Shyam Sundar Subramanian 1535 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read बाज़ीगर मौत से खेलते बाज़ीगरो को आपने देखा होगा, कभी सर्कस में ,कभी सड़क पर मजमा लगाते, कभी मौत के कुएँ में मोटरसाइकिल चलाते देखा होगा, ये वो जाँबाज़ है जो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 44 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read माँ माँँ वह छांव है जिसके तले हम पले बड़े है, वह सुखद अनुभूति है जिसे हम बचपन से अब तक संजोये रहे है, वह एक प्रेरणा स्त्रोत है जो हमारे... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 45 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read पत्थर की अभिलाषा राह पर पड़े पत्थर ने सोचा इक दिन यह भी क्या जीवन है ? नित प्रतिदिन ठोकरें खाता फिरता हूं, दिशाहीन मैं इधर-उधर लुढ़कता टूटता बिखरता रहता हूं, हेय दृष्टि... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 31 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read अश्रु की भाषा अश्रु की अपनी भाषा होती है। कभी कष्ट के , तो कभी प्रसन्नता के , कभी आघात के , तो कभी पश्चाताप के , कभी मिलन के , तो कभी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 33 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read पुष्प की व्यथा पुष्प हूँ काँटो में रहना पड़ता है, टूट कर मिट्टी में मिल जाना पड़ता है, मेरी सुगंध और सौंदर्य कुछ पल के हैं, मुरझाने पर मेरा स्थान धरती तल के... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 54 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read प्रतिभा घूरे में पड़े हुए ये हीरे हैं , जिन्हें कोई ना पहचान सका, कीचड़ में खिले हुए अप्रतिम पुष्प हैंं , जिन्हें अब तक कोई न जान सका , निर्धनता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 32 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read कर्णधार उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक मैंने देखी थी , जिंदगी में कुछ कर गुजरने की उमंग उसमें मैंने देखी थी , परिस्थिति का मारा वो बेचारा, सम्बलविहीन ,कटु... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 34 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली, जो घर आंगन में पली-बढ़ी, फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान, माता पिता, बंधु बांधव, मित्रों की जान, सदा निस्वार्थ सेवा, सहायता को तत्पर,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 38 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Apr 2024 · 1 min read नारी वेदना के स्वर कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया , यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था , या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 36 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read आस ख़्वाहिशों के महल बनते रहते हैं , हालातो के झोंके इन्हें बिखराते रहते हैं , हसरतों की पतंगें ऊँची उड़़ाने लेती रहतीं हैं , हक़ीक़त के मांझे की धार डोर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 2 123 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read स्वाभिमान उस रात किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगा दिया , उठकर देखा तो सामने एक साया था , मैंने पूछा कौन हो तुम ? उसने कहा मैं तुम्हारा स्वाभिमान हूँ !... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 4 143 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read मेरी हस्ती गर्दिश ने मुझे कुछ इस कदर मारा , मैं होकर रह गया बेबस बेचारा , लोगों की फ़ितरत ने मुझे इस कदर लूटा , ग़म ज़ब्त करते हुए मजबूर मै... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 124 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read इल्म़ कौन कब किसका हुआ है, सबका अपना किया करा है, जिसको अपना हमने कहा है, वो भी गैरों का हुआ है, साथ है तो वो भी पल भर का हुआ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 162 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read इंसानियत का वजूद झूठ का बोलबाला है , सच बोलने वाले का मुंह काला है , दर परत झूठ की परतों में सच्चाई को छुपाया जाता है , बार-बार झूठ सुनने से सच... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 103 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read संघर्ष संघर्ष जीवन में निरंतर विद्यमान रहता है , जो विभिन्न रूपों में प्रभावित करता रहता है , कभी खुद अपने शरीर एवं मनस से , कभी अपने दृष्टिकोण एवं मान्यताओं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 129 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read सत्य की खोज एक जीवन सत्य की खोज में , भ्रांतियों के समुद्र में डूबता, उबरता , निष्ठुर प्रकृति की मार को झेलता , त्रासदियों के कष्टों का सामना करता , क्रोध ,दंभ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 2 144 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read संदेश अंतर्मन तिमिर नष्ट हो , जागृत हो आशा किरण , स्पंदित हो सद्भाव , नष्ट हो व्याप्त घृणा विकिरण , प्रेम मुदित मनस बने , संचरित हो सद् विचार ,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 113 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read सार्थक जीवन छोटी-छोटी बातों को नाहक बड़ा न करो , यह जीवन छोटा है उलझनों को बड़ा न करो , क्या तेरा क्या मेरा सब माया का है फेरा , जो भी... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 189 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2024 · 1 min read अंतहीन प्रश्न जीवन एक अंतहीन प्रश्न की भांति आकांक्षा और अभिलाषा को समेटे हुए , आशाओं और निराशाओं के पलों को समाहित किए हुए , व्यथाओं और कुंठाओं से युक्त क्षणों को... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 123 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Mar 2024 · 1 min read इंतिज़ार माहौल कुछ इस कदर है जिसमें इंसानियत ना- क़द्र है, सिसकती जिंदगियों पर हैवानियत का कहर है, जब्र-ए-मुसलसल तसरीफ़ -ए - अय्याम भारी है , जुनून- ए - वहशियत हर... Hindi · कविता 164 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Mar 2024 · 1 min read 'आलम-ए-वजूद मैं अकेला था , अकेला रहना चाहता हूँ , ज़माने वाले मुझे अकेला जीने नहीं देते हैं , ज़ाती-सोच पर अपनी सोच हावी करते रहते हैं , भीड़ की सोच... Hindi · कविता 86 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Mar 2024 · 1 min read इत्तिहाद अदना सा हूं , सबका भला चाहता हूं , इंसाफ़ का पैरोकार , सदाक़त का साथ देना चाहता हूं , ज़ुल्मो तशद्दुद के ख़िलाफ़ आवाज़़ उठाना चाहता हूं , ग़ुर्बत... Hindi · कविता 151 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Mar 2024 · 1 min read बेख़बर जिंदगी की राहों में हम अकेले ही रहे , हमसफ़र बनते रहे बिछड़ते रहे , रिश्तो का कारवां रवाँ- दवाँ रहा , कभी खुशी कभी गम के अब्र छाते बिखरते... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 112 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Mar 2024 · 1 min read हक़ीक़त आदमी कितना लाचार है , सब कुछ हासिल करने पर भी, कुदरत के हाथो बेज़ार है, दौलत लुटाकर भी ज़िदगी के दो पल खरीद नही सकता , भरसक कोशिश करने... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 89 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Mar 2024 · 1 min read महाप्रयाण माया , आसक्ति , काम, क्रोध , अहंकार , सब मानव निर्मित बंधन है , परोपकार , प्राणी मात्र से प्रेम, आत्मज्ञान , संवेदना , निर्विकार भाव, सब मानव उत्थान... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 174 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Mar 2024 · 1 min read कर्मगति कर्मप्रधान यथार्थ के धरातल पर सफलता सुनिश्चित होती है , कर्मविहीन अभिलाषाओं एवं आकांक्षाओं की परिणति निराशा में होती है , माया का चक्रजाल लालसा एवं लोलुपता को जन्म देता... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 115 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Mar 2024 · 1 min read विडंबना सत्य को स्थापित करना क्यों संघर्ष पूर्ण होता है ? मानवीय संवेदनाओं के यथार्थ को समझाना क्यों मुश्किल होता है ? तर्कहीन विषयवस्तु को कुतर्क के सहारे बहुमत से प्रतिपादित... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · प्रश्न 2 130 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read अधूरे सवाल ज़िंदगी में कुछ सवाल अधूरे रह जाते हैं , जिनका मतलब हम ज़िंदगी भर खोज ना पाते हैं , कुछ रिश्ते ,कुछ मरासिम, इस कदर पेश आते हैं, जिनको सोच... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 125 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read जीवन एक यथार्थ जीवन एक संघर्ष है, यह सर्वविदित तथ्य है , यह असंभावित घटनाओं से परिपूर्ण सत्य है, यह एक दिवास्वप्न की सुखद अनुभूति है , यह आकांक्षाओं एवं अभिलाषाओं की परिणति... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 101 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read जीवन - अस्तित्व नियति का चक्र उदय से अस्त तक , प्रादुर्भाव से अवसान तक, उत्पत्ति से परिवर्तन के आयामों से घटित होता हुआ विनाश की अधोगति तक , जीवों के उद्भव एवं... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 102 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read यथार्थ कल्पना लोक में विचरण कितना सुखद होता है , परंतु उस व्योम के बादल छंटने पर यथार्थ का अनुभव दुःखद होता है, हम समझ नही पाते सत्य सदैव कड़वा होता... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · अनुभूति · कविता 1 2 92 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read गरिमामय प्रतिफल अभिभूत भावनाओं के चरमोत्कर्ष पर जिसका उदय होता है, अंतस्थ से यह उभरता है, और व्यवहार में दृष्टिगोचर होता है , पवित्र वाणी एवं विचारों से यह सुशोभित होता है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 88 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read वर्तमान छद्म का संसार प्रकट है , यथार्थ का अस्तित्व विलुप्त है , अनाचार , भ्रष्टाचार में मानव लिप्त है , नीति, आदर्श , संस्कार , सब सुप्त हैं , आचार... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · यथार्थ 94 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read व्यावहारिक सत्य कुछ समझ में नहीं आता क्या गलत है ? क्या सही ? सही को गलत सिद्ध किया जाता है , और गलत को सही , अब तो यही लगता है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · एहसास · कविता 1 2 124 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read आत्मसंवाद एक दिन मन ने प्रज्ञा से कहा , तुम हमेशा मुझ पर लगाम लगाए रखती हो , मुझे अपने मर्जी की नहीं करने देती हो , मैं उन्मुक्त रहना चाहती... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 138 Share Shyam Sundar Subramanian 19 Mar 2024 · 1 min read सोच सोच – सोच में फर्क होता है, कुछ अपनी सोच को सही समझते हैं , कुछ अपनी सोच दूसरों पर हावी करते हैं , कुछ अपनी सोच की गलतियों को... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 180 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read संकल्प क्या जीत ? क्या हार ? समय से बंधा सारा संसार , किसी दिन जीत है तो किसी दिन हार , सब नियति का चक्र है, कर मत अधिक विचार,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 127 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read मतिभ्रष्ट हे ईश्वर ! आज के मानव को ये क्या हो गया है ? वह तुम्हारे अस्तित्व को बांटकर देखने के लिए उद्यत हो गया है , उसे कौन बताऐ राम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 108 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read प्रायश्चित क्यूँ भूला है अपनी राह पथिक ? मरीचिका के भ्रम में भटका हुआ , लालसा – वासना छद्म में अटका हुआ , तर्क को कुतर्क से नष्ट करता हुआ ,... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सलाह 2 207 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read ईश्वर एक बार मुझसे यह प्रश्न किया गया कि क्या तुमने ईश्वर को देखा है ? मैंने कहा हाँ ! मैंने उन्हें मासूम बच्चों की मुस्कुराहटों में देखा है , तपती... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · अनुभूति · कविता 2 101 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read नश्वर संसार इस नश्वर संसार में ये अनुप्रीति कैसी ? जब कुछ शाश्वत नहीं तो ये अनुभूति कैसी? जब सब कुछ यहीं छोड़ जाना है तो ये बंधन कैसा ? जो बिछड़... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · जीवन सार 2 141 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read ज़िंदगी के मर्म सुख-दु:ख की धूप छांव है ये ज़िंदगी , कभी सूरज सी प्रचंड , कभी चंद्रमा सी शांत है , ये ज़िंदगी , कभी हर्ष का उत्कर्ष , कभी कल्पित धारणा... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 116 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read बदलाव हर अंधेरी रात के बाद रोशन सुबह का आग़ाज़ होता है, हर ग़म के बाद फिर खुशी का एहसास होता है, ‘अमल -ए -इर्तिका में शाहकार मिटते बनते रहते है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सलाह 2 123 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read ज़िदादिली खुशी क्या होती है तुम ये क्या जानो , मसर्रत के लम्हों को तुम कैसे पहचानो , ज़िंदादिल इंसां औरों को खुश देख खुश होता है , उनका ग़म बांटकर... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सलाह 3 96 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read ज़िंदगी के फ़लसफ़े वक्त बदलते , हालात बदलते हैं , बदलते हालात, एहसास बदलते हैं , बदलते एहसास, इंसां बदलते हैं, बदलते इंसां, मरासिम बदलते हैं , बदलते मरासिम, ए’तिबार बदलते हैं, बदलते... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · एहसास · कविता 2 90 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read वक्त लगता है चलते-चलते वक्त कुछ पीछे छूट गया , कुछ ऐसे गुजरा की कुछ पता ही नहीं चला , हम कहां थे ? कहां से कहां आ गए ? हम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · एहसास · कविता 2 113 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read मर्दुम-बेज़ारी बड़ी-बड़ी बातों का इल्म़ बांटना बहुत आसान है , उनका ‘अमल उतना ही मुश्किल ना आसान है , हक़ीक़त में इंसानी फ़ितरत आड़े आती है , जो बनते काम को... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · एहसास · कविता 2 100 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read ज़िंदगानी रिश्ते थे जो, वो टूटते चले गए , दोस्तों के साथ भी छूटते चले गए , वक्त के साथ एहसास भी बदलते गए , जब -तब हादसे , ज़ीस्त को... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · एहसास · कविता 2 116 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read बे-ख़ुद वक्त की दहलीज़ पर ठहरा हुआ सा एक लम्हा, हवा में लहराता हुआ सा एक बबूला, संगे -ए- राह सा ठोकर खाता हुआ, एहसास -ए- दर्द बना फ़ुगाँ होता हुआ... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 112 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Mar 2024 · 1 min read व्यक्तिगत अभिव्यक्ति बहुत कुछ सोच समझकर कहना चाहूं तो ज़ुबान पर ताले पड़ जाते हैं , अव्यक्त भावनाओं के स्वर अंतःकरण में डोलते रहते व्यक्त नहीं हो पाते हैं , लगता है... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 110 Share Previous Page 4 Next