Language: Hindi
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बस माँ समझ पाती है
Bhupendra Rawat
अब वो पुरानी किताब मांगता है
Bhupendra Rawat
तन रही है बंदूके नेताओ की बोली पर
Bhupendra Rawat
अब दवाओं में भी वो बात नही
Bhupendra Rawat
आईने ने भी सच दिखाना छोड़ दिया
Bhupendra Rawat
लब मेरे अब मुस्कुराने लगे है नाम अब तेरा गुनगुनाने लगे है
Bhupendra Rawat
कांटो ने जीने का सलीखा नही सीखा
Bhupendra Rawat
गम की आंधियो से बाहार निकल आया हूँ
Bhupendra Rawat
बिन माँ इस सृष्टि का वजूद नही
Bhupendra Rawat
पढ़ते सब शौक से है ग़ालिब को मर कर भी जिंदा दास्तान बन बैठे है
Bhupendra Rawat
खामोशी एक ही सवाल पूछती है
Bhupendra Rawat
मत कुचलो दबे अरमानो को
Bhupendra Rawat
ये अपना ज़माना ना था दर्द उसे दिखाना नहीं था
Bhupendra Rawat
तेरे इश्क़ में गुमनाम हो गया
Bhupendra Rawat
तुम मेरी जान लेकर क्यों ऐसा करती हो
Bhupendra Rawat
कभी रोना तो कभी मुस्कुराना भी पड़ता है
Bhupendra Rawat
खुश रहे वो हर पल ज़िन्दगी में
Bhupendra Rawat
नहीं चाहिए वो दिन वो राते जिसमे तेरा एहसास ना हो
Bhupendra Rawat
अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ
Bhupendra Rawat
तुम अब जलाते बहुत हो
Bhupendra Rawat
बस इतना की अब मन नही है
Bhupendra Rawat
इस अज़नबी जहाँ में किसे अपना बताओगे
Bhupendra Rawat
दर्द दिया है तो इलाज़ भी तू बता
Bhupendra Rawat
जीने का ना कोई बहाना चाहिए
Bhupendra Rawat
तू बढा सुलझा हुआ है मैं बहुत उलझा हुआ हूं
Bhupendra Rawat
राह अब आसाँ नही साहिल के थपेड़ों में
Bhupendra Rawat
तुमने बुरा कहा भी तो अच्छा लगा मुझे
Bhupendra Rawat
सफिने का समुन्द्र में डूब जाना मुश्किल था
Bhupendra Rawat
कभी चुपके से दर हमारे भी आ जाना
Bhupendra Rawat
जब यादों के सहारे जिंदगी जीनी मुश्किल हो जाती है
Bhupendra Rawat
दिल से दिल मिल जाए तो
Bhupendra Rawat
मेरा वज़ूद इस जहाँ में ना होता
Bhupendra Rawat
आ चल चलें उस लम्बी दूरी में
Bhupendra Rawat
लबों की हंसी चुराना आसान ना था
Bhupendra Rawat
तुम क्या जानो जरूरत क्या होती है
Bhupendra Rawat
मेरे सपने, जो थे अपने, वो तोड़ गया मुझे मेरी ही राहों में तन्हा छोड़ गया
Bhupendra Rawat
अब मेरी किस्मत में नहीं हो तुम
Bhupendra Rawat
नहीं जीने दिया हालात ने मुझे
Bhupendra Rawat
किस्से बहुत है हमारे ज़माने में
Bhupendra Rawat
किताब में सुखा हुआ एक गुलाब देखा
Bhupendra Rawat
मान है बेटी सम्मान है बेटी
Bhupendra Rawat
अब कोई ऐसी दवा नही मिलती जीने की कोई वजह नही मिलती
Bhupendra Rawat
अश्क़ आज आँखों में भर कर आया हूँ
Bhupendra Rawat
उनकी आँखों में एक नशा सा है
Bhupendra Rawat
जब दिल बीमार होने लगता है तब किसी से प्यार होने लगता है
Bhupendra Rawat
जो चाहता हूँ वो भूल नही पाता हूँ लौट कर मैं वही आ जाता हूँ
Bhupendra Rawat
वो आज भी इस बात से बेखबर है
Bhupendra Rawat
ज़िन्दगी में इक़रार होना चाहिए
Bhupendra Rawat
मन में कितने भ्रम पाले हुए है
Bhupendra Rawat
अब हर जगह तू ही तू नज़र आता है
Bhupendra Rawat