डॉ०प्रदीप कुमार दीप Language: Hindi 117 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next डॉ०प्रदीप कुमार दीप 12 Apr 2017 · 3 min read पुस्तक समीक्षा " पुस्तक समीक्षा " ----------------------------- पुस्तक : बचपन पुकारे ! बालक मन के भोले गीत लेखिका : विमला महरिया "मौज " अध्यापिका ,राजकीय सावित्री बालिका उ०मा०वि० ,लक्ष्मणगढ़... Hindi · कविता 742 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Apr 2017 · 1 min read हुनर " हुनर " ---------- मुझ में भी था हुनर ! टीलों पहाड़ों और वृक्षों पर चढ़ने का | बहते झरने बहती नदियों और बहती हवा की मंदित-मंदित ध्वनि का एहसास... Hindi · कविता 551 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 11 Apr 2017 · 1 min read हुनर " हुनर " ---------- मुझ में भी था हुनर ! टीलों पहाड़ों और वृक्षों पर चढ़ने का | बहते झरने बहती नदियों और बहती हवा की मंदित-मंदित ध्वनि का एहसास... Hindi · कविता 335 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Apr 2017 · 3 min read भारत में लोकतंत्र : उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ "भारत में लोकतंत्र : उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ " ============================ जन का जनता के लिए ,जन का ऐसा कार | अपनी मर्जी से चुनें , सुयोग्यतम सरकार || ----------------------------------------------------- " लोकतंत्र... Hindi · लेख 1 5k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Apr 2017 · 1 min read लोकतंत्र " लोकतंत्र " -------------- लोगों का लोगों के लिए लोगों के द्वारा | यही तो है....... लोकतंत्र || वैसे तो वैदिक युग में ही पनप चुके थे बीज लोकतंत्र के... Hindi · कविता 488 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Apr 2017 · 2 min read साहित्यकार और पत्रकार का समाज के प्रति दायित्व साहित्यकार और पत्रकार का समाज के प्रति दायित्व ----------------------------------------------------- लेखन ऐसा चाहिए , जिसमें हो ईमान | सद्कर्म और मर्म ही, हो जिसमें भगवान || जिस प्रकार साहित्य समाज का... Hindi · लेख 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Apr 2017 · 1 min read बेटी " बेटी " --------------- हरी घास पर क्षण भर बैठी ! ये भारत की शान | मन में एक उमंग है होठों पर मुस्कान || यही आन है .... यही... Hindi · कविता 650 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Apr 2017 · 1 min read शोभा की अभिव्यक्ति "शोभा की अभिव्यक्ति" ---------------------------- क्या शोभा ? अभिव्यक्त हो सकती है ! हाँ ....................... शोभा कि अभिव्यक्ति हो सकती है | पर ! यह मुश्किल तो है लेकिन नामुमकिन नहीं... Hindi · कविता 271 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Apr 2017 · 1 min read एटम बम जीवन के रंगमंच पर अभिनय से पूर्व...... आओ सँवार दूँ प्रिय ! साकर करके निज भावों को अपने हाथों से || पहना दूँ ......... गजरा तेरे बालों में ! झुमके... Hindi · कविता 431 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 2 min read मैं जाग चुकी हूँ " मैं जाग चुकी हूँ " ------------------------- हाँ मैं नारी हूँ ! सदियों से ही.... और सदियों तक भी ! अपनाया है मैंने ! सृजनशीलता को ताकि सृजना बनकर सतत्... Hindi · कविता 397 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 7 min read राष्ट्र निर्माण और विकास में महिलाओं की भूमिका " राष्ट्र निर्माण और विकास में महिलाओं की भूमिका " ============================ "नारी" विधाता की सर्वोत्तम और नायाब सृष्टि है | नारी की सूरत और सीरत की पराकाष्ठा और उसकी गहनता... Hindi · लेख 4 3 29k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 2 Apr 2017 · 1 min read आधार "आधार " ----------------- झीने पट में झिलमिल करती ! एक अलबेली नार | बैठ तरंगिनी के तट पर ! करती स्वेच्छाचार | निरख रही है , नदी के जल को... Hindi · कविता 340 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 29 Mar 2017 · 1 min read नादानी " नादानी " --------------- याद है मुझे ! वो नादान........ नटखट बचपन | कितना आजाद था ? कितना मगरूर था ? ना कोई कर्तव्य ! ना कोई जिम्मेदारी ! वो... Hindi · कविता 682 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Mar 2017 · 1 min read तट की व्याकुलता तट की व्याकुलता -------------- कभी व्यथित देखा है ? नदी के तट को ! हाँ !!! मैंने देखा है ! एक बार नहीं कई बार !! जब बाँधता है सीमाओं... Hindi · कविता 445 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 27 Mar 2017 · 1 min read भोला बचपन " भोला बचपन " --------------------- खेल रहा है..... भोला बचपन ! सागर के एहसासों से | निर्मित करते एक घरौंदा ! अपने कोमल हाथों से | उम्र है छोटी सोच... Hindi · कविता 599 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 26 Mar 2017 · 4 min read देश मेरा मेरी पहचान " देश मेरा मेरी पहचान " ------------------------------- देश मेरा है मेरी जान , सदा मेरा पल-पल अभिमान | इसकी रक्षा धर्म है मेरा , देश मेरा मेरी पहचान || ----------------------------------... Hindi · लेख 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 25 Mar 2017 · 1 min read लगन ये कैसी ? " लगन ये कैसी"? --------------------- लगा के मेंहदी डाल के घूँघट ! नाची आज मयूर के जैसी !! लाज-शर्म चिलमन में छुपाई , धुन अलबेली ! बनी ये कैसी ??... Hindi · कविता 537 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Mar 2017 · 1 min read सवा-सेर " सवा-सेर " --------------- सुखदेव भगतसिंह राजगुरू...... हिन्दुस्तान के शेर थे | कभी झुके ना ! कभी रूके ना ! वो गौरों पर ...... सवा-सेर थे || पहन बंसती चोले... Hindi · कविता 708 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Mar 2017 · 1 min read जल दिवस " जल दिवस " ------------------ बादलों के पीछे से ! बिखेरने आया हूँ ! मैं भास्कर....... अपनी रश्मि ! निथरे हुए जल पर !! क्यों कि आज "जल दिवस" है... Hindi · कविता 389 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 22 Mar 2017 · 1 min read सत्य " सत्य " ----------- माना कि..... निराकार है ! अनिर्वचनीय है ! अदृश्य है "सत्य" | लेकिन सत्य ही सच है........... क्यों कि ? सत्य यम है ! सत्य ही... Hindi · कविता 393 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Mar 2017 · 4 min read बहू भी बेटी ही होती है " बहू भी बेटी ही होती है " ------------------------------------ "नारी" विधाता की सर्वोत्तम और नायाब सृष्टि है | नारी की सूरत और सीरत की पराकाष्ठा और उसकी गहनता को मापना... Hindi · लेख 1k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 20 Mar 2017 · 1 min read चिराग-ए-दीप " चिराग-ए-दीप" -------------------- मैं तुझे ! तकलीफ नहीं देता !! मगर ! तकलीफ मुझे भी है | दिल से चाहता हूँ तू खुश रहे सदा | मगर ! मैंने कभी....... Hindi · कविता 384 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 20 Mar 2017 · 4 min read भारतीय संस्कृति की विशेषता तथा बचाने के उपाय " भारतीय संस्कृति की विशेषता तथा बचाने के उपाय " ----------------------------------------------------- " संस्कृति " एक ऐसी ऐतिहासिक सांस्कृतिक , भौगोलिक , दार्शनिक और नीतिगत मानवीय व्यवस्था है , जिसमें हम... Hindi · लेख 8k Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 17 Mar 2017 · 1 min read पानी में अक्स "पानी में अक्स" ------------------ पानी में अक्स ये किसका हैे ? मंथन करता 'बाज' है || पंख तो इसके मेरे जैसे ! पर ! भरता क्यों ना ? परवाज है... Hindi · कविता 276 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 13 Mar 2017 · 2 min read स्वयं को जाने " स्वयं को जाने " ---------------------- इस मायावी जगत में मानव का अस्तित्व क्या है ? उसका वास्तविक स्वरूप क्या है ? उसके निर्धारित लक्ष्य ,कर्म और कर्तव्य क्या है... Hindi · लेख 516 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 12 Mar 2017 · 5 min read लौटना होगा प्रकृति की ओर "लौटना होगा प्रकृति की ओर" -------------------- "होली" शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'होलक्का' शब्द से हुई है | वैदिक युगीन 'होलक्का' शब्द एक विशेष अन्न के लिए प्रयुक्त होता था... Hindi · लेख 451 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 10 Mar 2017 · 1 min read रोशनी की जड़े " रोशनी की जड़ें " --------------------- जब तक सारे संसार में , अंधकार छाया होगा | हर मानव का आसरा , "दीप" का साया होगा || एक अकेला सूरज अपना... Hindi · कविता 537 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 9 Mar 2017 · 1 min read किसके भरोसे ? "किसके भरोसे" ------------------ छोड़ गई हो ! किसके भरोसे ? हे ! दीपशिखा तू ! मीत को | तेरा जाना ! रास ना आया ! मेरे हृदय की प्रीत को... Hindi · कविता 244 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Mar 2017 · 1 min read नारी गरिमा "नारी-गरिमा" ---------------- सोचती हूँ ! जब भी मैं ! एकांत में....... निर्निमेष होकर कि आखिर कौन हूँ मैं ? जो सहती रहती हूँ ! अपने ही तन-मन पर ! कभी... Hindi · कविता 838 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 8 Mar 2017 · 1 min read मैं शक्ति हूँ " मैं शक्ति हूँ " """""""""""" मैं दुर्गा हूँ , मैं काली हूँ ! मैं ममता की रखवाली हूँ !! मैं पन्ना हूँ ! मैं हाड़ी हूँ ! मैं फूलों... Hindi · कविता 836 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 7 Mar 2017 · 1 min read संवेदना "संवेदना" -------------- हे ! दीपशिखा क्या बतलाऊँ ? मेरे दिल के दर्द को ! छोड़ गया वो मुझको तन्हा ! कैसे समझाऊँ मर्द को || आँखें नम हैं ! कपोल... Hindi · कविता 461 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 6 Mar 2017 · 1 min read वाट्सएप पर तलाक "वाट्सएप पर तलाक" -------------------------- तीन तलाक !!! वाट्सएप पर !!!! गजब हुआ ! हिना के शौहर ने ये क्या किया ? बस तीन बार बोला ! तलाक..तलाक..तलाक ! और हो... Hindi · कविता 503 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 5 Mar 2017 · 1 min read खुली आँखों के सपने "खुली आँखों के सपने" ---------------------------- सत्य है ! कि देखता हूँ मैं भी खुली आँखों से सपने | वो सपने ! जो हैं अपने ! भोर में ! दोपहर में... Hindi · कविता 583 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Mar 2017 · 1 min read नीड़ का आधार "नीड़ का आधार" ! ----------------------- जंग लगी हुई वो लोहे की लालटेन ! जो कभी रोशन करती थी *"दीप"*की तरह...... चिराग बनकर घर को !! पड़ी थी किसी कोने में... Hindi · कविता 401 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 4 Mar 2017 · 1 min read पूूछूँगी मैं ? "पूछूँगी मैं ? ---------- क्यों पूजते हो फिर ? नवरात्रा में मुझे ! जब रवानगी देते हो तुम मेरी ही...... शवयात्रा में मुझे !! कभी बोरे में ! कभी गटर... Hindi · कविता 443 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Mar 2017 · 1 min read कायल हुआ हूँ =========================== " कायल हुआ हूँ " --------------------------- तेरे हुस्न का , 'कायल' हुआ हूँ , नजर से तेरी ,'घायल' हुआ हूँ | छनकता हूँ ! रात-दिन खुशियों से , तेरे... Hindi · कविता 268 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 3 Mar 2017 · 1 min read माया " माया " ----------- अनिर्वचनीय तेरा साया , हे माया ! तू है अलबेली | तेरा निज स्वरूप बताकर , शंकर ने की दूर पहेली || तू ही तो "अध्यास"... Hindi · कविता 429 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 1 Mar 2017 · 1 min read रोटी "रोटी" -------- रोटी कि क्या बात करें ? रोटी तो रोटी होती है | पतली-पतली गेहूँ की ! मक्के-बाजरे की मोटी है || कहीं सिकता ! तंदूर तड़पकर !! कही... Hindi · कविता 731 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Feb 2017 · 1 min read अपना साया " अपना साया " -------------------- हाँ !! देखा है मैंने ! अपना साया !! अपने साथ चलते कभी आगे....... तो कभी पीछे चलते !! मेरा साया ! हरदम एहसास कराता... Hindi · कविता 422 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 28 Feb 2017 · 1 min read एकाकार "एकाकार" --------------- एकाकार हुए है देखो ! कितने सुन्दर ? वृक्ष विशाल | खो रही जो .... प्रीत की थाति ! जला रहे ! उसकी मशाल || मनुज-स्नेह भी गौण... Hindi · कविता 534 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 25 Feb 2017 · 1 min read स्नेह-बदली "स्नेह-बदली" ----------------- स्नेह-बदली तुम बनकर बरसो ! मेरे हृदय-आकाश में ! कभी बरसो तुम ! सावन में ! और कभी बरसो मधुमास में || मौहब्बत का तुम भाग्य लिखो। मेरे... Hindi · कविता 527 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 24 Feb 2017 · 1 min read आदि-शक्ति आदि-शक्ति " ------------------- मुझमें भी है सृष्टि की आदि-शक्ति ! सत्य भी है ! शिव भी है ! और है भोले की सुन्दर-भक्ति | मैं भी रखता हूँ ! समाहित... Hindi · कविता 428 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 24 Feb 2017 · 1 min read नूतन भोर नूतन भोर """"""""""" क्यों बिछती हूँ ? मैं सेज पर ! क्यों बिकती हूँ ? बाजारों में ! क्यों अस्मत से ? खिलवाड़ करूँ ! क्यों जीवन को ? बर्बाद... Hindi · कविता 555 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 23 Feb 2017 · 2 min read पतासी काकी " पतासी काकी " (लघुकथा) ----------------------- कहने को तो जमीन-जायदाद ,आलिशान घर और गाय-भैंसें सभी थी पतासी काकी के पास | लेकिन ! एक ही कमी खलती थी उसे ,... Hindi · लघु कथा 900 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 21 Feb 2017 · 1 min read अभिव्यक्ति "अभिव्यक्ति" ------------------- कभी-कभी जब भी बनता हूँ ! तेरे एहसास का बिन्दु तो एहसास मेरे ! छू जाते हैं ! तेरे अन्तर्मन को ! तब होती है ! गुफ्तगू !... Hindi · कविता 481 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 16 Feb 2017 · 1 min read दीप-लहू " दीप- लहू " ----------------- तब तू बहना मेरे शोणित, जब देश मेरा पुकार करे | कतरा-कतरा तू बह जाना , अगर वतन-अरि हुंकार भरे || मातृ-भूमि के लिए न... Hindi · कविता 230 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 15 Feb 2017 · 1 min read नव-फूल "नव-फूल" --------------------- जब तक जीओ सुख से जीओ | बेमतलब में ग़म ना पीओ || गमी तो साथी वो बला है........ टाले से जो नहीं टला है || बात पे... Hindi · कविता 318 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 13 Feb 2017 · 1 min read निर्भया बोल रही हूँ " निर्भया बोल रही हूँ " """""""""""""""""""""""""" मैं स्वर्ग से निर्भया बोल रही हूँ ! नर के वेश में छुपे हुए भेड़ियों को कोस रही हूँ ! जाने कितने पाप... Hindi · कविता 263 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 13 Feb 2017 · 1 min read कुकृत्य "कुकृत्य" """""""""""""" चौराहों से उठाते हैं.......... कभी रस्ते चलते उठाते है ! हद कर जाते वहशी-दरिंदे जब बच्ची को घर से उठाते हैं !! काम-वासना अपनी जगाकर मंदिर-मस्जिद से उठाते... Hindi · कविता 213 Share डॉ०प्रदीप कुमार दीप 13 Feb 2017 · 1 min read कुकृत्य "कुकृत्य" """""""""""""" चौराहों से उठाते हैं.......... कभी रस्ते चलते उठाते है ! हद कर जाते वहशी-दरिंदे जब बच्ची को घर से उठाते हैं !! काम-वासना अपनी जगाकर मंदिर-मस्जिद से उठाते... Hindi · कविता 1 267 Share Previous Page 2 Next