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सब गुजर जाता है
सब गुजर जाता है
shabina. Naaz
तेरी याद में
तेरी याद में
Chitra Bisht
जो प्राप्त न हो
जो प्राप्त न हो
Sonam Puneet Dubey
दो घड़ी बसर कर खुशी से
दो घड़ी बसर कर खुशी से
VINOD CHAUHAN
यादों का बुखार
यादों का बुखार
Surinder blackpen
खाने में थूक! छी
खाने में थूक! छी
Sanjay ' शून्य'
अनजाने से .....
अनजाने से .....
sushil sarna
कटे पेड़ को देखने,
कटे पेड़ को देखने,
sushil sarna
4432.*पूर्णिका*
4432.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पीत पात सब झड़ गए,
पीत पात सब झड़ गए,
sushil sarna
रुख आँधी का देख कर,
रुख आँधी का देख कर,
sushil sarna
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
पता नही क्यों लोग चाहत पे मरते हैं।
इशरत हिदायत ख़ान
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
अपने दर्द को अपने रब से बोल दिया करो।
इशरत हिदायत ख़ान
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
ज़िन्दगी का यक़ीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
#कुछ_भी_कहीं_भी_मतलब_बेमानी
*प्रणय प्रभात*
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
" घोंघा "
Dr. Kishan tandon kranti
" सूरज "
Dr. Kishan tandon kranti
गई सुराही छूट
गई सुराही छूट
RAMESH SHARMA
"फागुन में"
Dr. Kishan tandon kranti
"क्षमादान"
Dr. Kishan tandon kranti
"जीभ"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी कभी एक पल
कभी कभी एक पल
Mamta Rani
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
यही है मेरा संसार
यही है मेरा संसार
gurudeenverma198
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
समुद्र का नजारा सुंदर हैं।
Neeraj Agarwal
एक वक्त था जब ज़माना अपना था और तुम अजनबी से, अब देखो ज़माना
एक वक्त था जब ज़माना अपना था और तुम अजनबी से, अब देखो ज़माना
कविता झा ‘गीत’
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
Kalamkash
यह वर्ष हमारी नगरी के श्री राम लीला समारोह का 75वां (हीरक जय
यह वर्ष हमारी नगरी के श्री राम लीला समारोह का 75वां (हीरक जय
*प्रणय प्रभात*
कविता.
कविता.
Heera S
गहराई.
गहराई.
Heera S
वादा
वादा
Heera S
किसी के मर जाने पर उतना नहीं रोया करता
किसी के मर जाने पर उतना नहीं रोया करता
शिव प्रताप लोधी
सूरत अच्छी ,नीयत खोटी दर्पण देख रहे हैं लोग ,
सूरत अच्छी ,नीयत खोटी दर्पण देख रहे हैं लोग ,
Manju sagar
अब ये हाथ मुझे चुभने लगे हैं
अब ये हाथ मुझे चुभने लगे हैं
Jyoti Roshni
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
*सीखें हिंदी गर्व से, इसमें बसता देश (कुंडलिया)*
*सीखें हिंदी गर्व से, इसमें बसता देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जनता के वोट रूपी साबुन से, केजरीवाल नहायेंगे
जनता के वोट रूपी साबुन से, केजरीवाल नहायेंगे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
*जीवन-साथी यदि मधुर मिले, तो घर ही स्वर्ग कहाता है (राधेश्या
Ravi Prakash
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
तू साथ नहीं
तू साथ नहीं
Chitra Bisht
बेवफ़ा जब हुए आँखों में बसाने वाले
बेवफ़ा जब हुए आँखों में बसाने वाले
आकाश महेशपुरी
सरसी छन्द
सरसी छन्द
Dr.Pratibha Prakash
दामन जिंदगी का थामे
दामन जिंदगी का थामे
Chitra Bisht
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
रंग -भेद ना चाहिए ,विश्व शांति लाइए ,सम्मान सबका कीजिए,
DrLakshman Jha Parimal
प्रस्तुत है आपकी सेवा में चित्र पर आधारित यह :-गजल
प्रस्तुत है आपकी सेवा में चित्र पर आधारित यह :-गजल
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
एक दो गाना संस्कृत में
एक दो गाना संस्कृत में
मधुसूदन गौतम
4431.*पूर्णिका*
4431.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
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