मिला भले ही कम कामना रही है जीवन है छोटा समझो इसको न यूँ... Hindi · कविता 2 335 Share Vindhya Prakash Mishra 27 Apr 2018 · 1 min read माता जीवन दाता - कविता (माता जीवन दाता) माता जीवन दाता है। माता भाग्य विधाता है। माता से मिलती है सीख माता मे दिखता है ईश। माता से मिलती ममता है। माता से... Hindi · कविता 2 297 Share Vindhya Prakash Mishra 26 Apr 2018 · 1 min read दोहा गर्मी का मौसम आया, चिलचिल करती धूप। पक्षी पानी को ढूढे, सूख चुके हैं कूप ।। बदल रहा मौसम देखो, मानव का है लोभ हरियाली गायब हुई, बढ गए सबमें... Hindi · दोहा 2 572 Share Vindhya Prakash Mishra 23 Apr 2018 · 1 min read सच कह दूँ पर कौन सुनेगा सच कह दूँ पर कौन सुनेगा? सच में सच का साथ न दोगे कमजोरो को हाथ न दोगे । दोष सिद्ध निर्बल पर होता। सबल पाप करता और सोता। नीर... Hindi · कविता 2 300 Share Vindhya Prakash Mishra 22 Apr 2018 · 1 min read रिसते रिश्ते जग की है बाते सुनाता सुनो तुम । अनुभव की बाते मिले जो चुनो तुम । कही सच कही झूठ बिकता है लेकिन। दिल की है बाते कभी तो सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share Previous Page 4 Next