Mahatam Mishra Language: Hindi 134 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "घनश्याम छंद" "घनश्याम छंद" मिला कर हाथ, सर्व सखा जयकार करें। रहें जब साथ, मानव सा हुक्कार करें।। यही मम देश, भारत है मिल हाथ रहें दिखे जब प्रात, पर्व सखा पुर... Hindi · कविता 1 885 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” चलत निक लागे चंद्रमा, नचत निक लागे मोर। गुंजन निक लागे भ्रमर अली, सु-सहज नयन चितचोर। निक लागे फुलत कलियाँ, महकत झुरझुर बयार- हिलत डुलत कटि काछनी, मलत बछवा... Hindi · मुक्तक 1 1 623 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” पन्नों में खो गई अकेली, हाथन लगी किताब सहेली निकलूँ कैसे बाहर बतला, छोड़ न पाती तुझे नवेली दरवाजा तो खोला तुमने, जाने पर मुँह मोड़ा तुमने निकली थी... Hindi · मुक्तक 504 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “हाइकु” “हाइकु” मन बीमार ठंडी गर्मी बरसात बहे बयार॥ कापें बदन क्यो रूठे हो सजन घर आँगन॥ पसरा बैर दिन में रात खैर सुलाए जैर॥ पीने का शौक सबब क्या जीने... Hindi · हाइकु 1 517 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” यादें सहज अतीत मिली है वीणा को संगीत मिली है मन महफिल पहचान मिली धूप खिली है शीत मिली है॥ वाह अनोखा है यह संगम बहुत पुरानी प्रीत मिली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 280 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” आइए जी आज से हम दिल लगाना सीख लें जाइए मत छोड़कर हँस मुस्कुराना सीख लें खो गए वो पल पुराने जो हमारे पास थे पेड़ पीपल और बरगद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 419 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 4 min read "सुनो सुनयना मेरी बात" "सुनो सुनयना मेरी बात" सुनो सुनयना मेरी बात, जिसकी गोंद में हम सभी पले-बढ़े, उछले-कूदे, नाचे-गाए और खेले-खिलाए। उसकी सुंदरता की सरिता में भीगे- नहाए, छाँव में बैठे तो धूप... Hindi · लघु कथा 1 614 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "मदकलनी छंद" "मदकलनी छंद" विकल भई, जल तरसी, यह बगिया, मधुबन की। नयन तके, नभ गगरी, जल यमुना, गिरिधर की।। सुन सजना, घर अँगना, सुधि धरिए, चितवन में। मग मथुरा, मृग छवना,... Hindi · कविता 2 1 513 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" तलवारों की क्या कहें, जबतक रहती म्यान। तबतक जग सुंदर लगे, हाथ रहें बेध्यान।T एक बार निकली अगर, म्यानों से करवाल- रक्त चखे बिन कब गई, कब म्यान कर... Hindi · मुक्तक 267 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" जीते हैं जिलाते हैं खाते हैं पहनते हैं फिर क्यूँ दिखते कंकाल। किसके हैं भंडार कुछ कहते हैं छलकते हैं फिर क्यूँ पलते आकाल। हिलते हैं हिलाते हैं बमबम... Hindi · मुक्तक 261 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "पिरामिड" "पिरामिड" ये मकाँ जर्जर जीर्ण शीर्ण अति संकीर्ण भुतहा महल झपटती बिल्लियाँ।।-1 जी जान ईमान इम्तहान सहारा होगा आँख तारा होगा पल गुजारा होगा।।-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 304 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गीत, राधेश्यामी छंद” “गीत, राधेश्यामी छंद” माना की तुम बहुत बली हो, उड़े है धुँआ अंगार नहीं नौ मन लादे बरछी भाला, वीरों का यह श्रृंगार नहीं एक धनुष थी वाण एक था,... Hindi · गीत 2 363 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” बैठिए सर बैठिए अब गुनगुनाना सीख ले हो सके तो एक सुर में स्वर मिलाना सीख ले कह रही बिखरी पराली हो सके तो मत जला मैं भली खलिहान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 387 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 4 min read "पराली- कोई चारा भी तो नहीं?" "पराली- कोई चारा भी तो नहीं?" लगता है समय आ गया है पीछे मुड़कर देखने का। उन्हें याद करने का जिन्होंने मानव और मानवता को जीने का वैज्ञानिक तरीका तब... Hindi · लेख 416 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "बुदबुद छंद" "बुदबुद छंद" शिव शिव बोल बोल जै बम बम बोल बोल जै। शुभ दिन सोमवार है कल कल गंग धार है।। प्रति पल तोल मोल रे ढब ढब ताल ढोल... Hindi · कविता 316 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” पक्के इरादे हो तो घर मजबूत होता है। अटूट रिश्ता अपनों में वशीभूत होता है। अजेय हो जाती हैं यादें पृष्ट खुलने पर- अजी गैरों से कब बैर फलीभूत... Hindi · मुक्तक 484 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गीत” (बिटिया बैठी है डोली ससुराल की) “गीत” (बिटिया बैठी है डोली ससुराल की) बिटिया बैठी है डोली ससुराल की आए सज के बाराती खुशहाल की....... कभी बिंदियाँ हँसे कभी मेंहदी खिले कभी नयना झरे कभी सखियाँ... Hindi · गीत 385 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” रे गुँजा बावरी मदमाती उन्मुक्त बाँदी घुँघराले बाल लहराए नागिन॥-1 रे गुँजा भ्रामरी सुनयना घुँघची अली मनचली गली नव खेल खिलाती॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 463 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “भोजपुरी लोकगीत” “भोजपुरी लोकगीत” कइसे जईबू गोरी छलकत गगरिया, डगरिया में शोर हो गइल कहीं बैठल होइहें छुपि के साँवरिया, नजरिया में चोर हो गइल...... बरसी गजरा तुहार, भीगी अँचरा लिलार मति... Hindi · गीत 1 616 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” आप के पास है आप की साखियाँ मत समझना इन्हें आप की दासियाँ गैर होना इन्हें खूब आता सनम माप लीजे हुई आप की वादियाँ॥ कुछ बुँदें पिघलती हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share Mahatam Mishra 28 Dec 2017 · 1 min read "पंक्तिका छंद" "पंक्तिका छंद" प्राण नाथ जो आप साथ हों मोर मोरनी बाग बाग हों धूम धाम से झूम झूम के प्यार वार दूं नाच नाच के।। नाथ आप से प्रात लाल... Hindi · कविता 465 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” होता कब यूँ ही कभी, शैशव शख्स उत्थान जगत अभ्युदय जब हुआ, मचला था तूफान रिद्धी सिद्धि अरु वृद्धि तो, चलती अपने माप राह प्रगति गति बावरी, विचलित करती... Hindi · मुक्तक 543 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" नमन करूँ जननी तुझे, चूमूँ तेरे पाँव हर डाली तेरी खिली, फैली शीतल छाँव मन चित तेरे पास हैं, सुंदर तेरा रूप हर्षित हैं सारे लला, सुंदर स्नेहल गाँव॥... Hindi · मुक्तक 516 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “मुक्त काव्य गीत ” “मुक्त काव्य गीत ” परिंदों का बसेरा होता है प्रतिदिन जो सबेरा होता है चहचाहती खूब डालियाँ हैं कहीं कोयल तो कहीं सपेरा होता है नित नया चितेरा होता है... Hindi · गीत 533 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” खुलकर नाचो गाओ सइयाँ, मिली खुशाली है अपने मन की तान लगाओ, खिली दिवाली है दीपक दीपक प्यार जताना, लौ बुझे न बाती चाहत का परिवार पुराना, खुली पवाली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल” “गज़ल” जा मेरी रचना तू जा, मेले में जा के आ कभी घेरे रहती क्यूँ कलम को, गुल खिला के आ कभी पूछ लेना हाल उनका, जो मिले किरदार तुझको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 281 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 2 min read "लोहे की सड़सी" "लोहे की सड़सी" जय हो झिनकू भैया की। भौजी की अँगुली चाय की खौलती तपेली से सट गई, तो ज़ोर से झनझना गई भौजी, झिनकू भैया के बासी चाय पर।... Hindi · लघु कथा 1 476 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "रतिलेखा छंद" "रतिलेखा छंद" अब तो गिरिवर दरशन, चित हमारौ मनवा हरसत विहरत, हरि निहारौ। पहुना सम दिखत सबहिं, पग पखारौ हम सेवक तुम रघुबर, गृह पधारौ।। अपना सब कुछ अरपन, तव... Hindi · कविता 501 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “मुक्तक” “मुक्तक” चपला चमक रही निज नभ में, मन चित छवि लग री प्यारी। बिजली तड़क गगन लहराती, आभा अनुपम री न्यारी। जिय डरि जाए ललक बढ़ाए, प्रति क्षणप्रभा पिय नियराए-... Hindi · मुक्तक 1 487 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “कुंडलिया” “कुंडलिया” मैया का पूजन करें, निशदिन आठो याम सूर्य उपासन जल मही, छठ माँ तेरे नाम छठ माँ तेरे नाम, धाम की महिमा भारी माँग भरें सिंदूर, पूरती चौका नारी... Hindi · कुण्डलिया 249 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” क्यों सभी सजाते खड़काते बर्तन भाँड़े रोटी सब्जी दाल महकती थाली क्या॥-1 ये जग वो मग पानी रखें प्यास बुझाएँ किसका आँगन प्रिय पात्र साजन॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 594 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गजानन वंदना” “गजानन वंदना” हे गजानन गौरी नन्दन मूषकवाहन यशस्विन अर्पण करती श्रद्धा सुमन मेरे प्रभु सर्व देवात्मन॥-1 हे गजानन पार्वती नन्दन विघ्नविनाशन घर घर आँगन रक्षक सर्वजन सर्वात्मन रिद्धी सिद्धि सकल... Hindi · गीत 627 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गज़ल/गीतिका” “गज़ल/गीतिका” रोज मनाते बैठ दिवाली बचपन लाड़ दुलार सखी नन्हें हाथों रंग की प्याली दीया जले कतार सखी नीले पीले लाल बसंती हर फूल खिले अपनी डाली संग खेलना संग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 668 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 2 min read "जगिया की वापसी" "जगिया की वापसी" वर्षों से किसी की जुबान पर जिसका नाम भी नहीं आया। भूल गई थी उसके यादों की सारी तस्वीर जो कभी बचपन में संग खेला करती थी।... Hindi · कहानी 452 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "विधा- दोहा" "विधा- दोहा" रे रंगोली मोहिनी, कैसे करूँ बखान विन वाणी की है विधा, मानों तुझमे जान।।-1 भाई दूजी पर्व है, झाँक रहा है चाँद नभ तारे खुशहाल हैं, अपने अपने... Hindi · दोहा 532 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "मुक्तक" "मुक्तक" नाचत गावत ग्वाल मुरारी माधव मोहन। गोवर्धन गिरि लपकि उचारी माधव मोहन। जय जय केशव गोविंद प्रभु महिमा गिरधारी- राधापति गोपाल कछारी माधव मोहन।।-1 नाम सहस्त्र रूप अलबेला माधव... Hindi · मुक्तक 255 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" जगमग अवली दीप हमारे सुंदर साख प्रदीप हमारे अनुपम पुंज प्रकाश पर्व यह रोशन चित नवदीप हमारे।। चाँद छुपा है रात दिवाली आभा अति प्रियदीप हमारे।। शोर शराबा किलक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 267 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “पिरामिड” “पिरामिड” हैं दीप माटी के कलाकारी चलता चाक शुभ दीपावली गर्व प्रकाश पर्व॥-1 ये तेल रोशनी दिया बाती सखा संगाती मलाई मिठाई रंगोली सुंदर है॥-2 महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी Hindi · कविता 511 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read “गीतिका” “गीतिका” आइए जी आज से हम दिल लगाना सीख लें जाइए मत छोड़कर हँस मुस्कुराना सीख लें खो गए वो पल पुराने जो हमारे पास थे पेड़ पीपल और बरगद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 313 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read "गजल" "गजल" मौन जब इस शोर को दमखम दिखा के जाएगा देख लेना उस समय फिर काफिला रह जाएगा आप के रहमो करम पर रुक नही सकता दीवाना बोलने का शौक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 330 Share Mahatam Mishra 20 Dec 2017 · 1 min read गजल गजल देख तेरे ही शहर में फिर जिगर रह जाएगा आज तो ये जा रहा है पर कहर रह जाएगा फिर न कहना हो गई बरबाद तेरी जिन्दगी लौटना किसका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 2 min read "झिनकू भैया का झुनझुना” (घुनघुना) "झिनकू भैया का झुनझुना” (घुनघुना) झिनकू भैया को बचपन से ही झुनझुना बहुत पसंद था, जो आज भी किसी न किसी रूप में बज ही उठता है। कभी महँगाई की... Hindi · लेख 567 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "दोहा" "दोहा" विषय आज का मनचला, खेल खेल में खेल कहीं रातरानी खिली, कहीं खिली है वेल।।-1 सुंदर हैं तारे सभी, नभ प्रकाश सम आप मंच मिताई साधुता, साधुवाद बिन ताप।।-2... Hindi · दोहा 609 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “दोहा-मुक्तक” “दोहा-मुक्तक” घर की शोभा आप हैं, बाहर में बहुमान भवन सदन सुंदर लगे, जिह्वा मीठे गान धाम धाम में वास हो, सद आचरण निवास भक्ती भक्त शिवामयी, गुणी सुशक्त सुजान॥-1... Hindi · मुक्तक 361 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “कुंडलिया” “कुंडलिया” अपनी गति सूरज चला, मानव अपनी राह ढ़लता दिन हर रोज है, शाम पथिक की चाह शाम पथिक की चाह, अनेकों दृश्य झलकते दिनकर आए हाथ, चाँदनी चाँद मलकते... Hindi · कविता 1 268 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “हाइकु” “हाइकु” कल की बात आस विश्वास घात ये मुलाक़ात॥-1 दिखा तमाशा मन की अभिलाषा कड़वी भाषा॥-2 दुर्बल काया मनषा मन माया दुख सवाया॥-3 मान सम्मान शुभ साँझ बिहान विहंगा गान॥-4... Hindi · हाइकु 596 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "गीतिका" "गीतिका" चलो दशहरा पर्व मनाए. प्रति वर्ष यह आता है दे जाता है नई उमंगे, रावण को मरवाता है हम भी मेले में खो जाएँ, तकते हुए दशानन को आग... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 294 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read “क़ता” “क़ता” हम भी आ नहीं पाए तिरे खिलते बहार में तुम भी तो नहीं आए मिरे फलते गुबार में इक पल को ठहर जाते कभी तुम भी पुकार कर तो... Hindi · मुक्तक 517 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 2 min read "धूमिल पहचान" "धूमिल पहचान" बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि जन्मभूमि का दर्शन हुआ, रामायण का सम्पूर्ण पाठ, सत्यनारायण भगवान का कथा पूजन, हवन ब्राह्मण व वंधु वांधव का भोज व मेरे जुड़वा नातिन... Hindi · लेख 487 Share Mahatam Mishra 11 Dec 2017 · 1 min read "मंगलमंगना छंद" "मंगलमंगना छंद" अब चले उठ कहाँ सहमे पथ आप के मथ रहे मन कहीं रुकते पग आप के चल पड़े जिस गली लगती वह साँकरी पढ़ रहे तुम जिसे लगते... Hindi · कविता 404 Share Page 1 Next