मुक्तक
पंकज परिंदा
पोषण दर्द का
पंकज परिंदा
हर ज़िल्लत को सहकर हम..!
पंकज परिंदा
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
पंकज परिंदा
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
पंकज परिंदा
जन्म जला सा हूँ शायद...!
पंकज परिंदा
लौ मुहब्बत की जलाना चाहता हूँ..!
पंकज परिंदा
आखिर तो हूँ एक "परिंदा"
पंकज परिंदा
देखकर तुम न यूँ अब नकारो मुझे...!
पंकज परिंदा
काम तुम बेहिसाब कर दो ना,,,!
पंकज परिंदा
अब बदला हिंदुस्तान मियां..!
पंकज परिंदा
आइना फिर से जोड़ दोगे क्या..?
पंकज परिंदा
बिटिया प्यारी
मधुसूदन गौतम
Tu mujhmein samata jaa rha hai ,
Rishabh Mishra
Pyaaar likhun ya naam likhun,
Rishabh Mishra
Phoolon ki bahar hoti hai jab tu mere sath hoti hai,
Rishabh Mishra
वक्त जब उचित न हो तो , वक्त के अनुरूप चलना ही उचित होता है,
Sakshi Singh
पैसा ,शिक्षा और नौकरी जो देना है दो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटी का होना
प्रकाश
बेटी लक्ष्मी रूप है
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
🙅🙅🙅🙅🙅🙅🙅
*प्रणय प्रभात*
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
उसी वक़्त हम लगभग हार जाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
बेटी दिवस मनाने का लाभ तभी है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बेटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
एक क्षणिका
sushil sarna
दोहा चौका. . . . रिश्ते
sushil sarna
।।
*प्रणय प्रभात*
मन का आँगन
Mamta Rani
मुद्दत के बाद
Chitra Bisht
बने हुए मिल गए कुछ रास्ते सफ़र में
Saumyakashi
ऑनलाइन शॉपिंग
Chitra Bisht
"पापा की परी”
Yogendra Chaturwedi
सच्चा प्यार
Rambali Mishra
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
गुमनाम 'बाबा'
जीवन हो गए
Suryakant Dwivedi
#बाउंसर :-
*प्रणय प्रभात*
रात रात भर रजनी (बंगाल पर गीत)
Suryakant Dwivedi
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
तंत्र सब कारगर नहीं होते
Dr Archana Gupta
नहीं किसी का भक्त हूँ भाई
AJAY AMITABH SUMAN
कृष्ण में अभिव्यक्ति है शक्ति की भक्ति की
AJAY AMITABH SUMAN
पीता नहीं मगर मुझे आदत अजीब है,
Kalamkash
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
सच्ची मोहब्बत नहीं अब जमीं पर
gurudeenverma198
कोशिश
Chitra Bisht
फिर वही
हिमांशु Kulshrestha