सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 38 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Oct 2020 · 1 min read प्रेम हवा ****** प्रेम हवा ******* ******************** प्रेम हवा है मंद मंद चली खिल गई है दिल की कली मन .आनंदविभोर हो गया जब .से तुम मुझको मिली जिन्दगी बहुत उदास थी... Hindi · कविता 1 444 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Sep 2020 · 1 min read एक और निर्भया ****** ******एक ओर निर्भया****** ************************* हाथरस जिले की निंदनीय घटना हृदय विदारक अमानवीय घटना निर्भया कांड की बर्बरता गए भूल गुलिस्तां के फूलों के साथ हैं शूल दरिंदों की दरिंदगी... Hindi · कविता 1 230 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Sep 2020 · 1 min read ख्वाहिशें ** ख्वाहिशें ** ************** ख्वाहिशें रह गई अधूरी ख्वाब हैं सब बिखर गए खुशियों ने छोड़ दिया है दामन गमसीन हम जहाँ में हाल बेहाल है स्थिति बद से बदत्तर... Hindi · कविता 1 485 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2020 · 1 min read प्रेम ताकत ******* प्रेम-ताकत ****** ********************** प्रेम में बहुत ही ताकत है कुदरत ने बख्शी नियामत है अफरातफरी सी मच जाए दिल तोड़ना , बहुत लानत है दिल मिले,तन मिल नहीं पाए... Hindi · कविता 454 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2020 · 1 min read निगाहों से औझल *********** नजरों से औझल ************ ************************************* नजरों से औझल हो कर दिल में समाई रहती हो जब भी जंभाई लेती होगी याद मुझे ही करती हो नजरें मिलाता हूँ तो... Hindi · कविता 207 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2020 · 1 min read कोरोना टैस्ट ***** कोरोना टैस्ट ***** ********************* बैठे थे हम यूँही खुशी खुशी कहकहे, ठिठोली और हँसी वार्तालाप में खूब मशगूल फुरसती लम्हें,बातें फिजूल डॉक्टर का था फोन आया कोरोना टैस्ट संदेश... Hindi · कविता 1 195 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Sep 2020 · 1 min read लता सा न कोई सानी लता सा न कोई सानी **************** कोयल सी मधुर वाणी लता सा न कोई सानी जब जब वो कुछ गाए हर दिल को करे पानी सुर सम्राज्ञी कहलाए सारी दुनिया... Hindi · कविता 1 392 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Sep 2020 · 1 min read सोलह श्रृँगार में सजी दुल्हन सोलह श्रृँगार में सजी दुल्हन ********************** सोलह श्रृँगार में सजी दुल्हन सुन्दरता की मूर्त बनी दुल्हन माथे पर टीका कानों में बाली नाक में नथनी पहनी दुल्हन लंबे लंबे काले... Hindi · कविता 1 176 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Sep 2020 · 1 min read फूल गुलाब है बेटी ****फूल गुलाब है बेटी***** *********************** घर आँगन का श्रृँगार है बेटी पिता की पगड़ी सत्कार है बेटी चमन मे खिलते फूल तरह तरह गुलिस्तां का फूल गुलाब है बेटी दोनों... Hindi · कविता 2 315 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Sep 2020 · 1 min read नेहा इलाहाबादी ******** नेहा इलाहाबादी ********* ****************************** तेरह भाषाओं की ज्ञाता,हिन्दी पीएचडी राज्यस्तरीय खिलाड़िन नेहा इलाहाबादी आकाशवाणी से प्रसारित होती रचनाएँ मुशायरों की है धड़कन नेहा इलाहाबादी कवि सम्मेलनों में साहित्यिक राग... Hindi · कविता 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Sep 2020 · 1 min read कवम से लिखते जाएंगे **** कलम से लिखते जाएंगे *** ************************** धुन की लय पर थिरकते जाएंगे भाव को कलम से लिखते जाएंगे कैसे भी नसीब हो जो हमें पल हर पल आनंद से... Hindi · कविता 1 225 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Sep 2020 · 1 min read पिता का दर्द ***** पिता का दर्द ****** ********************** पिता उम्र भर है दर्द छिपाए दर्द सह कर भी फर्ज निभाए दुलार प्यार से संतान पालता औलाद हो बेकार,कैसे बताए जवान सपूत परलोक... Hindi · कविता 342 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Sep 2020 · 1 min read बेख्याली में ख्याल *** बेख़्याली में ख्याल *** ********************* जब भी तेरा ख्याल आए मन में महक सी खिल जाए ख़्याली बन घूमता फिरूँ बयार में मन संभाल आए भौंरा बन मंडराता रहूँ... Hindi · कविता 1 335 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2020 · 1 min read मासूम बेटियाँ ********* मासूम बेटियाँ ******** **************************** फूल सी नाजुक मासूम होती हैं बेटियाँ कायनात पर नियामत होती है बेटियाँ संवेदनशील होता है स्वभाव निराला संयमित मान मर्यादित होती है बेटियाँ बेटों... Hindi · कविता 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2020 · 1 min read लग जा गले एक बार *गले लग जाओ एक बार** ********************* गिले शिकवे भूलो एक बार आ लग जाओ गले एक बार विरहा की मारी ,रस्ता देखे आ बुझा जा अग्न एक बार आधी बीती... Hindi · कविता 1 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2020 · 1 min read बेदर्दी बालमा ***** बेदर्दी बालम ***** ********************* बेदर्दी बालम जी कहाँ गए नहीं मिले हमें हम जहाँ गए छोटी सी बात बड़ी कर गए कर के दो दो हाथ कहाँ गए उनकी... Hindi · कविता 504 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2020 · 1 min read सिलसिले प्यार के **सिलसले प्यार के** ***************** सिलसिले हुए प्यार के प्यार में एतबार के आँखें दो से चार हों आ गए दिन बहार के अकेलापन भा जाए द्वार बन्द बाजार के चक्र... Hindi · कविता 1 349 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2020 · 1 min read काले घनेरे बादल *** काले घनेरे बादल *** ******************* आसमान में हैं छाये बादल काले घने और घनेरे बादल पानी लेने जा रहें हैं बादल पानी लेकर आ रहें बादल काली घटा में... Hindi · कविता 1 457 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Sep 2020 · 1 min read दास्तान इंसान की *****दास्तान इंसान की***** ************************ अजीब दास्तान है इंसान की सृष्टि के णहानायक महान की कथनी करनी में ना समरुपता खाता हैं वो. अपनी जुबान की जुबान में मिठास,दिल है खट्टास... Hindi · कविता 535 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Sep 2020 · 1 min read बालात्कार का दर्द *** बालात्कार का दर्द *** ********************* बालात्कार का दर्द, पीड़िता से कहीं ज्यादा, कौन समझ सकता है, जिसके शुद्ध तन को, अज्ञात, नापसंद वहशी, स्वेच्छा और अनुमति बगैर, नोच नोच... Hindi · कविता 1 1 222 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2020 · 2 min read परिवार नियोजन दास्तान *******परिवार नियोजन दास्तान****** ******************************** परिवार नियोजन योजना का है यह सार दशक अनुसार योजना का बदला आधार उन्नीस सौ सत्तर पूर्व योजना का था ये हाल हम दो और हमारे... Hindi · कविता 1 1 305 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2020 · 1 min read हलसी एक रामायण औषधि हँसी एक राम बाण सी औषधि ************************ जिंदगी जीने की न कोई अवधि हँसी एक राम बाण सी औषधि स्वार्थी जहां में रंज के ढ़ेर है हर्ष के पल रामबाण... Hindi · कविता 1 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2020 · 1 min read मिला चाय संग पकौड़ा ******* मिला चाय संग पकोड़ा ******* ********************************* मिल गया है जन जन को चाय संग पकौड़ा सीने पर रोज पड़ रहा सरकारी हथौड़ा खुद के वेतन बढा रहे चाहे फैला... Hindi · कविता 2 435 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2020 · 1 min read कर्मां दे मारे ***कर्मां दे मारे**** *************** रात अंबरा दे तारे गिनदे गिनदे हां हारे मुकियाँ मौज बहारां रोइए कर्मा दे मारे गूढा प्रीत दा हुलारा हैगा जीण दा सहारा टूट गइयां प्रेम... Hindi · कविता 1 198 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2020 · 1 min read साजन बिन सावन फीका ***सावन बिन सावन फीका*** ************************* आँखों में मस्ती माथे पर टीका तुम बिना साजन सावन है फीका रिमझिम बारिश मौसम है सुहाना खाली बाँहें ,यह कैसा सलीका शीत पवन का... Hindi · कविता 2 506 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2020 · 1 min read कैद परिंदा ****** कैद परिन्दा ***** ********************* खुली हवा में रहने दो जिंदा इंसान से कहे कैद परिंदा बंद पिंजरे में दम है घुटता हररोज रहे है पल पल मरता स्वेच्छाचारी बन... Hindi · कविता 1 508 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2020 · 1 min read शशिप्रभा सी चमकती शशिप्रभा सी चमकती ***************** शशिप्रभा सी चमकती, सफेद तुषार सी शीतल, सर्द समीर की आद्रता, जो निश्चला के तल पर, महीन जलकण या फिर, तुहिन से कणों स्वरूप, सुन्दर पावक... Hindi · कविता 1 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2020 · 1 min read पुरखे बने पीतर ****पुरखे बने पीतर**** ******************** धरती तज के हो गए तीतर घर के पुरखे बन गए पीतर पितृ पक्ष पर उन्हें याद करें आँखों से ओझल हुए पीतर दूसरी दुनिया के... Hindi · कविता 1 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2020 · 1 min read दुनिया कि दस्तूर निराला ****दुनिया का दस्तूर निराला**** *************************** दुनिया का यारों बहुत दस्तूर निराला कहीं छाया अंधियारा कहीं उजाला जो भी जिसे चाहे वो मिलता नहीं हैं जिसे जो भी मिले वो चाहता... Hindi · कविता 1 201 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2020 · 1 min read जीवं के विभिन्न रंग ****जीवन के विभिन्न रंग**** ************************ रंग बिरंगे फूलों सा है जीवन मौसम सा ढंग बदलता है जीवन धूप छाँव के साये जैसे दुख सुख बसंत और शिशिर जैसा है जीवन... Hindi · कविता 1 432 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2020 · 2 min read अधूरी प्रेम कहानी *********** अधूरी प्रेम कहानी ********** ************************************ यारों आज सुनाता हूँ मैं एक अधूरी प्रेम कहानी जिस पर भी ठुकती हो तो बताओ निज जुबानी बहु सुहाने लगते हैं वो जो... Hindi · कविता 1 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Sep 2020 · 1 min read गाँव की खुश्बू ******गाँव की खुश्बू******* *********************** गाँव की खुशबू रग रग समाई जहाँ पे देखूँ,दे पग.पग दिखाई पीपल,बरगद,नीम सघन छाया जहाँ पर प्यारा बचपन बिताया बाल सखा संग पींगें चढाई जहाँ पे... Hindi · कविता 1 231 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2020 · 1 min read हिन्द की हिन्दी हिन्द की हिन्दी (हाइकु) *************** 1 हिन्दी माँ बोली हिन्दुस्तान की शान है आन बान 2 है शहदीली रसभरी मीठी सी भरे जुबान 3 छंद शोभित अलंकारों से युक्त दोहा-चौपाई... Hindi · हाइकु 2 1 520 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2020 · 1 min read मधुरिम सी हिन्दी *मधुरिम सी हिन्दी (मनहरण घनाक्षरी)* ****************************** 8887....पदान्त गुरु ****************************** अंग्रेजी की सहचरी,रही मातृभाषा हिन्दी, दबी हुई है बोझ मेंं,माँ बोली मेरी हिन्दी। प्रचार प्रसार करो,मत धारो तुम चुप्पी, विकास विस्तार... Hindi · कविता 1 1 421 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2020 · 1 min read मधुरिम सी हिन्दी *मधुरिम सी हिन्दी (मनहरण घनाक्षरी)* ****************************** 8887....पदान्त गुरु ****************************** अंग्रेजी की सहचरी,रही मातृभाषा हिन्दी, दबी हुई है बोझ मेंं,माँ बोली मेरी हिन्दी। प्रचार प्रसार करो,मत धारो तुम चुप्पी, विकास विस्तार... Hindi · कविता 418 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Sep 2020 · 1 min read औरत की कहानी *******औरत की अहानी******** **************************** औरत तेरी आज भी है वही कहानी आँचल में दूध आँखों से बरसे पानी सदियों से चली आ रही वही दास्तानें न जाने कब होंगी ये... Hindi · कविता 1 621 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी दिवस प्रयोजन ****हिन्दी दिवस प्रयोजन***** ************************* अक्सर हम हिन्दी दिवस पर, या हिन्दी साप्ताहिक कार्यक्रम, अपनी कविताओं, रचनाओं और, पद्य गद्य की सारी विधाओं में, निज भावनाओं को कर व्यक्त, संगोष्ठियों, कवि... Hindi · कविता 1 462 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी हिन्द की पहचान *हिन्दी हिन्द की पहचान* ******************** मैं हिन्दी हिन्द की पहचान अपनों बीच बनी अंजान कहने मात्र मैं जन भाषा मुख पर मेरे न है मुस्कान भारतवर्ष की मातृभाषा किताबों तक... Hindi · कविता 2 505 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2020 · 1 min read अजनबी शहर *******अजनबी नगर******** ************************* आज फिर उनसे मिल गई नजर हैं अपना लग रहा अजनबी नगर है हाथ न आएगा जो पल है गुजरा वापिस लौट जाओ यही हसर है कोशिशें... Hindi · कविता 2 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2020 · 1 min read मोहब्बत रंग ******* मोहब्बत रंग ******** ************************* ये मोहब्बत क्या रंग लाएगी आखिर हमें कब तक तड़फाएगी आँधियाँ साथ ले जाएं सब कुछ ये क्या निशान छोड़ कर जाएंगी दुनियां होती दिल... Hindi · कविता 1 383 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Sep 2020 · 1 min read प्रेम पवन *******प्रेम पवन****** ******************** प्रेम पवन प्रबल चल पड़ी प्रेमियों संग है चल पड़ी जो उसकी राह में आया बाँह पकड़ के है चल पड़ी कोई भी न बच पाया है... Hindi · कविता 2 249 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2020 · 1 min read आभार ***** काव्य निलय ***** ********************* पद्य में होता गद्य का विलय छंदमुक्त कविता बिना लय शब्दों और भावों का संचय मनोभाव का काव्य निलय जब मन में आते सुंदर भाव... Hindi · कविता 2 1 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2020 · 1 min read अनकहे शब्द *****अनकहे शब्द****** ********************* लिख दो तुम बातें अनकही जो मुंह से अब तक न कही तेरे चेहरे को हम पढ़ पाएंगे मनोभावों को खोल जाएंगे तेरे अनकहे शब्दों की गठरी... Hindi · कविता 2 206 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Sep 2020 · 1 min read किसानों पर लाठीचार्ज ***** किसानों पर लाठीचार्ज ****** ***************************** धरने पर बैठे थे बेचारे मजबूर किसान मांगे सरकार से मनवाने को किसान धरनास्थल पर था शान्तिपूर्वक धरना आवाज सियासत तक पहुंचाने किसान कृषक... Hindi · कव्वाली 2 305 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2020 · 1 min read यादें **** यादें **** ************ यादें आती हैं बहुत सताती है बीती वो घड़ियाँ बहुत रुलाती हैं सारी वो बातें याद कराती है साथी जो छूटे स्मरण लाती है सूखे जीवन... Hindi · कविता 1 2 266 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2020 · 1 min read हिन्दी मेरे देश की आशा हिन्दी मेरे देश की आशा ******************* हिन्दी मेरे देश की आशा अंधकारमय घोर निराशा हिंदुस्तान में बोली जाती जन जन की है मातृभाषा अभिव्यक्ति का है संप्रेषण मीठी मीठी मधुरिम... Hindi · कविता 1 3 666 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2020 · 1 min read जनभ ******जनभाषा हिन्दी****** ************************ हम तो हैं हिन्दी देश के वासी अंग्रेजी भाषा अभिलाषी अंग्रेजी बनी प्रतिष्ठा सूचक अपमानित मातृभाषा प्यासी विदेशी भाषा स्वदेशी हुई जनभाषा बन गई परदेसी शिक्षण अधिगम... Hindi · कविता 1 1 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Sep 2020 · 1 min read सफर कट जाएगा ******** सफर कट जाएगा ********* ******************************** आहिस्ता आहिस्ता यह सफर कट जाएगा हमराही मिल गया तो ये हिज्र मिट जाएगा सोचता हूँ कभी, यह क्यों, कब ,कैसे हुआ जो भी... Hindi · कविता 2 180 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Sep 2020 · 1 min read अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहते *अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए* ******************************** वसुंधरा पर उत्तम यह काम होना चाहिए अन्नदाता का धरा पर मान होना चाहिए ज्येष्ठ की तपती दोपहरी में जले तन बदन... Hindi · कविता 1 1 409 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Sep 2020 · 1 min read दो नैन कजरारे ******* दो नैन कजरारे ****** ************************** ताकतें रहते तेरे दो नैन कजरारे जाने कब वो आएंगे प्रियतम हमारे दिन बीते,मास बीते,बीत गए वर्ष रे आँखें तरस गई आ भी जाओ... Hindi · कविता 2 417 Share Previous Page 38 Next