Rashmi Sanjay Tag: कविता 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 6 Sep 2023 · 1 min read गुरु बदल देते हैं जीवन-मूल्य, विस्मृत कर देते हैं बड़ी से बड़ी भूल। सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव, लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभाव जब मेरे पास होते... Hindi · कविता 5 127 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read रक्षाबंधन मेरी कलाई को सहेजे यह रक्षासूत्र मेरी संपूर्णता को अपनी दुआओं से नवाजता रहता है! संवेदनाओं से गलबहियाॅं करता हुआ यह बन्धन जब-तब मुझे निखारता रहता है, सॅंभालता रहता है!... Hindi · कविता 3 244 Share Rashmi Sanjay 11 Aug 2023 · 1 min read सिंदूरी भावों के दीप ओ प्रिय! तुम्हारी दहलीज़ मेरे महावर भरे पाँवों से सिंदूरी भावों से रंग गई है, बिखर गये हैं शुभकामनाओं के असीम अक्षत, जल गए हैं प्रेम के अलौकिक दीप, अब... Hindi · कविता 1 132 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2023 · 1 min read प्रेम तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से लिपट जाता है। शब्दों के मकड़जाल में नहीं उलझता। न किचकिच करता है भावनाओं से! न हठधर्मी... Hindi · कविता 4 396 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2023 · 1 min read तुम याद आए बस यूॅं ही तुम याद आए! और याद आए बेसाख़्ता खिलखिलाते लम्हें अभिभूत करते सपने! छू गईं मन का कोना.. पुचकारती संभावनाऍं कुछ ठहरी हुई मन्नतें! चुपचाप.. साथ निभाता मिला... Hindi · कविता 2 2 187 Share Rashmi Sanjay 21 Feb 2023 · 1 min read वंदना वीणा-वादिनि! पथ-प्रकाशिनी, उन्नति का वर दे। हो सशक्त लेखनी सदा ही, ज्ञान सघन भर दे।। रोली घोल भावनाओं की,धवल माथ सज दूॅं। निज मस्तक को, चंदन-सम तव चरणों की रज... Hindi · कविता 2 329 Share Rashmi Sanjay 10 Dec 2022 · 1 min read सजल सजल माथ ढूॅंढता चंदन लिख ! करे तिरंगा वंदन लिख !! पगडंडी की सिसकी पढ़! बाट जोहती विरहन लिख !! प्रेम अपरिमित अनगढ़ है! कृष्ण-राधिका बंधन लिख!! जीवन-नेत्र छलकते हैं!... Hindi · कविता 175 Share Rashmi Sanjay 17 Nov 2022 · 1 min read आग्रह बस एक बार आ जाना तुम ! उधार रखी है.. सपनों की देह की छुअन! चुका जाना ब्याज .. लालसाओं का भी चुपचाप ! छोड़ जाना मेरे पास .. सुरसरि... Hindi · कविता 164 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read बाट जोहती इक दासी चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 270 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read अनवरत का सच दुनिया कहती है पर सुनती नहीं स्त्रियों के सपनों की सुदृढ़ आहट.. और चौंक जाती है तब जब खोद डालती हैं स्त्रियाॅं सपनों के रेगिस्तान में आशाओं का कुॅंआ और... Hindi · कविता 3 4 195 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read सुनो स्त्री सुनो स्त्री! अपनी इच्छाओं के उत्पीड़न की चोटिल ध्वनि को वृद्ध होती काॅंपती सी अपनी उर्वरक ऑंखों की नमी को स्वीकारो नव-विकसित चेतनाओं का साथ मिला लो झुर्रीदार, थरथराते हाथों... Hindi · कविता 3 4 262 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read दिव्यांग भविष्य की नींव कितना आसान है तुम्हारे लिये .... नव-रसों में भीगे भावों को झकझोर कर ... अपनी पैनी निगाहों से टटोलकर उधड़ने की प्रक्रिया से गुजरने वाली स्त्री पर कुछ जुमले उछाल... Hindi · कविता 3 3 268 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read प्रवाह में रहो भावना में मत बहो मौन त्यागो अपना भी 'मत' कहो मत कटने दो व्यक्तिव का अंगूठा किसी भी कीमत पर खोलकर रखो एक झरोखा आशाओं का मन की देहरी पर... Hindi · कविता 2 256 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read काश! काश! तुम ले जाते ... अपने उस अंतिम मिलन के साथ वो एक सोंधा सा दिन भी! और तुम्हारी भरी–भरी पलकों पर रूकी–रूकी सी वो ... अधूरी रात भी ...... Hindi · कविता 283 Share Rashmi Sanjay 1 Nov 2022 · 1 min read प्रेम कविता रोज आती है गौरैया तुम्हारा संदेश लेकर और खिलखिला पड़ते हैं प्रसून.. वक्त बेवक्त.. रोज मुस्करा देती है प्रतीक्षा.. मुझे देखकर! यूं ही रोज गा उठती है सरगम बेवजह कोयल... Hindi · कविता 456 Share Rashmi Sanjay 1 Nov 2022 · 1 min read मिलना है तुमसे जैसे घुल जाती है हवा मौसम में मिल जाती हैं असंख्य लहरें सागर में.. अनकहे! बस वैसे ही मिलना है मुझे तुमसे एक बार! हॅंसना है तुम्हारे मीठे अधरों पर... Hindi · कविता 1 1 342 Share Rashmi Sanjay 25 Oct 2022 · 1 min read प्रणय-बंध प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं जली नेह से मन बाती तेरी... Hindi · कविता 2 2 190 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read मन का घाट मन अक्सर बन जाता है मणिकर्णिका घाट! जहाॅं गिर पड़ता है मेरे प्रेम का कर्ण फूल.. पर उसे ढूॅंढने .. वहाॅं तक.. कभी पहुॅंच नहीं पाते हैं.. मेरे शंकर! रश्मि... Hindi · कविता 2 2 253 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read लेखनी सुन ओ लेखनी! तू मेरी दोस्त.. तू मेरा साहस! सुख-दुख की साथी.. तू मेरी सजावट! सपना इकलौता, तूने साकार किया। गुमशुदा भावों को, तुमने आकार दिया। अंतिम समय तक.. साथ... Hindi · कविता 1 360 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read तुम क्या तुमने सुना है रेत की प्रतीक्षा का शोर.. क्या तुमने समझी है तट को छोड़ कर जाती नदियों के विछोह की पीड़ा? अगर नहीं..तो सुनना.. समझना पत्तों के हरे... Hindi · कविता 1 263 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read अनुरोध ऐ मेरी कलम! त्याग कर सारे भ्रम तू चलती रहे निर्विकार भाव से चुभती रह झूठ के सीने पर निर्भय रह नया लिख कुछ संतुष्ट कष्ट कुछ अनुत्तरित प्रश्न मेरी... Hindi · कविता 238 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read बावरी बातें प्रेम में बावरा होना भी कितना अद्भुत होता है न.. हर पल कल्पनाओं का क्षितिज आशाओं के मन को बहलाता रहता है.. मौसम इंद्रधनुषी सा.. गुनगुनाता रहता है! स्वप्नों की... Hindi · कविता 143 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read तुम्हारी छवि तुमने कहा मिटा दो सबकुछ.. मिटने से पहले.. मैंने मिटा दिया अपने रिश्ते का हर सबूत पर मुझे चिढ़ाती रही.. ऑंखों में धरोहर की तरह छुपी तुम्हारी छवि! रश्मि लहर Hindi · कविता 3 2 180 Share Rashmi Sanjay 19 Oct 2022 · 1 min read प्रतीक्षा की स्मित मौसम बदल रहा है.. और … मन भी भरा-भरा है। गौरैया और खेत, गंगा किनारे की रेत.. तुम्हारे आने की मुलायम आहट सुन रहे हैं.. काॅंप रहे हैं.. बाबा के... Hindi · कविता 1 2 218 Share Rashmi Sanjay 8 Oct 2022 · 1 min read दस्तूर झाँक पड़ीं यादें बीती-सी, खुली अचानक जब मन-खिड़की । कोलाहल, आँगन की गुनगुन, अम्मा की, पायल की रुनझुन । मिली पुरानी अपनी कापी, दौड़ पड़ीं रातें जगराती । हाँफीं दिखीं... Hindi · कविता 2 402 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2022 · 1 min read ममता माँ तेरी सकुचाई आँखें झूठमूठ मुस्काई रे। तेरी भीगी पलकों की है व्यथा न मुझको भायी रे।। घर का ऑंगन तेरी ही पायल से गुनगुन करता था। और तुम्हारे गीतों... Hindi · कविता 4 4 209 Share Rashmi Sanjay 25 Jul 2022 · 1 min read पत्र की स्मृति में अभी तक मानस-पटल पर अंकित हैं.. वो सशक्त लम्हें! जब एक पत्र की प्रतीक्षा में.. मन उलझ पड़ता था अतीत और वर्तमान से। झाँक पड़ती थीं स्मृतियाँ प्रतीक्षा के रोशनदान... Hindi · कविता 3 4 391 Share Rashmi Sanjay 25 Jul 2022 · 1 min read अम्मा जी सूप फटकते समय ऑंचल का कोना सॅंभालती-सी अपने में मगन, कुछ गुनगुनाती-सी पसीने की बूंदों से अनुभव सॅंवारती-सी तन्मयता से गेहूं के एक एक दाने को पुचकारती-सी अम्मा! बन जाती... Hindi · कविता 2 2 401 Share Rashmi Sanjay 20 Jul 2022 · 1 min read 'तुम्हारे बिना' तुम्हारे बिना अभावों की रसोईं में उबलती रही ख्वाबों की चाय.. देर तलक! प्रतीक्षा करते रहे मूक कप..असहाय गाढ़ा होता रहा इच्छाओं का रंग ढूॅंढता रहा.. अपनों का संग उड़ती... Hindi · कविता 6 9 544 Share Rashmi Sanjay 13 Jul 2022 · 1 min read 'माॅं बहुत बीमार है' मुझे देख लेती है.. हॅंसकर भी रोती है। हाथों से चादर की.. सिलवट टटोलती है। पापा की सांसो की, व्याकुल सी यादों से, मन के हर कोने में.. उलझन बेशुमार... Hindi · कविता 4 2 184 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2022 · 1 min read फैल गया काजल गाती रही कोयल देर तक गीत शोरगुल से दूर.. वाह वाह करती रहीं किरणें.. बदलते रहे तरूवर अपनी चाल, मलय भी दाद देता रहा बार-बार रंग बदलते रहे चेहरे के... Hindi · कविता 3 2 364 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2022 · 1 min read सास-बहू बहुत कुछ साझा था उनके बीच ! इच्छाओं के ... टुकड़ों के दर्द... उम्मीदों की मुस्कराहट चलचित्र सा चलते रहने वाला... चिड़चिड़ा अतीत दिव्यांग मन के अनमने भाव उन दोनों... Hindi · कविता 1 687 Share Rashmi Sanjay 27 May 2022 · 1 min read 'बेटियाॅं! किस दुनिया से आती हैं' ममता के सदन में किलकारियाॅं भर जाती हैं। अपनी नव-चेतना से दुश्वारियाॅं हर जाती हैं। रौनक से घर को भर, हॅंसती-खिलखिलाती हैं। बेटियाॅं भी जाने किस दुनिया से आती हैं।।... Hindi · कविता 4 8 368 Share Rashmi Sanjay 24 May 2022 · 1 min read चौंक पड़ती हैं सदियाॅं.. रोज आती है गौरैया तुम्हारा संदेश लेकर और खिलखिला पड़ते हैं प्रसून.. वक्त बेवक्त.. रोज मुस्करा देती है प्रतीक्षा.. मुझे देखकर! यूं ही रोज गा उठती है सरगम बेवजह कोयल... Hindi · कविता 4 4 344 Share Rashmi Sanjay 23 May 2022 · 1 min read एक प्रेम पत्र यर्थाथ के चमकते पन्ने पर.. उड़ेल देना अनकहे.. सारे हालात! कुछ अपनी चिंताएं कुछ मुझसे जुड़े सवालात.. तनिक मीठी.. थरथराती.. लजाती सी कल्पना.. और ठहाके लगाता हुआ.. अपने रिश्ते का... Hindi · कविता 4 2 385 Share Rashmi Sanjay 13 May 2022 · 1 min read सादगी की बात करें चमक-धमक से परे सादगी की बात करें हाथों में हाथ डाल, दोस्ती की बात करें उखड़ती-ठहरती साॅंसें रूक रहीं बेकल जरा लग जाओ गले तिश्नगी की बात करें ऊॅंचे भवन... Hindi · कविता 237 Share Rashmi Sanjay 5 May 2022 · 1 min read 'मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे' मेरी यादों में अब तक वे लम्हे बसे। हिल गया था ये आंचल कभी ज़िक्र पर, जब अदब से मुझे याद तूने किया। तेरी यादों में बस मेरी तस्वीर थी,... Hindi · कविता 3 6 272 Share Rashmi Sanjay 1 May 2022 · 1 min read एक मजदूर एक कर्मठ और सृजनशील मजदूर नहीं मनाता मजदूर दिवस वो लीन रहता है अपने दैनिक कर्मों में निरंतर.. निर्मित कर देता है भवन, बगीचा, अनेक यंत्र, नहीं करता है षडयंत्र,... Hindi · कविता 3 4 480 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 1 min read 'माँ मुझे बहुत याद आती हैं' जब तरल सुबह, तपती बातें, मन उद्वेलित कर जाती हैं। होठों पर स्मित सजल लिये, माँ मुझे बहुत याद आती हैं।। पक्षी कलरव और पत्तों संग, सड़कें सजती-सुसताती हैं। तब... Hindi · कविता 2 4 284 Share Rashmi Sanjay 27 Apr 2022 · 1 min read मुसाफिर चलते रहना है तुम्हें बस चलते रहना है। मुसाफिर चलते रहना है।। ये मन काॅंपे या डर जाए या तूफां से सिहर जाए मिले ऑंधी भी पथ पर या अंधेरा दिन में घिर... Hindi · कविता 1 296 Share Rashmi Sanjay 24 Apr 2022 · 1 min read 'याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से' हर पहर जीवन की सरगम साधते से, याद पापा आ गये मन ढाॅंपते से । बरस उनके बिन गये रीते सभी, मधुर लम्हें मन से ना बीते कभी, पल रूलाते... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 17 787 Share Rashmi Sanjay 22 Apr 2022 · 1 min read मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ.. मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ.. मेरी आँखों से उलझा जो.. आँसू! उसको बहला जाओ । मम्मी म़ुझको दुलरा जाओ।। जो तेरे साथ बिताए क्षण, वो आज हुए स्मृति के कण ।... Hindi · कविता 2 2 233 Share Rashmi Sanjay 12 Apr 2022 · 1 min read 'प्रिय! नैनो ने चुन लिया तुम्हें' प्रिय नैनो ने चुन लिया तुम्हें छू लिए तुम्हारे चरण रहा नहीं बाकी फिर कोई मिलन साँसों ने कर लिया भावों का सत्कार परोस दिया इच्छाओं के व्यंजन का थाल... Hindi · कविता 1 2 207 Share Rashmi Sanjay 26 Mar 2022 · 1 min read धूप पूजती पाॅंव धरा के सप्तर्षि का कंगन पहने अंबर कुछ मुस्काता है। धीमे-धीमे, सॅंवर-सॅंवर कर चंद्र किरण बिखराता है।। धूप पूजती पाॅंव धरा के जलधि प्रणाम सुहाता है।। डोल-डोल कर मलय प्रफुल्लित सरगम गान... Hindi · कविता 259 Share Rashmi Sanjay 22 Mar 2022 · 1 min read 'पुकारो कलम से कोई मीत साथी' डुबो दो खुशी में, लिखो न उदासी। तुम्हें फिर है लिखना कोई गीत साथी।। भरो भावनाएं अलंकृत करो नेह, पुकारो कलम से कोई मीत साथी।। पुकारो कलम से कोई मीत... Hindi · कविता 163 Share Rashmi Sanjay 22 Mar 2022 · 1 min read जल को व्यर्थ बहायें क्यों! आओ हाँथ बढ़ा कर हम सब, जल को एकत्रित कर लें। खेत और खलिहान की भावी पीढ़ी को चित्रित कर लें। मिलें भरे घट, जल-असुवन से, सलिला कहीं मिले निष्ठुर।... Hindi · कविता 330 Share Rashmi Sanjay 12 Feb 2022 · 1 min read प्रेम भरी पाती प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं जली नेह से मन बाती तेरी... Hindi · कविता 224 Share Rashmi Sanjay 8 Feb 2022 · 1 min read अंधेरे की चीख़ अक्सर जब अकेला अंधेरा.. कसमसा कर चीख पड़ता है.. तब चौंक पड़ती हैं ऑंखों की पुतलियाॅं फिर अनिवार्य रूप से सक्रिय हो उठते हैं अंर्तभाव! और उलझ पड़ते हैं शब्दों... Hindi · कविता 1 328 Share Rashmi Sanjay 5 Feb 2022 · 1 min read फिर ऋतुराज कनखियों देखें.. चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 2 395 Share Rashmi Sanjay 17 Jan 2022 · 1 min read समझौता जीवन के हर एक क्षण से समझौता हम करते आए! पर पीड़ा उर मे ढाँपे विस्मृत खुद को करते आए!! पड़ा सीखना प्रबल गति की आशा को बंधन देना! अपनो... Hindi · कविता 196 Share Page 1 Next