Dr.sima Language: Hindi 198 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Dr.sima 8 Jan 2022 · 1 min read तंज का रंज करूं किससे ,किसपे करूं नाज दिल की तंगी ने हालात बदल दिए ,नफरत की तरह वो मोहब्बत करते हैं आज। डॉ. सीमा कुमारी , बिहार ,भागलपुर, दिनांक- 7 - । - O 22 Hindi · शेर 316 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read पैंसा पैसों का मतलब होता हैं विकास , होशियार। शुद्ध रूप में प्रचलित है आज | पैसों वालों का हमेशा रहा हैं ठाठ बिन पैसे के भूखे,नंगे,भिगमंगे हम । सबसे बड़ा... Hindi · कविता 222 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read मतलब के सनम । मतलब के सनम तुम्हें मोहब्बत सिखा देगें हम । कल शाम तक चलेगें ,सुबह छोड़ देंगे हम। तुम अच्छी लगी , दिल की सच्ची लगी । इतना तो तो दिखा... Hindi · मुक्तक 1 359 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read सरलता नहीं जानती भाग्य का लेखा , मानवता की कसौटी । कर्तव्य पूर्णता मानव कार्य , नयेपन का अहसास लिए । खड़ी मानवता ताज लिए। कहाँ खो जी पाती । मानवीय... Hindi · कविता 172 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read बेटी जीवन सुरक्षा कौन करेगा। बेटी गर्भ से लेकर यौवन , तक रक्षा कौन करेगा । जीवन की कटु सच्चाई । इसलिए तो पति, भाई है। दुनियाँ की आधी आबादी की... Hindi · कविता 471 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 2 min read बेटी घर की इज्ज़त नारी विभिन्न रूपों में आज भी, आश्रिता ,भोग्या, वस्तु,समान , आज भी बोझ है। सब तरह की सोच है, जब, कहती हैं माँ शर्मिंदा हूँ। कहते है पिता नाक कटवा... Hindi · कविता 233 Share Dr.sima 7 Jan 2022 · 1 min read मानव मानव मधुराई खोते पल-पल जीवन संगीत मधुर कलरव खो रहा क्यों मानव हरपल l जीवन नींव जीवन संगीत मानव चहेरों से आड़ हुए, मानव क्यों अपनी झलक से, विमुख मानव... Hindi · कविता 276 Share Dr.sima 6 Jan 2022 · 2 min read उपेक्षिता टपकते रिश्ते में खून(रक्त )होती, तो ये नासूर न होते । क्या मिला वजूद अपने आप को। जिंदगी के लय में बिखरे हुए क्रम से खुद से उलझते वक्त के... Hindi · कविता 185 Share Dr.sima 6 Jan 2022 · 1 min read विकास विकास के नाम , पर तय कर लिया वक्त ने दूरी। तंग रास्ते बढ़ते तनाव झिझकते अपने बढ़ते सपने सिर्फ दूरी वक्त के साथ क्या सचमुच , व्यक्ति ने किया... Hindi · कविता 163 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read खुद से या खुदा से राह चाहत में तुम्हारी दिल रोता है अक्सर ऐ खुदा कहाँ है तेरी मोहब्बत अक्सर राह मेरी सोहबत खड़ा हैं । ऐ खुदा तू तो बड़ा है। उलझे खड़ी हूँ... Hindi · कविता 1 2 589 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read परशुराम परशुराम का फरसा निकला रेणुका का तन डोला । कैसी दुविधा भगवान हमें देने पड़ेंगे प्राण रेणुका बोली मुख से बोली विष सी विषैली जवानी , प्रिय ( ऋषि जमदग्नि... Hindi · कविता 1 301 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read समाज समाज के दोहरेपन का आज भी शिकार है। प्रेम,मानव - मानवी आज भी सिर्फ विचार हैं । व्यक्तित्व के दोहरेपन को वाचता मौन की तु साधना साधता आधुनिक समाज हो... Hindi · मुक्तक 190 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read विकृत मानसिकता कलियुग की इस बेला में नृशंस हत्या नाच रही है । खुद माधुर्य रो रहे हैं । अपनी छवि का इतिहास रचने, मानवता को शर्मसार करने । तूल पकड़ कर... Hindi · मुक्तक 443 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read निर्भया मुद्दतों का दर्द शहर का वो पहर घातक बन गई । खौफनाक वो पल प्राणघातक बन गई । बेमौत मार दिया जाना। यूँ ही साँसें उखाड़ देना I बरबाद कर... Hindi · कविता 209 Share Dr.sima 5 Jan 2022 · 1 min read रावण रूद्र के पुजारी वो महान अहंकारी। वो विद्वता ,मर्मज्ञ बड़ा भारी I शिव पुजारी ॥ छल और प्रपंच था, क्योंकि रावण राक्षस का अंश था। वो अत्याचारी ,वो अहंकारी ।... Hindi · कविता 317 Share Dr.sima 4 Jan 2022 · 1 min read सीता - राम सीता से राम आपसे दूर चाहत के पास मेरे नसीब का कैसा हिसाब_ सीता देख समर्पण रोता झरते आखें _ राम प्यार और सार जो हम बिताए साथ पल वो... Hindi · कविता 252 Share Dr.sima 4 Jan 2022 · 1 min read क्षोभ अंतिम निर्णय निर्दयता की जननी बनी। निष्पक्ष न्याय होती तो मानवता जीती हैं। आकांक्षा प्यासी है, इतिहास साक्षी हैं। सत्य हमेशा मौन रहा। अहट्टास करती है, झूठी शान। बधेरती बदलती... Hindi · कविता 200 Share Dr.sima 4 Jan 2022 · 1 min read अभी सफर तय करना है खुद से ही लड़ना है । दंभ नहीं ये शुरूआत हैं। अपने पे विश्वास है। गुरु, माँ - बाँप भी अब तैयार । समय आ गया है स्त्री अपने को मुक्त करें । इसके लिए अपने... Hindi · मुक्तक 1 474 Share Dr.sima 4 Jan 2022 · 1 min read जज्बात इतने करीब से दूर हु ए । खुद से मजबूर हुए। बहुत सुंदर लगता , दिल, रिश्ता , प्यार दिल के रिश्ते दिल में होते बाहर नसीब से मिलते जिसके... Hindi · मुक्तक 214 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read ?जन्म-जाति , नारी? मेरे प्यार का इजहार कभी देखा नहीं किसी ने हर लम्हें बाँधे हमने बिखर सार । मुद्दतो का दर्द ढूंढती वक्त में,तोड़ती ,मोह ,भ्रम। । _ (जन्म ) तूने जो... Hindi · कविता 151 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read थोड़ा ( कुछ ) दर्द शमाँ घटती जिंदगी सांसो का आश कभी मरती नहीं। तिनको को जोड़ा टूटते हुए, कगार पर फिर मुझे मंजिल तिनकों को नया रूप करनी चाही थी ,मजबूती टूटती चाह... Hindi · कविता 148 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read अपना तिनका - तिनका लगता मेरा । टूट बिखर भी मेरा । दबाये चली खुशी , कभी जिंदगी होगी ,खुली । सोचा था,एक सपना , होगा कोई पल अपना । जिंदगी... Hindi · कविता 1 2 235 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 6 min read ?परित्यक्ता पर एक विचार ? सबसे मजबूर असहाय अकेली हरेक स्तर से सोचनीय है ये जीवन।तमाम लोगों की तरह वह भी एक -दूसरे के साथ रहना चाहती है पर व्यक्तिगत जिंदगी ना होने के कारण,ना... Hindi · लेख 1 2 666 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read ःअस्तित्व ः द्वंद का गठजोर हैं । असहाय अपना अस्तित्व है . लगता है मुझे आज । स्वार्थ की वेदी पर है हार -जीत। विचारों का तुफान लिए । अपना अपमान लिए... Hindi · मुक्तक 1 2 238 Share Dr.sima 3 Jan 2022 · 1 min read ईश्वर हरेक पल टूट रहा दम (साँस ) घुट रहा हैं। ईश्वर कह रहा दास्तान मंदिर , मस्जिद, गिरजाघर, नहीं। हमने बनायें थें इंसान तंग आ गए। हकीकत से न्याय इंसाफ... Hindi · कविता 292 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read तमाशा इकट्ठे हुए सब देखने उस शख्स को ,जो शिकार बना । हरेक मोड़ पर ,बन गयी तमाशा। ज़िन्दगी में, मौत में ,समाज में, बना दी गई,शव,मुर्दा,राखI खाक हो रहे,वो खास,जिसे... Hindi · कविता 384 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read संन्यासी साँसों के संग , रहते हरदम। हरपल मस्तान । साँसों संग संन्यासी I तोड़े मन मोही । संग, संन्याने जोड़े, जिंदगी , हकीकत में , हमी सा दीखें। वक्त शमाँ... Hindi · कविता 1 188 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read तवायफ किस रिश्तों ने नही किया शर्मसार ऐसा कौन नहीं, जिसने न किया हो प्यार । जलती हुई वफा हूँ, लवारिस तकदीर का कैसी दिलदार हूँ , अपने नसीब का ।... Hindi · कविता 2 2 257 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read नाम छोड़पति नई राहें नया नजराना छोड़पति देता है । छोडने वाले पति नाचीज की आरजू मत करना । कहते है क्यों? आऊ प्रेम होता तब ना आता । छोड़ पति बोलते... Hindi · कविता 367 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read लड़की किस पर नाज ( गर्व ) करू I किस पर विश्वास करू । हृदय मंथन की मारी हूँ। अपने में ही बेचारी हूँ । बंदिशों के गृह में, क्या स्वीकार... Hindi · कविता 1 2 447 Share Dr.sima 2 Jan 2022 · 1 min read तलाक कोई कहे तीन शब्द । कोई तोड़े मन,वचन, कर्म | टूटते इरादे मरती संवदेनायें । वेवक्त कहर जेहन दर्द त्रासद जिंदगी त्रस्त व्यक्ति (स्त्री, पुरूष ) मोहब्बत या सोहबत दोनो... Hindi · कविता 2 2 176 Share Dr.sima 1 Jan 2022 · 1 min read दिल की आरजू तू दिल की आरजू तू दिल का प्यार तू नगमा का मोहब्बत तू साँसों की गहराई तू यादों की परछाई बस तू ही तू दिल का प्यार तू, हरबार मेरे यार... Hindi · गीत 184 Share Dr.sima 1 Jan 2022 · 1 min read प्यार प्यार को प्यार मिले , तेरी मासूमियत में ( ईश्वर ,अल्लाह ,गॉड) हम दिल यार मिले ,तेरी मासूमियत में , जिंदगी ऐतबार बनें ,तेरी मासूमियत में, वक्त होता वेबक्त, आरजू... Hindi · गीत 256 Share Dr.sima 1 Jan 2022 · 1 min read गुनाह कबूल कर,ऐ मर्दों की दुनियाँ गुनाह कबुल कर , ऐ खुदा के बहादुर बन्दों, हमनवां ,हमनशीं की नुमाइश मत कर,सरेआम हमसफ़र बनाकर, यूं रास्ता पर ना लाया कर। मत हो अलग ,हमजुदा का मतलब कभी... Hindi · मुक्तक 188 Share Dr.sima 1 Jan 2022 · 1 min read जिंदगी भर के लिए , माँगी थी साथ । रब से भी दुआ मांगी थी। जो हो ना सका कबुल। शिद्दत से चाहा जिसे , वही हो गया दूर। फिर भी दिया प्यार का वास्ता , उसे तो था... Hindi · मुक्तक 186 Share Dr.sima 1 Jan 2022 · 1 min read कृष्णमय बनूँ नया रूप धरूं, कृष्णमय बनूँ I अनोखी भक्त बनूँ I कृष्णमय बनूँ । राधा, मीरा, चैतन्य महाप्रभु । जितने भक्त हुए , उन सब से अगल बनूँ । अनोखी भक्त... Hindi · कविता 235 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read नया साल नया साल मंगलमय हो । संभावनाओं के क्षेत्र में , अपने परिवेश में, नया साल मंगलमय हो । कर्ममय का अविचल पथ हो । कुटिल, कुत्सित का हार हो। नया... Hindi · कविता 149 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read मत ठुकराइए फलसफा दीजिए । फलसफा कीजिए। आखिर मोड़ दीजिए । कुछ बन जाइए, आखिर शमाँ समझाइए दिल मत तोडिए बस जिदंगी बनइए खोज मन बन जाइए । फलसफा कीजिए, जुवाँ अपनी... Hindi · मुक्तक 239 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read परिवेश ( वातावरण) अच्छे - बुरे सब घायल हैं आज I व्यक्ति पैसों के पीछे पागल है आज । परिवार के परिवेश में भी पराई सोच है। इल्जाम लगाने पर ही जोर है।... Hindi · कविता 1 2 471 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read दर्द दर्द का नाम होता तो बता देती । दुनियाँ में जितने दर्द वो सभी अपने हैं । आने वाले वक्त में या बीते हुए वक्त में , जितने दर्द है... Hindi · कविता 521 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read सीता - परित्याग हृदय - चीर दिखता सीरत तो फिर क्यों जलना भींगते नयन जोड़ते कर( हाथ ) देती दान ,नजर कहती क्यों ? मन, कर्म , वचन धिक्कारती क्यों सत्य वचन विवशता... Hindi · कविता 305 Share Dr.sima 31 Dec 2021 · 1 min read नारी सुन्दरता का अहसास लिए । नयेपन का ताज लिए। सुकोमल अहसास लिए। खड़ी यौवना त्याग लिए। भाव , समग्रता लय में मधुरता का विश्वास लिए। अपनापन का अहसास लिए। खड़ी... Hindi · कविता 399 Share Dr.sima 30 Dec 2021 · 1 min read शहीद सैनिक वापसी में गाथा बनकर आते हैं । वीरों का सुगंध फैलाते हैं। परिवार के मनोभाव हाहाकार कर जीते हैं। सैनिक भूमि पर साहस गान-गाते है । वीर अमूल्य-अमन प्राण देकर... Hindi · कविता 118 Share Dr.sima 30 Dec 2021 · 1 min read भारत खोज जैन को देखा तो चैन आया । बौद्ध को देखा तो मौन आया । चार्वाक को देखा तो धन, काम आया। वेदांत को देखा तो भारत नाम आया । _... Hindi · कविता 371 Share Dr.sima 30 Dec 2021 · 1 min read एक भारतीय मनोभाव कहते हैं संघर्ष या वर्तमान लिए चलता हूँ । भारत का रहने वाला हूँ । मेहनत का बीड़ा उसकी पीड़ा समझ कर समझता हूँ । भारत का रहने वाला... Hindi · कविता 150 Share Dr.sima 29 Dec 2021 · 1 min read औरत - दोयम - दर्जा समानता के दर्पण में अपना हाथ खाली हैं । विकास की घोषणा व्यर्थ लागे I मेरे जख्म बोलते , पर मैं ना बोल पाई , मन के तराजू पर तौलते... Hindi · कविता 1 201 Share Dr.sima 29 Dec 2021 · 1 min read परित्यक्त स्त्री अपनाकर लहुलुहान कर गया मुझे कुछ नहीं तो ठुकरा गया मुझे । कोई नहीं तू (व्यक्ति ) चूम रहा है। कहाँ जी पाओगे , तुम भी खुशी जिन्दगी कहती है... Hindi · कविता 1 4 512 Share Dr.sima 29 Dec 2021 · 1 min read स्त्री पूर्णता (x+x ) का नाम स्त्री सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य सहजता का नाम स्त्री । कोमल ,ममतामयी, सुन्दरता प्रकृति का वरदान स्त्री । अदम्य साहस, असीमित धैर्यता सहनशीलता का नाम... Hindi · कविता 2 4 570 Share Previous Page 4