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सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
सफर पर चला था इस भ्रम में कि सभी साथ होंगे वक्त बेवक्त मेरे
VINOD CHAUHAN
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
Dr fauzia Naseem shad
😊सियासी अनुप्रास😊
😊सियासी अनुप्रास😊
*प्रणय प्रभात*
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔غزل۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔۔
Dr fauzia Naseem shad
#विषय नैतिकता
#विषय नैतिकता
Radheshyam Khatik
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
🙅आज का ज्ञान🙅
🙅आज का ज्ञान🙅
*प्रणय प्रभात*
4419.*पूर्णिका*
4419.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
अपने ग़मों को लेकर कहीं और न जाया जाए।
Harminder Kaur
अपने-अपने दम्भ की,
अपने-अपने दम्भ की,
sushil sarna
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
संस्कारी बच्चा-   Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
संस्कारी बच्चा- Beby तुम बस एक साल रह लो कुॅवांरी,
Shubham Pandey (S P)
अहम तोड़ता आजकल ,
अहम तोड़ता आजकल ,
sushil sarna
पति-पत्नी के मध्य क्यों ,
पति-पत्नी के मध्य क्यों ,
sushil sarna
बेटे की माॅं
बेटे की माॅं
Harminder Kaur
मुझे कुछ देर सोने दो
मुझे कुछ देर सोने दो
हिमांशु Kulshrestha
उम्र गुजर जाती है
उम्र गुजर जाती है
Chitra Bisht
बेटी का बाप हूँ न
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
दूरियां भी कभी कभी
दूरियां भी कभी कभी
Chitra Bisht
सर्वोतम धन प्रेम
सर्वोतम धन प्रेम
अवध किशोर 'अवधू'
4349.*पूर्णिका*
4349.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुशियाँ हल्की होती हैं,
खुशियाँ हल्की होती हैं,
Meera Thakur
4417.*पूर्णिका*
4417.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिन्दी भारत का उजियारा है
हिन्दी भारत का उजियारा है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हिन्दी सूरज नील गगन का
हिन्दी सूरज नील गगन का
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भय
भय
Sidhant Sharma
हिन्दी मन की पावन गंगा
हिन्दी मन की पावन गंगा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
کچھ متفررق اشعار
کچھ متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
Ravi Prakash
असली
असली
*प्रणय प्रभात*
फिर बात करते हैं
फिर बात करते हैं
Jyoti Roshni
मरने पर भी दुष्ट व्यक्ति अपयश ही पाते
मरने पर भी दुष्ट व्यक्ति अपयश ही पाते
अवध किशोर 'अवधू'
इमारतों में जो रहते हैं
इमारतों में जो रहते हैं
Chitra Bisht
अहंकार से बँचें
अहंकार से बँचें
अवध किशोर 'अवधू'
जन्मजात जो है गरीब तो क्या?
जन्मजात जो है गरीब तो क्या?
Sanjay ' शून्य'
आजकल मैं
आजकल मैं
Chitra Bisht
जीवन की भागदौड़
जीवन की भागदौड़
Rambali Mishra
अ
*प्रणय प्रभात*
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Good morning
Good morning
*प्रणय प्रभात*
मृत्यु के पश्चात
मृत्यु के पश्चात
Vivek saswat Shukla
****हर पल मरते रोज़ हैं****
****हर पल मरते रोज़ हैं****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शब्दों की मिठास से करें परहेज
शब्दों की मिठास से करें परहेज
Chitra Bisht
मुस्कुराकर बात करने वाले
मुस्कुराकर बात करने वाले
Chitra Bisht
4416.*पूर्णिका*
4416.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आँखों देखी
आँखों देखी
Chitra Bisht
"उत्सवों का महत्व"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
पंकज परिंदा
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
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