सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 34 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jul 2020 · 1 min read दो शब्द ****** दो शबद ******** ********************* दो शब्द सुन लो तुम प्यार से दो शब्द कह लो तुम प्यार से पहला बोले और दूसरा सुने दूसरा बोले और पहला सुने दो... Hindi · कविता 1 354 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jul 2020 · 1 min read सैलाबी कर लेता नैया पार ***सैलाबी कर लेता नैया पार*** ************************** जल जीवन का है अमूल्य उपहार वन, वन्य, धान्य,प्राणी का आधार जब धारता है कभी रूप विनाशक सैलाब बन के देता धन जन संहार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 371 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read शिक्षक हूँ शिक्षण की चिंता सता रही शिक्षक हूँ ,शिक्षण की है चिंता सता रही ******************************* शिक्षक हूँ , शिक्षण की चिंता सता रही बंद पड़े हैं शिक्षालय यह स्थिति बता रही आदतन मुंह से निकलते शिक्षाप्रद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 413 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read मोती माला बिखर जाती है *मोती माला बिखर जाती है* ********************** जब प्यार की आँधी आती है बेचैनी बढ़ा कर जाती है रिद्धि,सिद्धि कहीं पे खो जाए बुद्धि लब्धि शून्य हो जाती है संवेदना से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 153 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने मयनोशी सी आँखों के हैं क्या कहने *************************** मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने नैनों के अफसानों के हैं क्या कहने नैन कटोरे जैसे मदिरा के प्याले आसव रूपी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 492 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jul 2020 · 1 min read मौकोंपर व्यापार होते है ंंव ****मौकों पर व्यापार होते हैं***** **************************** कहने को तो दो और दो चार होते हैं पुरानी शराब से प्यारे यार होते है फूलों से खुशबू जुदा हो नहीं सकती भौरें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 442 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jul 2020 · 1 min read दबी दबी सी बंद जुबान है *** दबी दबी सी बंद जुबान है *** *************************** दबी दबी हुई सी बंद हर जुबान है चलने वाली हर रहगुजर सुनसान है खोया हर कोई अपनी अपनी धुन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 396 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read Keep the life in motion Keep The Life in Motion ************************* Sensitivity of emotions Keep the life in a motion Happiness and sadness Important life's notions Having no way to survive Just to have precautions... Hindi · कविता 1 2 417 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read खिले फूल मुरझाने लगे **खिले फूल मुरझाने लगे** ********************** खिले थे फूल हैं मुरझाने लगे भौंरें घर को लौट जाने लगे दिलबर सुदूर, हों प्रत्यावर्तन हद से ज्यादा याद आने लगे नभ में छाये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 229 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read मातृभाषा हिंदी *** मातृभाषा हिंदी *** ****************** औरत के माथे की बिंदी लुप्त हो रही भाषा हिंदी अंगेजी से शोषित हुई जन गण मातृभाषा हिंदी मधुरिम मधुर है रसभरी भारतवर्ष की भाषा... Hindi · कविता 1 2 463 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read घोड़ी कभी चढ़ना नहीं घोड़ी कभी चढ़ना नहीं ***************** तेरे बिना जीना नहीं तेरे बिना मरना नहीं राह में चाहे फूल हों तेरे बिना चलना नहीं परियाँ चाहे हमें मिले तेरे बिना बढ़ना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 240 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read खाली बादलो से क्यों घुमड़ रहे हो *खाली बादलो से क्यों उमड़ रहे हो* **************************** मौसम की तरह तुम यूँ बिगड़ रहे हो बिन बात के गलत राह पकड़ रहे हो हाल ए दिल मजाज है रुसवां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 450 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read तीज महोत्सव ******* तीज महोत्सव ******* ************************** भारत देश में मनाएं उत्सव अनेक तीज महोत्सव भी हैं उनमें से एक सावन मास तृतीय शुक्ल पक्ष आए खुशियों भरा तीज त्यौहार हैं मनाएं... Hindi · कविता 2 1 534 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read शब्द तीर ******* शब्द तीर ******* ********************** जब सीधे मन लगते शब्द तीर आर पार हो जाते शब्द तीर अखियों से खूब बहता है नीर जब सीने में चुभते शब्द तीर जख्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read याद आते हो तुम ****** याद आते हो तुम ****** ************************** वक्त से बेवक्त याद आते हो तुम दिलोदिमाग में छाये रहते हो तुम आँखों में नींद नहीं दिल है बेचैन काली सी रातों... Hindi · कविता 2 1 618 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read कैसे गाँए गीत मल्हार *** कैसे गाँए गीत मल्हार *** ************************* कोरोना वायरस की झेलें मार दुनिया भर में मच गया हाहाकार जन जन में हो रही चीख चित्कार भला हम कैसे गाँए गीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 191 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jul 2020 · 1 min read शब्दबाण से परेशान ******* शब्दबाण से परेशान ******* ****************************** शब्दबाण करते परेशान , तड़फते रहे तनिक तन में रही नहीं जान,तड़फते रहे तीखे तीखे तीर तन - मन चीरते रहते दिल के अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 459 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jul 2020 · 1 min read बिटिया है होती कोहिनूर का हीरा बिटिया है होती कोहिनूर का हीरा ************************* बिटिया है होती कोहिनूर का हीरा जाऊँ बलिहारी कोहिनूर का हीरा भोली सी सूरत दिखती जैसे मूरत दौलत है सारी कोहिनूर का हीरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 453 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jul 2020 · 6 min read निबंध 1 ***********लॉकडाऊन के मध्य जीवन ********* **************** निबंध******************** ***************************************** कुदरत या बीमारी का जब बरसता कहर, तबाह हो जाते है तब बड़े शहर के शहर। कोरोना वायरस के प्रभाव के... Hindi · लेख 1 2 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jul 2020 · 1 min read एक दिन मंजिल मिल जाएगी एक दिन मंजिल मिल जाएगी *********************** हौसलें कभी भी ना हो पस्त चाहे दिनकर जाए हो अस्त चिता सी चिन्ताएँ भी त्यागिए मस्ती में तुम रहो सदैव मस्त अर्जुन सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 574 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jul 2020 · 1 min read नारी फिर भी महान है नारी फिर भी महान है ***************** समाज पुरुष प्रधान है नारी फिर भी महान है अन्दर से सदैव सड़ती घुट घुट हैं रहती मरती बातें हैं दिल में रखती रहती... Hindi · कविता 3 1 179 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jul 2020 · 1 min read रा दी सियासत बदल के ******* रख दी सियासत बदल के ******** *********************************** सियासतदानों ने रख दी सियासत बदल के सच्ची राजनीतिक गाथा और रियासत बदल के जातिवाद और क्षेत्रवाद को हैं बढ़ावा मिल रहा... Hindi · कविता 5 2 215 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jul 2020 · 1 min read बदल गया संसार ********** बदल गया संसार *********** *********************************** राहें बदली, सोच बदली ,बदल गया सभ्याचार अंबर में काली बदली बदली,बदल गया संसार दुनियादारी के कायदे , रंग , ढंग बदल गए शुरुआतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 173 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jul 2020 · 1 min read अंबिए कदो दा फेरा ******* अंबिए कदो दा फेरा ****** ***************************** रूहा न उदासियाँ अंबिए कदो दा फेरा अखां न प्यासियाँ अंबिए कदो दा फेरा माए नी मेरिए दस कित्थे लाया तू डेरा अखां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 340 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jul 2020 · 1 min read चाँद तारे गवाह है **** चाँद तारे गवाह **** ******************** चाँद तारे सारे गवाह है तेरा मेरा हुआ निकाह है पेड़ पौधे खुशी से झुके है चलने लगी हवा पूर्वाह है लहरें किनारों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 291 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jul 2020 · 1 min read चाँद मिल गया ******* चाँद मिल गया ****** ************************* देखा जो तुझे तो चाँद मिल गया धरती पर मुझे तो चाँद मिल गया नभ का शशि फीका फीका है लगे बिना दुआ माँगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jul 2020 · 1 min read तुमसे मेरी बनी पहचान है **तुमसे मेरी बनी पहचान है** *********************** सुहाना मौसम बेईमान है छाया मन मे ये घमासान है गमों के बोझ से दिल है बोझिल चेहरों पर दिखती मुस्कान है आँखो में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 387 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read कवि कुमार विश्वास **** प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ****** ******************************* हिन्दी साहित्य का एक चमकता ध्रुव तारा नवरस का श्रृंगारिक कवि है सबसे न्यारा प्रवक्ता का बेटा प्राध्यापक पेशा अपनाया पिता के पदचिन्हों... Hindi · कविता 2 2 276 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read मोहरे बना देते हैं ****** मोहरे बना देते हैं ******** **************************** दिल में है क्या चेहरे बता देते हैं पल भर में वो मोहरे बना देते हैं मासूमियत सी है सदा रहती दिखती नाजायज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read वगे मट्ठी मट्ठी पूर्वे दी हवा ***** वगे मट्ठी मट्ठी पूर्वे दी हवा ******* ******************************** वगे मट्ठी पट्ठी पूर्वे दी हवा वे सोहणया दिल दर्दां दी दस तां की है दवा वे सोहणया निकी निकी कणियाँ... Hindi · कविता 1 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jul 2020 · 1 min read राजनीतिक मसले राजनीतिक मसले *************** ये राजनीतिक मसले होते हैं समझ से पार कब,कौन,किसका हो जाए कौन ,किसको है छोड़ जाए होती है जैसे बंद दुकान पर्दे के पीछे बिकता है ईमान... Hindi · कविता 1 2 252 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jul 2020 · 1 min read आम का पेड़ रे ********* आम का पेड़ रे ********** ******************************* घर आंगन द्वार बाहर लगा आम का पेड़ रे हरी भरी पार्क साथ सटा आम का पेड़ रे गुब्बारों से हैं दिखें पीले... Hindi · कविता 3 1 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read झींक आने लगी ***** झींक आने लगी ***** *********************** पौह की ठंड में वो बुलाने लगी मुझे सर्दी लगी जान जाने लगी उस वाक्या हम जिक्र कैसे करें शुरू करते शर्म सी आने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read रुत प्यार की ******** रुत प्यार की ******** *************************** आ गई है देखो फिर , रुत प्यार की प्रेमी परिंदों के पर , रुत प्यार की १ कस लीजिएगा कमर , रहे ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 416 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्यार *********** मुक्तक (प्यार) ************ 1 दिल की बात जो समझे उसे दिलदार कहते है पीठ पर खंजर घोंपे उसे गद्दार कहते हैं जमाने की दीवारों से है जो टकरा जाए... Hindi · मुक्तक 2 3 380 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक जिंदगी *****मुक्तक (जिंदगी) ******* ************************* 1 वक्त के थपेड़ों ने मुझे बताया है जिन्दगी नहीं आसान ये सुझाया है सिर पर आए सफेद बाल ये कहते प्रेम से प्रेम ही मिलता... Hindi · मुक्तक 2 533 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम ******** मुक्तक(प्रेम) ******** ************************** 1 हम जानते यह सब अज्ञानी नहीं हैं जानबूझ कर किया नादानी नहीं है टप टप जो बरसे नैनों से इस कदर आँखों से बहें आँसू... Hindi · मुक्तक 1 3 650 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jul 2020 · 1 min read इंसानियत की बंद दुकान हो गई *** इंसानियत की बंद दुकान हो गई *** ******************************* कितनी अहसान फ़रामोश जुबान हो गई लगता है इंसानियत की बंद दुकान हो गई जुबां की हिफ़ाज़त में सर कटा देते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 486 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jul 2020 · 1 min read ठंडी ठंडी हवा चले ठंडी ठंडी हवा चले *************** ठंडी ठंडी हवा चले जवां दिल रवाँ चले नभ में बादल छाये जियरा है घबराये काली घटा घनघोर नहीं किसी का जोर बारिश बूँदे है... Hindi · कविता 4 4 776 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jul 2020 · 1 min read दीवारों के भी कान होते हैं ******* दीवारों के कान होते हैं ********* ********************************** जुबां को रोकिए बोलने से नुकसान होते है संभल के बोलिए दीवारों के कान होते हैं कुछ भी कहने से पहले ज़रा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 360 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jul 2020 · 1 min read CRPF जवान **** CRPF जवान ***** ********************* जयहिंद CRPF जवानों को अलबेलों और मस्तानों को केन्द्रीय अर्द्धसैनिक शक्ति है आंतरिक सुरक्षा ही भक्ति है गृहमंत्रालय अधीन रहती है देश प्रेम भावना दिखती... Hindi · कविता 2 2 526 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Jul 2020 · 1 min read गणित शिक्षक सतबीर चौहान ************************ *गणित शिक्षक सतबीर चौहान* ***जनवि सगा (करनाल)*** ************************ नवोदय विद्यालय की आन बान गणित अध्यापक चौहान महान हरियाणा में झज्जर का सम्मान लौहारी ग्राम उनका जन्मस्थान गणित विषय के... Hindi · कविता 1 370 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2020 · 1 min read गंतव्य को बस पाना है ****गंतव्य को बस पाना है**** ************************* मत हो तू हताश,बस उड़ान भर दरिया का पानी भी है उफान पर बेफिक्र हो कर उड़ता जा नभ में जालिम दुनिया को छोड़... Hindi · कविता 1 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2020 · 1 min read कब होंगे टूटे रिश्ते अपने कब होंगे टूटे रिश्ते अपने ******************* कब होंगे पूरे अधूरे सपने कब होंगे टूटे रिश्ते अपने अहं वहम में सब दूर हुए आपसी संबंध फितूर हुए मृगतृष्णा मेघ होंगें छंटने... Hindi · कविता 1 167 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2020 · 1 min read मजबूरियाँ बं गई **** मजबूरियाँ बन गई **** *********************** हम दोनों में हैं दूरियाँ बन गई लगता है ये मजबूरियाँ बन गई तेरे बिन रह लेंगे जहां में तन्हां जाने ये फांस पहेलियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 260 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jul 2020 · 1 min read कुंडलियां सावन ********** कुंडलियां ********** 1 सावन महीना आया,बादल छाये घोर नभ में बीजुरी चमके ,बरसेंगे पुर जोर बरसेंगें पुर जोर,लग जाएगी फिर झड़ी ढूंढें चारो ओर ,नजरें जिससे हैं लड़ी बदन... Hindi · कुण्डलिया 2 3 277 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Jul 2020 · 1 min read हौसलें दरमियान **हौसलें दरमियान** ***************** गर हौसलें दरमियान हैं मुक्म्मल सदा उड़ान हैं नभ में नभचर रहें उड़ते कभी किसी से न डरते स्वछंद व्योय में विचरते अहेरी से भी न घबराते... Hindi · कविता 2 2 229 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jul 2020 · 1 min read सुरमयी शाम सुहानी **सुरमयी शाम सुहानी** ******************* सुरमयी शाम सुहानी सी मस्ती में मस्त मस्तानी सी शीत हवाएं चल रहीं हैंं तन में आग ज़िस्मानी सी यह जो तुषार जम रही है रूह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 423 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jul 2020 · 1 min read दूर प्रकाश *** दूर प्रकाश *** ************** काश और आकाश जैसे दूर हो प्रकाश जब बात पहुंच पार जब चलती ना पार ना इस ना उस पार बीच फंसे मंझदार बिखरती जैसे... Hindi · कविता 2 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Jul 2020 · 1 min read भंयकर अंधड़ ***भंयकर अंधड़ **** ****************** आ रहा है भंयकर अंधड़ नेस्तनाबूद कर देगा जड़ जोर जोर से ये हिलाएगा शायद संभल नहीं पाएगा शक्ति और गति है पुरजोर छाया है अंधेरा... Hindi · कविता 1 663 Share Previous Page 34 Next