जगदीश शर्मा सहज 166 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read जय वीर सुभाष गर्म अंगारा लहू फ़ौलाद सा था तन तुम्हारा ! कर रहा है आज सारा राष्ट्र अभिनंदन तुम्हारा !! हे महा-रणधीर सैनिक राष्ट्र का सम्मान हो तुम ! याद में बांकी... Hindi · कविता 1 2 229 Share जगदीश शर्मा सहज 23 Jan 2021 · 1 min read 'तुम महकता कमल' तुम महकता कमल खूबसूरत हसीं | तुम किसी की ग़ज़ल खूबसूरत हसीं || क्युँ मैं चाहूँ तुम्हें दिल- ज़िगर से मेरे | तुम किसी का महल खूबसूरत हसीं || क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 227 Share जगदीश शर्मा सहज 22 Jan 2021 · 1 min read "क्रंदन" नाश करता नशा धूम्र का कण यहाँ, मौत बन डस रहा जहर भीषण यहाँ ! चिकित्सक ले रहा सँभलकर धन यहाँ, किन्तु वह कर रहा जान रक्षण यहाँ ! वायु... Hindi · कविता 2 251 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read बेशर्म रात गुलों का बिछोना बड़ा नर्म है। अलावों भरी ये हवा गर्म है ।। तुम्हारे लवों की हँसी से लगा। मुलाकात की रात बेशर्म है।। -जगदीश शर्मा Hindi · मुक्तक 3 456 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read भिखारन कड़ाके की सर्दी में खुले आसमान के तले बैठी एक भिखारन। ओढ़कर कम्बल,रजाई दान में मिले कपड़े ईंटों का चूल्हा प्लास्टिक की एक बोतल बस यही था उसका धन। सुबह-सुबह... Hindi · कविता 1 4 240 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read 'प्रेम' मानव जीवन नीरस होता , प्रेमसुधारस पास न होता । नीड़ज भी उन्मुक्त न होता, भोजन भी रसयुक्त न होता। प्रेम बिना यह सृष्टि न होती, और कहीं उल्लास न... Hindi · गीत 3 4 313 Share जगदीश शर्मा सहज 21 Jan 2021 · 1 min read शीतल हवा बर्फ़ की सफेद ओस, ओढ़कर हवा चली। आग के जले अलाव, धुंध के उठे गुबार ।। शांत सुंदरी सुबह, विभावरी विलासिनी। बाग में वसन्त सम,फूल की खिली बहार।। इंदु सा... Hindi · घनाक्षरी 1 6 401 Share जगदीश शर्मा सहज 20 Jan 2021 · 1 min read ब्रज की चाह जय प्रेममयी वृषभानुलली। निधिवृन्द बसी मृदु कुंजकली।। मन-मंदिर से मधुभाव भरूँ । चरणों में अर्पित पुष्प करूँ ।। मनमोहन से अब प्रीत लगी। प्रभुदर्शन की अभिलाष जगी।। ब्रज की धरती... Hindi · कविता 1 4 242 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read 'कामचोर मट्टू' चौराहे पर बैठा हुआ घर-परिवार से बेफिक्र मैले-कुचैले कपड़े पहने हुए, बीड़ी के कस लगाता हुआ कामचोर एवं हँसोड़ा, बातों का धुनी कुपढ़, मट्टू । फुर्सत का पहाड़ नशे का... Hindi · कविता 1 2 334 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 2 min read "दिल के बंधन" प्रस्तुत गीत के चार महत्वपूर्ण पड़ाव हैं, जिन्हें गीत के माध्यम से चार बन्धों में चरणबद्ध करने का प्रयास किया है। 1-प्रथम चरण में नायिका के घर पर शादी की... Hindi · गीत 439 Share जगदीश शर्मा सहज 19 Jan 2021 · 1 min read भोर की लाली विधा- गीतिका 2122 2122 2122 212 भोर की सुषमा जगी है व्योम में कलरव हुआ | नभ हुआ रक्तिम दिवाकर ने धरातल को छुआ || तटतड़ागों में नवोदक कमलदल अब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 307 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read "अपराधबोध" आज भाईदूज पर सुधारानी समय से पहले ही अमोल से मिलने जेल पहुंच गई थी। वह अपने साथ मिठाई का पैकेट एवं दीपावली पर बनाए पकवान साथ में लेकर गई... Hindi · लघु कथा 2 330 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read "कर्मशीलता" सूरज- "मैं धरती पर धूप व उजाला भेजता हूँ, मैं बड़ा हूँ ।" बादल- "मैं जल बरसाता हूँ ,अन्नजल की पूर्ति करता हूँ, मैं बड़ा हूँ" चंद्रमा- "मैं अपनी शीतल... Hindi · लघु कथा 2 496 Share जगदीश शर्मा सहज 18 Jan 2021 · 1 min read चाहतों के मेले चाहतों की महफिल में,दूर तक अँधेरे हैं। दुश्मनों के कूचे में, टूटे सपने मेरे हैं ।। धड़कनों की डोरी से, तुमको मैंने बॉंधा था, वे-वफा नहीं था मैं,हद से तुमको... Hindi · गीत 3 2 368 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read साँझ की लाली छुप रहा सूरज गगन में, सॉंझ के दामन तले। ये जमीं दुल्हन बनी है, दीप तारों के जले।। एक तो अंजान पथ है, आपका यह साथ है। मैं तुम्हारी सांस... Hindi · गीत 2 2 365 Share जगदीश शर्मा सहज 17 Jan 2021 · 1 min read गीत :- प्रियतमा सुनकर कंगन नूपुर की धुन, मदहोश न अब मैं हो जाऊँ। तुम गीतों की आशा मेरी, जीवन की अभिलाषा मेरी। तुम उपवन की हरियाली हो, मैं प्रियदर्शन मैं खो जाऊँ... Hindi · गीत 1 2 263 Share Previous Page 4