surenderpal vaidya Language: Hindi 452 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * प्रीति का भाव * ** गीतिका ** ~~ ध्यान से शब्द हर एक बोलो। प्रीति का भाव रस खूब घोलो। आंख नम हैं सभी कुछ बताती। मत छुपाओ सभी राज खोलो। है थका सा... Hindi · गीतिका · छंद बाला 2 101 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * सत्य पथ पर * ** गीतिका ** ~~ बेकरारी में नहीं अब हाथ मलना चाहिए। जब जमाने में सभी को साथ चलना चाहिए। सत्य पथ पर कष्ट होंगे सब करेंगे हम सहन। अब स्वयं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · गीतिका छंद 4 1 116 Share surenderpal vaidya 28 Mar 2024 · 1 min read * चाय पानी * ** मुक्तक ** ~~ खत्म हो सकती नहीं है चाय पानी की कहानी। घर कभी कोई पधारे है सभी को यह निभानी। साथ पक्का देखिए नमकीन या बिस्किट निभाते। फिर... Hindi · चाय पानी · माधव मालती छंद · मुक्तक 1 1 111 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2024 · 1 min read * नाम रुकने का नहीं * ** गीतिका ** ~~ ज्ञान की शुभ रौशनी की ओर बढ़ना है हमें अब। है तमस अज्ञान का हर वक्त हरना है हमें अब। नाम रुकने का नहीं लेना कभी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · माधव मालती छंद 3 113 Share surenderpal vaidya 26 Mar 2024 · 1 min read * धरा पर खिलखिलाती * ** गीत ** ~~ जिन्दगी जब है धरा पर खिलखिलाती। किंतु यह है नित्य क्यों आंसू बहाती। शुद्ध जलवायु हमें इसने दिया है। और बदले में नहीं कुछ भी लिया... Hindi · गीत · विश्व पृथ्वी दिवस · सार्द्धमनोरम छंद 1 133 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2024 · 1 min read * हो जाता ओझल * ** कुण्डलिया ** ~~ हो जाता ओझल कभी, बादल में है चांद। किंतु पुनः दिखता हमें, कुछ ही पल के बाद। कुछ ही पल के बाद, सत्य है शाश्वत रहता।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कुण्डलिया · सत्य 3 1 97 Share surenderpal vaidya 24 Mar 2024 · 1 min read * फागुन की मस्ती * ** गीतिका ** ~~ सभी दिशाओं में रंगों को, बिखरा जाती होली। फागुन की मस्ती को लेकर, जब भी आती होली। खूब बहाते हैं रंगों को, घोल घोल पानी में।... Hindi · गीतिका · छंद सार · फागुन · होली 1 1 93 Share surenderpal vaidya 22 Mar 2024 · 1 min read * मायने हैं * ** गीतिका ** ~~ आपसी मतभेद सारे पाटने हैं। तब कठिन होते समझने मायने हैं। सत्य क्या है और क्या मिथ्या यहां पर। जो हमें सब दिख रहा है सामने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · सार्द्धमनोरम 3 1 105 Share surenderpal vaidya 22 Mar 2024 · 1 min read * खूब खिलती है * ** गीतिका ** ~~ कली जब स्नेह की सुंदर हृदय में खूब खिलती है। समझ लो आ गया फागुन नयन से नींद उड़ती है। सभी खाली यहां आते व खाली... Hindi · गीतिका · विधाता छंद 1 1 113 Share surenderpal vaidya 21 Mar 2024 · 1 min read * रंग गुलाल अबीर * ** मुक्तक ** ~~ खूब हवा में उड़ चले, रंग गुलाल अबीर। होली मिलकर खेलते, सभी गरीब अमीर। सभी गरीब अमीर, पर्व यह समरसता का। आ जाता हर वर्ष, लिए... Hindi · कुण्डलिया · फागुन · होली 1 1 109 Share surenderpal vaidya 20 Mar 2024 · 1 min read * शक्ति है सत्य में * ** गीतिका ** ~~ शक्ति है सत्य में जब समाहित सदा। साथ देना जरूरी बहुत सर्वदा। ये पराजित नहीं है कभी भी हुआ। है हमेशा रहा साथ मंगल प्रदा। सत्य... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 4 3 113 Share surenderpal vaidya 20 Mar 2024 · 1 min read * जिन्दगी में * ** गीतिका ** ~~ जिन्दगी में हर समय है मुस्कुराना। चाहतों को चाहिए बस खिलखिलाना। आज दरवाजा खुला है ताजगी है। बंद अनुभूति बना देगी दिवाना। आंख में गहरा समुंदर... Hindi · गीतिका · सार्ध मनोरम छंद 1 1 151 Share surenderpal vaidya 19 Mar 2024 · 1 min read * सत्य एक है * ** गीतिका ** ~~ सत्य एक है जिनको ज्ञानी, अलग ढंग से कहते। ज्ञान सिंधु में सब मिल जाता, अविरल बढ़ते बढ़ते। सत्य भावनाओं से ऊपर, रौशन पथ करता है।... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · गीतिका · छंद सार 3 1 118 Share surenderpal vaidya 19 Mar 2024 · 1 min read * ऋतुराज * ** घनाक्षरी ** ~~ ऋतुराज की चमक है बढ़ी सभी जगह, खूब निखरे समग्र दृश्य हर ओर हैं। टहनियों में कोंपलें खूब जब भरी हुई, प्रकृति के खिल गये एक... Hindi · ऋतुराज · घनाक्षरी छंद · बसंत 1 1 81 Share surenderpal vaidya 18 Mar 2024 · 1 min read * आ गया बसंत * ** घनाक्षरी ** ~~ पतझड़ विदा हुआ है आ गया बसंत काल, खूब हरियाली चारों ओर देखो छा रही। धुंध हो गई समाप्त शीत का थमा चलन, गीत सुमधुर अति... Hindi · घनाक्षरी · बसंत 1 1 128 Share surenderpal vaidya 18 Mar 2024 · 1 min read * कौन है * ** गीतिका ** ~~ स्वच्छ है माहौल सबको भा रहा। कौन है कचरा यहां बिखरा रहा। जब निकलता जा रहा आगे समय। कौन है पीछे हमारे आ रहा। दीप क्यों... Hindi · आनन्दवर्धक छंद · गीतिका 1 1 74 Share surenderpal vaidya 14 Mar 2024 · 1 min read * नदी की धार * ** मुक्तक ** ~~ नदी की धार के विपरीत बहना है बहुत मुश्किल। न निर्झरणी कभी रुकती बहे ही जा रही अविरल। बहा करती नदी देखो समुंदर लक्ष्य है उसका।... Hindi · नदी · मुक्तक · विधाता छंद 1 1 106 Share surenderpal vaidya 12 Mar 2024 · 1 min read * बिखर रही है चान्दनी * ** कुण्डलिया ** ~~ बिखर रही है चान्दनी, धरती पर हर ओर। नैसर्गिक वातावरण, मधुर बना हर ओर। मधुर बना हर ओर, रजत किरणें चन्दा की। साथ घुल रही खूब,... Hindi · कुण्डलिया · चन्द्रमा · चाँदनी 1 1 95 Share surenderpal vaidya 7 Mar 2024 · 1 min read * मंजिल आ जाती है पास * ** गीतिका ** ~~ पथ पर आगे बढ़ते बढ़ते, मंजिल आ जाती है पास। मिट जाती है थकन राह की, मन में जग जाती है आस। तीव्र धूप पथरीले पथ... Hindi · आल्ह छंद · गीतिका 1 1 138 Share surenderpal vaidya 7 Mar 2024 · 1 min read * चांद के उस पार * ** मुक्तक ** ~~ कल्पनाओं में नये कुछ रंग भरने चाहिए। मेघ नभ पर भी छितरते कुछ उमड़ने चाहिए। चांद के उस पार जाने की तमन्ना को लिए। प्यार के... Hindi · गीतिका छंद · चांद · मुक्तक 1 1 90 Share surenderpal vaidya 29 Feb 2024 · 1 min read * हासिल होती जीत * ** गीतिका ** ~~ भीषण संघर्षों के कारण, हासिल होती जीत। लिए विजय की ध्वजा साथ में, गाते गौरव गीत। सबको गले लगाएंगे हम, लेंगे सबका साथ। कोई नहीं पराया... Hindi · गीतिका · सरसी छंद 1 1 126 Share surenderpal vaidya 29 Feb 2024 · 1 min read * धीरे धीरे * ** गीतिका ** ~~ धीरे धीरे खोल दीजिए, बंद पड़ी अलमारी को। रहें सुरक्षित सारी चीजें, पूर्ण करें तैयारी को। लेकिन मन में राज हमेशा, कहां सुरक्षित रह पाते। कहां... Hindi · गीतिका · लावणी छंद 1 1 113 Share surenderpal vaidya 26 Feb 2024 · 1 min read * किसे बताएं * ** गीतिका ** ~~ किसे बताएं मन की बातें, कौन सुनेगा यार। इस जीवन ने हर पल देखो, बहुत सहे हैं खार। सहन करेंगे स्वयं सभी कुछ, आगे भी चुपचाप।... Hindi · गीतिका · सरसी छंद 172 Share surenderpal vaidya 21 Feb 2024 · 1 min read * मुस्कुराना * ** गीतिका ** ~~ है जरूरी जिन्दगी में मुस्कुराना। हो सके तो अश्रु खुशियों के बहाना। कष्ट का अवसाद का आता समय जब। है कठिन तब आंसुओं को रोक पाना।... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · सार्द्धमनोरम 2 1 118 Share surenderpal vaidya 19 Feb 2024 · 1 min read * सुन्दर फूल * ** गीतिका ** ~~ सुन्दर फूल जगा देते हैं, मन में प्यार। लेकिन अल्प समय इनका है, जीवन सार। खिला खिला जीवन लाता प्रिय, मन में भाव। किंतु शूल हेतु... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · निश्चल छंद 3 1 113 Share surenderpal vaidya 19 Feb 2024 · 1 min read * बातें मन की * ** गीतिका ** ~~ बातें मन की कह डालो तुम, मन से आज। नहीं रहेगा देखो छुपकर, कोई राज। प्यार भरे शब्दों में होगी, जब फरियाद। बिना बताए कर डालेंगे,... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · निश्चल छंद 2 1 110 Share surenderpal vaidya 18 Feb 2024 · 1 min read * हिन्दी को ही * ** गीतिका ** ~~ हिन्दी को ही गले लगाएं, नित यह ध्यान धरें हम। अंग्रेजी का भूत भगाएं, यह शुभ कर्म करें हम। आजाद देश प्रिय भारत की, महिमा का... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · सार छंद · हिन्दी 2 1 142 Share surenderpal vaidya 17 Feb 2024 · 1 min read * जिन्दगी की राह * ** गीतिका ** ~~ जिन्दगी की राह में होती मधुर अनुभूतियाँ। खिलखिलाते स्नेह की चढ़ते सहज हम सीढियाँ। चुन लिया करते सहज ही लोग अक्सर देखिए। जब कभी दिखती उन्हें... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · छंद गीतिका 1 1 132 Share surenderpal vaidya 16 Feb 2024 · 1 min read * बेटियां * ** मुक्तक ** ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ गुनगुनाती हैं विजय की पंक्तियां। छू रही नभ पार करती आंधियां। ज्ञान के विज्ञान के हर क्षेत्र में। कम नहीं होती किसी से बेटियां। ~~~~~~~~~~~~~~~~~~ मुश्किलों... Poetry Writing Challenge-2 · आनंद वर्धक छंद · बेटियां · मुक्तक 2 1 144 Share surenderpal vaidya 16 Feb 2024 · 1 min read * मुस्कुराते नहीं * ** गीतिका ** ~~ आप क्यों मुस्कुराते नहीं हैं। स्नेह मन में जगाते नहीं हैं। छोड़ कर देखिए उलझनों को। आप हिम्मत जुटाते नहीं हैं। आस का एक दीपक जलाकर।... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · बाला छंद 1 1 174 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * सामने आ गये * ** गीतिका ** ~~ सामने आ गये मुस्कुराते हुए। जल उठे हैं ह्रदय में अनेकों दिए। अब हमें यह पता चल गया क्या कहें। हम निशा में भटकते हुए क्यों... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 1 148 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * हो जाओ तैयार * ** गीतिका ** ~~ हो जाओ तैयार, कठिन पथ पर चलना है। मत करना आराम, अहर्निश जब बढ़ना है। ऊंचे शिखर विशाल, चुनौती देंगे हमको। कर लेंगे सब पार, जोश... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · रोला छंद 1 1 104 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * भावना स्नेह की * ** गीतिका ** ~~ भावना स्नेह की क्यों छिपाते रहे। खूबसूरत अधर मुस्कुराते रहे। देखकर डालियों पर खिले फूल हैं। गीत हम स्नेह से गुनगुनाते रहे। मधुर खूब ऋतुराज का... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · वाचिक स्त्रग्विणी 1 155 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * मधुमास * ** मुक्तक ** ~~ आ गया उत्सव बसंती ज्ञान दो मां शारदे। जिन्दगी आलोक से भरपूर हो मां शारदे। खूबसूरत खिलखिलाता हो गया वातावरण। भक्तिमय शुभ भावना हर मन बसो... Poetry Writing Challenge-2 · बसंत · मुक्तक 2 1 154 Share surenderpal vaidya 15 Feb 2024 · 1 min read * नहीं पिघलते * ** गीतिका ** ~~ नहीं पिघलते हैं कभी, पत्थर दिल इन्सान। मुखड़े पर आती नहीं, स्नेह भरी मुस्कान। प्रस्तर प्रतिमा भी सहज, मन को लेती जीत। उससे बढ़ जाती सदा,... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · दोहा गीतिका 1 1 121 Share surenderpal vaidya 5 Feb 2024 · 1 min read * राष्ट्रभाषा हिन्दी * ** हिन्दी का सम्मान ** शासन के सब कार्यों में जब हिन्दी का सम्मान न होगा। तब तक दुनियां में भारत का सबसे ऊंचा स्थान न होगा। अपनी भाषा बिन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीतिका · राष्ट्रभाषा हिन्दी 1 251 Share surenderpal vaidya 5 Feb 2024 · 1 min read * कुछ पता चलता नहीं * ** मुक्तक ** ~~~~~~~~~~~~~~ कुछ पता चलता नहीं अब, कौन क्यों बन मीत आया।। भाव मन में स्वार्थ पूरित, कौन लेकर मुस्कुराया। मुँह छुपाए फिर रहे सब, हो परीक्षा की... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक 2 1 157 Share surenderpal vaidya 5 Feb 2024 · 1 min read * शुभ परिवर्तन * ** नवगीत ** पर्व यही शुभ परिवर्तन का सबके मन को भाता खूब मकर संक्रांति पर्व आ गया सबके मन को खूब भा गया जागी मन में नयी उमंगें रंग... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत · मकर संक्रांति 1 1 108 Share surenderpal vaidya 1 Feb 2024 · 1 min read * वर्षा ऋतु * ** मुक्तक ** ~~ रिमझिम बारिशों का क्रम लिए सावन चला आया। मेघों से भरा नभ खूब सब के मन को है भाया। बहुत उत्सुक हुआ है मन मिलन की... Poetry Writing Challenge-2 · मुक्तक · वर्षा ऋतु 1 111 Share surenderpal vaidya 1 Feb 2024 · 1 min read * गीत प्यारा गुनगुनायें * ** नवगीत ** ~~ प्रकृति के साथ हिलमिल, गीत प्यारा गुनगुनायें। भोर की बेला सुनहरी, प्राणियों ने चक्षु खोले। मिट गई तम श्रृंखलायेँ, और लब पर सुर अबोले। पाखियों के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नवगीत 1 1 162 Share surenderpal vaidya 1 Feb 2024 · 1 min read * नव जागरण * ** नवगीत ** ~~ संगीत का अब प्रकृति में हो रहा नव जागरण। शीत से कुछ थम गई थी, और मद्धम हो गई थी। किन्तु वासंती लहर का, हो रहा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नव जागरण · नवगीत 1 1 157 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * विदा हुआ है फागुन * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~~~~ नई कोंपलों से पेड़ों को, भर कर विदा हुआ है फागुन। ठंडी ठंडी हवा चलेगी, तपती दोपहरी में। और सघन सी छाया होगी। चुभन भरी गर्मी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नवगीत · फागुन 1 115 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * राह चुनने का समय * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~ अब नहीँ चुपचाप बैठो, राह चुनने का समय है। ~~ आज सत्ता के खिलाड़ी, वोट के याचक बने हैं। स्याह दिल भीतर छिपाये, भगत बगुले से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · नवगीत 102 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * चाहतों में * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~~~ चाहतों में गुजर गया जीवन। जब वो आये सँवर गया जीवन। आंसूओं को बहुत पिया मैंने, दर्द चुपके से सह लिया मैंने। जिन्दगी की तमाम खुशियों... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत 1 1 143 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * गीत कोई * ** नवगीत ** ~~ गीत कोई गुनगुनाता जा रहा है पर्वतों की चोटियों में और गहरी घाटियों में बह रही शीतल हवा को कौन महकाता रहा है खिल रहे सुन्दर... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत 1 1 168 Share surenderpal vaidya 31 Jan 2024 · 1 min read * सुहाती धूप * ** नवगीत ** ~~ सर्दी के मौसम में देखो सबको खूब सुहाती धूप श्वेत दुधिया रंग लिए धुंध पड़ी हर ओर शीतलता से हो रहा कंपित है हर छोर सहसा... Poetry Writing Challenge-2 · नवगीत · सुहाती धूप 1 1 121 Share surenderpal vaidya 30 Jan 2024 · 1 min read * नव जागरण * ** नवगीत ** ~~ संगीत का अब प्रकृति में हो रहा नव जागरण। शीत से कुछ थम गई थी, और मद्धम हो गई थी। किन्तु वासंती लहर का, हो रहा... Poetry Writing Challenge-2 · जागरण · नवगीत 1 1 239 Share surenderpal vaidya 30 Jan 2024 · 1 min read * खिल उठती चंपा * ** नवगीत ** ~~~~~~~~~~~ *खिल उठती चंपा* रोज सुबह, खिल उठती चंपा। इस पुण्य धरा पर होती पोषित, खूब फैलती और फूलती। हरियाली साड़ी धारण कर, खड़ी खड़ी इठलाती जाती।... Poetry Writing Challenge-2 · चंपापुष्प · नवगीत 1 1 158 Share surenderpal vaidya 27 Jan 2024 · 1 min read * मिल बढ़ो आगे * ** आगे निरन्तर ** ~~ देश हित की जिन्दगी को सब जियो आगे निरन्तर, मात कर सब संकटों को मिल बढ़ो आगे निरन्तर। हाथ में थामें तिरंगा नित बढ़ें आगे... Poetry Writing Challenge-2 · आह्वान · गीतिका 1 1 154 Share surenderpal vaidya 27 Jan 2024 · 1 min read * सुन्दर झुरमुट बांस के * * गीतिका * ~~ हर मौसम को सह जाते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के हर धरती पर उग आते हैं सुन्दर झुरमुट बांस के मैदानी भागों से लेकर पर्वत वाली... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका · बांस 1 1 135 Share Previous Page 4 Next