सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 29 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Nov 2020 · 1 min read घाटियों में गम समा गये **घाटियों में गम समा गये** ********************** पहाड़ों सी ऊँची मुसीबतें घाटियों में गम है समा गये सरिता के बहाव सी जिंदगी बहते जल में लम्हे बह गये गम की बदली... Hindi · कविता 1 382 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Nov 2020 · 1 min read मयखाने में आई रौनक़ **मयखाने मे रौनक है आई*** ************************ आज मयखाने में रौनक आई हैं शहर में बजी कहीं शहनाई है आँखों में मय नशा छाया है जैसे मय ही गम भूलाने की... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Nov 2020 · 1 min read वक्त के थपेड़ों ने धकेला हूँ **वक्त के थपेड़ों ने धकेला हूँ** ************************* चाहे दुनिया में मैं अकेला हूँ वक्त के थपेड़ों ने धकेला हूँ आदमी तो हूँ मै बड़े काम का खैर लोगों के लिए... Hindi · कविता 421 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Nov 2020 · 1 min read तब पार लगाना सीखेंगे ******* तब पार लगाना सीखेंगे ******** ********************************** फंसे गर मंझदारों में तब पार लगाना सीखेंगे टकराये अगर अंगारों से आर लगाना सीखेंगे पानी जितना भी दरिया अंदर चाहे गहरा हो... Hindi · कविता 217 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Nov 2020 · 1 min read खो गया बचपन *****खो गया बचपन****** *********************** कहीं पर खो गया है बचपन कहीं से भी ढ़ूंढ लाओ बचपन खेल खिलौने कहीं हैं छूट गए मोबाइल निगल गया बचपन नानी दादी सुनाती कहानियाँ... Hindi · कविता 523 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Nov 2020 · 1 min read सोचता हूँ जिसे अक्सर ख्यालों मे ***सोचता हूँ जिसे अक्सर ख्यालों में*** ******************************** सोचता हूँ मैं जिसे अक्सर मेरे ख्यालों में अन्जान हूँ मैं अभी तक उसके ख्यालों में लाख कोशिशें करीं बयां हाल ए दिल... Hindi · कविता 303 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Nov 2020 · 1 min read लक्ष्मीबाई ********लक्ष्मीबाई******* *********************** मर्दों सी मर्दानी लक्ष्मीबाई थी झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई थी स्त्री सी मृदुता नजर नहीं आई पुरुष सी कठोर लक्ष्मीबाई थी परतंत्रता कभी रास नहीं आई आजाद दीवानी... Hindi · कविता 379 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2020 · 1 min read लक्ष्मीबाई ********लक्ष्मीबाई******* *********************** मर्दों सी मर्दानी लक्ष्मीबाई थी झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई थी स्त्री सी मृदुता नजर नहीं आई पुरुष सी कठोर लक्ष्मीबाई थी परतंत्रता कभी रास नहीं आई आजाद दीवानी... Hindi · कविता 1 435 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2020 · 1 min read बेशर्मी में मशगूल ****** बेशर्मी में मशगूल***** ************************* शादियों के ब बदल रहें हैं असूल शर्म हया छोड़ बेशर्मी में मशगूल अय्याशी का आलम तो देखिए सरेआम आशिकी हो रही कबूल माँ बाप... Hindi · कविता 1 223 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Nov 2020 · 1 min read पुरुष दिवस की शुभकामनाएँ **पुरुष दिवस की शुभकामनाएँ** **************************** जिम्मेदारियों का बोझ रहता ढोहता पुरुष कभी अपना आपा नहीं खोता पुरुष प्रधान समाज का है वो नायक परिवार छत्रछाया में आराम से सोता निज... Hindi · कविता 1 338 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Nov 2020 · 1 min read अवनि अंबर से मिल जाए अवनि अंबर से मिल जाए ********************* अवनि अंबर से मिल जाए रोम रोम भू का खिल जाए नभ में जो हैं चमकते तारे रजनी भी रोशन हो जाए मेघों की... Hindi · कविता 1 1 262 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Nov 2020 · 1 min read भैया दूज *********** भैया दूज *********** ****************************** कार्तिक शुक्ल पक्ष की जब बेला आई भाई बहन पावन पर्व भैया दूज है लाई भाइयों की खुशहाली दीर्घायु के लिए बहने मस्तक पर तिलक... Hindi · कविता 1 804 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Nov 2020 · 1 min read गोवर्धन उपासना ******* गोवर्धन उपासना ******* **************************** कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा है आया गोवर्धन पूजा में गाय प्रतीक बनाया गोवर्धन उपासना दिवस शुभ आया जन जन घर में हर्षोल्लास से मनाया अहंकारी... Hindi · कविता 354 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Nov 2020 · 1 min read पड़ गई कलेजे ठंड ****** पड़ गई कलेजे ठंड ******* **************************** पटाखों पर खर्च हो गया है सारा फंड बीत गई दीवाली पड़ गई कलेजे ठंड उजालों से अंधेरों का हो गया खात्मा द्वार... Hindi · कविता 1 2 437 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Nov 2020 · 1 min read आसमान मे चमकते तारे आसमान में चमकते तारे ******************* आसमान में चमकते तारे निशा रोशन है करते तारे कितनी भी काली रात हो उजाले से तम हैं हरते तारे शांत,शीत ,सुन्दर,मनोरम अवनि अंबर मिलाते... Hindi · कविता 406 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Nov 2020 · 1 min read दीपौं का दीवाली त्योहार दीपों का दीवाली त्योहार ******************** कोना कौना है गुलजार दीपों का दीवाली त्योहार गली मोहल्ले रौनक आई खिला खिला सा है बाजार शशि सी आभा हो चमके शीत शालीन हो... Hindi · कविता 1 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Nov 2020 · 1 min read पटाखों सी खोखली जिंदगी **** पटाखों सी खोखली जिन्दगी *** ****************************** पटाखों सी खोखली हो गई है जिन्दगी फुलझड़ियों सी बुझती जलती है जिंदगी पटाखे बजते ही गर्जन कर देते हैं भारी पर पल... Hindi · कविता 1 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Nov 2020 · 1 min read दीपावली मनाएं **** दीपावली मनाएं **** ********************* जगमग जगमग दीप जलाएं दीपावली को दिल से मनाएं मन के तम को हम दूर करें अंधेरों को उजाले से भगाएं रिश्ते अधर में जो... Hindi · कविता 378 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Nov 2020 · 1 min read धनतेरस ********** धनतेरस ************ ***************************** भगवान धनवंतरी का धनतेरस त्योहार दीपावली से पूर्व आ जाता यह त्योहार धन और आरोग्य को हैं सर्वजन मांगते कुबेर,धनवंतरी की पूजा अर्चन त्यौहार बर्तन खरीदारी... Hindi · कविता 557 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Nov 2020 · 1 min read तराना प्यार का ******* तराना प्यार का ******* *************************** लेकर आया हूँ , मैं तराना प्यार का नहीं चल पाएगा बहाना इन्कार का तराने में लेकर आया हूँ गीत नेह के गुनगुनाता रहता... Hindi · कविता 241 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Nov 2020 · 1 min read काम नहीं आती उपासना *** काम नहीं आती उपासना *** ************************** कभी काम नहीं आती उपासना मन में जब जन्म लेती है वासना विश्वामित्र जैसे सन्यासी चूक गए सुंदरी मेनका ने तोड़ डाली साधना... Hindi · तेवरी 486 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Nov 2020 · 1 min read बाते करना तो बहाना हैं **बातें करना तो बहाना है** ********************** बातें करना तो बस बहाना है दिल से दिल को बहलाना है हसरतें जो रह गई अधूरी सी अगले जन्म में तुम्हें पाना है... Hindi · कविता 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Nov 2020 · 1 min read लबों पर नाम है तुम्हारा लबों पर नाम है तुम्हारा ****************** लबों पर नाम है तुम्हारा बना है जीने का सहारा तेरे साथ साथ में रहना जीवन का हसीं नजारा दिन रात तुम्हें ही सोचूं... Hindi · कविता 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Nov 2020 · 1 min read राधा.और मीरा **** राधा और मीरा ******** ************************ सुनो सुनाऊं मैं एक प्रेम कहानी प्रेम कहानी है यह बहुत पुरानी कन्हैया तो था ग्वाला दीवाना कन्हैया की थी हजारों दीवानी एक थी... Hindi · कविता 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Nov 2020 · 1 min read प्रेम भाव.स्वतंत्र ** प्रेम भाव स्वतंत्र ** ***************** प्रेम भावना है स्वतंत्र इंसां बना जाए परतंत्र प्रेमी ढ़ूंढता रहता कंधा फंसता बीच है षडयंत्र प्रेम को कहते हैं अंधा बंद हो मस्तिष्क... Hindi · कविता 361 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Nov 2020 · 1 min read काली घनी घनेरी रात ***** काली घनी घनेरी रात ***** *************************** सितारों भरी घनी घनेरी काली रात, एकांतवास में ऊंचे नीले व्योम तले, सुंदर,शालीन शांत,शांति दूत सी, मखमली चाँदी सी चाँदनी बखेरती, प्रकृति की... Hindi · कविता 1 261 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2020 · 1 min read गाँँव की खूली चौपाल **गाँव की खुली चौपाल* ******************* दंगा, पंगा या बिगड़े हाल गाँव में खुलती है चौपाल रामू,श्यामू , चाचा , काका एक बोल पर ठोंकता ताल गाय गर चारा चर जाती... Hindi · कविता 1 343 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2020 · 1 min read गाँव की खुली चौपाल **गाँव की खुली चौपाल* ******************* दंगा, पंगा या बिगड़े हाल गाँव में खुलती है चौपाल रामू,श्यामू , चाचा , काका एक बोल पर ठोंकता ताल गाय गर चारा चर जाती... Hindi · कविता 1 398 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Nov 2020 · 1 min read प्रेम पत्र ********* प्रेम पत्र ********** ************************** लड़की साईकिल से आती जाती घर से स्कूल, स्कूल से घर जाती पढाई लिखाई सखा संग मशगूल ऐरों गैरों को की झांकी नहीं पाती सरू... Hindi · कविता 284 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Nov 2020 · 1 min read रहोगे दिल के मेहमान **रहोगे दिल के मेहमान** ********************* जब .तक रहेगी तन में जान तुम रहोगे दिल के मेहमान अरसे से तुम हो आस पास बेशक अलग अलग पहचान अलग अलग तन के... Hindi · कविता 209 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Nov 2020 · 1 min read प्रेम घुलनशीलता ***** प्रेम घुलनशील **** ********************* प्रेम भाव है घुलनशील घुल मिल बनाए मिलनशील लोभ, मोह नहीं हितकारी क्रोध भाव में बनाए न शील जल भुन कर राख बन जाए ईर्ष्या... Hindi · कविता 202 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Nov 2020 · 1 min read जहाँ जहाँ प्रियतम विराजमान **जहाँ जहाँ प्रियतम विराजमान* ************************** मंदिर,मस्जिद बन जाते वो स्थान जहाँ जहाँ हो प्रियतम विराजमान प्रीत की डोरी में बंधी हैं भावनाएँ खुदा का प्रेम परिन्दों पर एहसान रिश्तों की... Hindi · कविता 185 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Nov 2020 · 1 min read कौन कहाँ से आई ** कौन कहाँ से आई ** ******************* तुम कौन , कहाँ से आई रातों की नींद उड़ाई शान्त बह रहा था सागर प्रवाह की गति घटाई कलरव से गूँजता गगन... Hindi · कविता 263 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Nov 2020 · 1 min read करवाचैथ अनशन ******* करवाचौथ अनशन *********** **************कुंडलियां************* ********************************** साल बाद है आ गया, करवाचौथ अनशन सुहागिने मिल मना रही,बिन ग्रहण जल अन्न सज कर तैयार हैं ,सुन्दर वस्त्र तन धारे कर जोड़... Hindi · कुण्डलिया 479 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Nov 2020 · 1 min read नजदीकियां और दूरियाँ **नजदीकियाँ और दूरियाँ** ********************** नजदीकियाँ बन गई हैं दूरियाँ बढ रहीं हैं यहाँ वहाँ दूरियाँ ये चेहरे दिखते नहीं रंगीन हैं ये.भावरत नहीं भावहीन हैं नित्य बढ रहीं हैं परेशानियाँ... Hindi · कविता 216 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Nov 2020 · 1 min read करवाचौथ ******* करवाचौथ ******** ************************ कार्तिक मास कृष्ण चतुर्थी आए करवाचौथ व्रत रखती है नारी भूखी प्यासी रह कर मन्नतें मांगे पतिदेव पर दुख आए नहीं भारी सुख, समृद्धि घर खुशियाँ... Hindi · कविता 196 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Nov 2020 · 1 min read तुम संग प्रीत है लगाई ** तुम संग प्रीत हैं लगाई ** ********************** तुम संग प्रीत हमने है लगाई जान खुद से हो गई है पराई चाहे दिल में बजे नेह शहनाई चाहे मिले हमें... Hindi · कविता 2 373 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Oct 2020 · 1 min read हिंदी व्याकरण *** हिंदी व्याकरण **** ******************* वर्णों से ही बनते हैं शब्द शब्दों बिन जगत निशब्द शब्दों से बनते है वाक्य वाद संवाद कराते वाक्य व्यक्ति, वस्तु और स्थान संज्ञा का... Hindi · कविता 558 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Oct 2020 · 1 min read शरद पूर्णिमा पर अमृत वर्षण *** शरद पूर्णिमा पर अमृत वर्षण *** ****************************** शरद पूर्णिमा रात को अमृत बरसाना धन, वैभव समृद्धि को घर में लाना शरद पूर्णिमा को कोजागरी भी कहते शुभ माना जाता... Hindi · कविता 220 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Oct 2020 · 1 min read प्रश्नों के उत्तर ****** प्रश्नों के उत्तर ***** ********************** तुमने गाँठ हृदय की खोल दी मेरे काँधें पर सिर रख रो दी मैंने तुमको यूँ ही समझ लिया पहेली दिल की यूँ ही... Hindi · कविता 195 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Oct 2020 · 1 min read तन्हा सी तन्हाई ^^^ तन्हा सी तन्हाई *** आ गई आ गई आ गई सुनहरी सी याद आ गई छा गई छा गई छा गई तन्हा सी तन्हाई छा गई यादों का झरोखा... Hindi · कविता 290 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Oct 2020 · 1 min read गंगा नदी ************** गंगा नदी *************** ************************************* हिमनद से निकली धारा ,भागीरथी है कहलाए पर्वतों को वो चीर कर, मैदानों में फैल जाए हिमालय में से निकलकर,बंगाल खाड़ी में सयाई गंगोत्री उदगम... Hindi · कविता 1 670 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Oct 2020 · 1 min read नितिका हत्याकांड ********* निकिता हत्याकांड *********** *********************************** हरियाणा में प्रतिदिन घट रहे हैं नये नये कांड दिनदहाड़े खुली सड़क पर निकिता हत्याकांड मुख्मयंत्री मौन है और गृहमंत्री हो गया गौण खूब आवारा... Hindi · कविता 1 256 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Oct 2020 · 1 min read जीवन मनहरण घनाक्षरी ******* जीवन ***** ** मनहरण घनाक्षरी** ****************** जीवन का है आधार खुशियों भरा संसार खुशी हो या फिर गम मिलें सुखों का हार जीवन है बहुरंगी जैसे बजती सारंगी रंग... Hindi · कविता 1 405 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Oct 2020 · 1 min read यार अमूल्य निधि ***** यार अमूल्य निधि ***** ************************* अज्ञाता जो थी एक साहित्यकार साहित्यकार का किया तिरस्कार काव्य भाव का दे कर के हवाला कर दिया था समूह से बहिष्कार समूह में... Hindi · कविता 2 206 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Oct 2020 · 1 min read मानव रावण बन घर घर बैठे मानव रावण बन घर घर बैठे ********************** पग पग पाँव पसारे हैं बैठे मानव रावण बन घर घर बैठे लंकेश्वर का पूतला फूंके मन में रावण है घर कर बैठे... Hindi · कविता 186 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2020 · 1 min read विजयदशमी दिवस *****विजयदशमी दिवस ***** विजयदशमी का त्यौहार आया अंधेरों में ज्योति का चिराग लाया असत्य पर हुई थी सत्य की जीत बुराइयों को जड़ से मार भगाया दस सिरों वाला मारा... Hindi · कविता 379 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2020 · 1 min read खुद को मै जलाता रहा ** खुद को मैं जलाता रहा *** ************************ गमों में भी सदा मुस्कराता रहा बिना सुर लय के गीत गाता रहा कुछ न मिला जिंदगी में बेशक समक्ष सर्वत्र संतुष्ट... Hindi · कविता 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2020 · 1 min read वो कौन थी ** कौन थी वो ** ************** कौन थी वो, सब कुछ जान कर भी, मौन थी वो, प्यार जताना भी नहीं, चाहती थीं वो, चाह कर भी प्रेम छिपाना नहीं,... Hindi · कविता 280 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Oct 2020 · 1 min read चुनावी माहोल **चुनावी माहौल** *************** चुनाव का माहौल बिस्तर करे गोल एक एक वोट का होता है बहुत मोल गधे को कहें बाप चहुंओर गोल मोल झूठों भरा पिटारा बोलते हैं बिन... Hindi · कविता 347 Share Previous Page 29 Next