सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 46 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Oct 2019 · 1 min read अष्टमी पूजा पूजा अर्चना कीजिए अष्टमी पर्व की आठवाँ नवरात्र नाम माँ गौरी पर्व की सकल कष्ट पाप सभी नष्ट हो जाते हैं माँ दर्शन पाकर महामैया गौरी पर्व की श्वेत वर्ण... Hindi · कविता 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Oct 2019 · 1 min read एतबार कर राही हूँ प्यार का एतबार कर पंछी हूँ प्यार का एतबार कर तुम सरिता मैं तेरा साहिल हूँ बहने नहीं दूंगा एतबार कर मै पतवार तुम हो तरणी मेरी किश्ती... Hindi · कविता 2 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Oct 2019 · 2 min read आखिर छोड़ दिया साथ आखिर छोड़ ही दिया ना! अधर बीच में मेरा साथ याद है ना वो किया वादा रखकर सिर पर हाथ लेकर हाथों में मेरा नर्म हाथ पूर्ण विस्वास होश हवास... Hindi · कविता 1 462 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Oct 2019 · 1 min read आतंक का जोर मच रहा है बाहर बहुत शोर आजकल आतंक का जोर कोई नहीं हैं यहाँ सुरक्षित होने चाहतें हैं सब आरक्षित चोर बनने को हैं सब आतुर कैसे बचेंगे शाह और... Hindi · कविता 1 478 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Oct 2019 · 1 min read प्रियतम प्यारे प्रियतम प्यारे दिलबर हमारे मिलने आ जाओ द्वार हमारे ना कोई चिट्ठी ना आया संदेश प्रतीक्षारत आँखें साजन प्यारे कब तुम पलटोगे निज स्वदेश बाट रहें ताकतें दो नयन बेचारे... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Oct 2019 · 1 min read कौन है वो मेरे सामने खड़ी कौन है वो कब से खड़ी है, मौन है वो कहीं वो मेरी परछाई तो नहीं कहीं मेरी वो बेवफाई तो नहीं खो दिया था जिसे अंजाने... Hindi · कविता 168 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Oct 2019 · 1 min read प्रेम हवा है मंद मंद चली प्रेम हवा है मंद मंद चली खिल गई है दिल की कली मन आनंदविभोर हो गया जब से तुम मुझको मिली जिन्दगी बहुत उदास थी अब जीने की आस जगी... Hindi · कविता 196 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Oct 2019 · 1 min read मोहनदास करमचंद गाँधी साबरमती के संत ने था कमाल कर दिया अंग्रेजों के चंगुल से देश आजाद कर दिया महान कानूनी विद थे और ज्ञान के सागर ज्ञानासागर सदुपयोग से अंजाम कर दिया... Hindi · कविता 342 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Oct 2019 · 1 min read पायल सा खनकता रहा पायल सा मै खनकता ही रहा अपनों से सदैव ठगता ही रहा अबतक ठोकरें ही ठोकरें खाई जिन्दगी में आगे बढता ही रहा पूर्वा सुहानी सदा चलती रही पछवाँ में... Hindi · कविता 425 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Oct 2019 · 1 min read विधान सभा चुनाव विधान सभा चुनाव में,टिकट की बंदर बांट हार जीत मुकद्दर की ,पर साँठ गाँठ छाँट चुनावों के माहौल में ,जाति धर्म आधार अनुराग बंधुत्व बिगड़े ,कब होगा ये सुधार भाई... Hindi · कविता 437 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Sep 2019 · 1 min read प्रियतम आंएगे मेरे प्रियतम मुझसे मिलने के लिए बाते दो प्यार की मुझसे हैं करने के लिए हमको नहीं खबर ,उनकी कैसी चाल हैं उन पर मर मिठे हैं,कसम से बुरा... Hindi · कविता 406 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Sep 2019 · 1 min read ले जाएगी जिन्दगी ख्वाहिशें रह गई अधूरी ख्वाब हैं सब बिखर गए खुशियों ने छोड़ दिया है दामन गमसीन हम जहाँ में हाल बेहाल है स्थिति बद से बदत्तर मन है व्यथित चित... Hindi · कविता 502 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Sep 2019 · 1 min read नव प्रभात नव.विकास लो हो गई नव प्रभात कट गई है काली रात मिट गया फैला अंधेरा अब होगा ज्ञान प्रकाश जागेगी नव जन चेतना होंगे अब अथक प्रयास होगा अपकार का अंत... Hindi · कविता 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2019 · 1 min read चाहत नजरों से ओझल हो पर आँखों में छाई रहती है ऐसा लगता है हमारा रिश्ता जन्मों जन्मांतर है नजरें मिलाता हूँ तो नजर झुका लेती हो तुम कुछ कहता चाहता... Hindi · कविता 388 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2019 · 1 min read मै तुम और तन्हाइयां मै और तुम अब साथ साथ पास पास आस पास भी नहीं हैं अब मेरे पास यदि हैं तो वो हैं हमारी मधुर स्मृतियाँ यादों के झरोखे में कैद वो... Hindi · कविता 318 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2019 · 1 min read जाग उठे जज्बात सावन का आया महीना हो रही है बहुत बरसात प्रियतम नहीं है मेरे पास मेरे जाग उठे हैं जज्बात मेरे जाग उठे हैं जज्बात हो रही है बहुत बरसात आओ... Hindi · कविता 389 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Sep 2019 · 1 min read जीवनसंगिनी जब पत्नी ने आईने समक्ष निज प्रतिबिंब निहारते हुए नयन मटकाते और इठलाते जुल्फें झटकाते,लहराते हुए अकस्मात ही मुझ से पूछा प्रियवर!प्रीतम जरा सुनिए ईमानदारी से मुझे ये बताएं बिल्कुल... Hindi · कविता 586 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Sep 2019 · 1 min read घर अब मकान बन गए घर घर नहीं रहे अब मकान बन गए घर अब इस जहाँ में दुकान बन गए रहते थे सभी संग मौज मस्ती में देखो,अतीत की मिशाल बन गए छोटे घर... Hindi · कविता 173 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Sep 2019 · 1 min read याद जब भी सोच में सोचता हूँ तुम्हें काँप उठता है मेरा तन बदन बेकाबू हो जाती हैं दिल की धडकनें तीव्र हो जाती हैं मेरी जीवन की सांसें रौंगटे खड़े... Hindi · कविता 532 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Sep 2019 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी प्रेम का रंग है हर हाल में रंगना पड़ेगा जिन्दगी रंज की पीड़ा है हर हाल सहना पड़ेगा प्यार का है एक सागर नहीं दिखता किनारा है गहराई बीच... Hindi · कविता 224 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Sep 2019 · 1 min read चुनाव दौर आ रहा प्रदेश में चुनाव दौर ले कर नया एलान प्रदेश के शान्त माहोल को करने को परेशान चुनाव लड़ रहे नेताओं की बन जाती हैं टोलियाँ विजयी होने हेतु... Hindi · कविता 344 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Sep 2019 · 1 min read सीख आसमान में चहचहाती हुई चिड़िया बोली सुन लो वसुधावासी मानव प्यारे द्वेष,वैर,धुर्तता,कपटता भूल के तुम प्रेम प्यार की डोर में बंध जाओ सारे आन बान और.शान की खातिर जग में... Hindi · कविता 1 473 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Sep 2019 · 1 min read मुलाकात पल दो पल की हो मधुरिम वार्तालाप कभी ना कभी हो सकती है मुलाकात सोच में सोच सोच कर कुछ नहीं होता करने से ही होगी एक अच्छी शुरुआत बाट... Hindi · कविता 1 336 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2019 · 2 min read थूक का महत्व मुँह में जो लार है थूक उसे हम कहते हैं खूले में जो थूकते तो लोग उसे सहते हैं समय और स्थान का थूक पर प्रभाव है परिस्थितिवश थूक का... Hindi · कविता 1k Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2019 · 2 min read देहाती सीधे साधे लोग देहाती होते हैं बड़े परिश्रमी भोली भाली सूरत होती नहीं होते हठधर्मी सादा खाना पीना पहरावा मीठी होती बोली सादा रहन सहन है होता करते खूब ठिठोली... Hindi · कविता 1 630 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2019 · 1 min read चण्डीगढ़ शहर हरियाणा पंजाब दो जिस्म हैं एक जान दोनों प्रदेशों की जान का ही एक स्थान मनमोहक मनोरम है उत्तम सुन्दर स्थान ली कोर्बुज़िए जिसका था श्रेष्ठ योजनाकार नेहरु के श्रेष्ठ... Hindi · कविता 1 216 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2019 · 1 min read बादल आसमान में हैं छाये बादल काले घने और घनेरे बादल पानी लेने जा रहें हैं बादल पानी लेकर आ रहें बादल काली घटा में घिरे बादल उमड़ उमड़ उमड़ते बादल... Hindi · कविता 2 2 321 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Sep 2019 · 1 min read दास्तान इन्सान की अजीब दास्तान है इन्सान की सृष्टि के महानायक महान की कहता है कुछ, करता है कुछ खाता हैं वो अपनी जुबान की जुबान में मिठास,दिल खट्टास बातें करता है,जीतने जहाँ... Hindi · कविता 1 526 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Sep 2019 · 1 min read अंजुमन में जो वो आए आए है वो अंजुमन में चार चाँद लग गए चिराग जो बुझे हुए थे वो भी हैं जल गए उनके जिंदादिली की क्या मिशाल दें चेहरे जो मायूस थे वो... Hindi · कविता 206 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2019 · 2 min read परिवार नियोजन परिवार नियोजन योजना का है यह सार दशक अनुसार योजना का बदला आधार उन्नीस सौ सत्तर पूर्व योजना का था ये हाल हम दो और हमारे बच्चे थे भारतीय बाजार... Hindi · कविता 317 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2019 · 1 min read सावन का महीना सावन का महीना हो रही है काली रैन सजन अब चले आओ जिया है बैचैन जहाँ भी हो चले आओ छोड़ सब काम जल रहा है तन बदन तरस रहें... Hindi · कविता 444 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2019 · 2 min read नर.मानव.जीवन मानुष जीवन का अजब है खेल खेल में पुरुष की बनती है रेल मानव रिश्तें हैं सब पैसेंजर रेल रेल को ईंजन बन सदा खीचें मेल हर रिश्ते का होता... Hindi · कविता 440 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2019 · 1 min read प्रेम गीत गीत प्रेम का हम गुनगनाने लगे हैं जब से देखा तुमको चाहने लगे है अब से पहले जिंदगी में बेफिक्र थे तुम्हें पाने के फिक्र सताने लगे है घोड़े बेचकर... Hindi · कविता 430 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2019 · 1 min read शबनम की बूँदें शशिप्रभा सी चमकती सफेद तुषार सी शीतल सर्द समीर की आद्रता जो निश्चला के तल पर महीन जलकण या फिर तुहिन से कणों स्वरूप सुन्दर पावक पारदर्शी शबनम की शुद्ध... Hindi · कविता 404 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2019 · 2 min read नवोदियन दिन कोई हाल मस्त कोई चाल मस्त कोई खा कर है रोटी दाल मस्त नवोदियन तो यारों वहांँ होता है होता है वहांँ पर हर हाल मस्त वहांँ रंग बिरंगी अजब... Hindi · कविता 621 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2019 · 1 min read जमाने का दस्तूर जमाने का यारों बहुत दस्तूर निराला कहीं पर अंधेरा कहीं पर है उजाला जो जिसको चाहे वो मिलता नहीं हैं जिसको मिलता है वो चाहता नहीं हैं प्रीत की रीत... Hindi · कविता 296 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2019 · 1 min read माशूका पुरानी शराब सी मेरी माशूका पुरानी शराब सी जो बस चढती है उतरती नहीं नशा है उसका बस अफीम सा जो होश में आने देती ही नहीं ख्वाब वो है महीन हसीन सा... Hindi · कविता 600 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2019 · 2 min read नवोदय अधूरी प्रेम कहानी यारों आज सुनाता हूँ मैं नवोदय की अधूरी प्रेम कहानी जिस भी नवोदियन पर ठुकती हो तो बताओ बारी बारी बड़े सुहाने लगते हैं अब भी नवोदय में बीते दिन... Hindi · कविता 229 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2019 · 1 min read याद मेरी उसको आती तो होगी याद मेरी उसको आती तो होगी रातों को उठकर जगाती तो होगी यादों का झरोखा नोचता तो होगा नसों में खून उसके खोलता होगा बाहों में तकिया बोचती तो होगी... Hindi · कविता 198 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Sep 2019 · 1 min read महबूबा खूबसूरत सांवली सलोनी मन मोहिनी सी मूरत चाँद से भी सुन्दर है महबूबा खूबसूरत चुपके चुपके चोरी चोरी निहारती होगी मन मन्दिर के अंदर उपासती भी होगी मन मे क्या है... Hindi · कविता 454 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Sep 2019 · 2 min read किया क्या जाए रे आँखें हैं आसुओं में भीगी हुई आँखों में नींद कहाँ से आए रे सपना जो देखा था आँखों ने बिखर गया, चैन कहाँ से आए रे दिल प्रेम की बाजी... Hindi · कविता 223 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read खुश रखयो उस सजन नूं करदां हाँ दुआ रब्ब तो खुश रखयो उस सजन नूं जेहड़ा कर के तुर गया सी मेरे नाल बेवफाइयां खुशियाँ नाल झोली भर गई जो सी ओसदे हिस्से मेरे जीण... Hindi · गीत 272 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read सोहणी मोहणी खूबसूरत तेरी सोहणी मोहिनी सूरत सारे जग तो है खूबसूरत तैनूं घुट के हिक नाल लांवा पर वश ना चलदा मेरा पर हाण दिए मुटियारे नी दिल मेरा साड़ मुकाया तेरे... Hindi · कविता 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read बचपन दी फ्रेंड इक कुड़ी हुस्न दी पटारी सी लगदी जानो वध प्यारी सी मुखड़ा सी सुर्ख गुलाब जेहा रूप सारे जग तो वखरा सी गलतफहमी दा शिकार होके मैं खो ता फ्रेंड... Hindi · कविता 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read सोहणी कुड़ी पंजाबी दिल विच वसदी है इक सोहणी कुड़ी पंजाबी सोचीं पाई रखदी है मुटियार अल्हड़ पंजाबी गुलाबी गल्लां विच पैण वाले टोए हाणी चोबरां नूं जहान विचो खोए खिड़ खिड़ हँसदी... Hindi · कविता 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2019 · 1 min read राष्ट्रीय भाषा हिन्दी सारे जहाँ से अच्छी भाषा है हमारी हिन्दी रस छंद लय युक्त है अलंकृत हमारी हिन्दी सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति है हमारी हिंदी शब्द भाव उत्तम अनुभूति है हमारी हिन्दी... Hindi · कविता 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2019 · 1 min read हिंदी दीवस पर.दोहे आज हिन्दी दिवस है पर,नहीं हिन्दी में काम अंग्रेजी सर्वोपरि है, हिन्दी को है विश्राम हिन्दी मातृ भाषा है , भारतीय की शान राज काम अंग्रेजी मे ,हिन्दी का बस... Hindi · कविता 333 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2019 · 1 min read औरत तेरी कहानी औरत तेरी आज भी है वही कहानी आँचल में है दूध आँखों में रहे पानी सदियों से चलता आ रहा है यह रंज कभी ना कभी ये कहानी होगी पुरानी... Hindi · कविता 806 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2019 · 1 min read अजनबी आज फिर उनसे मिल गई नजर हैं अजनबी सा लग रहा यहाँ नगर है हाथ ना आएगा जो पल गुजर गया आज अब लोट जाओ यही हसर है कोशिशें लाख... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2019 · 1 min read चेहरों के मुखोटे चेहरे के मुखोटे चेहरे जो खिले होते हैं, होते हैं वो खोखले जो खुशनुमा होते हैं, दिल हैं उन्हीं के रोते सभी को खुश जो रखते,मिटा के ख्वाहिशें सामने सभी... Hindi · कविता 248 Share Previous Page 46 Next