Sanjay ' शून्य' 282 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Sanjay ' शून्य' 14 Nov 2023 · 1 min read राम राम विमुख जीवन यदि है, तो जीवन कैसा। इसमें कहां प्रश्न है ? वो होगा रावण जैसा।। जीवन प्रवाह है राम, है सबको आशा देते। सबरी सुग्रीव विभीषण के जो... Hindi 2 93 Share Sanjay ' शून्य' 10 Nov 2023 · 1 min read समर्पण है समर्पित भाव तो क्या, कर दूं समर्पण पाप को। सर झुकाकर ग्रहण कर लूं, दुष्ट के हर संताप को।। मर भी जाऊं गर अकेला, इन पापियों के झुंड में।... Hindi 2 198 Share Sanjay ' शून्य' 9 Nov 2023 · 1 min read मायापति की माया! चोरों ने रखा हुआ, चोर को चौकीदार। पाखंडी धनपशु हुए, धर्म के पहरेदार।। शेर हुए नेता सभी, बन गया सब जंगल राज। खुद में खुद को ढूंढता, ये मानव राज... Hindi 2 1 204 Share Sanjay ' शून्य' 5 Nov 2023 · 1 min read अनुभव कैसे कैसे लोग जहां में यहां वहां मिलते हैं। जैसे जैसे जीवन यात्रा हमसब तय करते हैं।। कुछ हंसकर के, तो कुछ रो रोकर मिलते है। मिलकर कुछ से हम... Hindi 1 203 Share Sanjay ' शून्य' 3 Nov 2023 · 1 min read आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी बेल बृक्ष पर लिपटता है, तो देखने में तो हराभरा लगता है पर बेल फलना, फूलना भूल जाता... Quote Writer 2 151 Share Sanjay ' शून्य' 3 Nov 2023 · 1 min read स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं स्वीकार्यता समर्पण से ही संभव है, और यदि आप नाटक कर रहे हैं तो समझें आप केवल पात्र है असली नाटककार जिन्दगी हैं। भ्रमित होने से अच्छा श्रमिक होना है।... Quote Writer 1 176 Share Sanjay ' शून्य' 26 Oct 2023 · 1 min read मासूमियत की हत्या से आहत हम हमास से आहत है, पर इजराइल से राहत है। केवल मुस्लिम है खतरा,आपका इसपर क्या मत है।। मूल्ला मौलवी जहर परोसे, मस्जिद और मदर्शो से। घर घर में हथियार... Hindi 1 191 Share Sanjay ' शून्य' 22 Oct 2023 · 1 min read विजेता कोई यदि चाल चलता है, तो चलने दो। जीत पर हाथ मलता है, तो मलने दो।। तुम अपनी चाल की रफ्तार, न धीमी करना। किसी की जान निकलती है, तो... Hindi 2 1 97 Share Sanjay ' शून्य' 20 Oct 2023 · 1 min read गिरता है धीरे धीरे इंसान मूल्य अच्छा मिल गया तो मूल्य बेच दी। लाज न आ जाए कहीं तो लाज बेच दी।। कुछ हो गई थी आदत यूं बेचने का दोस्त। अम्मा का आंचल बेचा... Hindi 1 2 134 Share Sanjay ' शून्य' 18 Oct 2023 · 1 min read ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां ये शास्वत है कि हम सभी ईश्वर अंश है। परंतु सबकी परिस्थितियां और चुनौतियां भिन्न हैं। विकट और चुनौतीपूर्ण जीवन ही अलभ्य को लभ्य बनाती हैं। नर से नारायण की... Quote Writer 1 1 138 Share Sanjay ' शून्य' 17 Oct 2023 · 1 min read आतंक और भारत पहाड़ सा संकल्प है, क्या कोई विकल्प है। जागकर जगाना भी, अपना यही प्रकल्प है।। है घूम रहे आसपास, हिजबुल्ला और हमास। यदि नहीं जगे अभी, तो कौन रोकेगा विनाश।।... Hindi 1 1 146 Share Sanjay ' शून्य' 15 Oct 2023 · 1 min read अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज अगर मध्यस्थता हनुमान (परमार्थी) की हो तो बंदर (बाली)और दनुज (विभीषण) भी राम (मर्यादा) के मित्र हो सकते हैं। अतः व्यभिचारी और स्वार्थी की मध्यस्थता से भी बचें। जय मां... Quote Writer 1 298 Share Sanjay ' शून्य' 12 Oct 2023 · 1 min read टूटते रिश्ते, बनता हुआ लोकतंत्र वाह री लोकतंत्र तेरा सर्व समाज का बाजारीकरण असरदार रहा। जातियों के ठेकेदारों को नेता और उनके भवन को दरबार कहा।। नेता जी भगवान बनते गए, सब समाजिक रिश्ता तार... Hindi 2 58 Share Sanjay ' शून्य' 10 Oct 2023 · 1 min read संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृ संस्कार मनुष्य का प्रथम और अपरिहार्य सृजन है। यदि आप इसका सृजन नहीं किया तो कोई भी विकास अर्जन हो सकता है और जल्द ही उसका विसर्जन हो जायेगा। सांस्कृतिक... Quote Writer 1 295 Share Sanjay ' शून्य' 7 Oct 2023 · 1 min read संतोष धन बहुत लूटा लुटेरों ने, ये दौलत कम नहीं होती। हजारों ज़ख्म खाकर भी, ये आंखे नम नहीं होती।। है ये संतोष की दौलत, जो कि प्रभु प्रेम से पाया। हूं... Hindi · Narendra 1 244 Share Sanjay ' शून्य' 6 Oct 2023 · 1 min read प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्क प्रेम की डोर सदैव नैतिकता की डोर से बंधती है और नैतिकता सत्कर्म से जन्मता है। फिर कहीं रहे प्रेम कम नहीं होगा, और वियोग में तो और बढ़ेगा। जै... Quote Writer 1 205 Share Sanjay ' शून्य' 5 Oct 2023 · 1 min read दृढ़ छला जाना तो प्रारब्ध में था, मेरे कर्मों ने कभी मुझको हारने न दिया। व्याध बैठे है यहां घर घर में, एक निरीह को भी मैंने मारने न दिया।। जय... Hindi 1 117 Share Sanjay ' शून्य' 4 Oct 2023 · 1 min read जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भ जब आपके आस पास सच बोलने वाले न बचे हों, तो समझिए आस पास जो भी हैं दुर्भाग्य ही है और आपने पतन का सामान इकट्ठा कर लिया है। Quote Writer 1 1 166 Share Sanjay ' शून्य' 4 Oct 2023 · 1 min read सिद्दत्त मेरी ख्वाइशों में शामिल थी तेरी खुशियां, तुम्हें छुपाने या चुराने की जरूरत ही नहीं। मुझे बदनाम करने से अगर खुश रहते हो, तुमसे नाउम्मीद होने की मेरी फितरत ही... Hindi 1 79 Share Sanjay ' शून्य' 1 Oct 2023 · 1 min read हो नजरों में हया नहीं, हो नजरों में हया नहीं, जिसकी आंखों का पानी सूखा हो। मृग तृष्णा जिसके कंठ बसा, झूठे सम्मान का भूखा हो।। हर पल झूठ परोसे जो, झूठे आश्वासन देता हो।... Quote Writer 1 323 Share Sanjay ' शून्य' 29 Sep 2023 · 1 min read बांटो, बने रहो BPL से APL तो हो रहे है लोग। जातियों में मगर सो रहे है लोग।। क्या भारत में वो दिन भी आएगा। SC ST OBC खुद को सवर्ण बताएगा।। जिस... Hindi 1 62 Share Sanjay ' शून्य' 28 Sep 2023 · 1 min read स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए। स्वाद छोड़िए, स्वास्थ्य पर ध्यान दीजिए। बीपी शुगर जैसी बीमारियां कम कीजिए।। Quote Writer 2 1 187 Share Sanjay ' शून्य' 28 Sep 2023 · 1 min read खाने पुराने कभी रामरस कभी पसावन भात हुआ करता था। लिट्टी चोखा दाल तो यारों भोज हुआ करता था। औरा इमली आम की चटनी सतुआ के संग भाता था। चना चबैना, भूजा... Hindi 2 1 143 Share Sanjay ' शून्य' 27 Sep 2023 · 1 min read प्रबुद्ध कौन? सोचो जी! लिखना, पढ़ना, ज्ञान की बातें, करने से क्या होता है। दर्द बूट का फौजी जानें, पहन सहन जो सोता है।। पढ लिखकर दे कठिन परीक्षा, जो युवा राष्ट्र... Hindi 2 1 137 Share Sanjay ' शून्य' 26 Sep 2023 · 1 min read चाहत/ प्रेम चाहत नहीं है, तो है राहत बहुत । यहां प्रेम कम, है अदावत बहुत ।। लुटाते रहो प्रेम, सब पर हमेशा। घृणा घोलने की, है आदत बहुत।। रहे घूम घर... Hindi 3 1 117 Share Sanjay ' शून्य' 24 Sep 2023 · 1 min read गलतफहमी हैं खड़े जो रेत की बुनियाद पर, भार अपना खुद बढ़ाए जारहे हैं। दे न पाए रोटी मां को दो वक्त की, खामखां कुनबा बढ़ाए जारहे हैं।। खुद डूबने से... Hindi 2 1 119 Share Sanjay ' शून्य' 22 Sep 2023 · 1 min read प्रारब्ध भोगना है, प्रारब्ध भोगना है, भविष्य बनाना है। सोने की तरह खुद का, वर्तमान तपाना है।। Quote Writer 2 208 Share Sanjay ' शून्य' 21 Sep 2023 · 1 min read बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित बृद्धाश्रम विचार गलत नहीं है, यदि संस्कृति और वंश को विकसित होता देख, एक कर्मयोद्धा एक नए समुदाय को सहर्ष स्वीकार करे। अतः मां बाप की खुश और जीवंतता को... Quote Writer 1 1 209 Share Sanjay ' शून्य' 19 Sep 2023 · 1 min read हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित हम शरीर हैं, ब्रह्म अंदर है और माया बाहर। मन शरीर को संचालित करता है, यदि आप मन के संचालक हैं तो आप अंदर देख रहे हैं और यदि मन... Quote Writer 2 334 Share Sanjay ' शून्य' 18 Sep 2023 · 1 min read सृजन स्वयं हो विशेष की तलाश में, क्यों शेष हो रहे हो। तुम सृजन के अधिनायक, अवशेष हो रहे हो।। हर व्यक्ति है भटकता, यदि रास्ते कई हों। छोड़ो बढ़ो तुम आगे, तुम... Hindi 4 3 213 Share Sanjay ' शून्य' 18 Sep 2023 · 1 min read मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा है। अतः बिरह में प्रेम का रंग और गाढ़ा होता है, तभी तो गोपियों से निराश हुए उद्धव जी।... Quote Writer 1 330 Share Sanjay ' शून्य' 17 Sep 2023 · 2 min read परिवेश एक भक्त राजा एक महात्मा के कुटिया में जाया करते थे। उन्होंने महात्मा से महल में पधारने का आग्रह किया, परंतु महात्मा ने यह कह कर टाल दिया कि तुम्हारे... Hindi 1 229 Share Sanjay ' शून्य' 17 Sep 2023 · 1 min read हाले कबीर, माले बेरहम हां, हम कबीर हैं, मगहरवाले। मर के गधा बनने आए थे। यहां मेरी लाश को बांट के बकरा बना दिया। सर हिंदू ले लिया, धड़ मुसलमान खा गया। मैं कर्ता... Hindi 1 1 190 Share Sanjay ' शून्य' 14 Sep 2023 · 1 min read दाता मां ने तुमको है जन्म दिया, बाप अनेकों सीख दिया। देना यदि तुम सीख गए, तो जीना यारों सीख लिया।। पौधों ने तुमको स्वास दिए, नदियों ने तुमको नीर दिया।... Hindi 1 238 Share Sanjay ' शून्य' 13 Sep 2023 · 1 min read जागृत मन छोटे मन से बड़ा काम, न होएगा। गधा कभी घोड़े सा भार न ढोएगा ।। मन जागे से जगा समझ, तन जागे क्या होएगा। घंटो तक बकवास करेगा, खायेगा और... Hindi 1 1 108 Share Sanjay ' शून्य' 6 Sep 2023 · 1 min read गजब गांव यह गांव सभी नक्कटा का है। रहते, सब छोटका बड़का है ।। वैसे यह बड़ा बहुत विभूषित है। पर चारित्रिक रूप से दूषित है।। व्यभिचार यहां घर घर में है।... Hindi 1 153 Share Sanjay ' शून्य' 2 Sep 2023 · 1 min read Think Positive परिस्थितियां विरुद्ध हैं तो, संभावनाएं बहुत हैं। ठहरे हो क्यों ठिठक के , योजनाएं बहुत हैं।। है नजर नहीं आती, मंजिल जो दूर तक। भूलो नहीं नर रूप में, क्षमताएं... Hindi 1 39 Share Sanjay ' शून्य' 1 Sep 2023 · 1 min read रक्षाबंधन हल्दी की एक गांठ, सील-बट्टे पर पीसी जाती थी। बड़े भाव से कुएं वाली, दूब तोड़ वो ले आती थी।। अम्मा से गुड़ दही मांग, वो थाल सजाया करती थी।... Hindi 1 84 Share Sanjay ' शून्य' 29 Aug 2023 · 1 min read मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी मां भी अपनी मां मानती हो भारत को, उन्हीं से सच्चा देश भक्त पैदा होता है। जय... Quote Writer 1 274 Share Sanjay ' शून्य' 25 Aug 2023 · 1 min read "संगठन परिवार है" एक जुमला या झूठ है। संगठन परिवार कभी नहीं "संगठन परिवार है" एक जुमला या झूठ है। संगठन परिवार कभी नहीं हो सकता, हां संगठन परिवार का एक बाह्य विस्तार है। परिवार का त्याग या जूठन संगठन है। जय... Quote Writer 2 299 Share Sanjay ' शून्य' 24 Aug 2023 · 1 min read कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से कल कई मित्रों ने बताया कि कल चंद्रयान के समाचार से आंखों से अश्रु निर्वाद रूप से बहने लगे, पता नहीं क्यों? मैं बताया आप में भारत है और आपसे... Quote Writer 1 173 Share Sanjay ' शून्य' 22 Aug 2023 · 1 min read अनुराग *जहां जहां प्रेम है वहीं तो प्रकाश है। ख्वाबों के पंख हैं पूरा आकाश है।। ब्रह्मचर्य योग से कृष्ण प्रेमावतार हैं। राधा-योगप्रेम भी जानता संसार है।। योग है अनुराग है... Hindi 1 137 Share Sanjay ' शून्य' 21 Aug 2023 · 2 min read I.N.D.I.A *International* =*I* *Nepotism* . =*N* *Dynastic*. =*D* *Immoral*. =*I* *Association*. =*A* 77 वर्ष की आजाद भारत का इतिहास घोटालों, देश द्रोह, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद की राजनीति से... Hindi 1 163 Share Sanjay ' शून्य' 21 Aug 2023 · 1 min read शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता। शक्तिहीनों का कोई संगठन नहीं होता। कायरों का भी कोई वतन नहीं होता।। पेट के खातिर ही, जो भी जीने वाले हैं। अंत में तन पे उनके कफ़न नहीं होता।।... Quote Writer 1 337 Share Sanjay ' शून्य' 20 Aug 2023 · 1 min read प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से प्रश्नपत्र को पढ़ने से यदि आप को पता चल जाय कि आप को कौन से प्रश्न छोड़ने, तो आप सफल हैं। समाज एक प्रश्नपत्र है और सबलोग सवाल है, मर्यादित... Quote Writer 1 126 Share Sanjay ' शून्य' 19 Aug 2023 · 1 min read Being with and believe with, are two pillars of relationships Being with and believe with, are two pillars of relationships with motive of strengthening it. Positive way to life. Jai hind Quote Writer 1 149 Share Sanjay ' शून्य' 18 Aug 2023 · 1 min read भरत राम समर्पित रहे अवध में, अवध सपर्पित राम था। भरत अवध में रामसेतु थे, फिर बना अयोध्या धाम था।। हरपल रघकुल जिया राम को, पूरे चौदह सालों तक। हुए व्रती... Hindi 2 1 125 Share Sanjay ' शून्य' 16 Aug 2023 · 1 min read राम समर्पित रहे अवध में, राम समर्पित रहे अवध में, अवध सपर्पित राम था। भरत अवध में रामसेतु थे, फिर बना अयोध्या धाम था।। Quote Writer 1 318 Share Sanjay ' शून्य' 14 Aug 2023 · 1 min read *सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था। *सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था। लालच और स्वमद में इस गुरुकुल का बंटवारा हुआ था।।* Quote Writer 1 222 Share Sanjay ' शून्य' 14 Aug 2023 · 1 min read गुरुकुल भारत सदियों से भारत गुरुकुल है, धरती पर रहने वालों का। शिक्षा, त्याग, तपस्या, कर्म, प्रेम करुणा बरसाने वालों का।। जड़ चेतन सब में ईश्वर है, हमसब में है ईश्वरीय अंश।... Hindi 1 163 Share Previous Page 3 Next