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तेरे क़दमों पर सर रखकर रोये बहुत थे हम ।
Phool gufran
आशिकी
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मोहब्बत
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बेटियां
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दोस्ती
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आदमी
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दोस्ती
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उदासी की चादर
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मोहब्बत का हुनर
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मोहब्बत
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मोहब्बत
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खुशी
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मुकद्दर
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ग़ज़ल
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रस्म उल्फत की यह एक गुनाह में हर बार करु।
Phool gufran
तोड़कर दिल को मेरे इश्क़ के बाजारों में।
Phool gufran
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
वो ख्यालों में भी दिल में उतर जाएगा।
Phool gufran
उनसे कहना ज़रा दरवाजे को बंद रखा करें ।
Phool gufran
तेरी इस बेवफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
दुनिया बदल गयी ये नज़ारा बदल गया ।
Phool gufran
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
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शेर
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दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
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निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
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इतनी मिलती है तेरी सूरत से सूरत मेरी
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ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
वो दिल लगाकर मौहब्बत में अकेला छोड़ गये ।
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नाम मौहब्बत का लेकर मेरी
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तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
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मौहब्बत जो चुपके से दिलों पर राज़ करती है ।
Phool gufran
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
हर एक चोट को दिल में संभाल रखा है ।
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दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
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वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
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अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
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कहीं चीखें मौहब्बत की सुनाई देंगी तुमको ।
Phool gufran
अफसोस मेरे दिल पे ये रहेगा उम्र भर ।
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वो आया इस तरह से मेरे हिज़ार में।
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सुर्ख चेहरा हो निगाहें भी शबाब हो जाए ।
Phool gufran
जिंदगी की एक मुलाक़ात से मौसम बदल गया।
Phool gufran
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
Phool gufran
तेरी तस्वीर को लफ़्ज़ों से संवारा मैंने ।
Phool gufran
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
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इश्क़ के नाम पर धोखा मिला करता है यहां।
Phool gufran
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
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