Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2022 · 1 min read

मतलब के सनम ।

मतलब के सनम तुम्हें मोहब्बत सिखा देगें हम ।
कल शाम तक चलेगें ,सुबह छोड़ देंगे हम।
तुम अच्छी लगी , दिल की सच्ची लगी ।
इतना तो तो दिखा देंगे हम ।
मतलब के सनम तुम्हें मोहब्बत सिखा देगें हम।
इतना तो बदले हैं ,तुम्हें भी बदल देंगे हम ।
मतलब के सनम तुम्हें मोहब्बत सिखा देंगें हम ।
तेरी ना को हाँ में बदल देगें हम । _
डॉ. सीमा कुमारी ,बिहार( भागलपुर ) मेरी स्वरचित रचना है जिसे आज 7-1-022 की हैं प्रकाशित कर रही हूं।

Language: Hindi
1 Like · 329 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
📍बस यूँ ही📍
📍बस यूँ ही📍
Dr Manju Saini
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
"अनमोल"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀 *वार्णिक छंद।*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
ग़ज़ल/नज़्म - ये हर दिन और हर रात हमारी होगी
अनिल कुमार
माँ..
माँ..
Shweta Soni
हाइकु
हाइकु
अशोक कुमार ढोरिया
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
काल भैरव की उत्पत्ति के पीछे एक पौराणिक कथा भी मिलती है. कहा
Shashi kala vyas
माॅ
माॅ
Santosh Shrivastava
****उज्जवल रवि****
****उज्जवल रवि****
Kavita Chouhan
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
#स्मृति_शेष (संस्मरण)
#स्मृति_शेष (संस्मरण)
*प्रणय प्रभात*
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आदित्य यान L1
आदित्य यान L1
कार्तिक नितिन शर्मा
नदी तट पर मैं आवारा....!
नदी तट पर मैं आवारा....!
VEDANTA PATEL
होगी तुमको बहुत मुश्किल
होगी तुमको बहुत मुश्किल
gurudeenverma198
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
करके घर की फ़िक्र तब, पंछी भरे उड़ान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
समस्याओं के स्थान पर समाधान पर अधिक चिंतन होना चाहिए,क्योंकि
Deepesh purohit
पछतावे की अग्नि
पछतावे की अग्नि
Neelam Sharma
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
धनतेरस और रात दिवाली🙏🎆🎇
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बाल कविता: मोटर कार
बाल कविता: मोटर कार
Rajesh Kumar Arjun
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
ग़ज़ल /
ग़ज़ल /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"आशा" के कवित्त"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
" मुझे सहने दो "
Aarti sirsat
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
रिश्ते से बाहर निकले हैं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
रमेशराज के दो मुक्तक
रमेशराज के दो मुक्तक
कवि रमेशराज
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
(19) तुझे समझ लूँ राजहंस यदि----
Kishore Nigam
71
71
Aruna Dogra Sharma
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
Vishal babu (vishu)
Loading...