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Page 28
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?
आसमां में चाँद छुपकर रो रहा है क्यूँ भला..?
पंकज परिंदा
यादों की किताब
यादों की किताब
Smita Kumari
वंदना
वंदना
पंकज परिंदा
आदमी
आदमी
पंकज परिंदा
आग जो रूह को जलाती है...
आग जो रूह को जलाती है...
पंकज परिंदा
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
पोषण दर्द का
पोषण दर्द का
पंकज परिंदा
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
पंकज परिंदा
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
पंकज परिंदा
जन्म जला सा हूँ शायद...!
जन्म जला सा हूँ शायद...!
पंकज परिंदा
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
पंकज परिंदा
आखिर तो हूँ एक
आखिर तो हूँ एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
पंकज परिंदा
काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,!
काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,!
पंकज परिंदा
अब बदला हिंदुस्तान मियां..!
अब बदला हिंदुस्तान मियां..!
पंकज परिंदा
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
बिटिया प्यारी
बिटिया प्यारी
मधुसूदन गौतम
Tu mujhmein samata jaa rha hai ,
Tu mujhmein samata jaa rha hai ,
Rishabh Mishra
Pyaaar likhun ya  naam likhun,
Pyaaar likhun ya naam likhun,
Rishabh Mishra
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Rishabh Mishra
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
Sakshi Singh
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटी का होना
बेटी का होना
प्रकाश
बेटी लक्ष्मी रूप है
बेटी लक्ष्मी रूप है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
🙅🙅🙅🙅🙅🙅🙅
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*प्रणय प्रभात*
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटी
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जीवन  में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
एक क्षणिका
एक क्षणिका
sushil sarna
दोहा चौका. . . . रिश्ते
दोहा चौका. . . . रिश्ते
sushil sarna
।।
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*प्रणय प्रभात*
मन का आँगन
मन का आँगन
Mamta Rani
मुद्दत के बाद
मुद्दत के बाद
Chitra Bisht
बने हुए मिल गए कुछ रास्ते सफ़र में
बने हुए मिल गए कुछ रास्ते सफ़र में
Saumyakashi
ऑनलाइन शॉपिंग
ऑनलाइन शॉपिंग
Chitra Bisht
"पापा की परी”
Yogendra Chaturwedi
सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
Rambali Mishra
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
गुमनाम 'बाबा'
जीवन हो गए
जीवन हो गए
Suryakant Dwivedi
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*प्रणय प्रभात*
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
Suryakant Dwivedi
तंत्र  सब  कारगर नहीं होते
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
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