Rekha Drolia 205 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Rekha Drolia 29 Apr 2021 · 1 min read जीत! जीत ! मन का हारा हारे तू तज दे भय सारे तू कर ले संकल्प न छोड़ तू विकल्प आस को जकड़ साँस को पकड़ चट्टान सा अटल मुट्ठी में... Hindi · कविता 1 653 Share Rekha Drolia 23 Apr 2021 · 1 min read उजियारा .. उजियारा... काल की कुंडली में जीवन कसा जाता है पसरा मौन, अंजाना डर तुमुल मचाता है छोड़ हताशा रख ले आशा,धर ले धीर अंधियारा चीर दिनकर उजियारा लाता है भयाक्रांत... Hindi · कविता 6 303 Share Rekha Drolia 12 Apr 2021 · 1 min read क़ैद.. क़ैद... क़ैद जिस चारदिवारी में मेरा जिस्म मेरा वजूद वो मेरा घर कहाँ ये तो हैं ईंट पत्थर की दीवारें जिनमें मेरी ख़्वाहिशों को दिया गया है चुनवा वो मेरा... Hindi · कविता 1 1 308 Share Rekha Drolia 10 Apr 2021 · 1 min read उस ओर .. उस ओर... छुपी गवाक्ष की आड़ सिमटी खड़ी इस छोर झांक कर देखूँ विस्मित आख़िर क्या है उस ओर प्रश्न ये करता विचलित क्या उस पार भी वेदना सपनों के... Hindi · कविता 4 453 Share Rekha Drolia 7 Apr 2021 · 1 min read दर्द दर्द दर्द का पारावार नहीं आ बसता हर कहीं बंद करो कपाट लगा दो सौ ताले एक टूटी फाँक भी खोज निकाले नहीं चाभी का मोहताज घुसपैठिया आँगन करे नाच... Hindi · कविता 2 317 Share Rekha Drolia 4 Apr 2021 · 1 min read लावा... लावा... गली के मोड़ पर खींचा था दुपट्टा कभी जकड़ा कभी कस कर पटका छटपटाती रही ज्यूँ जल बिन मीन दरिन्दे एक नहीं दो नहीं थे वो तीन बस जूझती... Hindi · कविता 3 3 691 Share Rekha Drolia 3 Apr 2021 · 1 min read सुनसान सड़क... सुनसान सड़क... ये दिल वीरान सुनसान सड़क जहाँ होती नहीं कोई भी धड़क न किसी का आना न किसी का जाना सूनी राहों पर बस अकेले ही चलते जाना एक... Hindi · कविता 2 701 Share Rekha Drolia 28 Mar 2021 · 1 min read होली हाइकु माला होली ! #हाइकु माला रंगे है गाल हरा गुलाबी लाल सखी गोपाल चुपके डाल प्यार का ये गुलाल धुला मलाल बिगड़ा हाल बचपन कमाल नही सवाल होली बवाल दोस्ती की... Hindi · हाइकु 3 494 Share Rekha Drolia 27 Mar 2021 · 1 min read का संग खेलूँ होरी.. का संग खेलूँ होरी.. ढोल मृदंग बजे स्वर सधे गाये मंगल फाग बसंती टेसू ने लगा दियो उर अम्बर में आग अबीर कुम कुम केसर कंचन पिचकारी कान्हा जल्दी आजा... Hindi · कविता 321 Share Rekha Drolia 26 Mar 2021 · 1 min read आलि संग आली होली आलि संग आली होली फागुन में मन भाए आली होली पिचकारी की धार से भीगे चोली मोरे पिया नहीं संग कैसे भाए रंग छेड़े मोहे आलि,दुष्ट करे ठिठोली वो ले... Hindi · कविता 376 Share Rekha Drolia 22 Mar 2021 · 1 min read मैं और तुम मैं और तुम ... तुम शैल विशाल अचल मैं निर्झर झरने का जल तुम ठहरे गहरे अनंत सागर मैं बहती नदिया कल कल तुम पूनम के बढ़ते विधु मैं नित... Hindi · कविता 2 345 Share Rekha Drolia 19 Mar 2021 · 1 min read आओ मेरे.. आओ मेरे ... आओ मेरे उर उटज में धीरे-धीरे हौले-हौले यादों की पगडंडियों से गुज़रें चुपके बिन बोले वो गली जहां मिले नयन जब बिन नैया हम डोले इक खिड़की... Hindi · कविता 5 492 Share Rekha Drolia 17 Mar 2021 · 1 min read जीवन और ओस कण जीवन और ओस कण क्षणभंगुर सा जीवन जैसे ओस का कण दोनों का इस पल नर्तन अगले पल मरण इक मिट्टी की काया मिट्टी में मिल जाए दूजी हवा से... Hindi · कविता 2 303 Share Rekha Drolia 14 Mar 2021 · 1 min read पतझर पतझर पतझर में टूटी बिखरी मुरझायी गिरी धरा तल देखे थे मैंने कई बसंत अब जर्जर जीवन के पल प्यासी पलकें घिर आयी ढुलक गए हीरक कण संचित करती उर... Hindi · कविता 1 2 514 Share Rekha Drolia 8 Mar 2021 · 1 min read मैं हूँ .. महिला दिवस की अनंत शुभकामनाएँ! मैं हूँ ... मैं सीता नहीं जो दूँ अग्नि परीक्षा मैं राधा नहीं जो विरह हो इच्छा मैं मीरा नहीं जो विष पी जाऊँ मैं... Hindi · कविता 1 4 431 Share Rekha Drolia 2 Mar 2021 · 1 min read वाद -विवाद वाद-विवाद .. लो फिर आ गई एक तस्वीर जो देगी कलेजा चीर फिर इस पर चंद क़सीदे लिखे जाएँगे संचार पर कुछ विचार किए जाएंगे संसद में फिर होंगे कुछ... Hindi · कविता 1 352 Share Rekha Drolia 26 Feb 2021 · 1 min read नीड़ नीड़ हाय उड़ गया पंछी मेरे नीड़ का थाह न लगा पाया मेरी पीड़ का ढूंढती उसे थकी धूमिल सी नज़र साँझ हो गई अब तो लौट आ घर उड़ीकती... Hindi · कविता 1 9 543 Share Rekha Drolia 23 Feb 2021 · 1 min read #हाइकु माला #हाइकु माला फ़ोटो खिंचेगी ऊँचे दाम बिकेगी तेरी ग़रीबी भूखा उदर बोझ है सर पर स्मित अधर ये कैसी माया बचपन है खोया भाग्य है सोया बेबस पीर देती कलेजा... Hindi · हाइकु 318 Share Rekha Drolia 23 Feb 2021 · 1 min read तस्वीर तस्वीर ... खोया कहीं बचपन आँखों में बस सूनापन सर पर बोझ भारी हाय ये कैसी लाचारी कलेजा चीरती नज़र दुनियाँ कैसी बेफिक्र फिर भी अधरों पर मुस्कान सर बोझा... Hindi · कविता 2 327 Share Rekha Drolia 20 Feb 2021 · 1 min read ध्रुव तारा ध्रुव तारा लहरों संग छप्पा छप्पी मगन मोबाइल खेलने की अटकन सिमट सी गयी पीढ़ी की दूरी गुजारा तेरे संग हसीन बचपन आजीवन रहूँ मैं तेरा ध्रुव तारा तू प्रेम... Hindi · कविता 430 Share Rekha Drolia 15 Feb 2021 · 1 min read ये लाल रंग.. ये लाल रंग ... जो न बहती रक्तिम धारा धारती मैं तुम्हें कैसे सारा रक्त कणों से कर सिंचित नव पुष्प खिलाती हूँ प्यारा जो बहता धमनियों में तुम्हारी रक्त... Hindi · कविता 3 6 286 Share Rekha Drolia 8 Feb 2021 · 1 min read बर्फ़ीला क़हर बर्फ़ीला क़हर हिमखंड टूटा भाग्य फूटा लापता लोग उजड़े घर ज़िंदगी को झकझोरने आ गया बर्फीला क़हर उमड़ती नदी वेग विकराल मानस जीवन उथल पुथल हिमस्खलन प्रलय मचा गया जित... Hindi · कविता 2 1 259 Share Rekha Drolia 26 Jan 2021 · 1 min read अधिकार #गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ अधिकार गणतंत्र लोकतंत्र प्रजातंत्र हमारे देश का सदैव मूल मंत्र जनता की जनता के लिए सरकार संविधान हमें देता यह अधिकार पर यूँ ही नही मिलते... Hindi · कविता 1 804 Share Rekha Drolia 25 Jan 2021 · 1 min read चाह.. चाह.. चाहत ये न थी कि पतझड़ में सूखे पत्ते सी टूट कर बिखर जाऊँ चाह बस ये थी कि ख़ुशबू की तरह तेरे मन जीवन में बिखर जाऊँ चाहत... Hindi · कविता 4 5 298 Share Rekha Drolia 16 Jan 2021 · 1 min read मेरा गाँव और वो मेरा गाँव और वो भोले से गाँव की भोली सी अल्हड़ छोरी ताल तलैया किनारे नैनों की जोरा जोरी मधुर चूड़ियों की खनक पायल की छनक ज्यूँ अमुआ की डाल... Hindi · कविता 4 2 542 Share Rekha Drolia 14 Jan 2021 · 1 min read उड़ान उड़ान उड़ान भरूं पतंग सी मैं मतवाली,चंचल खो जाऊँ विस्तृत नभ के सिंदूरी अंचल मेघों का आभास,सतरंगी धनक निहारूँ बूंदों के दर्पण में निज को नित सवारूँ मृदु-स्वप्न डोर लिए... Hindi · कविता 1 3 455 Share Rekha Drolia 11 Jan 2021 · 1 min read #हाइकु #हाइकु १.आदि रुदन रुदन से ही अंत मध्य जीवन २.दिल टूटता फिर भी धड़कता ज़िद तो देखो ३.चाँदनी रात तेरे काँधे पे सर हसीन पल ४.संध्या बावरी खो निशि आलिंगन... Hindi · हाइकु 2 570 Share Rekha Drolia 9 Jan 2021 · 1 min read साजन कह-मुकरी साजन लिपटे तन मन भर दे स्पंदन कंपित अधरों पर मृदु चुंबन झंकृत हो जाते प्राणों के तार अंतर्मन शीतल सौरभ संसार सखी री साजन?नहीं री संदली पवन! सहला... Hindi · कविता 3 9 312 Share Rekha Drolia 5 Jan 2021 · 1 min read श्रीराम-केवट मिलन श्रीराम-केवट मिलन श्रीराम लखन सिया सहित पहुँचे गंगा तीर आह्वान करे केवट का कृपालु ईश रघुवीर देख प्रभु साक्षात केवट उल्लसित अकुलान ब्रह्म-जीव के मिलन का तनिक नहीं था भान... Hindi · कविता 1 5 411 Share Rekha Drolia 1 Jan 2021 · 1 min read साल बीस इक्कीस साल बीस इक्कीस साल दो हज़ार बीस की टीस चुभती रही दिल में बन नासूर क़हर बनकर बरसा ये बरस कितनों के अपने हो गए दूर जो बीत गया सो... Hindi · कविता 4 7 494 Share Rekha Drolia 30 Dec 2020 · 1 min read नव वर्ष नव वर्ष नव वर्ष की करें अगुवाई नव मंगल गान चौक पुराई नव कलश नव तोरण मार नव वधू सा स्वागत शहनाई नव आगंतुक उल्लसित आह्वान नव प्रभात नभ इंद्रधनुष... Hindi · कविता 1 6 284 Share Rekha Drolia 27 Dec 2020 · 1 min read जो मिलने आओ तो .. जो मिलने आओ तो .. मिलने आओ मुझसे तो एक बात ध्यान रखना अपना घमंड गुरूर बाहर खूँटी पर टांग आना चौखट पर झाड़ आना वो शिकायतों की धूल पायदान... Hindi · कविता 1 2 536 Share Rekha Drolia 26 Dec 2020 · 1 min read तुम्हें क्या पता ... तुम्हें क्या पता ... वो सवाल जो होठों पर सिले हैं वो मौन जो अंतर्मन से चीखता है वो निस्पंद आखें जो बेबस बोलती हैं वो दिल जो इंतेज़ार में... Hindi · कविता 2 8 273 Share Rekha Drolia 24 Dec 2020 · 1 min read प्रेम प्रेम नैसर्गिक प्रेम की परिभाषा राधा आधी कृष्ण आधा एक हृदय तो दूजा धड़कन पूर्ण को परिपूर्ण करती राधा परिणीता नहीं प्रेम पुजारिन अस्तित्व आजीवन समर्पण नैसर्गिक सौंदर्य की स्वामिनी... Hindi · कविता 523 Share Rekha Drolia 22 Dec 2020 · 1 min read कुछ शब्द कुछ भाव कुछ शब्द कुछ भाव... 1.न जाने क्यों दिल पिघला जाता है तेरे ख़्याल से ही मचला जाता है हर आहट पर लगता है कि तुम हो इस उम्मीद पे पुरज़ोर... Hindi · कविता 1 4 615 Share Rekha Drolia 21 Dec 2020 · 1 min read कोरोना-एक अलग पहलू जीवन के इस भाग दौड़ में आया ठहराव,तू भी रुक इस पल को जी... होठों पर मुस्कान अभिराम झंझा से ले विराम इस पल को जी अपनों के लिए हैं... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 27 41 942 Share Rekha Drolia 11 Dec 2020 · 1 min read गुलाब गुलाब सुर्ख़ अधरों पे लाली गुलाब सी माथे सोहे लाल बिंदी गुलाब सी जुड़े में गुँथा गजरा गुलाब का अदाओं में नज़ाकत गुलाब सी तेरी प्रीत की ख़ुशबू गुलाब सी... Hindi · कविता 2 4 494 Share Rekha Drolia 7 Dec 2020 · 1 min read अंतर्द्वंद अंतर्द्वंद मन का शोर तुमुल सा मचाता अंतर्द्वंद कलेजा चीरता जाता यादों के फंदों में जाते उलझते निकास न जाने कौन से रस्ते कोई पकड़ बाहर खींच लाता ज़िंदगी की... Hindi · कविता 1 2 494 Share Rekha Drolia 5 Dec 2020 · 1 min read मनमोहिनी /आलिंगन १.मनमोहिनी तेरी छवि मनमोहिनी स्पृहणीय तू कामिनी पंकजा नयन सुराहिदार गर्दन कुंतल कसे चूड़ामणि जँचे स्वर्ण कर्णफूल सोहे नथनी झूल ढलका आँचल मनवा चंचल बलखाती कमर सस्मित अधर मलयानिल श्वास... Hindi · कविता 1 2 589 Share Rekha Drolia 4 Dec 2020 · 1 min read किसान चल पड़े .. किसान चल पड़े.... मैं किसान इस देश का वासी फिक्र कर लो मेरी भी ज़रा सी फ़क़त इतनी सी है मेरी जरूरत दो जून रोटी वसन सर पर छत कभी... Hindi · कविता 2 315 Share Rekha Drolia 3 Dec 2020 · 1 min read किसान किसान तपती धरा अम्बर मार्तण्ड प्रखर मलिन हाथों आस का बीज धर अश्रु सने स्वेद कणों से सींच कर हौसलों का हल चलाता हलधर कृषक के पसीने का परिणाम लहलहाते... Hindi · कविता 5 553 Share Rekha Drolia 2 Dec 2020 · 1 min read सम्पूर्ण सम्पूर्ण यूँ ही कभी कुछ खालीपन सा एक अधूरापन सा होता महसूस चुभती एक वेदना कष्ट एकाकिपन का ज़िंदगी बेज़ार सी उर टीस नासूर सी ख़्वाहिश कभी कभी आभास कोई... Hindi · कविता 1 4 305 Share Rekha Drolia 25 Nov 2020 · 1 min read संघर्ष संघर्ष कर्म की तपती ज़मीं पर मेहनत का बीज धर स्वेद कणों से सींच कर नव युग निर्माण कर विश्राम नहीं,संघर्ष कर सिंह की हुंकार भर तम का हृदय चीर... Hindi · कविता 1 2 686 Share Rekha Drolia 21 Nov 2020 · 1 min read बटोही बादल बटोही बादल इन्द्रधनुष की खूँटी पर टंगा सतरंगी सपनों का बादल उड़ता नभ द्रुत पंख लगाए पथिक सा अम्लान सजल भटके बटोही सा नील गगन इच्छाओं का जलद धवल मृदु... Hindi · कविता 2 513 Share Rekha Drolia 19 Nov 2020 · 1 min read हाँ मुझे भी दर्द होता है अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर मेरी रचना साझा कर रही हूँ। हाँ मुझे भी दर्द होता है हाँ मुझे भी दर्द होता है जब तुम कह देती हो बेधड़क बेबाक़ आपको... Hindi · कविता 2 317 Share Rekha Drolia 15 Nov 2020 · 1 min read पुकार पुकार उदित हुए प्रभाकर स्वर्णिम बेला आयी मंदिर के घंटे- घड़ियाल दे रहे सुनाईं दूर से आजान की आवाज़ है आयी जो बोले सोनिहाल गुहार लगायी है ईश्वर हे खुदा,हे... Hindi · कविता 2 472 Share Rekha Drolia 13 Nov 2020 · 1 min read मैं तुलसी.... मैं तुलसी.... मैं तुलसी माँ के आंगन की तुझ संग ब्याह यहाँ सज गयी निंबोलियाँ सहेलियाँ सब बिछड़ी बाबुल का चौबारा भी तज गई लक्ष्मी स्वरूपा मैं हरिप्रिया तुम विष्णु... Hindi · कविता 2 4 447 Share Rekha Drolia 9 Nov 2020 · 1 min read मिल पार करेंगे मिल पार करेंगे .. मैं जोगन इस तट खड़ी तुम बहती तरणी सवार जाने कब उर झंकृत हुए प्रीत लय वीणा के तार मन की नौका बाँध ली विश्वास की... Hindi · कविता 2 2 274 Share Rekha Drolia 7 Nov 2020 · 1 min read चाहत चाहत जहाँ होता है सबसे ज़्यादा प्यार वहीं मिलती है सबसे बड़ी हार ऐसा होता है तो क्यों होता है? ये दिल इतना क्यों रोता है? दिल जो चाहे क्या... Hindi · कविता 374 Share Rekha Drolia 6 Nov 2020 · 1 min read प्रणय बंधन प्रणय बंधन निस्पंद आँखें तड़पन छुपाए प्रेम-रोग हृदय चीर जाए नयनों में दीपक से जलते प्रीत मिलन के सपने पलते द्रिगु मूँदूँ छवि तेरी चित्रित मुक्तामणि से आँसू झरते वेदना... Hindi · कविता 1 2 338 Share Previous Page 3 Next