ओसमणी साहू 'ओश' 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ओसमणी साहू 'ओश' 30 Oct 2024 · 1 min read निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है, निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है, नहीं कोई अनुभव,उपलब्धि, मेरे अवशेष का विसर्जन है। - ओश Quote Writer 1 22 Share ओसमणी साहू 'ओश' 30 Oct 2024 · 1 min read निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है, निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है, नहीं कोई अनुभव,उपलब्धि, मेरे अवशेष का विसर्जन है। - ओश Quote Writer 22 Share ओसमणी साहू 'ओश' 30 Oct 2024 · 1 min read फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो; फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो; यूं किश्तों में बातें करना, अच्छी बात नहीं होती। 🥀🍂 -ओश Quote Writer 1 34 Share ओसमणी साहू 'ओश' 14 Oct 2024 · 1 min read आज जो तुम तन्हा हो, आज जो तुम तन्हा हो, और कुछ नहीं, ये सिला है... मुझे तुमसे मिली तन्हाई का। Quote Writer 28 Share ओसमणी साहू 'ओश' 1 Oct 2024 · 1 min read ये जो मुझे अच्छा कहते है, तभी तक कहते है, ये जो मुझे अच्छा कहते है, तभी तक कहते है, जब तक इनके हिसाब से मैं चल रही हूं। इन्हें नहीं मतलब जरा भी कि किस दौर से मैं गुजर... Quote Writer 1 39 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Sep 2024 · 1 min read एक तरफे इश्क़ के आदि लोग, एक तरफे इश्क़ के आदि लोग, दो तरफे तमाशों से परहेज़ करते हैं। 🍂🥀 Quote Writer 1 61 Share ओसमणी साहू 'ओश' 11 Sep 2024 · 1 min read ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश" ग़म का लम्हा, तन्हा गुज़ारा किजिए "ओश" साथ की उम्मीद, सिवा इज़ाफा कुछ नहीं करती। 🍂🥀 Quote Writer 93 Share ओसमणी साहू 'ओश' 8 Sep 2024 · 1 min read आहिस्ता उतरते - उतरते, आहिस्ता उतरते - उतरते, पूरे दिल पर कब्ज़ा किया। जबसे माशूक बन बैठी तन्हाई, दिल ने टूट कर मुहब्बत किया।। - ओश Quote Writer 36 Share ओसमणी साहू 'ओश' 22 Aug 2024 · 1 min read हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना..... हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना..... उसके सौंदर्य से नहीं, उसकी संवेदना और वेदना से अवगत होना। -ओश 🥀🍂 Quote Writer 1 26 Share ओसमणी साहू 'ओश' 17 Aug 2024 · 1 min read सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो, सात समंदर से ज़्यादा स्याही जो ख़ुद में समाए हो, वो अढ़ाई हर्फ़ का अधूरा लब्ज़ ही "इश्क़" है। -ओश Quote Writer 1 85 Share ओसमणी साहू 'ओश' 17 Aug 2024 · 1 min read मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की। मैंने हर मुमकिन कोशिश, की उसे भुलाने की। हर कोशिश में जो आम रहा, वो था यादों का गहराना। 🥀🍂 - ओश Quote Writer 48 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 Aug 2024 · 1 min read बर्दास्त की आख़िर हद तक देखा मैंने, बर्दास्त की आख़िर हद तक देखा मैंने, रफ्ता- रफ्ता उसे नज़रों से उतरते...♡ 🥀🍂 Quote Writer 1 65 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 Aug 2024 · 1 min read यार मेरा यार मेरा वो किश्तों में कत्ल करता है मयार मेरा, मेरी मजबूरियों पे हँसता है, यार मेरा। ये शिकंद, माथे की उससे छुपाऊं कैसे? हाल जो फ़ौरन कर देता है,... Quote Writer 105 Share ओसमणी साहू 'ओश' 4 Aug 2024 · 1 min read झीमिर-झीमिर बरसा मा, धरती के अंतस जुड़ागे। झीमिर-झीमिर बरसा मा, धरती के अंतस जुड़ागे। साज गे हे नांगर अऊ बईला घलो फंदागे। चारो डाहर लहर- लहर, रूख राई हरियागे। लहूटावव मीठ चिला दाई, हरेली तिहार आगे। छत्तीसगढ़... Quote Writer 1 43 Share ओसमणी साहू 'ओश' 23 Jul 2024 · 1 min read दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले, दाढ़ी में तेरे तिनका है, ओ पहरे करने वाले, दिल का रास्ता क्या जाने? चेहरे पे मरने वाले...। Quote Writer 70 Share ओसमणी साहू 'ओश' 15 Jul 2024 · 1 min read ख़ुद की हस्ती मिटा कर , ख़ुद की हस्ती मिटा कर , हमारी दुनियां सजाते है; वो पिता है, चुप्पी से प्यार जताते है। Quote Writer 69 Share ओसमणी साहू 'ओश' 9 Jul 2024 · 1 min read काफ़ी कुछ लिखकर मिटा दिया गया ; काफ़ी कुछ लिखकर मिटा दिया गया ; सिलवटों भरा ये कागज़, कोरा ही रह गया....♡ 🥀🍂 Quote Writer 118 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Jun 2024 · 1 min read वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ? वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ? आईना है किसी के लिए, किसी के लिए फ़लसफ़ा है। Quote Writer 107 Share ओसमणी साहू 'ओश' 7 Jun 2024 · 1 min read वही वक्त, वही हालात लौट आया; वही वक्त, वही हालात लौट आया; इस बार उसने खुद को मेरी जगह पाया। Quote Writer 63 Share ओसमणी साहू 'ओश' 4 Jun 2024 · 1 min read चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे; चलो मान लिया तुम साथ इमरोज़ सा निभाओगे; पर अमृता सी नसीब मुहब्बत में, सोचते ही सहम जाती हूं मैं। Quote Writer 1 147 Share ओसमणी साहू 'ओश' 27 May 2024 · 1 min read कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है, कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है, जो जिंदगी में में अक्सर निःशब्द रह जाते है। Quote Writer 85 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “सोच खा जाती हैं” निश्चिंतता का कवच चीर, ये समझ, कहां से आ जाती है, मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं ; मुझे सोच मेरी ही खा जाती हैं। हो किसी से जब... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 66 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "बात अंतस की" उमड़ते रंगों के संग, यादें धुंधली उमड़ रही है। मेरे भीतर की लड़की खुद से मिल- बिछड़ रही है। पिघलती दिल के हाथों कभी, कभी देखो अकड़ रही है। सब... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 57 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “बनावटी बातें” कहना हो जो कुछ भी, सीधे साफ़ - साफ़ कहो, अब तुम हमसे दुनियादारी, इसकी उसकी न कहो। साथ, समझौता, साझेदारी, जो कहो, इस मतलबपरस्ती को दोस्ती न कहो। चमक... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 59 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "विद्यार्थी जीवन" आंकड़ों के ज़माने में, किताबों के आशियाने में; स्वागत हैं। कुछ मानने – मनाने में, एक दूजे को समझाने में ; स्वागत हैं। ज्ञान संग व्यवहार से , विवेक संग... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 55 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "आगाज" आलम ए तन्हाई में खोना चाहती हूं, कुछ वक्त शुकून से सोना चाहती हूं। होकर देख ली इन गैर से अपनों के, अब सिर्फ़ खुद की होना चाहती हूं।। उन... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 2 65 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "बेटी की ईच्छा" उजाडूंगी खुद स्वप्न महल भी, असल नींव रच जाने दो पापा! शादी भी हो जाएगी, बस कुछ बन जाने दो पापा।। 'पूंजी की कूंजी' और 'लक्ष्मी' भी कह दिए। उम्र... Poetry Writing Challenge-3 · Heart Touching · अल्फाज़ ए ओश · कविता · मार्मिक कविताएं 1 66 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "ख़्वाहिश" सारी दुनियां भूल जाऊं, ऐसी दुनियां सजा सके। आए कोई ऐसा, जो मेरे सिर आंखों छा सके। मेरे ख्यालों से मिलते नहीं, फरिश्ते, राजकुमार कोई। मैं चाहूं एक आम सा... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 66 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "ज्यादा हो गया" वो रोज़ - रोज़ करते, ज़रा - ज़रा ही बेवफाई, एक रोज़ हमने कर लिया तो ज्यादा हो गया। उनका दिन शुरू मयखाने से, मयखाने पर ही ख़त्म, एक ज़ाम... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 53 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “समझा करो” खड़े इकलौते नहीं तुम कतार में, हज़ारों का पीछे झूलना समझा करो। सीख रहें है भूलना, समझा करो। शॉर्ट स्कर्ट और हील हमने तो संभाल ली, उफ़ तुम जैसों का... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 48 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "पिंजरा खूबसूरती का" वो ख़ामोश लब, वो झुकी पलकें, जाने कितने जुर्म सहती है। ख़ूबसूरती उसका पिंजरा है, वो हर वक्त कैद में रहती है। शीश बदन पे उकरे ज़ख्मों पर, तन्हा मलहम... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 47 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “गोहार: आखिरी उम्मीद ” अड़ोसी-पड़ोसी, रिश्तेदार और कुछ अनजाने भी, रहन-सहन, पहनावे पे, देते सलाह और ताने भी। बिना पगार लिए लोग अपनी ये नौकरी ख़ूब बजाते हैं। मजबूत के पीछे चुगली करते, कमज़ोर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 52 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “राज़ खुशी के” जो है अभी पास उनके साथ में खुश रहो। जो चले गए हैं दूर उनके याद में खुश रहो। दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है, जैसे... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 57 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “मिजाज़-ए-ओश” टूटी, बिखरी, सिमटी, जुड़ी और उठ खड़ी हुई। अपनी बुलंद इरादों से हर हार मुहाल करती हूं। वक्त, नज़ाकत और नज़रिए, चाहें हो जैसे बदले, पर आज भी मैं सख़्त... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 41 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “मिल ही जाएगा” छेद न रहा कश्ती में तो किनारा मिल ही जाएगा। भेद न रहा अपनो में तो सहारा मिल ही जाएगा। तो क्या हुआ जो पहली दफा धोखा हुआ, ये दुनिया... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 49 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “दास्तां ज़िंदगी की” एक घाव है जो भरता नहीं, एक उम्मीद है जो मरती नहीं। एक ज़ुबां है जो कहता नहीं, एक ज़हन है जो सुनती नहीं। एक दोस्त है जो बनता नहीं,... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 41 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “ज़ायज़ नहीं लगता” ‘सब’ की चाह में ‘कुछ’ खो देना ज़ायज़ नहीं लगता। बेतुकी जिद में सब कुछ खो देना,ज़ायज़ नहीं लगता। शामिल नहीं है चंद गुल आज के बहार में, इंतजार में... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 66 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “उसकी यादें” वो अधूरी इबादतें, वो टूटी तस्बीह याद आती हैं। जब भी ख़ुद की याद आती हैं, मुझे उसकी याद आती हैं। याद आता हैं मेरा रोता चेहरा, हँसी उसकी याद... Poetry Writing Challenge-3 · Poem · अल्फाज़ ए ओश 1 46 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “दाग़” गलत चल रहा था सही से, अचानक एक हादसा हुआ। हुई मैं बेहतर रू-ब-रू, हकीकत से मेरा राब्ता हुआ। वो बदसूरती के बहाने से ख़त्म कर गया ताल्लुक़ मुझसे… दाग़... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 56 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "जिद्द- ओ- ज़हद” मैं वो पाने की ज़िद्दोज़हद में थी, जो मेरे हद से परे था। हक जताती थी जिस पर अपना, दरअसल वो मेरे हक से परे था। न जाने किसके बस... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 44 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “दोगलों की बस्ती” यूं ही न करना ऐतबार साहब ! ये दोगलों की बस्ती हैं। एक है सामने तो एक पीछे भी, यहां दूसरी सबकी हस्ती हैं। दिखाते हैं ख़्वाब हमें जो साहिल... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 45 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “बहुत देखे हैं” भीतर से कसाई बाहर से हलवाई बहुत देखे हैं। सामने वाहवाही पीछे करते बुराई बहुत देखे हैं। शीशा तो दिखाता है सच मगर सदा उल्टा, साफ शीशों की ये करिश्माई... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 45 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read “रफ़्तार पकड़ती ज़िंदगी” ठहरी – ठहरी सी ज़िंदगी, रफ़्तार पकड़ रही है। दुश्मन ठहराती कभी किसी को, कभी कोई यार पकड़ रही है। इसके बदलते रूप देख लगता है, कोई अईय्यार पकड़ रही... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश 1 51 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं, ख़ुद को हमारी नज़रों में तलाशते हैं, वो जिन्हें आईने से गैरत है। 🍂🥀 Quote Writer 147 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "जन्मदिन" दुनियां में आते ही आसू छलके, ये रीत निभाते हैं हर बरस। कारण - अकारण, जानें - अनजाने, ये नयन बरस जाते हैं हर बरस। उम्र मेरी देती हैं तजुर्बों... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 1 50 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "सदाकत ए जहां" कदर करने वालों की कदर नहीं होती, खबर लेने वालों की ख़बर नहीं होती। खरीदता है इंसान यहां मीलों जमीनें, दो गज से ज्यादा उनकी भी क़बर नहीं होती। कसूर... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · कविता 3 39 Share ओसमणी साहू 'ओश' 5 May 2024 · 1 min read "दुनियादारी" न चुप्पी ही सही जाती हैं, न बातें ही कही जाती हैं; दिल से गर जुड़ जाए कोई जुबां से अनबन हो जाती है। कभी कहलाती मुफट, कभी पत्थर दिल... Poetry Writing Challenge-3 · अल्फाज़ ए ओश · हिंदी कविताएं 3 62 Share ओसमणी साहू 'ओश' 26 Apr 2024 · 1 min read तन्हाई तन्हाई कहते है, किसी के न होने से तनहा हो जाते हैं लोग। पर हम तो किसी के होने से तनहा हुए हैं। Quote Writer 2 95 Share ओसमणी साहू 'ओश' 25 Apr 2024 · 1 min read ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी, ग़र वो जानना चाहतें तो बताते हम भी, मगर, वो जाना चाहें सो हमने जाने दिया.....♡ Quote Writer 2 123 Share ओसमणी साहू 'ओश' 25 Apr 2024 · 1 min read "काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र "काफ़ी अकेला हूं" से "अकेले ही काफ़ी हूं" तक का सफ़र व्यक्ति को बुरी तरह तोड़ कर,पूरी तरह मजबूत बना देता है। -ओश Quote Writer 1 83 Share Page 1 Next