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28 Dec 2017 · 1 min read

“गीत” (बिटिया बैठी है डोली ससुराल की)

“गीत” (बिटिया बैठी है डोली ससुराल की)

बिटिया बैठी है डोली ससुराल की
आए सज के बाराती खुशहाल की…….

कभी बिंदियाँ हँसे कभी मेंहदी खिले
कभी नयना झरे कभी सखियाँ मिले
ताकी झांकी रे होली सु-गुलाल की
बिटिया बैठी है डोली ससुराल की……..

कहीं मैया खड़ी कहीं भैया खड़े
कहीं बाबू ढ़लें कहीं छहियाँ मिले
आँसू आँसू रे लाली पट गाल की
बिटिया बैठी है डोली ससुराल की…….

कहीं सूरज तपा कहीं चंदा ढ़की
कहीं सागर भरा कहीं गागर भरी
चुनर धानी रे लोरी सुरताल की
बिटिया बैठी है डोली ससुराल की…….

सखी गलियाँ भली झुकी कलियाँ भली
जहाँ माली भला वहीं बगिया खिली
जा री जा री तूँ रानी निज हाल की
बिटिया बैठी है डोली ससुराल की……..

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
343 Views
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