भूरचन्द जयपाल Tag: मुक्तक 218 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** दर्द सा उठता है धुंआ ** दिल में दर्द सा उठता है धुआं आज तक गैर अपना ना हुआ करते है हम मालिक से दुआ कब सुधरेगा राज-राजनेता मुआ रोज मरते है दे दे ईश्वर की... Hindi · मुक्तक 1 1 260 Share भूरचन्द जयपाल 20 Mar 2017 · 1 min read ** गुमसुम आज मेरा दिल है ** ?रुक गयी है स्वांसे थम गयी है आंधियां न जाने कौन सा कत्ल कर आया जो गुमसुम आज मेरा दिल है ।। ?मधुप बैरागी दिल धड़कता है किसी हसी मुखड़े... Hindi · मुक्तक 1 351 Share भूरचन्द जयपाल 18 Mar 2017 · 1 min read ** दुःख किण सूं कहूं साजना ** दुःख किण सूं कहूं साजणा दिन गिणतां रातां गिणी सुपणा अब सब रीत गया आंख्यां सूं ढळ गयो पाणी प्रीतम थारां पगळ्या निरख निरख गयो आँखें रो पाणी ना आसे... Hindi · मुक्तक 1 505 Share भूरचन्द जयपाल 18 Mar 2017 · 1 min read ** चलन है प्यार में रुसवाई का *** पिघलती है बर्फ तो पिघलने दे सुलगती है आग तो सुलगने दे दिल पिघले तो कुछ बने बात जज़्बात बहके तो बहकने दे ।। सिलसिला मुहब्बत का चलने दे शामेउम्र... Hindi · मुक्तक 1 302 Share भूरचन्द जयपाल 15 Mar 2017 · 1 min read ** चुपचाप ** जख़्म सहते रहे जो मुहब्बत में सब चुपचाप देश के वास्ते मुहब्बत को मिटा देंगे चुपचाप ग़म ना करना शहादत-ए-मुहब्बत का कभी जो कुर्बान कर दूं ये देश के वास्ते... Hindi · मुक्तक 1 573 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** जरा दिल साफ हो ले ** 12.3.17 सन्ध्या 7.15 मुश्किलें बहुत है राहे मंजिल मुश्किलों से दो -चार हो ले कुछ कर्म कर पार हो ले राहे मंजिलो में मुश्किलें बहुत ना दुःख से रो होले-... Hindi · मुक्तक 1 309 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ये क्या कम है ** मत दुखी हो अपने अभावों से अभावों में भी भाव छुपा होता है देनेवाले ने जो ग़म दिए हैं तुझको वो भी किसी उपहार से कम नहीं दुनियां की खुशियाँ... Hindi · मुक्तक 1 425 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ईश्वर की धर्मशाला *** यह संसार ईश्वर की धर्मशाला है जब चाहे तब खाली करा सकता है हम इसे कब से अपना घर माने बैठे हैं किरायेदार भी कभी मालिक हुआ है मालिक तो... Hindi · मुक्तक 1 570 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** चित चंचल *** रूप चंचल मन चंचल मची दिल में हलचल आज मन पहल कर नव यौवना चित चंचल ।। ?मधुप बैरागी कैद मुझको हुई है हालात -ए-कारागाह स्वप्न आज भी मेरे भटके... Hindi · मुक्तक 1 284 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** चुरा ले नींद कोई *** चुरा ले नींद कोई हमारी कोई बात नहीं चुराये सपनों को हमारे हमें बर्दास्त नहीं महक सपनो की भी है हमारे सीमापार चन्दन -खुशबू भी होती सीमापार नहीं ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 1 520 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** विश्वास मुझपे ना कर ** इतना भी विश्वास मुझपे ना कर कि तूं धोखा खा जाये इतना भी उधार मुझपे ना कर कि क़र्ज उतरा ना जाये बहुत खूबियां है तुझमे और बहुत कमजोरियां है... Hindi · मुक्तक 1 530 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** यूं ही नहीँ ** महक मेरे दिल की बहुत दूर तलक जाती है यूं ही नहीं तितलियां मेरे इर्द-गिर्द मंडराती है ढूंढती मुझको है कस्तूरी मृग की भांति और मदमस्त अपने ही नशे में... Hindi · मुक्तक 1 328 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** आस्था *** दर्द जब पीर बन कर उभर गया दिल का दुःख जाने किधर गया पीड़ा पीड़ा पीड़ा वो कहता गया दर्द ना जाने कब का पिघल गया ।। ?मधुप बैरागी आस्था... Hindi · मुक्तक 1 515 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2017 · 1 min read * जानिसार महबूब * महसूस करें उसे खुशबू कहते है जान का प्यासा हो उसे दुश्मन कहते हैं । जिसके मिलने से जान में जान आ जाये उस जानेबर जानिसार महबूब कहते हैं ।।... Hindi · मुक्तक 1 274 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2017 · 1 min read ** आग लगाकर ** प्यास जगाकर आग लगाकर पूछते हो क्या ज़रा दिलपर अपने हाथ रख धड़कता है क्या क्या पूछते हो दिल अपना पराया हुआ कब अब ना पूछिये हाल अपना क्या से... Hindi · मुक्तक 2 1 645 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read ** मुक्तक ** * गुल-ए-गुलशन से कोई फूल तो चुनना होगा । अरे भ्रमर फिर पछतायेगा जब ग़म-ए-उल्फ़त से चूर तुझे होना होगा ।। भीड़ में चलते हुए आदमीं ने भीड़ से कहा... Hindi · मुक्तक 1 456 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read ** तेरे इंकार में ** तेरे इन्कार में भी इकरार नज़र आता है तेरी नफ़रत में भी प्यार नज़र आता है हमें इतना मालूम है कि तुम्हें हम पर एतबार ज़रूर आता है तेरे गरूर... Hindi · मुक्तक 1 226 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read * किसी के मन में चाहत ना हो * मत टूट शीशे की तरह मत बिखर शीशे की तरह कहीं मेरे मासूक के क़दम इन टुकड़ों पर ना पड़ जाये लहूलुहान ना हो जाये कहीं मेरे मासूक के नाजुक... Hindi · मुक्तक 1 257 Share भूरचन्द जयपाल 14 Feb 2017 · 1 min read ** मां के चरणों में सादर नमन ** माँ से पत्नी प्यारी होती है पति की पत्नी असाध्य बीमारी होती है फिर भी माँ से पत्नी प्यारी होती है ।। ***क्यों ? आप बुद्धिजीवी हैं सोच समझकर जवाब... Hindi · मुक्तक 1 492 Share भूरचन्द जयपाल 13 Feb 2017 · 1 min read ***** मंजिलें मेरे कदमों तले ****** मै मंजिलों की तलाश में भटका नहीं बोलो कहां आज मंजिले मेरे क़दमो तले ढूंढू तो बोलो कहां मन-मधुप विचलित सा आज तेरे साये को है काश तेरी-मेरी मंजिलें मिलती... Hindi · मुक्तक 1 225 Share भूरचन्द जयपाल 8 Feb 2017 · 1 min read *** मैं जिसे पसन्द हूं *** बहुत बार मन में ऐसा ख्याल आता है कि मै जिसे पसन्द हूँ उसे में मिला नही मगर मुझे वो पसन्द है मुझे अब भी पता नहीं फिर भी मुझे... Hindi · मुक्तक 1 211 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read * इस आदत को सुधारा ना जाये * इतना भी विश्वास मुझपे ना कर कि तूं धोखा खा जाये इतना भी उधार मुझपे ना कर कि क़र्ज उतरा ना जाये बहुत खूबियां है तुझमे और बहुत कमजोरियां है... Hindi · मुक्तक 249 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read * हम तक़दीर कहां बना पातें हैं * तकदीरें बनती बिगड़ती है हम तक़दीर कहां बना पाते हैं मगर तस्वीर हम जब चाहे तब सीने से लगाकर सुकून पा लेते हैं फिर भी किसी ने ठीक ही कहा... Hindi · मुक्तक 165 Share भूरचन्द जयपाल 7 Feb 2017 · 1 min read मैं वो मजमूं ढूंढता हूं मैं वो मजमूं ढूंढता हूं जिस पर वो निसार हो मैं वो राह ढूंढता हूं जो बेमिसाल हो मैं ढूंढता हूं उसको जिसकी नजरें ढूंढती है मुझको ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 251 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read * हुश्न की बारीकियां * यूं राज-ए-हुस्न कब तक छुपाओगे मुझसे हुस्न की बारीकियां बेहतर जानते तुझसे कत्ल ना कर खंजन सी आँखों के ख़ंजर से दीवाना मरता है भला कोई बेहतर मुझसे ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 213 Share भूरचन्द जयपाल 6 Feb 2017 · 1 min read **** कुछ मुक्तक **** हम हठ करते हैं अपने साथ ख़ुदा को करते अपने साथ समझ अपना जिसे करते खुश भान नहीँ रखे उसे अपने साथ।। आपको जन्म दिवस की हो बधाई जीवन हो... Hindi · मुक्तक 1 296 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read ,** कब कहा मैंने तुम्हें ** कब कहा मैंने तुम्हें जिंदगी रास्ता दे कब कहा मैंने तुम्हें अपना वास्ता दे रास्ते कुछ कहे अनकहे जाने अनजाने कब कहा मैंने आकर मिल अपना वास्ता दे ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 275 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read ** कमबख्त जिंदगी ** कमबख्त जिंदगी कब तलक और तड़पायेगी मुझे ठहर ज़रा इक मोड़ पर तो सुस्ताने दे मुझे जहां पड़ा है लालचों का जीने के वास्ते अज़ल इंतजार कर रही अब तो... Hindi · मुक्तक 245 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read * रूह कब कहती है तूं किसी से बैर कर * रूह कब कहती है तूं किसी से बैर कर रूह कब कहती है तूं किसी से प्यार कर रूह रूखी जान न दिल का अरमान है रूह की रख ज़रा... Hindi · मुक्तक 201 Share भूरचन्द जयपाल 29 Jan 2017 · 1 min read *** हम प्यार महज उन्ही से करते हैं *** हम तो इजहार-ए-मुहब्बत करते हैं हम वक्त का इंतजार नहीं करते हैं जो जमाने के खौफ़ से नहीं डरते हैं । हम प्यार महज उन्हीं से करते हैं । ?मधुप... Hindi · मुक्तक 361 Share भूरचन्द जयपाल 28 Jan 2017 · 1 min read ** दो जमात पढ़े नहीं ** जूनूं इश्क का इस क़दर सर चढ़ बोल रहा हवा में फिर ठहर - ठहर दिल डोल रहा ना जाने यह फितूर इश्क का उतरेगा कब दो जमात पढ़े नहीं... Hindi · मुक्तक 186 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jan 2017 · 1 min read ** तीर चल गया ** सन्नन सा आँखों से तीर चल गया ना जाने किसका सितारा ढल गया सौख नजरों से बच के निकल जाना अब ना जाने दिन किसका ढल गया ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 232 Share भूरचन्द जयपाल 25 Jan 2017 · 1 min read ** अजब मुस्कुराहट ** इस अजब मुस्कुराहट पे तो ये दिल वारा है कौन जाने अब फिर भी ये दिल कुं -वारा है नाज़ - नख़रे भी तुम्हारे कितने अजब हैं शायद ये दिल... Hindi · मुक्तक 224 Share भूरचन्द जयपाल 19 Jan 2017 · 1 min read **** तेरे इश्क को फिर नया नाम दूं **** 19.1.17 सन्ध्या 7.00 तेरे नाम को यदि दूसरा नाम दूं तेरे अंजाम को यदि अंजाम दू मोहलत दे गर् मुहब्बत करने की तेरे इश्क को फिर नया नाम दूं ।।... Hindi · मुक्तक 1 276 Share भूरचन्द जयपाल 15 Jan 2017 · 1 min read *** तेरी खुशबू आती है *** 15.1.17 सन्ध्या 6.00 हर हर्फ़ से तेरी खुशबू आती है हर हर्फ़ से तूं सितम ढाती है ये कमज़ोर दिल इंसान क्या करें ना तेरी सुबह ना शाम आती है।।... Hindi · मुक्तक 611 Share भूरचन्द जयपाल 12 Jan 2017 · 1 min read ***** कविता कोई लिखूं क्या मैं ***** एवज में इस खालीपन के भूल चुका मैं अपना निजपन समय के खाली हाथों में रहने दो यह विरह वेदना हृदय के बंद कपाटों में रहने दो आग्रह प्रेमपूर्ण शब्द... Hindi · मुक्तक 392 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jan 2017 · 1 min read **** ख़ुशी का खजाना ***** मुस्कुराता था मैं आज फिर मुस्कुराना आ गया अनजाने में मुझको वो पल फिर याद आ गया आज याद आ गया मुझको मेरा बीता जमाना सब कहते देखो वो ख़ुशी... Hindi · मुक्तक 1 221 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jan 2017 · 1 min read *** शायद इंसानियत कहीं खो गयी है ** ******************* बस्तियां दिल की वीरां हो गयी है प्यार की दुनियां कहीँ खो गयी है आ जाओ बसेरा कर लो इसमें अपना शायद इंसानियत फिर से कहीं सो गयी है... Hindi · मुक्तक 244 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jan 2017 · 1 min read **** तिलिस्म जिंदगी का। **** ************************ तिलिस्म जिंदगी का भी कितना अजीब है कैच जिंदगी को करने मौत बाउंड्री पर खड़ी है जिंदगी और मौत के दरमियां इतना फासला है जैसे कब्बडी में लाईन छूते... Hindi · मुक्तक 287 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jan 2017 · 1 min read कौन से ख़्वाब की तक़दीर हो तुम किसी शायर की तराशी हुई नज़्म हो तुम विधाता की तराशी हुई सुंदर तस्वीर हो तुम तुम्हे देखकर ख्वाब भी हकीकत लगता है ना जाने कौन से ख्वाब की तक़दीर... Hindi · मुक्तक 293 Share भूरचन्द जयपाल 11 Jan 2017 · 1 min read ** गर् ख़्वाब पुरे होते सभी अपने *** ******************** गर् ख्वाब पूरे होते सभी अपने फिर कौन लेता भला सपने जीवन स्वप्न बिन अधूरा रहता पास होते नहीं अगर अपने ? मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 216 Share भूरचन्द जयपाल 10 Jan 2017 · 1 min read * मुफलिसी में मौत भी मिलती नही * **************** मुफलिसी में मौत भी मिलती नहीं ************** कायनात-ए-मुहब्बत मिलती नहीं ************* शुकुं से जी लूं चारदिन जहां में ************ मुहब्बत है, तिजारत में बिकती नहीं ।। ************ ******* ?मधुप... Hindi · मुक्तक 183 Share भूरचन्द जयपाल 10 Jan 2017 · 1 min read * ये मेरे स्वप्न बलुआ मिट्टी से नाजुक * ***************** ये मेरे स्वप्न बलुआ मिट्टी से नाजुक *******†***** बनाता हूँ देकर थपकियां नाजुक ******** संग पानी सा कुछ पल बाद सूखे ************* भुरभुरा के टूटे रूखे स्वप्न नाजुक।। ***************... Hindi · मुक्तक 182 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2017 · 1 min read ***** कोई बात नहीं ***** ******************* दिल चाहता गर् तुझको तो कोई बात नहीं ************************** होती बिन मौसम बरसात तो कोई बात नहीं ************************** साथ होता हमारा- तुम्हारा दिवा-रात और ************************** कैसे होते बयां जज़्बात... Hindi · मुक्तक 263 Share भूरचन्द जयपाल 9 Jan 2017 · 1 min read ** हम जाने कब यहाँ से चले जायें ** *************** ????? ?????? हम जाने कब यहां से चले जाये ????? ??????? आपस में फिर बैर से छले जाये ?????? ?????? दुश्मनी दोस्ती से कब अच्छी होती ?????? ?????? अगर... Hindi · मुक्तक 306 Share भूरचन्द जयपाल 8 Jan 2017 · 1 min read **** थक गया हूं आज मैं ***** ************ थक गया हूं आज मैं संग भीड़ के चलता हुआ ********** ***** प्यार की पगडंडिया फिर खोजता हूं चलता हुआ ******** ***** चाहने लगा हूं फिर चिर जीवन की... Hindi · मुक्तक 328 Share भूरचन्द जयपाल 8 Jan 2017 · 1 min read *** जज्बा देशभक्ति का *** जज़्बा देशभक्ति का बना रहे जवानों में भय बना रहे सदा मुल्क के हैवानों में खैरियत अपनी मना लो देश के दुश्मनों आज भारत की शुमार है नोजवानों में ।।... Hindi · मुक्तक 748 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * मेरा मन मचल गया * अब मेरा मन मचल गया अब मेरा दिल फिसल गया मेरे हाथ से कब पता नहीं सम्भला , गिरकर टूट गया ।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 1 328 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read * साये से डरते रहे हम * यूं ख़्वाब सजाते रहे हम यूं दिल बहलाते रहे हम जब से ख़्वाब बन आये साये से डरते रहे हम।। ?मधुप बैरागी Hindi · मुक्तक 495 Share भूरचन्द जयपाल 7 Jan 2017 · 1 min read *जिंदगी कही गलतफहमियों का नाम तो नहीं* जिंदगी कहीं गलतफहमियों का नाम तो नहीं जीवन में ज़हर घोलना लोगो का काम तो नहीं किस क़दर भय दिखाकर लूटते हैं हमको लोग कहीं स्वार्थ सिद्ध करनेवालो का काम... Hindi · मुक्तक 245 Share Previous Page 4 Next