Bhupendra Rawat Language: Hindi 323 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Bhupendra Rawat 28 Dec 2017 · 1 min read बस माँ समझ पाती है बस माँ समझ पाती है मेरे भीतर दबे अरमानों को बस माँ समझ पाती है होता हूँ माँ से दूर मुझे हिचकी बहुत आती है अपने बच्चों को परेशान देख... Hindi · कविता 1 1 469 Share Bhupendra Rawat 19 Dec 2017 · 1 min read अब वो पुरानी किताब मांगता है अब वो पुरानी किताब मांगता है हर बात का वो हिसाब मांगता है दफ़न है किस्से सारे किताब में वो कोरे पन्ने बेहिसाब मांगता है नहीं रुकती कलम जज़बातों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 241 Share Bhupendra Rawat 19 Dec 2017 · 1 min read तन रही है बंदूके नेताओ की बोली पर चढ़ रही है चादर होली की रंगोली पर तन रही है बंदूके नेताओ की बोली पर दफ़न है किस्से सारे अमर जवानों के भारत माता रो रही है देखकर कटे... Hindi · कविता 1 300 Share Bhupendra Rawat 19 Dec 2017 · 1 min read अब दवाओं में भी वो बात नही अब दवाओं में भी वो बात नही अब जख़्म का कोई इलाज़ नही खुली किताब थी ज़िन्दगी कल तक बन्द किताब में अब कोई राज़ नहीं बेरंग है ज़िन्दगी तेरे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 482 Share Bhupendra Rawat 19 Dec 2017 · 1 min read आईने ने भी सच दिखाना छोड़ दिया मुक्तक.......... आईने ने भी सच दिखाना छोड़ दिया सूरत को मेरी मेरा बताना छोड़ दिया अब करे विश्वास किस पर इस दुनिया में ज़ालिम दुनिया ने अपना बताना छोड़ दिया... Hindi · मुक्तक 1 354 Share Bhupendra Rawat 30 Nov 2017 · 1 min read लब मेरे अब मुस्कुराने लगे है नाम अब तेरा गुनगुनाने लगे है लब मेरे अब मुस्कुराने लगे है नाम अब तेरा गुनगुनाने लगे है तू ही वज़ह है अब जीने की सपने भी मुझे तेरे आने लगे है रूह में बसकर अपना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 328 Share Bhupendra Rawat 30 Nov 2017 · 1 min read कांटो ने जीने का सलीखा नही सीखा मुक्तक.......... कांटो ने जीने का सलीखा नही सीखा आँचल में फूलों के रहकर महकना नही सीखा फितरत ही है जख़्म देना कांटो की फूलों की तरह फितरत से परे रहना... Hindi · मुक्तक 1 271 Share Bhupendra Rawat 28 Nov 2017 · 1 min read गम की आंधियो से बाहार निकल आया हूँ गम की आंधियो से बाहार निकल आया हूँ तभी तो साहिल के थपेड़ों का हो पाया हूँ ज़िन्दगी तलाशता रहा मैं तुझे आज उस तलाश का हीरा बन पाया हूँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 403 Share Bhupendra Rawat 28 Nov 2017 · 1 min read बिन माँ इस सृष्टि का वजूद नही नौ माह कोख में रख पाला था माँ ने गिर कर राह में मुझे सम्भाला था माँ ने नही थी आरज़ू कुछ भी माँ की आँखों का तारा मुझे अपनी... Hindi · कविता 1 324 Share Bhupendra Rawat 28 Nov 2017 · 1 min read पढ़ते सब शौक से है ग़ालिब को मर कर भी जिंदा दास्तान बन बैठे है शब्द भी गुलाम बन बैठे है जैसे तेरे मेहमान बन बैठे है दिल में दफ़न कितने अरमान है अब हम शमशान बन बैठे है दुनिया के बाजारों में खुला समान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 213 Share Bhupendra Rawat 24 Nov 2017 · 1 min read खामोशी एक ही सवाल पूछती है खामोशी एक ही सवाल पूछती है तन्हाई में क्यों तन्हा छोडती है बसी है जब ख़्वाबों में मेरे दूर होकर क्यों हाल पूछती है जिंदा लाश है अब ये जिस्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 461 Share Bhupendra Rawat 24 Nov 2017 · 1 min read मत कुचलो दबे अरमानो को मत कुचलो दबे अरमानो को उड़ जाने दो आसमा में परवानो को दूर नहीं है मंजिल कदमों से दिखा लेने दो हुनर उन दिवानो को मंजिल आज नही तो,कल मिल... Hindi · कविता 1 270 Share Bhupendra Rawat 23 Nov 2017 · 1 min read ये अपना ज़माना ना था दर्द उसे दिखाना नहीं था ये अपना ज़माना ना था दर्द उसे दिखाना नहीं था चल दिए साहिल की मस्ती में उनको साथ निभाना नही था घुट घुट कर जी रहे है उनकी यादों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 495 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तेरे इश्क़ में गुमनाम हो गया मुक्तक ..... तेरे इश्क़ में गुमनाम हो गया मैं तो अब बदनाम हो गया तूने ही नही चाहा दिल से मैं तो अब तेरे नाम हो गया Hindi · मुक्तक 1 301 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो मुक्तक.......... तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो मेरी हर बात पर तुम क्यों अकड़ती हो तुम आदत बन गयी ,तुमको ये मालूम है भला आदत बन तुम क्यों... Hindi · मुक्तक 1 631 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read कभी रोना तो कभी मुस्कुराना भी पड़ता है मुक्तक.............. कभी रोना तो कभी मुस्कुराना भी पड़ता है ज़िन्दगी में कोई पल ऐसे बिताना भी पड़ता है कट जाते है ये पल भी समय के साथ कभी दूसरों की... Hindi · मुक्तक 1 405 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read खुश रहे वो हर पल ज़िन्दगी में खुश रहे वो हर पल ज़िन्दगी में लब मेरे आज भी उसे दुआ देते है गम हो उसको जिंदगी में कोई भी मोती मेरी आँखों में सजा देते है दर्द... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 230 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read नहीं चाहिए वो दिन वो राते जिसमे तेरा एहसास ना हो नहीं चाहिए वो दिन वो राते जिसमे तेरा एहसास ना हो नहीं चाहिए वो दिन और राते जिसमे तेरी बात ना हो नहीं चाहिए ज़िंदगी ऐसी जिसमे तेरा साथ ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 378 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ मुक्तक........... अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ अब उसकी पहचान बन बैठा हूँ नहीं है दिल मेरा, मेरा मेरे वश में अब उसका मेहमान बन बैठा हूँ भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 1 233 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम अब जलाते बहुत हो तुम अब जलाते बहुत हो पास आकर सताते बहुत हो दिल तो जोड़ा नही तुमने कभी लेकिन दिल तोड़ जाते बहुत हो दिल है नदां मेरा बेचारा इस पर सितम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 472 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read बस इतना की अब मन नही है बस इतना की अब मन नही है अब पहले जैसा जीवन नही है बह रही है कश्ती मंज़िल पाने को अब मंज़िल का कोई जिक्र नही है भटक गयी कश्ती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 472 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read इस अज़नबी जहाँ में किसे अपना बताओगे किस शहर से आये हो कहाँ को जाओगे इस अज़नबी जहाँ में किसे अपना बताओगे दिल जला है कितनी बार और कितना दिल जलाओगे खुश्क आँखों से मोती कब तक... Hindi · कविता 1 456 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता मुक्तक….......... दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता मेरे आब की प्यास भी अब तू बुझा मुझे तो मिल गया फल कर्मो का अपने कर्मो का हिसाब अब तू... Hindi · मुक्तक 1 227 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read जीने का ना कोई बहाना चाहिए जीने का ना कोई बहाना चाहिए अब तो यार वही पुराना चाहिए दिल को दिल से लगाना चाहिए इश्क़ में थोड़ा फड़फड़ाना चाहिए यार बना लो कितने भी तुम रूठ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 500 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तू बढा सुलझा हुआ है मैं बहुत उलझा हुआ हूं तू बढा सुलझा हुआ है मैं बहुत उलझा हुआ हूं तेरी यादों के दरिया में मैं आज भी बिखरा हुआ हूँ टूट गया आशिया दरख़्त से तेरी याद में आज... Hindi · कविता 1 236 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read राह अब आसाँ नही साहिल के थपेड़ों में मुक्तक........ रतजगा करना अब उनकी आदत में है हमको सताना उनकी फ़ितरत में है लौट चले हम अब अपनी राह को अब उनकी चाह में तड़पना मेरी आदत में है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 460 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे तुम्हारी याद में तड़पना भी अच्छा लगा मुझे पी लिया ज़हर भी अमृत समझकर तेरे लिए मरना भी अच्छा लगा मुझे तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 400 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था मुक्तक....... सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था उनके जहां से खुद को बाहर पाना मुश्किल था डूब गया सफीना जब अपने हीआशियाने में समुन्द्र में सफिने को बहाना... Hindi · मुक्तक 1 562 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read कभी चुपके से दर हमारे भी आ जाना कभी चुपके से दर हमारे भी आ जाना कोई देख ले तो कोई बहाना बना जाना याद आना फुर्सत के लम्हो में हमकों कभी हमें भी यादों में अपनी बसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 437 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है मुक्तक...... जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है तो मौत ही एकराह नज़र आती है डूब जाती है कश्ती भी शांत धारा में जब ये अटकने लग... Hindi · मुक्तक 1 499 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read दिल से दिल मिल जाए तो दिल से दिल मिल जाए तो दूरीयाँ अच्छी नही लगती चलती हुई साँसे रुके तो रुकी हुई साँसे अच्छी नही लगती गुज़र जाता सफर तुम्हारे बिन भी तुम्हारे बिन वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 230 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता मुक्तक........ मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता माँ अगर तेरा हाथ ना होता. भटकता रहता यूँ ही खुले आसमाँ में अगर माँ तेरा आशीर्वाद न होता। भूपेंद्र रावत Hindi · मुक्तक 1 235 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read आ चल चलें उस लम्बी दूरी में आ चल चलें उस लम्बी दूरी में जहां चलना सबके लिए सरल ना हो तू हो और मैं हूँ और हमारी मंजिल हो उस लम्बी दूरी की राह में दोनों... Hindi · कविता 1 439 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read लबों की हंसी चुराना आसान ना था लबों की हंसी चुराना आसान ना था उन्हें अपना बनाना आसान ना था सपने तो अपने थे वो भी खरीद लिए उनका सपनो में आ जाना भी आसान ना था... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 488 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है मुक्तक........... तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है बिन जरूरत तो रोटी भी रोड किनारों में पड़ी होती है मर जाते है मज़दूर के बच्चे भूख में शरीर को समेटकर... Hindi · मुक्तक 1 257 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मेरे सपने, जो थे अपने, वो तोड़ गया मुझे मेरी ही राहों में तन्हा छोड़ गया मेरे सपने, जो थे अपने, वो तोड़ गया मुझे मेरी ही राहों में तन्हा छोड़ गया हमसफर था मेरा,यूँ रूख मोड़ गया मेरी मंजिल के सफर में, मुझे छोड़ गया... Hindi · गीत 1 264 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम मुक्तक......... अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम बेवफ़ा नही तो, बावफ़ा भी नही हो तुम जीने की अस्बाब तुम थी कल तक रंज ओ गम की वजह भी हो... Hindi · मुक्तक 1 337 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read नहीं जीने दिया हालात ने मुझे मुक्तक........ नहीं जीने दिया हालात ने मुझे तड़पाते रहे दिन रात वो मुझे नहीं था अश्क उनकी आँखों से जुदाई का अपने अश्क देकर समुन्द्र बना दिया मुझे भूपेंद्र रावत... Hindi · मुक्तक 1 289 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read किस्से बहुत है हमारे ज़माने में किस्से बहुत है हमारे ज़माने में उनको याद नही आज के फ़साने में दिल लेकर उड़ गया परिंदा दूर कही हम आज भी कैद है उनके पैमाने में नही है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 299 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा प्यार का होते हुए मैंने उपहास देखा झूठे वादों का मैंने रिवाज़ देखा मरी हुई रूह में इंसानी लिबास देखा इंसानों में जिंदा... Hindi · कविता 1 324 Share Bhupendra Rawat 21 Nov 2017 · 1 min read मान है बेटी सम्मान है बेटी मान है बेटी सम्मान है बेटी घर के आंगन में मुस्कान है बेटी माता पिता की पहचान है बेटी एक नही दो घरों का ईमान है बेटी कई रिश्तों का... Hindi · कविता 1 2 959 Share Bhupendra Rawat 20 Nov 2017 · 1 min read अब कोई ऐसी दवा नही मिलती जीने की कोई वजह नही मिलती अब कोई ऐसी दवा नही मिलती जीने की कोई वजह नही मिलती चाह तो मंज़िल को पा जाने की है लेकिन अब कोई राह नही मिलती ऊँचे आकाश में उड़ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 367 Share Bhupendra Rawat 20 Nov 2017 · 1 min read अश्क़ आज आँखों में भर कर आया हूँ देख आज भी कहाँ तुझे मैं भूल पाया हूँ अश्क़ आज आँखों में भर कर आया हूँ आज भी आरज़ू है तुझे पाने की मैं ज़िन्दगी को पीछे छोड़ आया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 301 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read उनकी आँखों में एक नशा सा है उनकी आँखों में एक नशा सा है उनकी ना मेरे लिए सजा है उनको नाज़ाने कैसा शिकवा है साथ उनके जीने में ही तो मजा है ना देखे हुए उनको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 407 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read जब दिल बीमार होने लगता है तब किसी से प्यार होने लगता है जब दिल बीमार होने लगता है तब किसी से प्यार होने लगता है जख़्म बार बार होने लगता है दर्द सरे आम बाजार होने लगता है ज़िन्दगी में खिलवाड़ होने... Hindi · कविता 1 274 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read जो चाहता हूँ वो भूल नही पाता हूँ लौट कर मैं वही आ जाता हूँ जो चाहता हूँ वो भूल नही पाता हूँ लौट कर मैं वही आ जाता हूँ बेवफ़ा की बेवफाई का सितम मैं ही पाता हूँ चुपके से रोता हूँ, हँसी भूल... Hindi · कविता 1 264 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read वो आज भी इस बात से बेखबर है वो आज भी इस बात से बेखबर है मेरी तन्हा राहों के वो हमसफ़र है शहर में जल रही आग की कहाँ फ़िक्र है आब की तलाश में भटक रहा... Hindi · कविता 1 363 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read ज़िन्दगी में इक़रार होना चाहिए ज़िन्दगी में इक़रार होना चाहिए किसी ना किसी से प्यार होना चाहिए ज़िन्दगी के सफर में दिलदार होना चाहिए तुमको भी उससे प्यार होना चाहिए इंतज़ार है इश्क़ में बहोत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 445 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read मन में कितने भ्रम पाले हुए है मन में कितने भ्रम पाले हुए है भूखे सो रहे है फुथपाथ में इंसान पत्थर को चढे निवाले हुए है सिकुड़ के मर रहा ठंड में इंसान पत्थर को वस्त्र... Hindi · कविता 1 390 Share Bhupendra Rawat 19 Nov 2017 · 1 min read अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है तेरे बिन सपना भी अधूरा रह जाता है नही होती सुबह तेरे बिन ओ मेरी जाना तेरा तस्सवुर ही तो, दिल... Hindi · कविता 1 518 Share Previous Page 4 Next