ओसमणी साहू 'ओश' 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next ओसमणी साहू 'ओश' 19 Apr 2024 · 1 min read वक्त निकल जाने के बाद..... वक्त निकल जाने के बाद..... ¹ लाश को दवाई, ² बात पे सफाई, देना बेकार है। Quote Writer 2 212 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Apr 2024 · 1 min read तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़, तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़, हर अल्फाज़ समेटे बैठी हैं, एक घुन खाती डायरी सी लड़की Quote Writer 2 156 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 Apr 2024 · 1 min read मसला सिर्फ जुबान का हैं, मसला सिर्फ जुबान का हैं, कोई जुबां पे टिकते नहीं, कोई जुबां से हटते नहीं। Quote Writer 1 132 Share ओसमणी साहू 'ओश' 4 Apr 2024 · 1 min read एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया। एक नासूर हो ही रहा दूसरा ज़ख्म फिर खा लिया। ये क्या हो गया मुझे, मैंने ये कैसा हाल बना लिया। Quote Writer 1 147 Share ओसमणी साहू 'ओश' 27 Mar 2024 · 1 min read बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं। बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं। सितारे की तलाश, जुगनुओं पर नहीं ठहरा करते हैं।। 。。。☆。。。 Quote Writer 1 129 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Mar 2024 · 1 min read मेरे सब्र की इंतहां न ले ! मेरे सब्र की इंतहां न ले ! सब्र टूट गया तो लिहाज़ छूट जाएगा.... Quote Writer 2 147 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Mar 2024 · 1 min read संवरना हमें भी आता है मगर, संवरना हमें भी आता है मगर, हम आईने सादगी पसंद देखते है...♡ Quote Writer 191 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Mar 2024 · 1 min read ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं, ये जो दुनियादारी समझाते फिरते हैं, एक लड़की का दिल समझ जाये, तो क्या कहने! 💯🥀 Quote Writer 1 96 Share ओसमणी साहू 'ओश' 10 Mar 2024 · 1 min read साँवलें रंग में सादगी समेटे, साँवलें रंग में सादगी समेटे, कुछ मोटी सी हूं लड़की मैं। मुझे खूबसूरत मेरे, आचार-विचार बनाते है....♡ Quote Writer 2 138 Share ओसमणी साहू 'ओश' 10 Mar 2024 · 1 min read साँवलें रंग में सादगी समेटे, साँवलें रंग में सादगी समेटे, कुछ मोटी सी हूं लड़की मैं। मुझे खूबसूरत मेरे, आचार-विचार बनाते है....✍️ Quote Writer 2 99 Share ओसमणी साहू 'ओश' 9 Mar 2024 · 1 min read हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ? हुलिये के तारीफ़ात से क्या फ़ायदा ? रवइये को तव्वज़ो मिले तो ख़ुशी हो। Quote Writer 1 159 Share ओसमणी साहू 'ओश' 8 Mar 2024 · 1 min read रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के, रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के, एक साथ खोले जाने पर........ अच्छी ख़ासी किताब बिखर जाती है या सरसराती नज़र गुज़र जाती है। 🍂🥀 Quote Writer 2 165 Share ओसमणी साहू 'ओश' 6 Mar 2024 · 1 min read मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं, मेरी खूबसूरती बदन के ऊपर नहीं, दिल के भीतर संवरती हैं। देखना हो गर मुरीद... ! दिल से दिल में उतर देखिए। 💫✨ Quote Writer 1 166 Share ओसमणी साहू 'ओश' 6 Mar 2024 · 1 min read लब्ज़ परखने वाले अक्सर, लब्ज़ परखने वाले अक्सर, लहज़े से चूक जाते हैं। 🍂🥀 Quote Writer 1 177 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 Mar 2024 · 1 min read यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं, यूं ही नहीं हमने नज़र आपसे फेर ली हैं, आईने से नज़रे नहीं है आप ही की मिल पाती। 🍂🥀 Quote Writer 1 215 Share ओसमणी साहू 'ओश' 29 Feb 2024 · 1 min read ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के, ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के, उनकी मशरूफ़ियत ने ग़म और बढ़ा दिया। 🥀📌 Quote Writer 2 182 Share ओसमणी साहू 'ओश' 29 Feb 2024 · 1 min read गए थे दिल हल्का करने, गए थे दिल हल्का करने, कहां भारी कर आ गए। ❣️🥀 Quote Writer 1 141 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Feb 2024 · 1 min read मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं। मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं। और तसल्ली इस बात की, कि वक्त ने हमें सुलझाने के काबिल समझा। Quote Writer 1 116 Share ओसमणी साहू 'ओश' 25 Feb 2024 · 1 min read अक्सर चाहतें दूर हो जाती है, अक्सर चाहतें दूर हो जाती है, मजबूरियां ही साथ निभाती है। Quote Writer 1 131 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read "सोच खा जाती हैं" निश्चिंतता का कवच चीर, ये समझ, कहां से आ जाती है, मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ; मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं। हो किसी से जब... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 154 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read पतझड़ पतझड़  ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ ̄ टूट रहें है पत्ते एक-एक, जैसे टूटती उम्मीद हैं। Quote Writer 1 131 Share ओसमणी साहू 'ओश' 21 Feb 2024 · 1 min read शब्दांजलि यादों की सिलवटों में गुज़री, रात पूरी करवटों में गुज़री। गुज़रे वाले गुज़र गए, अहसांसें आहटों में गुज़री।। Hindi · अल्फाज़ ए ओश 1 69 Share ओसमणी साहू 'ओश' 19 Feb 2024 · 1 min read ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार, ख़ुद पे गुजरी तो मेरे नसीहतगार, मयखाने को निकल पड़े। Quote Writer 2 144 Share ओसमणी साहू 'ओश' 19 Feb 2024 · 1 min read वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त, वक्त की नज़ाकत और सामने वाले की शराफ़त, तय करती है, हमारा लहज़ा कैसा होगा... Quote Writer 2 246 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "मिजाज़-ए-ओश" टूटी, बिखरी, सिमटी, जुड़ी और उठ खड़ी हुई। अपनी बुलंद इरादों से हर हार मुहाल करती हूं। वक्त, नज़ाकत और नज़रिए, चाहें हो जैसे बदले, पर आज भी मैं सख़्त... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 5 1 106 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "याद" क्या बात है? एक अरसे बाद याद किए हो। ठुकराए थे बोलने की गुजारिश, आज खुद ही फ़रियाद किए हो। मतलब तो न रहा हमसे, हम पे क्यों वक्त बर्बाद... Poetry Writing Challenge-2 3 2 89 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "रफ़्तार पकड़ती ज़िंदगी" ठहरी - ठहरी सी ज़िंदगी, रफ़्तार पकड़ रही है। दुश्मन ठहराती कभी किसी को, कभी कोई यार पकड़ रही है। इसके बदलते रूप देख लगता है, कोई अईय्यार पकड़ रही... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · अल्फाज़ ए ओश 1 81 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "दोगलों की बस्ती" यूं ही न करना ऐतबार साहब ! ये दोगलों की बस्ती हैं। एक है सामने तो एक पीछे भी, यहां दूसरी सबकी हस्ती हैं। दिखाते हैं ख़्वाब हमें जो साहिल... Poetry Writing Challenge-2 1 60 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "सीधी बातें" कहना हो जो कुछ भी, सीधे कहो साफ़ साफ़, अब तुम हमसे दुनियादारी, इसकी उसकी न कहो। साथ,समझौता, साझेदारी, जो कहो, इस मतलबपरस्ती को दोस्ती न कहो। चमक जहां से... Poetry Writing Challenge-2 1 79 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "समझा करो" खड़े इकलौते नहीं तुम कतार में, हज़ारों का पीछे झूलना समझा करो। सीख रहें है भूलना, समझा करो। शॉर्ट स्कर्ट और हील हमने तो संभाल ली, उफ़ तुम जैसों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · कहानी 1 122 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "मंज़र बर्बादी का" न नई बात है, न बड़ी बात है, मैं नहीं कोई और सही क्यों यही बात है? असर तो है हद से परे, कहते हो, बेअसर दिख रहा है साफ़... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 123 Share ओसमणी साहू 'ओश' 18 Feb 2024 · 1 min read "कैद" वो ख़ामोश लब, वो झुकी पलकें, जाने कितने जुर्म सहती है। ख़ूबसूरती उसका पिंजरा है, वो हर वक्त कैद में रहती है। शीश बदन पे उकरे ज़ख्मों पर, तन्हा मलहम... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 139 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "उसकी यादें" वो अधूरी इबादतें, वो टूटी तस्बीह याद आती हैं। जब भी ख़ुद की याद आती हैं, मुझे उसकी याद आती हैं। याद आता हैं मेरा रोता चेहरा, हँसी उसकी याद... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 93 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना, बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना, याद आ जाए मेरी, तो दिल से मुस्कुराना। ♡🥀 Quote Writer 1 197 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read बातें कल भी होती थी, बातें आज भी होती हैं। बातें कल भी होती थी, बातें आज भी होती हैं। कल दिल से होती थी, आज ज़ुबां से होती हैं। Quote Writer 1 132 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read मुसाफिरखाना इन विरानों में रौनक, कुछ पल ही ठहर पाते हैं। आते हैं कुछ बेबस से, पुरजोश हो लौट जाते हैं। बसर नहीं करते ये मुसाफिर, पहले ही आजमाते हैं। चंद... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 107 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read नफ़रत सहना भी आसान हैं.....♡ नफ़रत सहना भी आसान हैं.....♡ कंबख्त मुहब्बत से तो, गड़े मुर्दे भी हलकान हैं। Quote Writer 1 137 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "हाल ए ओश" हमसे ज्यादा हमें जानने पर, जिस जिस पे हमें गुरूर हुआ। एक पल में वो हमसे अजनबी, दूजे पल ही हमसे दूर हुआ। अश्कों से भी ऐसी अनबन, ख़ुद पे... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 90 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे" मेरी नाकामी ने नहीं तोड़ा मुझे, तेरा बार बार अहसास दिलाना तोड़ जाता है। सब कुछ भूल देखती हूं नए सपने, सपनों में भी तेरा आना झकझोर जाता हैं। हर... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 106 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "मिल ही जाएगा" छेद न रहा कश्ती में तो किनारा मिल ही जाएगा। भेद न रहा अपनो में तो सहारा मिल ही जाएगा। तो क्या हुआ जो पहली दफा धोखा हुआ, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 105 Share ओसमणी साहू 'ओश' 16 Feb 2024 · 1 min read "चाहत" मैं तुम्हें नहीं, तुम्हारी खुशी चाहती हूं। वक्त की बर्बादी नहीं, बेहतर जिंदगी चाहती हूं। न तुम बुरे न तुम्हारी सोच बुरी, बुरे हाल में भी तुम्हारी बेहतरी चाहती हूं।... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 1 104 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी, एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी, ये जो मुझमें पत्थर देखते हो,उसी के कब्र के हैं। Quote Writer 1 201 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार। न किजिए कोशिश हममें, झांकने की बार-बार। गहराई इतनी हैं कि आप,डूब बहेंगे धार - धार।। Quote Writer 1 198 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "बस तेरे खातिर" लोग कहते रहे मुझे पत्थर दिल, पिघला के पत्थर शीशा बनाएं बस तेरे खातिर। तेरी हँसी पे कुर्बां हुआ ये दिल, खुद की हर खुशी,हर गम भुलाएं बस तेरे खातिर।... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश 2 123 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "ज़ायज़ नहीं लगता" 'सब' की चाह में 'कुछ' खो देना ज़ायज़ नहीं लगता। बेतुकी जिद में सब कुछ खो देना,ज़ायज़ नहीं लगता। शामिल नहीं है चंद गुल आज के बहार में, इंतजार में... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 81 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "बहुत देखे हैं" भीतर से कसाई बाहर से हलवाई बहुत देखे हैं। सामने वाहवाही पीछे करते बुराई बहुत देखे हैं। शीशा तो दिखाता है सच मगर सदा उल्टा, साफ शीशों की ये करिश्माई... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 1 124 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Feb 2024 · 1 min read "दाग़" गलत चल रहा था सही से, अचानक एक हादसा हुआ। हुई मैं बेहतर रू-ब-रू, हकीकत से मेरा राब्ता हुआ। वो बदसूरती के बहाने से ख़त्म कर गया ताल्लुक़ मुझसे... दाग़... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 149 Share ओसमणी साहू 'ओश' 14 Feb 2024 · 1 min read "दास्तां ज़िंदगी की" एक घाव है जो भरता नहीं, एक उम्मीद है जो मरती नहीं। एक ज़ुबां है जो कहता नहीं, एक ज़हन है जो सुनती नहीं। एक दोस्त है जो बनता नहीं,... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 2 90 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "जिद्द- ओ- ज़हद" मैं वो पाने की ज़िद्दोज़हद में थी, जो मेरे हद से परे था। हक जताती थी जिस पर अपना, दरअसल वो मेरे हक से परे था। न जाने किसके बस... Poetry Writing Challenge-2 · अल्फाज़ ए ओश · कविता · हिंदी कविताएं 2 100 Share ओसमणी साहू 'ओश' 13 Feb 2024 · 1 min read "राज़ खुशी के" जो है अभी पास उनके साथ में खुश रहो। जो चले गए हैं दूर उनके याद में खुश रहो। दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है, जैसे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 139 Share Previous Page 2 Next