कवि रमेशराज Language: Hindi 315 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज के 12 प्रेमगीत खेत गुलाबों के---1 ---------------------------------- फिर चाहे जीवन-भर मिलते किस्से घावों के एक उम्र तो जी लेते हम बिना तनावों के। मैने चाहा था वसंत का मीठा-सा सपना, जिस पर मैं... Hindi · गीत 457 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 4 min read रमेशराज के नवगीत वैरागीपन पास बुलाये---1 ---------------------------------------- अभिमन्यु की तरह लड़ा मैं प्रश्नों के हर चक्रव्यूह से, पहिया थाम हुए हाथ में टूटे विश्वासों के रथ का। आसमान छूने निकले यूं अंधे मरियल... Hindi · गीत 269 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज की कहमुकरियां || कहमुकरी|| होठों से मुस्कान ग़ुम , मन के भीतर टीस सखी क्या पास न प्रियतम? नहीं ये टीसे सिस्टम | +रमेशराज || कहमुकरी|| हो जातीं हैं आंख नम ,... Hindi · कविता 245 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक 1. जिसने कहा उजाला दूँगी, सब तक नूर निराला दूँगी अंधकार जब आया फ़ौरन वही रौशनी मुकर गयी | हम बोले जब राम उठाले , हमें ज़िन्दगी रही सम्हाले अब... Hindi · मुक्तक 228 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 7 min read रमेशराज के विरोधरस दोहे फूल उगाने के लिए खुशबू के जल्लाद बना रहे हैं आजकल जनता को ही खाद | +रमेशराज जनरक्षा की ओर अब तू कविता को मोड़, आयी जो रुखसार पर लट... Hindi · दोहा 356 Share कवि रमेशराज 30 Apr 2017 · 3 min read रमेशराज के शृंगाररस के दोहे नैन मिले ऐसे दिखी मुदित कपोलों लाज खिलें कमल की पाँखुरी धीरे-बेआवाज़ | +रमेशराज दियौ निमन्त्रण प्रेम का गोरी ने मुसकाय और लियौ मुख फिर तुरत घूँघट-बीच छुपाय | +रमेशराज... Hindi · दोहा 321 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज की गीतिका छंद में ग़ज़लें || गीतिका छंद में ग़ज़ल || उर्दू में इसकी बहर ....फ़ायलातुन फ़ायलातुन फ़ायलातुन फ़ायलुन ...................................................................... सादगी पै, दिल्लगी पै, इक कली पै, मर मिटे दोस्ती की रोशनी पै, हम खुशी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 257 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज की तीन ग़ज़लें || ग़ज़ल ||--1 घनी उदासी अपने पास बुझी नहीं अधरों की प्यास। भले न ये दर्दालंकार मत दे घावों के अनुप्रास। अपनों से ये कैसी लाज? तेरे मेरे रिश्ते खास।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 639 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 1 min read ग़ज़ल उधर अगर लब पर मुस्कान इधर बसा अन्दर तूफान। मीत मोम-सा, अजब विलोम खींचे बनकर खंजर प्रान। वो छू ले तो हो झंकार पा जाते हैं पत्थर जान। देती एक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 246 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज की कहमुकरी संरचना में 10 ग़ज़लें कहमुकरी संरचना में ग़ज़ल ---1 ------------------------------------------ प्यारा उसे लगे अँधियार, रात-रात भर करे पुकार मत करना सखि री संदेह, पिया नहीं, संकेत सियार। घायल है तन, मन बेचैन, घाव रिसें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 606 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 5 min read रमेशराज के वर्णिक छंद में मुक्तक || मुक्तक ||--1. --------------------------------------- थाने के सिपैयाजी की मूँछ को सलाम है श्वान जैसी आदमी की पूँछ को सलाम है, नेता अधिकारी चरें मक्खन-मलाइयाँ जनता के पास बची छूँछ को... Hindi · मुक्तक 488 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 1 min read रमेशराज के 7 मुक्तक केसरिया बौछार मुबारक होली का त्यौहार मुबारक | जो न लड़ा जनता की खातिर उस विपक्ष को हार मुबारक || +रमेशराज ------------------------- नेता बाँट रहे हैं नोट सोच-समझ कर देना... Hindi · मुक्तक 248 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 8 min read रमेशराज का हाइकु-शतक -----------------------------------------------------1. नाम लिखा था { 5 वर्ण , 8 मात्राएँ } हमने जल पर { 7 वर्ण , 8 मात्राएँ } खोये अक्षर | { 5 वर्ण , 8 मात्राएँ... Hindi · हाइकु 1 1 282 Share कवि रमेशराज 29 Apr 2017 · 3 min read रमेशराज के दस हाइकु गीत 1.कैसे मंजर? -------------------- जुबाँ हमारी तरल नहीं अब कैसे मंजर? प्यारी बातें सरल नहीं अब कैसे मंजर? अहंकार के बोल अधर पर नये वार के, हमने भूले पाठ सुलह के... Hindi · हाइकु 1 330 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read इन रावणों को कौन मारेगा? क्वार सुदी दशमी को बेहद उल्हास के साथ मनाये जाने वाले उत्सव का नाम ‘दशहरा’ है। इसे ‘विजयादशमी’ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन... Hindi · लेख 286 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध ‘श्राद्ध प्रकाश’ में बृहस्पति कहते हैं कि सच्चे मन और आत्म-पवित्रता के साथ तैयार किये गये शुद्ध पकवान, दूध, दही, घी, तिल, कुश, जल आदि का उचित पात्र को दिया... Hindi · लेख 1 1 329 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read नारी-शक्ति के प्रतीक हैं दुर्गा के नौ रूप ग्रीष्म ऋतु में चैत्रमास की अमावस्या के दूसरे दिन प्रारंभ होकर नौ दिन तक मनाए जाने वाले व्रत नवरात्र नवदुर्गा अर्थात न्यौरता में नारी-शक्ति की उपवास रखकर पूजा-अर्चना की जाती... Hindi · लेख 858 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read शिव ही बनाते हैं मधुमय जीवन शिव समस्त देवों के देव माने गये हैं, क्योंकि वे मनुष्य ही नहीं, प्राणी जीवन में जो भी व्यवधान, कष्ट या दुःख आते हैं, उनका निराकरण वे सहज भाव से... Hindi · लेख 248 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 4 min read शिव-स्वरूप है मंगलकारी शास्त्रों की मान्यतानुसार पावन गंगा को अपनी लटों में धारण करने वाले, समस्त देवों के देव, अन्यन्त निर्मल, भोलेभाले महादेव शिव जितने उदार, परोपकारी, सौम्य और दयाभाव से भरे हुए... Hindi · लेख 339 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read लक्ष्मी-पूजन कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्योहार दीपावली का सम्बन्ध भगवान श्री रामचन्द्र जी के वनवास के दौरान अत्याचारी रावण को मारकर अयोध्या लौटने से... Hindi · लेख 326 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read हर घर में नहीं आती लक्ष्मी दरिद्रता जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप है। आदमी यदि दरिद्र हो तो उसे धन-प्राप्ति के लिये दूसरों के समक्ष याचना करनी पड़ती है। भिक्षा का सहारा लेना पड़ता है। धनहीन... Hindi · लेख 447 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read द्रौपदी ने भी रखा था ‘करवा चौथ’ का व्रत कार्तिक वदी चतुर्थी के दिन रखे जाने वाले व्रत का नाम ‘करवाचौथ’ है। यह भारतीय स्त्रियों का मुख्य त्यौहार है। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां पति की रक्षार्थ परमपिता परमेश्वर का... Hindi · लेख 297 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 4 min read बड़ी मादक होती है ब्रज की होली तरह-तरह के गीले और सूखे रंगों की बौछार के साथ बड़ी ही धूम-धाम से मनाये जाने वाले त्योहार का नाम ‘होली’ है। होली का सम्बन्ध एक ओर गेंहू-जौ की पकी... Hindi · लेख 315 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read मस्ती का त्योहार है होली होली शरारत, नटखटपन, मनोविनोद, व्यंग्य-व्यंजना, हँसी-ठठ्ठा, मजाक-ठिठोली, अबीर, रंग, रोली से भरा हुआ एक ऐसा त्योहार है जो रंगों की बौछार के मध्य अद्भुत आनंद प्रदान करता है। कुमकुम और... Hindi · लेख 1 320 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति कार्तिक मास की अमावस्या को पूरी धूमधाम से मनाये जाने वाले त्योहार दीपावली का सम्बन्ध भगवान श्री रामचन्द्रजी का वनवास के दौरान अत्याचारी रावण को मारकर अयोध्या लौटने से है।... Hindi · लेख 354 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read धनतेरस जुआ कदापि न खेलें कार्तिक बदी त्रयोदसी मनाये जाने वाले त्यौहार ‘धनतेरस’ को ‘धन्वन्तरि जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन ही धन्वन्तरि वैद्य समुन्द्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए... Hindi · लेख 286 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 3 min read विष का कलश लिये धन्वन्तरि कार्तिक बदी त्रयोदशी को कृष्ण पक्ष में रात को घर की देहरी पर दीप प्रज्वलित कर अँधियारे पर प्रकाश की जीत का शंखनाद करने वाले त्योहार का नाम धनतेरस है।... Hindi · लेख 477 Share कवि रमेशराज 18 Apr 2017 · 2 min read भगवान ने कहा-“हम नहीं मनुष्य के कर्म बोलेंगे“ नारदजी ने भगवान विष्णु से कहा कि, ‘‘प्रभु आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। आज के दिन पृथ्वी लोकवासी साक्षात स्वर्ग प्राप्ति के लिये क्या-क्या उपाय कर रहे हैं,... Hindi · लेख 323 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read जब ‘नानक’ काबा की तरफ पैर करके सोये अपने-अपने धर्म और अलग-अलग ईश्वरों दैव-शक्तियों को लेकर भेद उन्हें ही जान पड़ता है, जो वास्तविकता से परे, अपने अधूरे ज्ञान के बेूते फूले नहीं समाते हैं। सच्चे संत के... Hindi · लेख 525 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read भाईचारे का प्रतीक पर्व: लोहड़ी ‘लोहड़ी’, ‘तिल’ तथा ‘रोड़ी’ शब्दों के मेल से बना है, जो शुरू में ‘तिलोड़ी’ के रूप में प्रचलन में आया और आगे चलकर यह ‘लोहड़ी’ के नाम से रूढ़ हो... Hindi · लेख 1 341 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read कश्मीरी पण्डितों की रक्षा में कुर्बान हुए गुरु तेगबहादुर सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर सरल-सौम्य और संत स्वभाव के थे। वे सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सदैव तत्पर रहते थे। गुरुजी ने राजा भीमसिंह के सहयोग से... Hindi · लेख 486 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read गुरु तेगबहादुर की शहादत का साक्षी है शीशगंज गुरुद्वारा मुगल बादशाह औरंगजेब महत्वाकांक्षी, क्रूर और अत्याचारी बादशाह था। दिल्ली के तख्त पर आसीन होने के लिए उसने अपने पिता शाहजहाँ को तो जेल में डाला ही, अपने तीन सगे... Hindi · लेख 615 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 2 min read गुरु रामदास गुरु रामदास जी अपने विचारो से दृढ़, अद्भुत संगठनकर्ता और पारखी महापुरुष थे। वह छूआछूत, भेदभाव ऊंच-नीच, जाति-पांत में विश्वास नहीं रखते थे। गुरु रामदास ने ही अमृतसर की स्थापना... Hindi · लेख 704 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 4 min read उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है पर्व ‘गुरु पूर्णिमा’ ऐसे सच्चे गुरुओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने वाला दिन है, जिन्होंने धर्म के रथ पर सवार होकर श्री कृष्ण की तरह अर्जुन रूपी जनता से सामाजिक... Hindi · लेख 514 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read बिन काया के हो गये ‘नानक’ आखिरकार साक्षात ईश्वर के समान, असीम अलौकिक शक्तियों के पुंज, जातिपांत-भेदभाव के विनाशक, मानवता के पावन संदेश को समस्त जगत में पुष्प-सुगंध की तरह फैलाने वाले गुरु नानक सिख-धर्म के संस्थापक... Hindi · लेख 255 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 2 min read गुरु अंगद देव सिखों के दूसरे गुरु अंगददेव साहित्य-प्रेमी ही नहीं, ढोंग और आडम्बर के घोर विरोधी थे। अपने जन्म के नाम लहनासिंह के रूप में गुरुजी ने गुरुनानक की इतनी सेवा-सुश्रषा की... Hindi · लेख 322 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल केवल डेढ़ वर्ष तक गुरुपद को सम्हालने वाले गुरु अमरदास गोईंदवाल नगर और 84 सीढि़यों वाली पवित्र बावली के निर्माणकर्ता तो रहे ही हैं, गुरुजी ने गुरु रामदास को नया... Hindi · लेख 462 Share कवि रमेशराज 15 Apr 2017 · 3 min read सिखों का बैसाखी पर्व जिस बैसाखी पर्व को सिख लोग नाचते-गाते, तलवारबाजी का कौशल दिखाते, ढोल बजाते बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाते हैं, इसी बैसाखी के दिन बालपन से ही युद्ध में... Hindi · लेख 503 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read अमर स्वाधीनता सैनानी डॉ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस अब सीमेंट, यूरिया, आदर्श सोसायटी, 2 जी स्पेक्ट्रम, कामन वेल्थ गेम घोटालों के लिये विख्यात हो चुकी है। काली करतूतों जैसे तस्करी, घोटालों और देशद्रोह में लिप्त... Hindi · लेख 1 289 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 4 min read ‘निराला’ का व्यवस्था से विद्रोह क्रान्तिकारी, फक्कड़ और निर्भीक महात्मा कबीर के बाद यदि कोई कवि उनके समतुल्य, व्यवस्था-विरोधी, साहसी और नैतिक मूल्यों को सर्वोपरि मानकर, उनकी स्थापनार्थ संघर्षरत रहा है तो वह नाम है-महाप्राण... Hindi · लेख 590 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read नारी कब होगी अत्याचारों से मुक्त? धीरे-धीरे जिस पाश्चात्य अपसंस्कृति का शिकार हमारा समाज होता जा रहा है, उसके दुष्परिणाम स्त्री जाति पर अत्याचारों की बढ़ोत्तरी के रूप में सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहे हैं। शहर ही... Hindi · लेख 441 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 4 min read गृहस्थ-योगियों की आत्मा में बसे हैं गुरु गोरखनाथ भक्ति-आन्दोलन से पूर्व योगमार्ग द्वारा धार्मिक आन्दोलन के प्रणेता, अपने युग के सबसे बड़े धार्मिक नेता, महान गुरु गोरखनाथ का आविर्भाव विक्रम संवत की दसवीं शताब्दी में माना जाता है।... Hindi · लेख 927 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read डॉ. अम्बेडकर ने ऐसे लड़ा प्रथम चुनाव डॉ. अम्बेडकर ‘हिन्दू कोड बिल’ को सन् 1952 के सामान्य चुनाव होने से पहले ही संसद में पारित कराने को बेताब थे। जब उनकी इस इच्छा की पूर्ति में कांग्रेस... Hindi · लेख 224 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read एक परोपकारी साहूकार: ‘ संत तुकाराम ’ वे भाग्यशाली लोग होते हैं, जिनके पास धन-दौलत होती है। लेकिन ऐसा धन किसी काम का नहीं होता, जो परोपकारी कार्यो और जरूरतमंदों में न लगे। ऐसा धनी बनने से... Hindi · लेख 453 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 3 min read क्या ईसा भारत आये थे? ईसा तीस वर्ष की आयु में एक महान धर्मापदेशक बनकर उभरे और उन्होंने अपनी जाति के मध्य जो धार्मिक दर्शन रखा, उसने जन-जन के बीच एक नयी वैचारिक क्रान्ति के... Hindi · लेख 375 Share कवि रमेशराज 14 Apr 2017 · 2 min read जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध सत्य और धर्म के वास्तविक स्वरूप को समझाने के लिये समाजिक अंधविश्वासों, मान्यताओं, रुढ़ियों, परम्पराओं का अनवरत विरोध करने वाले महात्मा बुद्ध अपने सुधारवादी, प्रगतिशील, कल्याणकारी दृष्टिकोण के कारण जितनी... Hindi · लेख 439 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध बंगाल के कांग्रेस नेता विपिनचन्द्र पाल, पंजाब के स्वतंत्रता संग्राम के नायक लाला लाजपतराय और महाराष्ट्र में जन्मे राष्ट्रीय नेता बाल गंगाधार ‘तिलक’ कांग्रेस के नरमपंथी बुद्धिजीवी लेखकों, समाजसेवियों, विचारकों... Hindi · लेख 254 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’ नेताजी सुभाषचन्द्र बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे चमकते सितारे थे, जिसमें सच्ची देशभक्ति का ओज था। इस सितारे की आभा के सम्मुख न नेहरू टिक पाते थे और... Hindi · लेख 283 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read हिटलर ने भी माना सुभाष को महान अपने समय के सर्वोच्च क्रान्तिकारी सुभाषचन्द्र बोस ने फ्रांसीसी विद्वान रोम्यारोलां से सन् 1935 में कहा था - ‘‘भारत में एक ऐसा राजनीतिक दल होना चाहिए जो किसानों और मजदूरों... Hindi · लेख 390 Share कवि रमेशराज 12 Apr 2017 · 3 min read अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि एक व्यक्ति जो रईसों के बिगडै़ल बेटे की तरह अहंकारी, उन्मादी, भोगविलास की समस्त रंगीनियों का आनंद लेने वाला रहा हो, उसके सम्पर्क... Hindi · लेख 555 Share Previous Page 3 Next