डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 21 Jul 2017 · 4 min read अब और नहीं यह 'भ्रष्टाचार' रोको इसे , मत फलने दो | आचार भ्रष्ट, व्यवहार भ्रष्ट भ्रष्ट सर्वस्व, भ्रष्ट आचरण भ्रष्टता के आगे पथभ्रष्ट मनुष्य जन सर्वप्रथम अग्रसर रुका नहीं, ठहरा नहीं हुआ भ्रष्ट जब आचरण गृह खंडित, राष्ट्र विखंडित बना बाधक... Hindi · लेख 1 878 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Jul 2017 · 1 min read **मील का पत्थर** *पहुँचाकर मंजिल पर राही को अभी भी वहीं खड़ा हूँ | *धूल से ढककर, सूरज से तपकर अभी भी अडिग खड़ा हूँ | *रुका न कोई पलभर भी न पूछा... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jul 2017 · 1 min read चंद्रज्योत्ना-सी आभा लिए **एकता** *खिलती हुई कली के जैसी उगती हुई सुबह के जैसी चंद्रज्योत्सना जैसी शीतल ऐसी है उसकी मुस्कान जहाँ भी जाए या न भी जाए खुशबू और प्रकाश फैलाए ऐसा है... Hindi · कविता 1 1 992 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jul 2017 · 1 min read ***बारिश की बूंदे*** *काले घने फूस से बादल, घिर-घिर कर जब आएँ| मन हर्षित हो जाए, जब घनघोर घटाए छाएँ| *बारिश की बूंदे संग लेकर, काली बदली मन हर्षाए| देखो-देखो काले बादल, नभ-तल... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 30 Jun 2017 · 3 min read एहसास यह कथा एक सत्य घटना पर आधारित है गोपनीयता बनाए रखने के लिए पात्रों के नाम और जगह बदल दिए गए हैं| *मीना बनारस के एक मध्यम वर्गीय परिवार से... Hindi · लघु कथा 1 382 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 30 Jun 2017 · 4 min read ** सात दिन की माँ ** यह कथा सत्य घटना पर आधारित है| गोपनीयता बनाए रखने के लिए पात्रों के नाम और स्थान बदल दिए गए हैं| *कहते हैं, ईश्वर की मर्जी के आगे किसी की... Hindi · लघु कथा 616 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Jun 2017 · 1 min read ****जल ही जीवन*****हाइकु कविता**** हाइकु कविता जल सबका जीवनदाता | बिन जल मानुष | जीवन न पाता | ***** जल ही जीवन **** *जल ही जल रत्नगर्भा है स्वर्ग मानुष माने | *ईश से... Hindi · हाइकु 479 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 7 Jun 2017 · 3 min read *अनुस्वार ( ं ) और अनुनासिक ( ँ ) पर करें विचार** सुगम सरल हो व्याकरण ज्ञान* अनुस्वार ( ं ) व्यंजन है कहलाता | अनुनासिक ( ँ ) स्वर का नासिक्य विकार कहा जाता | चलो करें इनका अभ्यास | काव्यात्मक व्याकरण बोध के ज़रिए व्याकरण... Hindi · कविता 4 1 25k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 7 Jun 2017 · 1 min read ***हमारी निराली मेट्रो ट्रेन*** बाल कविता **ट्रेन है मेट्रो बड़ी निराली भू-तल से ऊपर चलने वाली समय सभी का यह बचाती मिनटों में गंतव्य पहुँचाती || **ए.सी भी इसमें चलता है महिला डिब्बा अलग होता है... Hindi · कविता 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 6 Jun 2017 · 2 min read **एक-एक पौधा सभी लगाओ , पर्यावरण दिवस सार्थक बनाओ | *पर्यावरण दिवस की सभी को शुभकामनाएँ ! वृक्षारोपण करके अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाओ | सभी मिलकर 'पर्यावरण दिवस' सार्थक बनाओ || *आज हमने बगिया में जाकर वृक्षारोपण करवाया... Hindi · कविता 578 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 5 Jun 2017 · 3 min read **वर्तनी विचार और शब्द विचार** करो सभी अब ऐसे याद** सुगम सरल हिंदी व्याकरण वर्तनी विचार और शब्द विचार सरल सुगम करो व्याकरण ज्ञान ****** वर्तनी ***** * लेखन में प्रयुक्त लिपि चिन्हों के व्यवस्थित रूप को कहते हैं वर्तनी वर्तन करना जिसका अर्थ... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 4 Jun 2017 · 2 min read **चलो करें हम 'वर्ण विचार'** सुगम सरल व्याकरण बोध- २ काव्यात्मक स्वरूप में हिंदी व्याकरण बोध को सरल सुगम बनाने का प्रयास || ****** वर्ण विचार ****** *भाषा की सबसे छोटी इकाई कहलाती ध्वनि के नाम से संबोधित की जाती... Hindi · कविता 696 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Jun 2017 · 1 min read **टिम-टिम करता सुंदर तारा**बालगीत पहेली नई पहेलियों से सजी बालगीत पहेली *टिम-टिम करता टिम-टिम करता नभ में सुंदर तारा टिम-टिम तारा *नभ में चाँद निकलकर आया रात ने डेरा डाला टिम-टिम तारा **रोज़ रात को... Hindi · गीत 2 343 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Jun 2017 · 1 min read **मेरी रंग-रंगीली गुड़िया** बाल गीत *नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए बाल गीत* * गुड़िया मेरी रंग-रंगीली जैसे मेरी संग सहेली लंबी मोटी इसकी चोटी नीले रिब्बन से है गूंथी पीली पीली फ्रॉक है इसकी जिसमें नीचे... Hindi · गीत 1 608 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 2 Jun 2017 · 1 min read **ईश्वर की कृपा जीव लोक तक**जापानी काव्य शैली-ताँका जापानी काव्य शैली-ताँका संरचना- 5+7+5+7+7= 31 वर्ण दो कवियों के सहयोग से काव्य सृजन पहला कवि-5+7+5 = 17 भाग की रचना , दूसरा कवि 7+7 की पूर्ति के साथ श्रृंखला... Hindi · कविता 461 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 2 Jun 2017 · 1 min read ***मन हुआ मगन प्रकृति संग***जापानी विद्या-चोका जापानी साहित्य विद्या- चोका -5+7+5+7+5+7+5+7+7.... *मन प्रसन्न हुआ यह मगन विहग नभ करते विचरण शाम सुहानी विलीन दिवाकर प्रकृति शोभा नभ तल चाँदनी तरिणी जल जन-जीवनदानी चाँद शीतल रजनी मतवाली... Hindi · कविता 384 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Jun 2017 · 1 min read भाषा के दो ही रूप लिखित, मौखिक इसका स्वरूप**व्याकरण प्रवाह**सरल, सुगम व्याकरण बोध- १ *****भाषा***** भाषा के हैं दो ही रूप मौखिक लिखित इसका स्वरूप मौखिक है अस्थाई भाषा जिसमें वाचन कौशल आता || लिखित स्थाई भाषा कहलाती लेखन की हर विद्या इसमें समाती... Hindi · कविता 3 2 27k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 May 2017 · 1 min read ***** सागर की गहराई**** **** *सागर ने जाकर अंत में अपने एक क्षितिज बनाया जहाँ पर उसने जाकर धरती और आकाश को मिलाया *तेज लहरों से उसने अपनी बालू का ज़र्रा बनाया फिर उसने... Hindi · कविता 336 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 May 2017 · 3 min read ***जीवन का सच **कुछ मीठे कुछ खट्टे अनुभव जीवन अगर खट्टा-मीठा ना हो तो जीवन जीने का मजा ही नहीं | फीका और बेस्वाद जीवन नीरस हो जाता है | खट्टे मीठे अनुभव ही जीवन को दिशा प्रदान... Hindi · लेख 954 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 May 2017 · 1 min read ***चंद्र ज्योत्सना*** *१. चाँदनीे नग प्रकाशित है जग श्वेत अंबर *२. सांध्यगीत सी चाँदनी हुई शीत उषा विलीन *३.श्यामल जोन्ह तिरछा रजनीश सजन पीड़ *४. क्षीण मंदार पक्षीग्रह प्रस्थान शशि प्रकाश *५.... Hindi · हाइकु 414 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 May 2017 · 2 min read ***जीवन का अनुभव - एक सीख*** व्यक्ति जितना उम्र के पड़ाव को पार करता जाता है उतना ही उसे अनुभव प्राप्त होता जाता है | कुछ अनुभव कड़वे होते हैं और कुछ मीठी | वक्त के... Hindi · लेख 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 May 2017 · 2 min read ****आखिर बहू भी तो बेटी ही है*** हमेशा से देखा गया है कि बहू और बेटी दोनों में भेदभाव यह सृष्टि का नियम सा हो गया है सास कभी भी अपनी बहू को बेटी नहीं मानती और... Hindi · लघु कथा 1 1 3k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 May 2017 · 1 min read सुभग सुप्रभात ! १. अंबुद मन कर नवसृजन आलस त्यज २. अंबर तल नभचर मस्त प्रभात संग ३. उषा किरण अरुण संग नभ सुभग दिवस ४. विहग गान स्वर्णिम प्रभात हर्षित मन ५.सूर्याय... Hindi · हाइकु 349 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 25 May 2017 · 1 min read *****भीगे नयन सांझ संग**** १. अंबुज पत्र तन्हा मन आँख में आँसू जलधि नम २. सांझ बेला बिखरा मन सिमटा आँचल शांत जल ३.उमड़े बादल भीगे नयन सिमटे ख्वाब भावुक मन ४.नील गगन बरसे... Hindi · हाइकु 266 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 25 May 2017 · 5 min read **** स्मृतियों के पन्ने ****(संस्मरण) ****समय पंख लगाकर कैसे उड़ गया पता ही नहीं चला | माँ का कमरे से आवाज लगाना दौड़कर माँ के नजदीक पहुँच जाना अभी भी याद है | वह समय... Hindi · कविता 376 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 14 May 2017 · 2 min read ****माँ ! आज तुम्हारी बहुत याद आई**** मेरी ओर से विश्व की सभी माताओं को मातृदिवस की बहुत-बहुत बधाई |||| माँ की याद में कुछ भाव उमड़ आए जिन्होंने बीते लम्हे कुछ इस कदर याद दिलाए |||||... Hindi · कविता 852 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 May 2017 · 1 min read *****सूरज से थोड़ी सी गप्पें**** *दूर हो खूब मगर हमें जलाकर चले जाते हो क्या खाते हो ? जो इतने गर्म तुम नज़र आते हो *कैसे कपड़े पहनते हो? जो चमकते ही जाते हो उषा... Hindi · कविता 3 2 10k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 May 2017 · 1 min read *****माँ जैसा कोई नहीं**** करुणामयी , ममतामयी होती है सिर्फ माँ सब पर प्यार बरसाने वाली होती है सिर्फ माँ ममता का आँचल फैलाने वाली होती है सिर्फ माँ हँसकर गले लगाने वाली होती... Hindi · कविता 787 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 May 2017 · 1 min read ****मेरे घर आई एक नन्ही परी**** *चाँद से, फूलों के रथ पर सवार घर रोशन किया है नन्हीं परी ने ईश्वर तुझे कोटि-कोटि प्रणाम *लक्ष्मी स्वयं चलकर हमारे घर आई है बरसों से जो थी मन... Hindi · कविता 3 1 14k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 2 May 2017 · 1 min read *****हास्य रस की गागर**** *दिया है जीवन ईश्वर ने संजोना है इसे हास्य से भरकर गागर इसकी जीना है इसे | *जितनी छलकाओगे उतना ही आनंद पाओगे अपने जीवन के साथ-साथ दूसरों के जीवन... Hindi · कविता 332 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 14 Apr 2017 · 1 min read * बेटी हुई आज पराई, छोड़ चली बाबुल अँगनाई*** बाबुल की गलियाँ छोड़ के आज बेटी अब पिया के द्वार चली मयके की गली को छोड़ के अब मेरी लाडली रे ससुराल चली नाजों नखरों से इसे पाला ये... Hindi · गीत 1 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Apr 2017 · 1 min read *सुहानी बसंत ऋतु आई रे* *अनंत, असीम, आलौकिक आनंद लिए अनोखी छटा छाई है | आई-रे-आई बसंती बसंत ऋतु आई है| प्रसून देख तितली मुस्काती हँस-हँस गाती इठलाती | पुरवा सुहानी विहग पंख डोलाई है... Hindi · कविता 639 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Apr 2017 · 1 min read *एक प्रश्न आपके लिए* 1 मई, साल के एक दिन या हर दिन 1 मई हम मजदूर दिवस के रूप में मनाते हैं| क्यों हम एक ही दिन मजदूरों के सम्मान को दिलाते हैं ? क्या वह सब एक ही दिन के हकदार... Hindi · कविता 476 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 Apr 2017 · 1 min read *भावनाओं का समंदर 'हाइकु'के अंदर* १. जिंदगी छोटी सुहानी अलबेली भरो उमंग २. रवि किरण छूटी अंबर में नया उजाला ३. गोधूलि सांझ चाँद निकला शीतल छाया ४. वाणी रसीली मन लुभाए जीवन महकाए ५.... Hindi · हाइकु 599 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Apr 2017 · 1 min read *अपनी संस्कृति को पहचानो* जागो ! हिंदुओं जागो ! *अप्रैल फूल कहने से पहले वास्तविकता इसकी क्यों नहीं जान रहे हो ? पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कहकर क्यों मना रहे हो ? *चलता आ रहा है,... Hindi · कविता 599 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 19 Mar 2017 · 3 min read ***भारत देश के वासी हो तुम**इस मिट्टी पर अभिमान करो** *भारत माँ के लाल हो तुम इस माता का सम्मान करो तीन रंग का मान करो अपमान ना इसका आज करो *जिस जन्म भूमि पर जन्म लिया जड़ उसकी न... Hindi · कविता 738 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 18 Mar 2017 · 1 min read *** आओ मनाएँ भारतीय नव वर्ष **** *चैत्र, वैशाख, जेष्ठ,आषाढ़ है सुना किसी ने इनका नाम नहीं सुना तो आज बताती सार्थकता इनकी भारतवासी को आज *यह नाम नहीं साधारण सुन लो सभी जन यह आज हिंदी... Hindi · कविता 389 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 16 Mar 2017 · 1 min read **दूर रहकर भी तुम नज़दीक हो मेरे**यादों में हर पल हो तुम मेरे *** रूठे हो तुम जो मुझसे कैसे तुम्हें मैं मनाऊँ सोच रही हूँ मैं कैसे तुम्हें नज़दीक बुलाऊँ | ******** इन दूरियों को एक दिन जरूर मिटाऊँगी मैं पास तुम्हें... Hindi · कविता 465 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Mar 2017 · 1 min read **रंगों का त्योहार मंगलमय बनाएँगे---- बड़ों का आशीर्वाद आज सभी हम पाएँगे |||||| *फागुन का यह मास है रंगों का त्योहार है और मिठास का एहसास है | **होली है मंगल मिलन का त्यौहार होली है सतरंग बरसाने का त्योहार होली है बहुत... Hindi · कविता 297 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Mar 2017 · 1 min read ***कान्हा के संग होली** मनाए राधा भोली*** *मारे भर भर भर पिचकारी ओ मेरे नंदलाली चुनर मोरी लाल हुई *तू रंग मोहे ऐसा लगाए गिरधारी मोरे प्यारे ये तेरी राधा लाल हुई *मारे भर भर भर पिचकारी... Hindi · गीत 783 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Mar 2017 · 1 min read *****होली के रंग***** मंगल मिलन के संग** १. होली त्यौहार है मंगल मिलन का वैमस्य त्यज सुखद अनुभव का मर्यादाशील प्रेम-प्रसंग का त्यज सुरा, अमृत वचन का २. अबीर गुलाल लगाकर आज चंदन का टीका सजाकर आज... Hindi · शेर 374 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Mar 2017 · 1 min read ****नारी ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना***** ****----****----**** १. ***नारी दे ,नारी को मान तभी बनेगा वंश विशाल नारी को दें पूर्ण सम्मान नारी है ममता की खान २. ***नारी तू शक्ति है ,सत है सृष्टि की... Hindi · कविता 1 961 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 Mar 2017 · 1 min read **दुख-सुख की सिर्फ एक ही साथी** नर नहीं है वो है सिर्फ नारी ** दुख सुख में जो साथ है देती और नहीं कोई, नारी है मुश्किल से जो जूझ है जाती और नहीं कोई, नारी है ** रोने कभी नहीं देती वो... Hindi · कविता 774 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 4 Mar 2017 · 2 min read **मेरी कलम से सुनो ! लोकतंत्र का हाल*** **कलम की ताकत को मैं आज , समक्ष तुम्हारे लाया हूँ | कितना अब तक बदल गए हैं , तस्वीर दिखाने आया हूँ | **कितना बदले हम वर्षों में, सब... Hindi · कविता 2 681 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Feb 2017 · 2 min read **दर्द जो कोई कहता नहीं **सिर्फ सहता** *माँ के न होने का दर्द एेसा होता है जो कोई कहता नहीं है सिर्फ सहना होता है *यह दर्द तो सिर्फ वही बता सकता है जिसने अपनी माँ को... Hindi · मुक्तक 1 611 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 24 Feb 2017 · 2 min read ***सात फेरों के सातों वचन ***अटूट बंधन*** ?????? ***सात फेरों के सातों वचन ***अटूट बंधन*** *नहीं पूर्ण जिसके बिना मानव जीवन संपूर्ण । वैदिक संस्कृति के अनुसार विवाह ही है परिपूर्ण । *जिसके अर्थ में छिपा है... Hindi · कविता 3k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 21 Feb 2017 · 2 min read ****नहीं भूलेंगे **नहीं भूलेंगे** ये सुनहरे पल**** ***नहीं भूलेंगे ****नहीं भूलेंगे ****यह सुनहरे दिन**** ** सुबह जल्दी उठना वैन के हॉर्न का बजना स्कूल पहुँचने की मारामारी और लेट कभी न होना **नहीं भूलेंगे, नहीं भूलेंगे, नही... Hindi · कविता 467 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 20 Feb 2017 · 2 min read ****ज्ञान के सागर से भर लो गागर**** * गागर 'मस्तिष्क' है कहलाता,* ***'हिंदी व्याकरण'*** **ज्ञान का सागर कहा है जाता** <<<<>>>> *** अध्यापिका हूँ बच्चों की परेशानी भांप जाती हूँ | कहाँ उन्हें है आती परेशानी जल्दी... Hindi · कविता 682 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 17 Feb 2017 · 1 min read *****मैं हूँ एक 'सुंदर' सुमन**** **कलम चली है आज जो अब लिखने को किया अनुरोध किसी ने कुछ लिखने को **औरों के ऊपर नहीं सिर्फ उस पर लिखने को किया अनुरोध आज किसी ने कुछ... Hindi · कविता 347 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 15 Feb 2017 · 1 min read *****मैं हूँ मात्रिक छंद*** दोहा***** **काव्य का है छंद कहलाता , मात्राओं पर आधारित गुण दर्शाता | मात्रिक छंद की आभा लिए , दो पंक्तियों में लिखा है जाता | **दो चरण हर पंक्ति में... Hindi · कविता 379 Share Previous Page 3 Next