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172 posts
Page 4
है यहां
है यहां
दीपक झा रुद्रा
हरिक बूंद में इश्क बरसा रहा है!!
हरिक बूंद में इश्क बरसा रहा है!!
दीपक झा रुद्रा
जद हमारा गगन से कभी कम नहीं।
जद हमारा गगन से कभी कम नहीं।
दीपक झा रुद्रा
सुनो न...
सुनो न...
दीपक झा रुद्रा
गजल
गजल
दीपक झा रुद्रा
को भी
को भी
दीपक झा रुद्रा
हकीकत
हकीकत
दीपक झा रुद्रा
हमने कहा चांद से
हमने कहा चांद से
दीपक झा रुद्रा
देता हूं दुआएं कि यार तुमको प्यार हो!
देता हूं दुआएं कि यार तुमको प्यार हो!
दीपक झा रुद्रा
प्रितक व्यथा (हास्य कविता)
प्रितक व्यथा (हास्य कविता)
दीपक झा रुद्रा
न चाहिए
न चाहिए
दीपक झा रुद्रा
तुम्हारी झील सी आंखें
तुम्हारी झील सी आंखें
दीपक झा रुद्रा
हमदम
हमदम
दीपक झा रुद्रा
ख़्वाब
ख़्वाब
दीपक झा रुद्रा
सुना ही दिया है
सुना ही दिया है
दीपक झा रुद्रा
ख़ुदग़र्ज़ हूं मैं
ख़ुदग़र्ज़ हूं मैं
दीपक झा रुद्रा
तू ईश्क है
तू ईश्क है
दीपक झा रुद्रा
तेरे नाम का
तेरे नाम का
दीपक झा रुद्रा
इश्क़ ए रकीब
इश्क़ ए रकीब
दीपक झा रुद्रा
प्रीत योगी मित आत्म बसाए
प्रीत योगी मित आत्म बसाए
दीपक झा रुद्रा
मोहब्बत सियासत वालों का
मोहब्बत सियासत वालों का
दीपक झा रुद्रा
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
मैंने इक चांद को छोड़ा है आसमां के लिए।
दीपक झा रुद्रा
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