सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: कविता 1348 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Sep 2022 · 1 min read सुन ओ बारिश कुछ तो रहम कर *** सुन ओ बारिश कुछ तो रहम कर *** ********************************* सुन ओ बारिश किसान पर कुछ रहम कर, डूब रही अथक मेहनत कुछ तो रहम कर। लहराती फसलें देख खुश... Hindi · कविता 113 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2022 · 1 min read हर पल मरते रोज हैं ****हर पल मरते रोज़ हैं**** *********************** हर पल हर दम मरते रोज़ हैं, गम पी कर भी करते मौज हैं। औरों को खुश कर देखा यहाँ, पर खुद के सिर... Hindi · कविता 71 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2022 · 1 min read बारिश की फुहार बारिश की फुहार ************* बारिश की फुहार, धो डालती है, फूल,पत्ती,पेड़ों पर जमीं धूल, तरोताज़ा शुद्ध हो जाती है आबोहवा, जो काम करती है बन कर दवा, मिटा देती है... Hindi · कविता 129 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2022 · 1 min read बदलाव ******* बदलाव ******* ********************* यह कैसा बदलाव है भाई, शिक्षा का बुरा हाल है भाई। जो थे कन्या स्कूल बनवाये, खत्म किये कमाल है भाई। बेटी पढ़ाओ का देकर नारा,... Hindi · कविता 1 186 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2022 · 1 min read सुनो सखी एक बात बताऊँ सुनो सखी एक बात बताऊँ ********************** सुनो सखी एक बात बताऊँ, बात बता तुम्हें गले लगाऊँ। यह दुनिया चतुर चालाक है, सो टके की बात समझाऊँ। मौकापरस्ती में रंगे लोग... Hindi · कविता 89 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2022 · 1 min read बस्तों में मिलती अब शराब है बस्तों में मिलती अब शराब है *********************** हो गई शिक्षा पद्धति खराब है, बस्तों में मिलती अब शराब है। मानक मूल्यों की गिरावटें हैं, पीने को आतुर सब तेज़ाब हैं।... Hindi · कविता 63 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2022 · 1 min read प्यार बन गया व्यापार ** प्यार बन गया व्यापार ** ********************** क्या बात करूं मैं प्यार की, प्यार बन गया है व्यापार। हर बात समझ से बाहर है, कैसे चल रहा है संसार। मानव... Hindi · कविता 97 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Aug 2022 · 1 min read अमीर गरीब अमीर - गरीब *********************** गरीबों पर अक्सर लिखते हैं, बेहद अमीर संजीदा लोग, मूल रूप से नही जानते हैं, रंक के गंभीर रोग, वाहवाही खूब लूटते रहतें हैं, पर नहीं... Hindi · कविता 222 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Aug 2022 · 1 min read यशप्रीत जन्मदिवस *** यशप्रीत जन्मदिवस *** *********************** जन्मदिवस की शुभाशीष हो, पुलकित सा खिला शीश हो। मिले खुशियों भरा खजाना, सारा जमाना हुआ दीवाना, तेरे दर पर सदा जगदीश हो। जन्मदिवस की... Hindi · कविता 87 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Aug 2022 · 1 min read अगर रूठी हो तो सोने चांदी से सजा दूँ आगर रूठी हो तो सोने चाँदी से सजा दूँ ******************************** अगर रूठी हो तो सोने चाँदी से सजा दूँ, तनबदन कोई तकलीफ़ हाथ पैर दबा दूँ। जुल्फें बिखेर कर यूँ... Hindi · कविता 71 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Aug 2022 · 1 min read मेरा वतन मेरी जान मेरा वतन मेरी जान ******************* मेरा वतन मेरी जान है। वतन से मेरी पहचान है। घर-घर मे लहरा तिरंगा, बहती है घर-घर में गंगा, हर मुख आई मुस्कान है। मेरा... Hindi · कविता 62 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Aug 2022 · 1 min read घर घर लहराए तिरंगा *********** घर - घर लहराए तिरंगा ********* *************************************** घर-घर लहराए तिरंगा सरकार का यह फरमान है, तिरंगा तो हर हाथ मे पर घर यही यही व्यवधान है। रहने को मजबूर... Hindi · कविता 159 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Aug 2022 · 1 min read रक्षाबंधन पर्व ******* रक्षाबंधन - पर्व ******* *************************** संस्कृति यही यही तो संस्कार है। रक्षाबंधन भाई-बहनों का प्यार है। सावन मास पुर्णिमा के दिन आये, भारतवर्ष में खुशी-खुशी से मनायें, आभा पर... Hindi · कविता 77 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2022 · 1 min read न मंजिल न ठिकाना ***** न मंजिल न ठिकाना ***** *************************** न ही मंजिल न ही ठिकाना मिला है, न ही माँझी न ही किनारा मिला है। फिरे हम बेसहारा बन कर आवारा, न... Hindi · कविता 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jun 2022 · 1 min read दो पहिया वाहन चालकों ********* दो पहिया वाहन चालकों ********** *************************************** छोटी सी सलाह मान लो दो पहिया वाहन चालको, सिर पर हेलमेट पहन लो दो पहिया वाहन चालकों। जिंदगी बार - बार हर... Hindi · कविता 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jun 2022 · 1 min read धेनु बिन अहीर धेनु बिन अहीर ************* याद है, वो भोली सी सूरत, वो मासूमियत, मंद-मंद मधुर मुस्कान, झुकी-झुकी निगाहें, खुली-खुली सी बाहें, दिल में दबी हुई आहें, अंगड़ाई लेता मूर्छित शरीर, जिसे... Hindi · कविता 327 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jun 2022 · 1 min read मौत आती है बेख़ौफ़ मौत आती है बेख़ौफ़ ***************** मौत आती है बेख़ौफ़, बेशक है मन में ख़ौफ़, पर है ये कड़वी सच्चाई, साथ नहीं देती है परछाईं, ताउम्र जिसका किया भला, वो ही... Hindi · कविता 93 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2022 · 1 min read बदल दे संसार बदल दे संसार ************** कोई सामने आए, और झट से ये बताए, कहाँ पर खो गए, संस्कृति और संस्कार, चारो तरफ फैला हैं, घोर अंधेरा काला बाजार, लूटती है रोज... Hindi · कविता 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 May 2022 · 1 min read मोहब्बत के ताज मोहब्बत के ताज *************** आज फिर है सुनी डरावनी सी आवाज शायद शुरू हुआ आजकल ऐसा रिवाज़ बेतुकी हरकतों से नहीं आता कोई बाज तीखी कर्कश देने लगा पुराना पड़ा... Hindi · कविता 142 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 May 2022 · 1 min read गवाह घाटी और वादियाँ *** गवाह घाटी और वादियाँ **** *************************** क्या भू गर्भ से पैदा हुई हैं जातियाँ, क्या ये गवाह हैं घाटी और वादियां। एक जैसा खून का रंग ही लाल है,... Hindi · कविता 300 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 May 2022 · 1 min read धुल जाएंगे पाप ********** धुल जाएंगे पाप ********** ********************************** लगाओ गंगामैया में डुबकी धुल जाएंगे पाप, जो हुए होंगे अंजाने या किए होंगे खुद आप। बहुत ज्यादा मैली हो गई थी यह दुनियादारी,... Hindi · कविता 111 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 May 2022 · 1 min read पिता जी का साया *** पिता जी का साया *** ********************* पिता जी की छत्रछाया है, कभी भी साथ न पराया हैं। लू गम की जरा न लग पाए, बरगद सी शीतल छाया है,... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 5 249 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Mar 2022 · 1 min read जीने से मरना आसान **जीने से मरना लगता आसान है*** ***************************** बुरा वक्त जो आया है चला जाएगा, अंधेरों के बाद ही उजाला आएगा, दोस्तों रूपी पूंजी का असर तो देखिए, दर्द ए दिल... Hindi · कविता 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Mar 2022 · 1 min read सूनी होली ***** सुनी होली ***** ******************* आखिर होली आई भी, और झट से चली गई, बिखेरती हुई गहरे रंग, पर नहीं थे अपने संग, पीले,नील ,लाल ,गुलाबी, राह देखती गोरी नवाबी,... Hindi · कविता 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Feb 2022 · 1 min read हादसा *********** हादसा *********** **************************** निकला था मैं सैर को होने को फिट, पीछे से वाहन ने कर दिया झट हिट। हाय माँ मर गया निकली तीखी चीख, ऊपर से नीचे... Hindi · कविता 159 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Jan 2022 · 1 min read सावन भादों की बारिश सा प्यार सावन भादों की बारिश सा प्यार *************************** सावन-भादो की बारिश सा है ये प्यार कभी जी भर खूब बरसता है तो कभी बदल लेता है अपना रास्ता देखकर स्वार्थी लोगो... Hindi · कविता 449 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Dec 2021 · 1 min read शिक्षण में बढ़े निष्ठा *****& शिक्षण में बढ़े निष्ठा ******* ***************************** शिक्षक की शिक्षण में बढ़ जाए निष्ठा, संचालित है प्रशिक्षण कार्यक्रम निष्ठा। अवगत करवाई जाती नूतन नीतियाँ, नवाचार आधारित हो शिक्षण विधियाँ, किर्यान्वित... Hindi · कविता 137 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Dec 2021 · 1 min read ਪੈਸਾ ******* ਪੈਸਾ ******* ****************** ਚਾਹੇ ਜੈਸਾ ਭੀ ਹੋ ਜੇ ਕੈਸਾ ਪਿਓ ਤੋਂ ਵੀ ਵੱਡਾ ਹੈ ਪੈਸਾ ਤੇਰੀ ਐਸੀ ਕੀ ਹੋ ਜੇ ਤੈਸੀ ਹੋ ਫ਼ਿਰ ਵੈਸੇ ਕਾ ਹੀ ਵੈਸਾ ਦੁਨੀਆਦਾਰੀ ਦਾ... Punjabi · कविता 285 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Dec 2021 · 1 min read अंडा चोर पुलिस ***** अंडा चोर मुलाजिम****** *************************** पुलसिये के हाथ मे था मोटा डंडा, चोरी से जेब मे डाल रहा था अंडा। सोच रहा था वो सबसे नजरअंदाज, चोरी करने उसका अनोखा... Hindi · कविता 396 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Dec 2021 · 1 min read ASI और क्रेटा **ASI की क्रेटा गाड़ी** ******************** ताजा ASI बना छोकरा, दहेज में क्रेटा मांग ली। नोटों का भर दो टोकरा, खुद की कीमत मांग ली। माँ-बापू क्यों पैदल चलें, बेटे श्रवण... Hindi · कविता 367 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Dec 2021 · 1 min read अंगूठा छाप सबका बाप *अंगूठा छाप सबका बाप* ********************* राजनीति की देख लो छाप, अंगूठा छाप सबका बाप। तानाशाही हो जब भारी, लोकतंत्र साबित अभिशाप। नौकरशाही - भरष्टाचारी, मोह-माया संग बढ़ता पाप। धन -... Hindi · कविता 311 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Dec 2021 · 1 min read पास मेरे तुम आओ पास मेरे तुम आओ **************** पास मेरे तुम आओ, यूँ पास से मत जाओ। जो भी लेना -देना हो, तनिक मत शरमाओ। ले कर यहाँ बैठें हैं, प्रेम-प्रसाद ले जाओ।... Hindi · कविता 166 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Dec 2021 · 1 min read माहिया माहिये **************** 1 सुन प्यार से तू सजनी, होने वाली है, तेरी - मेरी मँगनी। 2 बाँहों में तो आओ, सावन आ टपका, प्रेम झूले झुलाओ। 3 सपनों की रानी... Hindi · कविता 294 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Nov 2021 · 1 min read संविधान पर्व *** संविधान-पर्व (चौपाई) *** ************************ संविधान से अधिकार मिले, जन-गण को मान-सम्मान मिले। बाबा साहब लाख नमन है, खुशियों का खिलाया चमन है। जीवन का अधिकार दिलाया, कर्तव्य भी निभाना... Hindi · कविता 389 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Nov 2021 · 1 min read कामद कंचन काया *** कामद कंचन काया*** ********************** कामुक कामद कंचन काया, सुंदर सलिला साहिल साया। मंजुल मोहक मोहिनी मूरत, सुखद स्वप्न संजोती सूरत। अर्ध अधर अधरस अपनाता, निर्मल निश्चल निर्झर नाता। किंचित... Hindi · कविता 569 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Nov 2021 · 1 min read रेत का ढेर स्वप्न एक रेत का टीला ******************** स्वप्न की आयु रेत के टीले सी होती है दूर से जितना सुंदर दिखते हैं जरा सा भी पास आने पर तनिक सा हाथ... Hindi · कविता 430 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2021 · 1 min read अतिभार नही रहता कुछ भी है याद, बस यह रहती है फरियाद, भार्या पर न हो कोई भार, न ही वाद-विवाद-अपवाद। ********************* सुखविन्दर सिंह मनसीरत Hindi · कविता 281 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2021 · 1 min read नीर बात बेशक हो कोई गंभीर, रोक लेता है नर नैनों से नीर। होने न देता भाव जग जाहिर, पी जाता है घूँटभर आया नीर। *********************** सुखविंद्र सिंह मनसीरत खेड़ी राओ... Hindi · कविता 185 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2021 · 1 min read मन के भाव ******** मन के भाव ******** ************************** भानु सी अंगीठी में तप रहे हैं, अंगार सी गर्म सांसें उगल रहें हैं, उसके नर्म लाल लहू से अधर, व्याकुल हैं मिलन को... Hindi · कविता 280 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Nov 2021 · 1 min read कौन करे रखवाली *रै करै कौण घर की रखवाली* ************************* रै करै कौण घर की रखवाली, रै खू गई सै किते घर की ताली। दिखदी कोन्या ए खिलती क्यारी, रै जड पाड़ गया... Hindi · कविता 313 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Nov 2021 · 2 min read सतगुरु नानक ***** ਸਤਿਗੁਰੂ ਨਾਨਕ******** ************************** ਸਤਿਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਜੀ ਜੱਗ ਤੇ ਆਯਾ, ਸੰਗਤਾਂ ਨੂੰ ਸਿੱਧੇ ਰਸਤੇ ਹੈ ਪਾਇਆ। ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ, ਸਤਿਗੁਰੂ ਜੀ ਬੇੜਾ ਪਾਰ ਲਗਾਇਆ ਦੀਨ - ਦੁਖੀਆਂ ਲੋਕਾਂ... Hindi · कविता 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Nov 2021 · 1 min read मेरा सतगुरु प्रगट होया **** सतगुरु प्रगट होया **** ************************ मेरा सतगुरु प्रगट होया, हमेश रहां गुरु च खोया। जिस दिन दा उस लड़ लगया, सारा दुख उस विच मोया। मैं तां गुर संग... Hindi · कविता 136 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Nov 2021 · 1 min read जाम पीने का क्या फायदा *जाम पीने का क्या फायदा* ************************ जाम पीने का क्या है फायदा, चढ़ती कम कहीं उतरती ज्यादा। नशा मुहब्बत का उतरता नहीं, बस इश्क करने का हो कायदा। कोई कुछ... Hindi · कविता 180 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Nov 2021 · 1 min read कौन कहाँ से आई ** कौन कहाँ से आई ** ******************* तुम कौन , कहाँ से आई, रातों की नींद उड़ाई। शान्त बह रहा था सागर, प्रवाह की गति बधाई। कलरव से गूँजता गगन,... Hindi · कविता 197 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2021 · 1 min read जाति-जहर जाति-जहर ************ मार्केट में आ गया, बिल्कुल पुराना पर नया-नया, काम करता है झट पहर, नाम उसका जाति-जहर, बेशक नहीं है विष में कोई मेवा, परन्तु बहुत ही है यह... Hindi · कविता 1 213 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2021 · 1 min read कौन थी वो ** कौन थी वो ** ************** कौन थी वो, सब कुछ जान कर भी, मौन थी वो, प्यार जताना भी नहीं, चाहती थीं वो, चाह कर भी प्रेम छिपाना नहीं,... Hindi · कविता 1 175 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Oct 2021 · 1 min read भर्या की दारू दवाई ***** भर्या ही दारू-दवाई ****** ************************** सुनो-सखी करवाचौथ पर्व आया है, मेरे मन में फिर से डर समाया है। पतिदेव तन-मन स्वामी हो दीर्घायु, बाल भी बांका न हो लगे... Hindi · कविता 202 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Oct 2021 · 1 min read माहिया मधुशाला(माहिया) *************** 1 सुनहरी बालों वाली, मृग सी चाल चले, हो मेरी घरवाली। 2 जुल्फें हों घनी भारी, नजर नशीली सी, हृदय पर चले आरी। 3 गौरी - गौरी काया,... Hindi · कविता 290 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Oct 2021 · 1 min read यादें खट्टी मिट्ठी यादें ************* लो फिर आ गई, तेरी दर्द भरी याद, जब हाथ लग गई, वो प्रेमभरी चिट्ठिया, जो समेटे हुए थी, तेरा मेरा वाद विवाद, ओर मधुर संवाद,... Hindi · कविता 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Oct 2021 · 1 min read मतदान महादान ****मतदान -महादान *** ********************* जागो मतदाता जागो रे, लालच मन से त्यागो रे। मदारी आये खेल दिखाने, तमाशा देख कर भागो रे। तरह-तरह के लोभ भी देंगे, लोलुपता से दूर... Hindi · कविता 155 Share Previous Page 5 Next