सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 25 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Apr 2021 · 1 min read जीवन हुआ है रूठा रूठा सा जीवन हुआ है रूठा रूठा सा *********************** जीवन हुआ है रूठा रूठा सा, सांसों का साथ टूटा टूटा सा। बंदिशों में है जीना कैद हुआ, सब्र का है बाँध टूटा... Hindi · कविता 1 2 260 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Apr 2021 · 1 min read सफेद हो गया लहू *** सफेद हो गया लहू *** ********************* सफेद हो गया तन का लहू, हाल ए दिल बयां कैसे कहूँ। हो गया है दामन दाग दाग, कैसे मन पर अवसाद सहूँ।... Hindi · कविता 1 1 227 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2021 · 1 min read मेरा मन क्यो भयभीत है **मेरा मन क्यों भयभीत है** *********************** मेरा मन क्यों भयभीत है, बेगानी सी लगे प्रीत है। खामख्वाह क्यों भय छा रहा, डर के आगे सदा जीत है। गम का भार... Hindi · कविता 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Apr 2021 · 1 min read दो पटरी के मेल से चलती रेल *** दो पटरी के मेल से चलती रेल *** ******************************* दो पटरी के मेल से,चल पड़ती है रेल। चलती तीव्र वेग से, घर पहुंचाती रेल।। कोरोना की मार ने, खूब... Hindi · कविता 344 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Apr 2021 · 1 min read कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा *** कोरोना तूने घर का बजट बिगाड़ा ** ******************************** कोरोना तूने घर का है बजट बिगाड़ा, जन जन का घर जड़त्व से है खूब उजाड़ा। जिसने जो भी हमको है... Hindi · कविता 391 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Apr 2021 · 1 min read पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने *पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने* *********************** सुनिए पुराने अजब अफसाने, पूर्वज थे हमारे बहुत सयाने। घर मे जब होती मौत विशेष, तेरह चौदह दिन न हो प्रवेश, यही तो था... Hindi · कविता 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Apr 2021 · 1 min read कोरोना बख्श दो जिंदगी *कोरोना बख्श दो जिंदगी* ********************* कोरोना बख्श दो जिंदगी, अभी तो अरमान बाकी है। दे दो हमे साँसे उधारी, अभी कुछ सामान बाकी है। जी भर के जीना है जीवन,... Hindi · कविता 185 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Apr 2021 · 1 min read माँ बरसी आई पर तू कभी नहीं आई माँ बरसी आई पर तु कभी नहीं आई ****************************** कई साल बीत गए पर माँ तू नहीं आई, हमारी तुम्हें तनिक याद भी नहीं आई, दर दर फिरूँ देता मैं... Hindi · कविता 1 405 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Apr 2021 · 1 min read आवाम मांग रही है हिसाब ** आवाम मांग रही हिसाब ** ************************ आवाम मांग रही है हिसाब, कहाँ गुम हो गई खुली किताब। कहीं न दिखते पुराने तेवर, डूब गया है आज आफताब। वादे ,... Hindi · कविता 1 418 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Apr 2021 · 1 min read सुनी हो जाती हैं राहें ***** सूनी हो जाती हैं राहें ***** *************************** सूनी हो जाती हैं सारी ही राहें, छूट जाती हैं जब अपनों की बाहें। धूमिल हो जाती नसीबों की लकीरें, नही सुनती... Hindi · कविता 189 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Apr 2021 · 1 min read भीरू शौहर ******* भीरू शौहर ******* ************************ भारी बीवियों के हल्के हैं शौहर, हँसती हैं बीबियाँ रोते हैं शौहर। जलजले सा होता है रौद्र रूप, दबंग पत्नियों के भीरू शौहर। बांकी अदाएं... Hindi · कविता 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Apr 2021 · 1 min read कभी दिल जी कुंडी खोल तो माही कभी दिल की कुंडी खोल तो माही ************************** कभी दिल की कुंडी खोल तो माही, कभी तो दुख सुख तोल तो माही। घर मे भूखी प्यासी हूँ बैठी रहती, बंद... Hindi · कविता 183 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Apr 2021 · 1 min read पैर पग पग पर बहकने लगे **पैर पग पग पर बहकने लगे** ************************* देख कर हम तुम्हें चहकने लगे, फूलों की भांति हम महकने लगे। खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं, ऑंसू खुशी के है बरसने... Hindi · कविता 274 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Apr 2021 · 1 min read जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा ************************* जिन्दगी न मिलेगी कभी दुबारा, यूँ न गलियों में घूमिये आवारा। आधे अधूरे काम करने है पूरे, खुलेगा खुशियों का भरा पिटारा। जो खो... Hindi · कविता 402 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Apr 2021 · 1 min read मिट्टी कहने लगी इंसान से *मिट्टी कहने लगी इंसान से* ********************* मिट्टी कहने लगी इंसान से, दिख रहे हो तुम परेशान से। कौन सी दिशा से आए हो, नहीं दिख रहे हैं निशान से। दशा... Hindi · कविता 1 352 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Apr 2021 · 1 min read जब जागो तभी है सवेरा *जब जागो तभी है सवेरा* ********************* घेरा कौवों ने बनेरा, छाया हर तरफ अंधेरा। कहाँ,किसे,क्या-क्या सुनाएँ, मन है स्वार्थों ने आ घेरा। कोई सुनता ही नहीं है, राग गाते मेरा... Hindi · कविता 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Apr 2021 · 1 min read मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार मौसमी खाँसी जुखाम और बुखार ************************** मौसमी खाँसी, जुखाम , बुखार है, लगने लगे जैसे कोरोना प्रहार है। कितनी बदली समय की बेला है, लगता हर बन्दा हो गया बीमार... Hindi · कविता 250 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Apr 2021 · 1 min read प्यार की बदली नैनों से बरसती *प्यार की बदली नैनों से बरसती* ************************** हसीं चेहरे से नजर नहीं हटती, आँखें देखती हैं पर नहीं थकती। चाँद सा रोशन मुख है जुगनू सा, काली लटें मस्तक पर... Hindi · कविता 311 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Apr 2021 · 1 min read क्यों तुम दूर खड़े हो *** क्यों तुम दूर खड़े हो **** ************************ हट कर क्यों तुम दूर खड़े हो, आखिर किस बात पर अड़े हो। लगते हो खुद से खफ़ा खफ़ा, किस से किस... Hindi · कविता 264 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Apr 2021 · 1 min read गमों में हँसना मुझे आता है ******गमों में भी हँसना मुझे आता है**** *********************************** गम गर चाहे हो हजार हँसना मुझे आता है, भारी भीड़ बीच बाजार चलना मुझे आता है। चिंगारी भड़क कर धारती है... Hindi · कविता 259 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Apr 2021 · 1 min read मौत हर पल दर पर खड़ी मौत हर पल दर पर खड़ी ******************** मौत हर पल दर पर खड़ी, मुस्करा लो घड़ी दो घड़ी। क्या भरोसा है जीवन का, जी लो जिंदगी न कर तड़ी। खामोश... Hindi · कविता 466 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Apr 2021 · 1 min read गम पी कर मुस्कराता रहा **गम पी कर मुस्कराता रहा** ************************* खुद को उम्र भर मैं जलाता रहा, गम पी कर सदा मुस्कराता रहा। रात भर जुदाई में रोता रहा, आँसुओं का दरिया बहाता रहा।... Hindi · कविता 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Apr 2021 · 1 min read फौजी मेरे देश के ******** फौजी मेरे देश के ******* ****************************** सीमा पर खड़े फौजी मुस्कराते हैं, हँसते हुए वतन पर मर मिट जाते हैं। जान की बाजी खेलते हैं सरहदों पर, गम को... Hindi · कविता 361 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Apr 2021 · 1 min read कब होगी मुलाकात ******* कब होगी मुलाकात ******** ******************************* कब होगी मुलाकात किसी को नहीं पता, कब होगी शुरुआत किसी को नही पता। धक धक धड़कता है प्यासा दिल मेरा, कब होगी बरसात... Hindi · कविता 1 575 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2021 · 1 min read जख्म सीने में है ******* जख्म सीने में है ***** ************************* जो दिए थे जख्म वो सीने में है, फिर भी यारो मज़ा जीने में है। राहें प्रेम की बहुत है कठिन हुई, तन... Hindi · कविता 1 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2021 · 1 min read मेरे हमसफ़र **** मेरे हमसफर *** ****************** सुन लो, मेरे हमसफ़र, दिल में करते हो बसर। ले कर हाथों में हाथ, मिलते रहिए ,हर डगर। जो तुम कहो,वही करूँ, कभी ना हो... Hindi · कविता 294 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2021 · 1 min read गम पी कर मुस्कराते हैं ***गम को पी कर मुस्कराते हैं*** *************************** दर्द सह कर सदा गुनगनाते हैं, गम को पी कर भी मुस्कराते हैं। बयाँ हम क्या करें कोई बात नहीं, बस दिल ही... Hindi · कविता 221 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2021 · 1 min read किसान *********** किसान *********** ***************************** न सवेर देखते और न ही शाम देखते, किसान मेरे देश के सदा काम देखते। गर्मी,सर्दी,वर्षा की परवाह नहीं करते, दिन हो या रात न कभी... Hindi · कविता 1 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2021 · 1 min read माँ बाप हैं लाचार **** माँ बाप हैं लाचार **** ********************** माँ बाप हो गए हैं लाचार, संस्कार बिक रहे हैं बाजार। सीने बन जाते हैं फौलाद, औलादें नहीं करे दरकिनार। मतभेद सामने आ... Hindi · कविता 1 326 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Apr 2021 · 1 min read औलाद परिन्दों जैसी है **** औलाद परिन्दों जैसी है *** ************************** औलाद हो गई परिन्दों के जैसी है, बड़े हो कर उड़ जाती ही वैसी है। स्वप्न पूर्ण बच्चों के ही करते करते, माँ... Hindi · कविता 1 2 369 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2021 · 1 min read न निकाह न फेरे *** न निकाह न फेरे *** ******************** न निकाह न लिए हैं फेरे, हुए हैं हम दिल से तेरे। न बदला वादा न ईरादा, तुम दिल मे बस्ते ही मेरे।... Hindi · कविता 1 418 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read आर्यन स्कूल ********** आर्यन स्कूल ********* ****************************** कैथल शहर की शान है आर्यन स्कूल, हट के बनी हुई पहचान है आर्यन स्कूल। शैक्षिक सुविधाओं से सुसज्जित है बड़ा, बेमिसाल आकर्षण है आर्यन... Hindi · कविता 333 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read बस सरकारी ***** बस सरकारी ***** ********************* सरकारी बस की सवारी, कभी नहीं मिलती उधारी। खाली कंडक्टर का झोला, चालक बजाता है थाली। खिड़की पर लटकते रहते, सीट को तरसती सवारी। बस... Hindi · कविता 802 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2021 · 1 min read दियासलाई ओर मानव दियासलाई और मानव ****************** माचिस की डिबिया में, बंद तीलियों सा है, मानव चरित्रों का कर्म, जैसे एक ही डिब्बी में, बंद वो तीलियाँ, एक एक कर के, क्रियाशील हो... Hindi · कविता 1 247 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Mar 2021 · 1 min read बेअसर नीतियाँ बेअसर नीतियां ************ नहीं होता है, किसी सुझाव का, कोई असर, जब तक भूख का हो, पेट पर असर, सुकड़ रहा होता है, जन जन का जठर, कथनी और करनी... Hindi · कविता 390 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2021 · 1 min read गाँव की पुकार **देहात की पुकार** ***************** देहात की पुकार है, देहात की गुहार है, सूर्यास्त देहात का, देहात अब लाचार है। गाँव हैं बुझे बुझे से, शर्म से झुके झुके से, पलायन... Hindi · कविता 1 509 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2021 · 1 min read नदी किनारे छोटा सा गांव हो नदी किनारे छोटा सा गांव हो ************************ नदी किनारे छोटा सा गांव हो, तरुवरों की हरी भरी छांव हो। गांव में छोटा सा घर संसार हो, घर में बसता संपन्न... Hindi · कविता 576 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Mar 2021 · 1 min read रंग रंगीला फ़ाग ***** रंग रंगीला फ़ाग ***** *********************** होली के बाद आता है फ़ाग, छिड़े है फागुन फाल्गुनी राग। रंगों की गिरती है बौछारें, तन मन मे लगा देता है आग। देवर... Hindi · कविता 389 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Mar 2021 · 1 min read होली आई खूब रंग बरसे ** होली आई खूब रंग बरसे ** ************************* होली आई है खूब रंग बरसे, खुशी छाई है खूब रंग बरसे। मस्तों की आई बन कर टोली, भीगे चुनरवाली खूब रंग... Hindi · कविता 1 298 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Mar 2021 · 1 min read दिल बेकरार था ******* दिल बेकरार था ******* **************************** आ गए जिन का इंतजार था, जिन से मिलने को दिल बेकरार था। देख कर भी मेरा हृदय शांत था, बोलने को वो सब... Hindi · कविता 548 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Mar 2021 · 1 min read प्यार करें या न करें ******* प्यार करें या न करें ******** ******************************* सोचते रहते हैं प्यार करें या न करें, ईश्क में खाए हैं घाव कुछ करें या न करें। शुरू से ही ये... Hindi · कविता 566 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Mar 2021 · 1 min read होली खेलें हमजोली रे *होली खेलें हमजोली रे* ******************** होली खेलें हमजोली रे, मिलजुलकर खेलें होली रे। मस्ती में झूमें और नाचें, रंग डाले बना टोली रे। रंग बिरंगे रंग बिखेरे, भर दें रंगों... Hindi · कविता 352 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Mar 2021 · 1 min read उम्र छिपाने में क्या रखा है **उमर छिपाने में क्या रखा** *********************** उमर छुपाने में क्या रखा है, तुजर्बा घुट घुट छिपा रखा है। सफेद बाल शौकिया ही नहीं, घाट का पानी पिला रखा है। ठोकरें... Hindi · कविता 2 211 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Mar 2021 · 1 min read पिता जी का साया *** पिता जी का साया *** ********************* पिता जी की छत्रछाया है, कभी भी साथ न पराया हैं। लू गम की जरा न लग पाए, बरगद सी शीतल छाया है,... Hindi · कविता 1 1 429 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Mar 2021 · 2 min read शहीदे आजम भगत सिंह ********शहीदे आज़म भगत सिंह******** ************************************ आओ याद करें कुर्बानी,भगत सिंह महान की, देश के ऊपर जान वार दी,वीर सुत महान की। बंगा में जन्म लिया, किशन सिंह का लाल था,... Hindi · कविता 1 198 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Mar 2021 · 1 min read दूरियाँ नजदीकियाँ ****दूरियाँ नजदीकियाँ***** *********************** बढ़ रही हैं दूरियाँ ही दूरियाँ, खो गईं कहीं पर नजदीकियाँ। बोझ बनते जा रहे हैं रिस्ते, निभ रहें हैं बता मजबूरियाँ। कोई भी नहीं है दिल... Hindi · कविता 1 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Mar 2021 · 1 min read जल्दी से चले आओ ****** जल्दी से चले आओ ******* ****************************** सावन का महीना हो रही है काली रैन, सजन अब चले आओ जिया है बैचैन। जहाँ भी हो चले आओ छोड़ सब काम,... Hindi · कविता 2 357 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Mar 2021 · 1 min read सूखी डाली पतझड़ से पूछती **सूखी डाली पतझड़ से पूछती** *************************** सूखी हुई डाली पतझड़ से पूछती, पत्ते न झड़ते तो वो भी नहीं सूखती। पथिकों को देती शीतल घनी छाँव, पहले हरी भरी हरियाली... Hindi · कविता 1 516 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Mar 2021 · 1 min read संस्कृति का उपहास ***संस्कृति का उपहास*** ********************** भारतीय संस्कृति का उपहास औरत जाति का काल विनाश। फैशन नामक नव अंगप्रदर्शन, निडरता कहें या है दुस्साहस। मार्गदर्शन होगा या पथभ्रष्टता, संस्कार नहीं कतई आसपास।... Hindi · कविता 1 3 304 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Mar 2021 · 1 min read पतझड़ के पत्तों से झड़ते रहे *पतझड़ के पत्तों से झड़ते रहे* ************************ पतझड़ के पत्तों से झड़ते रहे, हर रोज हर पल हम मरते रहे। लाख कोशिशें नाकाम हो गई, अपनों से सदा हम हरते... Hindi · कविता 380 Share Previous Page 25 Next